Aur Anya Kavitayen
Author:
Vishnu KharePublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Poetry0 Reviews
Price: ₹ 316
₹
395
Available
विष्णु खरे की कविताएँ हिन्दी भाषा के सामर्थ्य को कई तरह के विषयों में ले जाकर विस्तृत और स्थित करती हैं। उनमें महाभारत से आज के यथार्थ का वृहत् वितान बनता है। वाक्य-विन्यास में यदि शाब्दिक लाघव है, तो शब्दों में भाषायी अर्थ-गहनता। दोनों पर अद् भुत पकड़ और चुस्त अन्तर्गतियाँ हैं : ठहरी गहराइयाँ हैं तो पाँव उखाड़ देनेवाला प्रवाह भी।</p>
<p>खरे की कविता के दो स्पष्ट ध्रुवान्त बनते हैं। एक तो उस प्रकार की कविताएँ हैं, जो मौजूदा यथार्थ की भीड़ में कन्धे रगड़ती ही चलती हैं; दूसरी वे कविताएँ, जो हमें अनुभवों की अधिक अमूर्त शक्तियों का अहसास कराती हैं। दोनों के बीच फ़ासले हैं, किन्तु विरोध नहीं—यह आभास उनके काव्य-बोध को एक जटिल संगति देता है और अनुभूतियों के एक ज़्यादा बड़े क्षितिज की पहचान कराती है।</p>
<p>नैरेशन या वर्णन-विवरण की अनेक विधियों को विष्णु खरे ने अपनी कविताओं में कई तरह से इस्तेमाल किया है—इस बात को सही तरीक़े से लक्षित किया जाना चाहिए। एक अनोखा प्रयोग उनकी मिथकीय और ऐतिहासिक कविताओं में देखा जा सकता है। ‘महाभारत’ प्रसंग में रिपोर्ताज शैली का इस्तेमाल कविता, मिथक और मौजूदा यथार्थ को एक दुर्लभ त्रिकोणात्मक तनाव देता है।</p>
<p>—कुँवर नारायण
ISBN: 9788183618403
Pages: 116
Avg Reading Time: 4 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: लमाबम कमल आधुनिक काल के मणिपुरी साहित्य की नींव रखनेवाले रचनाकारों में से एक थे। जिसे हम आज मणिपुरी भाषा की मौलिक और समृद्ध रचनाधर्मिता कहते हैं, उसके विकास का मूल स्रोत कमल की कविताएँ हैं। उपन्यास, कहानी और नाटक के क्षेत्र में भी उनकी देन ऐतिहासिक महत्त्व रखती है। अडाङ्ल और चाओबा के साथ मिलकर कमल ने मणिपुरी भाषा की अब तक की श्रेष्ठतम रचनाकार-त्रयी का निर्माण किया। कमल ने मणिपुरी भाषा और साहित्य की निर्धनता दूर करके उसे विश्व की समृद्ध भाषाओं और उनके साहित्य के मध्य गौरवपूर्ण स्थान दिलाने का स्वप्न देखा था। साथ ही वे मणिपुरी साहित्य को उत्कृष्ट मानव-मूल्यों और इतिहास व समाजगत सजगता से जोड़कर विकसित करना चाहते थे। उनका सम्पूर्ण साहित्य इसी अद्भुत स्वप्न को साकार करने की महती साधना का प्रतिफल है। मणिपुर में रहकर वहाँ के साहित्य तथा समाज का अध्ययन करनेवाले हिन्दी के कवि आलोचक डॉ. देवराज ने एल. कमल सिंह की सम्पूर्ण रचनाओं का अनुवाद और सम्पादन किया है। मणिपुर के साहित्य में आधुनिकता के विकास के साथ-साथ, सुदूरपूर्व के इस राज्य की संस्कृति और समाज को समझने की दृष्टि से यह संकलन अत्यन्त उपयोगी है
Shoknach
- Author Name:
R. Chetankranti
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Description:
महत्त्वपूर्ण कवि आर. चेतनक्रांति का यह पहला संग्रह जवाबदेह भाषा और फ़ॉर्म के साथ-साथ हिन्दी कविता के समकालीन परिदृश्य में नए मुहावरे ईज़ाद करने के कारण अपनी मौलिक पहचान बनाता है।
चेतन की भाषा में एक ख़ास तरह का व्यंग्य है जो विडम्बनाओं एवं विद्रूपताओं की खिल्ली उड़ाता चलता है। जो लोग कविता (साहित्य) को मनोरंजन की चीज़ समझते हैं, उन्हें चेतन की कविताएँ निराश करेंगी क्योंकि ये कविताएँ पाठकों का टाइम पास नहीं करतीं, बल्कि रचनात्मक उत्तेजना और बेचैनी से भर देती हैं।
