Mystery of the Missing Cap and Others - Award Winning Stories
Author:
Manoj DasPublisher:
Sahitya AkademiLanguage:
EnglishCategory:
Short-story-collections3 Reviews
Price: ₹ 332
₹
400
Available
Mystery of the Missing Cap and Others Stories, originally published as Manoj Dasanka Katha O Kahini was the first collection of short stories in Odia to receive the Sahitya Akademi Award (1972). The collection spans twenty-two years of the writer's contribution to Odia short story. While Sri Das has won wider recognitions through his subsequently written stories, roping into the circle of his admires writers like Graham Greene and H.R.F. Keating, this collection marks a mile stone in the evolution of Odia fiction, infusing into the genre of short stories a neew vitality through a combination of deep psychological insight into characters and situations and a remarkable precision in sytle. The translation is by the author himself whoalso occupies a special places in Indian writing in English.
ISBN: 9879390310029
Pages: 228
Avg Reading Time: 8 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Democresiya
- Author Name:
Asghar Wajahat
- Book Type:

- Description: ‘डेमोक्रेसिया’ प्रतिष्ठित कथाकार असग़र वजाहत की विशिष्ट कहानियों का संग्रह है। संग्रह की भूमिका में वे लिखते हैं : ‘जीवन इतना नंगा हो गया है कि अब लेखक उसकी परतें उखाड़ेगा? रोज़ अख़बारों में जो छपता है, वह पूरे समाज को नंगा करने के लिए काफ़ी है। मूल्यहीनता की जो स्थिति है, स्वार्थ साधने की जो पराकाष्ठा है, हिंसा और अपराध का जो बोलबाला है, सत्ता और धन के लिए कुछ भी कर देने की होड़, असहिष्णुता और दूसरे को अपमानित करने का भाव जो आज हमारे समाज में है, वह पहले नहीं था आज हम अजीब मोड़ पर खड़े हैं। रचनाकार के लिए यह चुनौतियों से भरा समय है। और इन हालात में लगता है, क्या लिखा जाए?’ लेखन, सम्प्रेषण, हस्तक्षेप और सार्थकता से जुड़े सवालों का सामना असग़र वजाहत ने अपनी कहानियों में बख़ूबी किया है। भाषा की व्यंजनाशक्ति का ऐसा विलक्षण प्रयोग बहुत कम रचनाकारों में दिखता है। ‘देखन में छोटे लगें घाव करें गम्भीर’ के अर्थ को इन कहानियों में सोदाहरण पढ़ा जा सकता है। प्रखर राजनीतिक-सामाजिक विवेक असग़र वजाहत की रचनाओं में प्राणशक्ति है।
Wangchoo
- Author Name:
Bhisham Sahni
- Book Type:

- Description: ‘वाङ्चू’ सुख्यात कथाकार भीष्म साहनी की ग्यारह कहानियों का संग्रह है। इन कहानियों में सोद्देश्यतानिर्वहन के साथ-साथ हृदयग्राही अन्तरंगता और रसमयता दर्शनीय है। इन्हें व्यापक सामाजिक परिप्रेक्ष्य में लिखा गया है, किन्तु जीवन-सन्दर्भों के चयन में विविधता रखी गई है जिससे रोचकता और प्रभाव में वृद्धि हुई है। इस प्रसंग में संग्रह की एक कहानी ‘वाङ्चू’—जिसके आधार पर पुस्तक का नामकरण हुआ है—और दूसरी कहानी ‘राधा-अनुराधा’ को ले सकते हैं। पहली में एक विस्थापित चीनी मानस की निरीहता का चित्रण है तो दूसरी, अभावों और यातनाओं में पली एक निम्नवर्गीय किशोरी नायिका के रोमांस की करुण उच्छ्वास-कथा है। ‘ओ हरामजादे’ शीर्षक व्यंग्यात्मक है, किन्तु कहानी प्रवासी भारतीय मानस की पीड़ा की परतों को खोलती है। इसी तरह और-और कहानियाँ मन पर अलग-अलग प्रभाव छोड़ती हैं तथा आज के सामाजिक जीवन की विषमताओं को रेखांकित करती हैं।
Kee Re Hukum
- Author Name:
Shridharam
- Book Type:

