The Best Stories of Mohapatra Nilamani Sahoo
Author:
Mona Lisa Jena, Guruprasad MohapatraPublisher:
Sahitya AkademiLanguage:
EnglishCategory:
Short-story-collections0 Reviews
Price: ₹ 265.6
₹
320
Available
The Best Stories of Mohapatra Nilamani Sahoo: This book is a translation of Mohapatra Nilamani Sahoo's short stories, written in his inimitable style. The stories, originally written in Odia, were truly representative of Odia culture and traditions; the narrative is unique and deeply emotional and carries the readers with the flow. This volume is a specimen of Mohapatra Nilamani Sahoo's short stories for the wider readership
ISBN: 9789355484123
Pages: 265
Avg Reading Time: 9 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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Description:
जापानी लोककथाओं के प्रस्तुत संग्रह में दो तरह की कथाएँ सम्मिलित हैं—हास्य और पौराणिक मिथक, जिनसे जापान के सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य का पता चलता है।
‘मोमोतारो’ के प्रसंग से जापान का बच्चा–बच्चा वाक़िफ़ है और ‘तानाबाता’ की कहानी सदियों से जापान के सबसे लोकप्रिय उत्सव ‘तानाबाता’ से सम्बन्धित है।
‘टप-टप गुम्बा’, ‘तस्वीर का फेर’ और ‘नदी में देवता’ के हास्य प्रसंग बच्चों और बड़ों को अवश्य ही लोट-पोट कर देंगे।
Waqt Hai Ek Break Ka
- Author Name:
Rajendra Yadav
- Book Type:

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Description:
टी.वी. आज हमारे जीवन में जितनी गहराई तक उतर चुका है, उससे दुगुनी गहराई उसने शायद पतन की दिशा में हासिल कर ली है। वैचारिक शून्यता, दिशाहीनता, समाज की मूलभूत चिन्ताओं से निरपेक्ष रहने की आदत और सबसे ऊपर स्वयं को ईश्वर का स्थानापन्न मानने का ढीठ आत्मविश्वास। सस्ती अपराध कथाएँ, हत्याएँ, बलात्कार, भूत-प्रेत, अमीरों की लिजलिजी भावुक कहानियाँ, क्रिकेट और चटखारेदार राजनीति। लगभग यही सब है जो टी.वी. हमें चौबीसों घंटे दे रहा है। और यह सब जिस कारख़ाने में बनता है, या कहें कि जहाँ इसे परोसने लायक़ बनाया जाता है, वहाँ क्या होता है, परदे के परे के उस रहस्यलोक में कौन, कैसे और क्यों इन सिरकटे सपनों की कठपुतलियाँ नचा रहा है—इस किताब में शामिल कहानियाँ यही बताती हैं।
जनवरी 2007 में प्रकाशित ‘हंस’ के विशेषांक ‘ख़बर चैनलों में पहली बार’ के लिए विभिन्न अग्रणी चैनलों में काम कर रहे पत्रकारों ने अपनी आपबीती को आधार बनाकर ये कहानियाँ लिखी थीं। बेशक, सभी कहानियाँ कलात्मक शर्तों पर खरी नहीं उतरतीं लेकिन इनके माध्यम से छोटे परदे के भीतरी सच की जो छवियाँ सामने आई हैं, वे हौलनाक हैं। इनसे हमें पता चलता है कि किस तरह देश की श्रेष्ठ पत्रकार प्रतिभाएँ सिर्फ़ अपनी जगह सुरक्षित रखने के लिए एक-दूसरे को छुरा भोंकने में जुटी हैं, कैसे अकल्पनीय तनख़्वाहों का जाल उन्हें अपनी माया में बुन चुका है, और कैसे रचनात्मकता के नाम पर उनके पास सिर्फ़ ये छटपटाहट ही बची है जो इन कहानियों में प्रकट हुई है।
Rocking Chair
- Author Name:
Aruna Sabbarwal
- Book Type:

- Description: Book
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