अपने कठिन समय की जटिल मानव-स्थितियों की ज़रूरी पड़ताल करती ये कविताएँ उन अवरोधक शक्तियों की भी शिनाख़्त करती हैं जो सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक जीवन की सहजता को अपने ढंग से नियंत्रित करना चाहती हैं। कवि के गहरे सरोकारों के दायरे में रिक्शेवाले, दैनिक वेतनभोगी, भूखे बच्चे एवं भूकम्प पीड़ित हैं तो दूसरी तरफ़ ‘सीलमपुर की लड़कियाँ’ भी हैं जिन्होंने अपनी हज़ारसाला पुरानी आत्माओं को उतारकर चुपके से एक नया सपना देखने का जोखिम उठाया है।
चेतन कविता और औसत राजमार्ग से अलग इस कठिन समय में अपनी रचनात्मक बेचैनी के साथ एक अलग और नया रास्ता बनाते हैं जो क़तार के आख़िरी आदमी के सपनों तक पहुँचता है और उसकी संवेदना से स्वयं को जोड़ता है। लेकिन चेतन अनुभूतियों के ही नहीं, दृढ़ विचारों और स्पष्ट ‘विज़न’ के कवि हैं।
Kavitayen : Vol. 1
- Author Name:
Sarveshwardayal Saxena
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- Description: ‘कविताएँ–1’ में कवि सर्वेश्वर के दो संग्रहों की रचनाएँ एक साथ प्रस्तुत की गई हैं—‘काठ की घंटियाँ’ और ‘बाँस का पुल’। इन कविताओं में वह एक ओर अपनी आत्म–चेतना के प्रति अत्यधिक सजग प्रतीत होते हैं, तो दूसरी ओर व्यापक समष्टि–चेतना के प्रति उनका गहरा लगाव मन को आकर्षित करता है। इनमें रोमानी भाव–बोध जितना सत्य है, उतना ही सत्य है समसामयिक परिवेश से जुड़े रहना। इन कविताओं ने छायावाद के बाद नई कविता की पहचान बनाने में ऐतिहासिक भूमिका अदा की है और कहा गया है कि ‘हिन्दी की कविता का जहाँ भी उल्लेख होगा, सर्वेश्वर की चर्चा के बिना अधूरा ही रहेगा’। ‘सर्वेश्वर ने नई कविता नहीं लिखी वरन् स्वयं नई कविता के विशिष्ट लक्षण किसी हद तक सर्वेश्वर के काव्य के माध्यम से ही प्रस्फुटित हुए हैं।’ इन कविताओं ने दरअसल यह भी सिद्ध किया है कि साहित्यिकता और लोकप्रियता में कोई वैर नहीं होता।
Pratinidhi Kavitayen : Ibne Insha
- Author Name:
Ibne Insha
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- Description: उर्दू के सुविख्यात शायर इब्ने इंशा की प्रतिनिधि ग़ज़लों और नज़्मों की यह पुस्तक हिन्दी पाठकों के लिए एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि के समान है। हिन्दी में वे कबीर और निराला तथा उर्दू में मीर और नज़ीर की परम्परा को विकसित करनेवाले शायर हैं। जीवन का दर्शन और जीवन का राग उनकी रचनाओं को बिलकुल नया सौन्दर्य प्रदान करता है। उर्दू शायरी के प्रचलित विन्यास को उनकी शायरी ने बड़ी हद तक हाशिए में डाल दिया है। अब्दुल बिस्मिल्लाह के शब्दों में कहें तो इंशाजी उर्दू कविता के पूरे जोगी हैं। हालाँकि रूप-सरूप, जोग-बिजोग, बिरहन, परदेशी और माया आदि का काव्य-बोध इंशा को कैसे प्राप्त हुआ, यह कहना कठिन है, फिर भी यह असन्दिग्ध है कि उर्दू शायरी की केन्द्रीय अभिरुचि से यह अलग है या कहें कि यह उनका निजी तख़य्युल है। दरअस्ल भाषा की सांस्कृतिक और रूपगत संकीर्णता से ऊपर उठकर शायरी करनेवालों की जो पीढ़ी 20वीं सदी में पाकिस्तानी उर्दू शायरी में तेज़ी से उभरी थी, उसकी बुनियाद में इंशा सरीखे शायर की ख़ास भूमिका थी।
Amiri Rekha
- Author Name:
Kumar Ambuj
- Book Type:

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Description:
न्याय और अन्याय, अभाव और रईसी, इच्छा और यथार्थ, पुरातन और नई सभ्यता जैसे अनेक विलोम प्रत्ययों के बीच वैचारिक आवागमन को ये कविताएँ अप्रत्याशित अनूठेपन एवं द्वंद्वात्मकता के साथ सम्भव बनाते हुए नए प्रस्ताव प्रस्तुत करती हैं। यहाँ भाषा, विचार, नैतिकता और स्वप्नशीलता के साथ कलाकर्म की वही अप्रतिम सर्जनात्मकता दृष्टव्य है जिसे कुमार अंबुज की कविता ने लगातार अर्जित किया है और अंबुज हर बार उसे नई ऊँचाइयों, अभिनव जगहों तक ले गए हैं। ये कविताएँ सक्रिय और सकर्मक प्रतिरोध की रचनात्मक कार्रवाई हैं। इनमें जीवन के संगीत, उत्तराधिकार, वैश्विकता, राजनीति, बाज़ार, मनुष्यता, प्रेम और अपमान की, हमारे समय और हमारी भाषा की पुनर्परिभाषाएँ हैं, उनकी आधुनिक पहचान है। साहसिक आत्मावलोकन और प्रवंचनाएँ भी हैं। इन कविताओं से अपने भीतर के टूटे-फूटे मनुष्य की मरम्मत की जा सकती है। इन्हें इनके खुरदुरेपन के लिए प्यार किया जा सकता है और इस बात के लिए भी कि इनके भीतर कितना कुछ है—शान्त, चपल और भविष्य से लबालब भरा हुआ। संवेदित, व्यग्र अभिव्यक्ति, अचूक दृष्टि और पक्षधरता से पुष्ट कविता कुमार अंबुज की अपनी उपलब्धि है, जिसे यहाँ समूची हिन्दी कविता के सन्दर्भ में कुछ अधिक शक्ति के साथ औचक, विस्मयकारी, दुर्लभ, हार्दिक और नव्यतर भंगिमाओं के साथ देखा जा सकता है। किंचित् लम्बे अन्तराल और प्रतीक्षा के बाद प्रकाशित यह संग्रह निश्चय ही नई बहसों, रुझानों, प्रस्थानों और चुनौतियों का कारण बनेगा।
Yeh Bhumandal Ki Raat Hai
- Author Name:
Pankaj Raag
- Book Type:

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Description:
कविता की यात्रा में अकसर ही कुछ ऐसा होता है जो छूटता जाता है, उसी को समेटते-सहेजते हुए फिर एक और कवि आता है, और समकालीन रचनात्मकता के अधूरे परिदृश्य को पूरा करता है।
पंकज राग का यह संग्रह और उनकी कविताएँ यही काम करती दिखती हैं। न सिर्फ़ विषयों और शीर्षकों में, बल्कि भाषा के प्रयोग और बिम्बों-प्रतीकों के मुखौटों में भी वे उन चीज़ों और भंगिमाओं को पकड़ने की कोशिश करते हैं जो सिर्फ़ उनकी अपनी खोज हैं। “दिन बड़ा अजीब-सा गुज़रे/शाम बड़ी थकी-थकी-सी हो/भूख हो पर लगे नहीं/हरारत हो पर दिखे नहीं/बातें सतरंगी करो/यह भूमंडल की रात है।” संग्रह की पहली और शीर्षक-कविता की शुरुआती ये पंक्तियाँ कवि की विशिष्टता की भूमिका की तरह पाठक के मन में गड़ जाती हैं, जिसका निर्वाह यह संग्रह अन्त तक करता है।
पंकज राग की ये कविताएँ उन चिन्ताओं को तो देखती ही हैं जो आज हम सबके लिए निर्णायक विषय बनी हुई हैं, साथ ही वे उन पीड़ाओं को भी अनदेखा नहीं करतीं जो हमारे अतीत में गुज़री हैं और आज हमारी स्मृतियों में कसकती हैं। ‘दिल्ली : शहर-दर-शहर’ जो इस संग्रह की सबसे लम्बी कविता है, वर्तमान और अतीत का ऐसा ही महाआख्यान बुनती है, जिसमें कवि एक शहर की नियति के बहाने मनुष्य की ही नियति से दो-चार होता है। “तुम मुझे फ़ीरोज़ी बना दो/दिल्ली की उस मध्यवर्गीय लड़की ने अपने पास बैठे लड़के से कहा/कोटला फ़ीरोज़शाह के स्लेटी खँडहरों के बीच/उस लड़के का उत्तर फँस-सा गया/फिर इन दोनों की कहानी का कुछ नहीं हुआ/वैसे ही जैसे फ़ीरोज़ाबाद का भी कुछ न हो सका।”
अतीत से वर्तमान तक व्याप्त मनुष्य के अधूरेपन की निशानदेही करती ये कविताएँ निश्चित रूप से पाठकों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव साबित होंगी।
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