- Description: Kee Re Hukum a collection of short stories by Shridharam.
Mirtaatma Ka Geet
- Author Name:
Unita Sachchidanand +3
- Book Type:

- Description: जापान में जब पूँजीवादी औद्योगीकरण की शुरुआत हुई तब समाज का सांस्कृतिक और राजनीतिक ढाँचा तेज़ी से बदलने लगा। पूँजीवादी समाज में विकास के नाम पर हाशिए पर धकेले गए प्रताड़ित लोगों के दु:ख–दर्द को मार्मिक स्पर्श दिया है जापान के तीन प्रगतिवादी लेखकों ने। इनकी सशक्त शैली और वैचारिक सघनता का प्रवाहपूर्ण हिन्दी अनुवाद मूल जापानी स्रोत से किया गया है।
Nak Bani Musibat
- Author Name:
Naoya Shiga
- Book Type:

- Description: ‘नाक’ के प्रसंग लगभग हर सभ्यता और संस्कृति से जुड़े हैं। ‘नाक बनी मुसीबत’ एक व्यंग्यात्मक कहानी है। संग्रह की बाक़ी कहानियाँ गम्भीर हैं। ‘नन्हे का भगवान’ अध्यात्म से प्रभावित है तो ‘किनोसाकी से’ ज़िन्दगी और मौत की कशमकश पर शिगा नाओया का जीवन-दर्शन है। ‘एक और काली बिल्ली’ मनुष्य और जानवर के उभरते आत्मीय सम्बन्ध की भावनात्मक गाथा है जो जापान की समसामयिक रचनाओं में महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
Dor Anjani Si
- Author Name:
Mamta Tyagi
- Book Type:

- Description: Description Awaited
Wah Bhayanak Raat
- Author Name:
Sharatchandra Chatopadhyay
- Book Type:

- Description: वह भयानक रात बांग्ला के महान कथाशिल्पी शरत् चन्द्र की ऐसी कहानियों का संग्रह है जो खास तौर से किशोर पाठकों के मनोजगत के अनुकूल हैं। इन कहानियों में साहसिकता और रोमांचकता तो है ही, अपार करुणा और उदात्त प्रेम भी है, जिसके दायरे में मनुष्य ही नहीं, एक उपेक्षित कुत्ता भी शामिल है। सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि इन कहानियों के पात्र किसी जादुई दुनिया से नहीं आए हैं, बल्कि ये हमारे आस-पास रहनेवाले लोग हैं, लेकिन इनकी साधारणता में भी ऐसे मानवीय गुणों का समावेश है कि एक बार इनसे परिचित हो जाने पर इन्हें भुला पाना नामुमकिन है।
Koi Naam Na Do
- Author Name:
Paritosh Chakraborti
- Book Type:

-
Description:
परितोष चक्रवर्ती की इन कहानियों के प्रत्येक कथ्य में कुछ ऐसा नया अनुभव या विचार है, जो उनकी कहानी के गहरे यथार्थ को समझने के लिए विवश करता है।
वैसे तो इस संकलन की सभी कहानियाँ ‘प्रेम की संवेदना’ को समर्पित हैं, लेकिन यह प्रेम के साथ-साथ आज के बाज़ारवाद में विशृंखलित होते हुए प्रेम, संवेदना और इंसानी सम्बन्धों की क्षीण होती हुई मनोभावना और उसके महीन यथार्थ को भी गहराई से प्रस्तुत करती हैं।
प्रेम नाम की नैसर्गिक भावना और सच्चाई में परितोष चक्रवर्ती ने आज के बदलते भावनात्मक सत्य और तथ्यों को बड़ी कुशलता से पेश किया है।
इस संग्रह में उनकी कुछ आरम्भिक कहानियाँ भी सम्मिलित हैं, लेकिन उनकी भावप्रवणता में भी कोई कमी नहीं है।
—कमलेश्वर
Dekhan Mein Chhote Lage
- Author Name:
Champa Shrivastava
- Book Type:

-
Description:
प्रस्तुत पुस्तक ‘देखन में छोटे लगें' 101 लघुकथाओं का संकलन है। लघुकथा हिन्दी कथा साहित्य की एक नई उपलब्धि है। यों इस विधा को नीतिकथा, प्रबोधकथा, बालकथा आदि से जोड़ा गया है, परन्तु यह हिन्दी की एक स्वायत्त विधा है। इसमें लेखिका ने अपने आँखों देखे सत्य को और भोगे हुए यथार्थ को अभिव्यक्ति दी है।
इस कृति का फलक बड़ा व्यापक है। वर्तमान समाज के प्राय: प्रत्येक पक्ष पर इसमें विचार किया गया है। लेखिका ने आज की अमानुषिकता पर अपनी मनोव्यथा व्यक्त की है, राजनीतिक विसंगतियों के प्रति आक्रोश व्यक्त किया है तो दीनों—दुर्बलों के प्रति करुणा को स्वर दिया है। प्रस्तुत कथा-संकलन पाठकों के लिए पठनीय एवं संग्रहणीय है।
Sach Bolne Ki Bhool
- Author Name:
Yashpal
- Book Type:

-
Description:
यशपाल के लेखकीय सरोकारों का उत्स सामाजिक परिवर्तन की उनकी आकांक्षा, वैचारिक प्रतिबद्धता और परिष्कृत न्याय-बुद्धि है। यह आधारभूत प्रस्थान बिन्दु उनके उपन्यासों में जितनी स्पष्टता के साथ व्यक्त हुए हैं, उनकी कहानियों में वह ज़्यादा तरल रूप में, ज़्यादा गहराई के साथ कथानक की शिल्प और शैली में न्यस्त होकर आते हैं। उनकी कहानियों का रचनाकाल चालीस वर्षों में फैला हुआ है। प्रेमचन्द के जीवनकाल में ही वे कथा-यात्रा आरम्भ कर चुके थे, यह अलग बात है कि उनकी कहानियों का प्रकाशन किंचित् विलम्ब से आरम्भ हुआ। कहानीकार के रूप में उनकी विशिष्टता यह है कि उन्होंने प्रेमचन्द के प्रभाव से मुक्त और अछूते रहते हुए अपनी कहानी-कला का विकास किया। उनकी कहानियों में संस्कारगत जड़ता और नए विचारों का द्वन्द्व जितनी प्रखरता के साथ उभरकर आता है, उसने भविष्य के कथाकारों के लिए एक नई लीक बनाई, जो आज तक चली आ रही है। वैचारिक निष्ठा, निषेधों और वर्जनाओं से मुक्त न्याय तथा तर्क की कसौटियों पर खरा जीवन—ये कुछ ऐसे मूल्य हैं जिनके लिए हिन्दी कहानी यशपाल की ऋणी है।
‘सच बोलने की भूल’ कहानी-संग्रह में उनकी ये कहानियाँ शामिल हैं : ‘सच बोलने की भूल’, ‘एक हाथ की उँगलियाँ’, ‘आत्मज्ञान’, ‘अपमान की लज्जा’, ‘होली का मज़ाक़’, ‘ख़ुदा का ख़ौफ़’, ‘नारद-परशुराम संवाद’, ‘चौरासी लाख जोनि’, ‘ख़ुदा और ख़ुदा की लड़ाई’, ‘नारी की ना’, ‘फलित ज्योतिष’ और ‘लखनऊ वाले’।
Katha Jagat Ki Baghi Muslim Auratein
- Author Name:
Rajendra Yadav
- Book Type:

-
Description:
‘मुसलमान औरत’ नाम आते ही घर की चारदीवारी में बन्द या क़ैद, पर्दे में रहनेवाली एक ‘ख़ातून’ का चेहरा उभरता है। अब से कुछ साल पहले तक मुसलमान औरतों का मिला-जुला यही चेहरा ज़ेहन में महफ़ूज़ था। घर में मोटे-मोटे पर्दों के पीछे जीवन काट देनेवाली या घर से बाहर ख़तरनाक ‘बुर्कों’ में ऊपर से लेकर नीचे तक ख़ुद को छुपाए हुए।
समय के साथ काले-काले बुर्कों के रंग भी बदल गए, लेकिन कितनी बदलीं मुस्लिम औरत या बिलकुल ही नहीं बदलीं! क़ायदे से देखें, तो अब भी छोटे-छोटे शहरों की औरतें बुर्का-संस्कृति में एक न ख़त्म होनेवाली घुटन का शिकार हैं, लेकिन घुटन से बग़ावत भी जन्म लेती है और मुसलमान औरतों के बग़ावत की लम्बी दास्तान रही है। ऐसा भी देखा गया है कि ‘मज़हबी फ़रीज़ों’ से जकड़ी, सौमो-सलात की पाबन्द औरत ने यकबारगी ही बग़ावत या जेहाद के बाज़ू फैलाए और खुली आज़ाद फ़िजा में समुद्री पक्षी की तरह उड़ती चली गई।
लेखन के शुरुआती सफ़र में ही इन मुस्लिम महिलाओं ने जैसे मर्दों की वर्षों पुरानी हुक्मरानी के तौक़ को अपने गले से उतार फेंका था। ये महज़ इत्तेफ़ाक़ नहीं है कि मुस्लिम महिलाओं ने जब क़लम सॅंभाली तो अपनी क़लम से तलवार का काम लिया। इस तलवार की ज़द पर पुरुषों का, अब तक का समाज था। वर्षों की ग़ुलामी थी। भेदभाव और कुंठा से जन्मा, भयानक पीड़ा देनेवाला एहसास था। संग्रह में शामिल कहानियों में इस बात का ख़ास ख़याल रखा गया है कि कहानी में नर्म, गर्म बग़ावत के संकेत ज़रूर मिलते हों। संग्रह की कुछ कहानियाँ तो पूरी-पूरी बगावत का ‘अलम’ (झंडा) लिए चलती नज़र आती हैं, लेकिन कुछ कहानियाँ ऐसी भी हैं, जहाँ बस दूर से इस एहसास को छुआ भर गया है।
निःसन्देह ये कहानियाँ औरतों की अपने अस्तित्व की लड़ाई की दास्ताँ बयान करती हैं जो तरक़्क़पसन्द पाठकों को बेहद प्रभावित करेंगी।
Aais-Paais
- Author Name:
Ashok Bhowmick
- Book Type:

- Description: Short Stories
Das Chakra Raja
- Author Name:
Harish Chandra Pandey
- Book Type:

