Indian Short Stories 1900 To 2000
Author:
E. V. RamakrishnanPublisher:
Sahitya AkademiLanguage:
EnglishCategory:
Short-story-collections4 Reviews
Price: ₹ 456.5
₹
550
Available
The 43 stories collected from 21 languages in this anthology showcase the rich diversity and intricacies of life in India. They range from the turmoil and mass hysteria of partition to the suppressed anger and self-pity of those ensnared in fractured homes. These narratives reveal both the external and internal experiences of Indian society. The sacred and the profane, as well as the elite and the subaltern, feature prominently in these complex narratives, serving as metaphors for self-reflection. Collectively, these stories chart a transformative century in which our country emerged as a unified nation. The evocative imagery from the troubled depths of the 20th century is both unsettling and enlightening.
ISBN: 9788126010912
Pages: 535
Avg Reading Time: 18 hrs
Age: 18+
Country of Origin: IN
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वह इस मिथ को तोड़ती हैं कि सौतेली माँ, असली माँ से हर हालत में कम होती है या एक विधुर बूढ़े के साथ एक युवा स्त्री के सम्बन्धों में वह प्यार और चिन्ता नहीं हो सकती, जो कि समान वय के पुरुष के साथ होती है। वह देह पर स्त्री के अधिकार की वकालत करती हैं और किसी विशेष परिस्थिति में उसे बेचकर कमाने के विरुद्ध कोई नैतिकतावादी रवैया नहीं अपनातीं। उनकी कहानियों में लड़कियाँ हैं तो बूढ़ी औरतें भी हैं, दमन की शिकार वे औरतें हैं जो एक दिन चुपचाप मर जाती हैं तो वे भी हैं जो कि लगातार संघर्ष करती हैं लेकिन स्त्री की दुनिया के अनेक रूपों को हमारे सामने रखनेवाली ये कहानियाँ किसी और दुनिया की कहानियाँ नहीं लगतीं, हमारी अपनी इसी दुनिया की लगती हैं बल्कि लगती ही नहीं, हैं
भी।इनके पात्र हमारे आसपास, हमारे अपने घरों में मिलते हैं। बस हमारी कठिनाई यह है कि हम उन्हें इस तरह देखना नहीं चाहते, देख नहीं पाते, जिस प्रकार क्षमा शर्मा हमें दिखाती हैं और एक बार जब हम उन्हें इस तरह देखना सीख जाते हैं तो फिर वे एक अलग व्यक्ति, एक अलग शख़्सियत नज़र आती हैं और हम स्त्री के बारे में सामान्य क़िस्म की उन सरल अवधारणाओं से जूझने लगते हैं जिन्हें हमने बचपन से अब तक प्रयत्नपूर्वक पाला है, संस्कारित किया है। क्षमा शर्मा की कहानियों की यह सबसे बड़ी ताक़त है, उनकी भाषा और शैली की पुख़्तगी के अलावा।
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3.25 out of 5
Book
What is Indian Short Stories 1900 to 2000 about?
This anthology, selected and introduced by E. V. Ramakrishnan, brings together 43 compelling short stories from 21 Indian languages, tracing a century of social, emotional, and cultural transformation. The narratives span the upheavals of Partition, the fractures inside households, and the larger questions of identity, power, and belonging. The collection maps both the outer turbulence and the inner landscapes that shaped the Indian psyche across the 20th century.
Why should readers pick up this book?
It’s one of the most comprehensive windows into India’s literary evolution over the past 100 years. The stories capture the sacred and the everyday, the privileged and the marginalised, the hopeful and the devastated — offering a powerful narrative archive of a nation in transition. The emotional depth and historical context make it valuable for readers, students, and researchers alike.
Who is this book ideal for?
-
Readers exploring Indian literature across eras
-
Students of history, literature, or cultural studies
-
Book clubs looking for reflective, discussion-worthy texts
-
Libraries curating strong Indian-language collections
-
Anyone seeking a panoramic understanding of India’s 20th-century experiences
Key Themes
-
Partition and national trauma
-
Family fractures and personal sorrow
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Sacred vs. profane spaces
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Class, caste, and subaltern experiences
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Identity, self-reflection, and social change
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India’s emergence as a unified nation
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