![Sheikh Ibrahim Zauq](https://rachnaye-prod.s3-accelerate.amazonaws.com/fcab85a2-2d0b-4b8b-adad-6f964be81818/books-images/2d3639cd-4503-40f1-afc2-f871ea181923.jpg)
Sheikh Ibrahim Zauq
Publisher:
Mandrake Publications
Language:
Hindi
Pages:
189
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
378 mins
Book Description
मालूम जो होता हमें अंजाम-ए-मोहब्बत लेते न कभी भूल के हम नाम-ए-मोहब्बत अब तो घबरा के ये कहते हैं कि मर जाएँगे मर के भी चैन न पाया तो किधर जाएँगे ज़ाहिद शराब पीने से काफ़िर हुआ मैं क्यूँ क्या डेढ़ चुल्लू पानी में ईमान बह गया मरज़-ए-इश्क़ जिसे हो उसे क्या याद रहे न दवा याद रहे और न दुआ याद रहे 'ज़ौक़' जो मदरसे के बिगड़े हुए हैं मुल्ला उन को मय-ख़ाने में ले आओ सँवर जाएँगे