-
Description:
‘दस चक्र राजा’ कवि के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त कर चुके हरीश चन्द्र पाण्डे का पहला कहानी-संग्रह है। इन कहानियों को पढ़ते हुए स्पष्ट प्रतीत होता है कि कवि-दृष्टि के साथ जीवन के गद्यात्मक यथार्थ को चित्रित करने में लेखक को पूर्ण सफलता प्राप्त हुई है।
इन कहानियों के केन्द्र में सामान्य मनुष्य हैं। लगभग निम्न-मध्यमवर्ग के व्यक्ति। संग्रह की कहानियाँ इन व्यक्तियों के छोटे-छोटे सुखों और दु:खों को व्यक्त करती हैं। लेखक ने सूक्ष्म पर्यवेक्षण का परिचय देते हुए जैसे इस जीवन को शब्दों में पुनरुज्जीवित किया है।
बहुतेरी कहानियाँ स्त्रियों के अन्तरंग की झलक हैं। लेखक ने ‘स्त्री-विमर्श’ के ‘मार्मिक मुहावरे’ का लोभ त्यागकर यथार्थ को इसके सम्यक् स्वरूप में प्रस्तुत किया है। यही कारण है कि ‘वह फूल छूना चाहती है’, ‘प्रतीक्षा’, ‘कुन्ता’, ‘ढाल’ जैसी कहानियाँ मन में बस जाती हैं।
हरीश चन्द्र पाण्डे की अभिव्यक्ति में अनुभवों का वैविध्य है। ‘बोहनी’, ‘साथी’ व ‘प्रोत्साहन’ कहानियों से इसे परखा जा सकता है। अपनी सरलता और सहजता में ये रचनाएँ बेजोड़ हैं। शब्द-स्फीति के संक्रामक समय में लेखक का संयम और सन्तुलन सराहने योग्य है। भाषा में अद्भुत लय है, जैसे—‘अरे भई, शब्द की अपनी एक सुगन्ध होती है? व्याप्ति होती है?...बुरूंश कहते ही चारों ओर उजाला-सा फैल जाता है। फूलों से लदी पहाड़ियों और घरों की देहरियाँ कौंधने लगती हैं?’
इन कहानियों को पढ़ना सहज दिखते जटिल यथार्थ से गुज़रना है।
Do Khirkiyan
- Author Name:
Amrita Preetam
- Book Type:

- Description: ‘दो खिड़कियाँ’ में पंजाबी की सुप्रसिद्ध लेखिका अमृता प्रीतम की मर्मस्पर्शी रचनाएँ संग्रहीत हैं। इनमें सात कहानियाँ, एक लघु उपन्यास और सबसे अन्त में एक ऐसा प्रयोग है जिसमें दुनिया के नौ उपन्यासों में से नौ पात्र चुनकर उनकी मनोदशा को समझने की कोशिश की गई है—हर पात्र की आत्मा में पैठकर। ‘दो खिड़कियाँ’ जिसके आधार पर इस संग्रह का नामकरण हुआ है, दुनिया के निज़ाम पर भयानक व्यंग्य करती हुई कहानी है। इसकी नायिका के शब्द उसके कमरे की सामनेवाली खिड़की में से निकलकर बाहर सड़क पर चले गए हैं और अर्थ पिछली खिड़की में से निकलकर जंगल में खो गए हैं। छह अन्य कहानियों में स्त्री और स्त्री के रिश्ते का विश्लेषण है। इन छहों कहानियों का शीर्षक एक ही है—‘दो औरतें’। ‘पक्की हवेली’ शीर्षक लघु उपन्यास में भूत-प्रेतों वाली एक हवेली का दर्द एक छोटी-सी बच्ची की ज़बानी है जो मनुष्य के मन की गुत्थियों को समझने में असमर्थ है पर डरती-काँपती और रोती उसको समझने का प्रयत्न करती है। संग्रह की सारी रचनाएँ अमृता प्रीतम की स्वभावगत भावुकता से ओत-प्रोत हैं और मन पर बड़ा कवित्वमय प्रभाव छोड़ती हैं।
Contemporary Kashmiri Short Stories
- Author Name:
Hriday Kaul Bharati +1
- Book Type:

- Description: The Kashmiri short story was born with the progressive movement in Kashmir and its acceptted the standards and values dictated by the movement unquesioningly. Nationalism and the desire for reaching out to people inspired most of the writers to switch over to Kashmiri, even though they had strated writing in Urdu. Dinanath Nadim's Javabi Card (Reply-Card) and Somnath Zutshi's Yell Phol Gash (when there was light) are the first two short stories written in Kashmiri
Pajame Mein Aadmi
- Author Name:
Nag Bodas
- Book Type:

