The Richest Man In Babylon

The Richest Man In Babylon

Authors(s):

George S. Clason

Language:

Hindi

Pages:

182

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

364 mins

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Book Description

“जब आदमी ईमानदारी से अपना लक्ष्य तय कर लेता है तो उसे पा भी लेता है। मैंने भी अपना पक्का संकल्प कर लिया था, लौटने के बाद पहले उन क़र्ज़दाताओं से मिला, जिन्होंने मुझे क़र्ज़ दिया हुआ था। मैंने उन्हें अपनी बीती ज़िंदगी के बारे में बताया और उनसे कुछ दिन और धैर्य रखने की बात कही। कुछ क़र्ज़दाता मुझसे ठीक से पेश आए पर कुछ ने मुझे बेहद लताड़ा। एक क़र्ज़दाता ऐसा था, जिसने उस दौरान मेरी ख़ूब मदद की, वह था सोना उधार देने वाला मेथन। यह जानने के बाद कि मैं सीरिया में ऊंट का ख़्याल रखा करता था, वह मुझे नेबटुर के पास ले गया, वह ऊंट का व्यापारी था, उसे मेरा ऊंटों का ज्ञान बहुत काम आया। धीरे-धीरे ही सही पर मैंने हर वो सोने-चांदी का सिक्का चुका दिया, जो मैंने उधार लिया हुआ था और इस तरह मैं आज पूरे सम्मान के साथ अपना जीवन जी पा रहा हूँ।” दाबासिर ने पूरे गर्व से कहा। इस तरह दाबासिर ने अपनी कहानी ख़त्म की। उसने ख़ुद को आज़ाद किया, अपने दुश्मनों पर जीत हासिल की और उसने दुनिया को अलग नज़रिए से देखना शुरू किया, वही नज़रिया जो बुद्धिमान लोगों के पास पहले से ही था। इस नज़रिये ने दुनिया के कई लोगों को नई राह दिखलाई थी, उन्हें ज़िंदगी में सफल बनाया था।

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