-
Description:
यद्यपि नाग बोडस एक नाटककार के रूप में अधिक प्रसिद्ध हैं, पर उनके साहित्यिक जीवन की शुरुआत कहानी-लेखन से ही हुई थी। उनकी पहली कहानी अज्ञेय द्वारा सम्पादित पत्रिका ‘नया प्रतीक’ में छपी थी। इसके बाद साहित्य की लगभग सभी महत्त्वपूर्ण पत्रिकाओं में उनकी कहानियाँ छपी हैं। उनकी कहानियों में एक बौद्धिक ऊर्जा देखी जा सकती है। ये सभी कहानियाँ न केवल विषयों के स्तर पर, बल्कि ‘कहने’ के स्तर पर भी भिन्न-भिन्न प्रकार की हैं। पर इसके बावजूद इनमें लेखक की छाप देखी जा सकती है और इसलिए कम-से-कम हिन्दी में ये अपनी अलग पहचान बनाती हैं।
इनमें प्रयोगात्मकता तथा भाषा का विशेष प्रकार का उपयोग है और इसलिए इन्हें पढ़ना एक अलग तरह के अनुभव से गुज़रना है। इस हिसाब से इनके लोकप्रिय होने में सन्देह किया जा सकता है, पर स्तरीय होने में नहीं। वैसे आज की लोकप्रिय कहानियों की हालत को देखते हुए, लोकप्रिय न होना अपने-आप में कोई सीमा नहीं है।
नाग बोडस के लेखन में अन्वेषण का उत्साह है, यद्यपि यह अन्वेषण किसी बुनियादी या बड़े सत्य के लिए न होकर स्थितियों के अन्दर से और अन्दर झाँकने की कोशिश के हिस्से की तरह लगता है।
विडम्बना उनकी कहानियों का एक प्रमुख तत्त्व है और ‘जन्मदिन’ जैसी कहानी तो इसी पर आधारित है। जो पाठक लीक से हटकर किन्तु दिलचस्प पढ़ने की लालसा रखते हैं, वे निश्चय ही इस संग्रह को अपने पाठन-मन के अनुकूल पाएँगे।
Aafreen
- Author Name:
Aalok Shrivastav
- Book Type:

- Description: ‘आमीन’ के बाद ‘आफ़रीन’। ग़ज़ल के बाद अफ़साना। ये आलोक श्रीवास्तव की ग़ज़लों का विस्तार है। ‘आफ़रीन’ ‘आमीन’ की उत्तरकथा है। इन कहानियों में भी इंसानी रिश्तों का वही दर्द है जिन्हें आलोक ने जिया, भोगा और फिर अपनी रचनाओं में सहेजा। इस दर्द को भोगने में पाठक लेखक का सहयात्री बनता है। ये कहानियाँ आलोक के जीवन का अक्स हैं। उसके अपने अनुभव। ‘फ़ल्सफ़ा’, ‘तिलिस्म’ और ‘अम्मा’ में तो आलोक सहज ही मिल जाते हैं। पढ़िए तो लगता है कि हम भी इन कहानियों के किरदार हैं। हमें ‘टैक्स्ट’ को डि-कंस्ट्रक्ट करना पड़ता है। ग़ज़ल हो या कहानी, आलोक की भाषा ताज़ा हवा के झोंके जैसी है। बोलती-बतियाती ये कहानियाँ बोरियत और मनहूसियत से बहुत दूर हैं। खाँटी, सपाट, क़िस्सागोई। जैसे आलोक को पढ़ना और सुनना। एक-सा ही है। सहज और लयबद्ध। ग़ज़ल के बाद कहानी! ख़तरा है। सम्प्रेषण के स्तर पर। कहानी मुश्किल है। शेर पर तुरन्त दाद मिलती है, लेकिन कहानी के पूरे होने तक इंतज़ार करना होगा। धीरज के साथ। लम्बे समय तक पाठक को बाँधे रखना, कहानी की एक और मुश्किल है। आलोक इस मुश्किल पर खरे उतरे हैं। ‘अम्मा’ और ‘तृप्ति’ बड़ी बात कहती, छोटी-छोटी ‘पत्र-कथाएँ’ हैं। आलोक ने ‘पत्र-कथा’ के रूप में अनूठा शिल्प रचा है। नई पीढ़ी में वे इस शिल्प के जनक हैं और लीक से हटकर चलने का प्रमाण भी। इस तरह, इस छोटी-सी किताब में बड़ा ख़ज़ाना है। ‘आफ़रीन’ में सिर्फ़ सात कहानियाँ हैं। एक कवि के गद्य का छोटा लेकिन सतरंगी आकाश। इसे आलोक की कुल जमा पूँजी से मैंने चुना है। दुष्यन्त के बाद आलोक ने हिन्दी में ग़ज़ल के पाठकों की नई जमात तैयार की है। अब कहानियों की बारी है। इन्हें भी पढ़ ही डालिए। -- हेमंत शर्मा
Pratinidhi Kahaniyan : Gyanranjan
- Author Name:
Gyanranjan
- Book Type:

- Description: साठोत्तरी प्रगतिशील कथा-साहित्य में ज्ञानरंजन की कहानियों का महत्त्वपूर्ण स्थान है। इस संग्रह में उनकी प्रायः सभी बहुचर्चित कहानियाँ शामिल हैं जो समकालीन सामाजिक जीवन की अनेकानेक विरूपताओं का खुलासा करती हैं। इस उद्देश्य तक पहुँचने के लिए ज्ञानरंजन ने अक्सर पारिवारिक कथा-फ़लक का चुनाव किया है, क्योंकि परिवार ही सामाजिक सम्बन्धों की प्राथमिक इकाई है। इसके माध्यम से वे उन प्रभावों और विकृतियों को सामने लाते हैं, जो हमारे बूर्ज्वा संस्कारों की देन हैं। ये बूर्ज्वा संस्कार ही हैं कि प्रेम-जैसा मनोभाव भी हमारे समाज में या तो रहस्यमूलक बना हुआ है या भोगवाचक। ऐसी कहानियों में किशोर प्रेम-सम्बन्धों से लेकर उनकी प्रौढ़ परिणति तक के चित्र उकेरते हुए ज्ञानरंजन अपने समय की प्रायः समूची दशा पर टिप्पणी करते हैं। मनुष्य के स्वातंत्र्य पर थोपा गया नैतिक जड़वाद या उसे अराजक बना देनेवाला आधुनिकतावाद मानव-समाज के लिए दोनों ही घातक और प्रतिगामी मूल्य हैं। वस्तुतः आर्थिक विडम्बनाओं से घिरा मध्यवर्ग सामान्य जन से न जुड़कर जिन बुराइयों और भटकावों का शिकार है, ये कहानियाँ उसके विविध पहलुओं का अविस्मरणीय साक्ष्य पेश करती हैं।
Pratinidhi Kahaniyan : Rameshchandra Shah
- Author Name:
Rameshchandra Shah
- Book Type:

- Description: रमेशचन्द्र शाह की कहानियों में शहरी मध्यवर्ग की ज़िन्दगी धड़कती है। अपनी कहानियों में उन्होंने इस वर्ग की अन्तहीन महागाथा को नया विस्तार दिया है। इस विस्तार का नयापन बहुस्तरीय है। विवरण और विश्लेषण के शिल्प में कहानी लिखते हुए भी शाह जी कहीं एकरस नहीं होते। असल में शाह जी प्रथमत: कवि हैं, इसलिए उनके कथ्य और भाषा में गहरी ऐन्द्रिकता और संवेदनशीलता है। उनकी रचना का यह गुण उनके कथाकार व्यक्तित्व की एक अलग श्रेणी बनाता है। शाह जी के पात्र मध्यवर्गीय परिस्थिति की विडम्बनाओं में फँसे हैं। लेकिन जीवन विरोधियों के बीच भी वे जीवन जीने की गहरी इच्छा से जुड़े हैं। पात्रों की यह महत्त्वपूर्ण विशेषता है। उनके चरित्र जीवन्त और अविस्मरणीय हैं। अविस्मरणीय इसलिए कि कथा में अपने प्रवेश के साथ ही वे चरित्र हमारी ज़िन्दगी में शामिल हो जाते हैं। इन चरित्रों से मिलते ही लगता है कि उनसे हमारा पहले से ही गहरा परिचय और आत्मीयता है। शाह जी के इन चरित्रों से रूबरू होते आपको भी अपने वे परिचित सहज ही मिल जाएँगे जो कहीं दूर छूट गए हैं, लेकिन आज भी आपके जीवन में लगातार शामिल हैं।
Andhe Mod Se Aage
- Author Name:
Rajee Seth
- Book Type:

-
Description:
मानवीय सम्बन्धों के द्वन्द्व और अन्तर्द्वन्द्व की आन्तरिक विकलता, मंथर प्रवाह और गहराई; कथ्य-चयन में संकेन्द्रण, शिल्प रचने में धीरज, कृति की सधी हुई काठी—बेहद कमसिन, लचीली मगर भीतर से मज़बूत इरादे की तरह राजी की विशेषताएँ हैं। ऐसे रचना-गुण कुछ अलग संयोजनों में अन्य लेखकों में भी कमोबेश मिल जाएँगे परन्तु इन्हें एक अलग स्पर्श और लावण्य देती है राजी की ‘स्त्री’ जो वहाँ सिर्फ़ संवेदन में ही नहीं, जैविक पदार्थता में भी है। पुरुष-स्पर्द्धी आधुनिक स्त्री की तरह राजी अपने लेखन में न तो स्त्री होने से इनकार करती हैं और न उसे नष्ट करती हैं, बल्कि अपने नैसर्गिक रूप में उसकी शक्ति और सम्भावना, उसके सत्य और अनुभव, उसकी नियति और उत्कटता का वह सृजनात्मक उपयोग करती हैं। स्त्री होने को स्वीकारते हुए, राजी के लेखक ने इस स्वीकार के भीतर जितने इनकार रचे हैं, यथास्थिति में जितने हस्तक्षेप किए हैं, उसे उनकी आधुनिक पहचान के लिए देखना ज़रूरी है। राजी ने स्त्री के भीतर पराजित पुरुष को; बल्कि व्यवस्था को, जितनी भंगिमाओं में उकेरा है और अपनी विंध्यात्मक दृष्टि से जो मूल्यवत्ता अर्जित की है, उससे नए-नए सृष्ट्यर्थ प्रकट हुए हैं। वे ऐसी महिलावादी नहीं हैं जिन्हें पुरुष नकारात्मक उपस्थिति लगता है, वे स्त्री की खोट भी पहचानने की कोशिश करती हैं और भरसक निरपेक्ष बनी रहकर अधिक विश्वसनीय होती हैं। वे बार-बार इस प्रश्न से जूझती हैं कि क्या समाज आधुनिकता के नाम पर जारी विघटनों और विद्रूपों के सहारे ज़िन्दा रह सकेगा। अपने को देखता हुआ लेखक इसका साभिप्राय और सचेष्ट उपयोग कर सके तो वह व्यक्तित्व को विशिष्टता देता है और रचना को विरलता। राजी इसी वास्ते धारा में भी अलग हैं। अपनी पहचान आप। राजी की कहानियाँ हिन्दी जगत में एक अलग जगह की अधिकारी हैं और अलग ढंग से बात करने की ज़रूरत महसूस कराती हैं।
—प्रभाकर क्षोत्रिय
Customer Reviews
3.67 out of 5
Book
Be the first to write a review...