Kharidi Kaudiyon Ke Mol : Vols. 1-2
Author:
Bimal MitraPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Literary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 960
₹
1200
Available
<strong>‘</strong>ख़रीदी कौड़ियों के मोल’ बांग्ला का वृहत्तम और अन्यतम उपन्यास है।</p>
<p>दीपंकर इस उपन्यास का नायक है : राष्ट्रीय और सामाजिक बवंडर में फँसी मानवता और युग-यंत्रणा का प्रतिनिधि। उसके अघोर नाना ने कहा था कि कौड़ियों से सब कुछ ख़रीदा जा सकता है। नाना के कथन का सबूत मिस्टर घोषाल, मिस्टर पालित, नयनरंजिनी, छिटे, फोटा, लक्ष्मी दी आदि ने देना चाहा, परन्तु दीपंकर का आदर्शबोध उनके मतवाद से टकराकर रह गया। दीपंकर के जीवन ने प्रमाण दिया कि पैसे से सुख नहीं ख़रीदा जा सकता। फिर भी दीपंकर का जीवन ऊपर से देखने में सुखी नहीं है। मामूली क्लर्क से वह रेलवे का बहुत बड़ा ऑफ़िसर बना, लेकिन अन्त तक उसे जीवन के जुलूस से कटकर अज्ञातवास है। इस ट्रेजेडी का कारण है कलयुग। इस युग में रामराज्य की स्थापना असम्भव है, और रावणराज्य की स्थापना स्वाभाविक। इसीलिए इस उपन्यास का रावण, मिस्टर घोषाल, जेल से निकलकर और अधिक शक्तिशाली बन गया और आवारा फोटा खद्दर ओढ़कर कांग्रेस का बड़ा नेता फटिक बाबू। सती मानवी आकांक्षा की मूर्ति है तो उसका पति सनातन बाबू सच्चाई और आदर्श का प्रतीक। परन्तु आज सच्चाई अपंग और आदर्श नपुंसक है। इसलिए सती का सर्वनाश होकर रहा। सीता का सर्वनाश वाल्मीकि नहीं टाल सके तो सती का सर्वनाश बिमल बाबू कैसे रोक पाते! बांग्ला का यह महान् उपन्यास हर हिन्दी पाठक के लिए पठनीय है। इसके अनुवाद की विशेषता यह है कि मूल को अविकल रखा गया है और बांग्ला उपन्यासों के हिन्दी रूपान्तर में प्राय: जो अर्थ का अनर्थ होता है, उससे यह सर्वथा मुक्त है।
ISBN: 9788119133826
Pages: 1336
Avg Reading Time: 45 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: Salt and Pepper is a collection of 7 thought-provoking short stories that attempt to touch the reader's heart. In today’s world, where time has become a scarcity and maintaining relationships is an art, the stories written here explore various emotions like sacrifice, love, hatred, and helplessness through their multiple characters in various forms. The feelings in the stories add a tinge of colours in numerous shades and add to the life recipe. This precisely a similar situation where just salt and Pepper, when added to food, change their taste altogether if in less or more. Sometimes the addition of both ingredients in the right proportions creates a perfect recipe, and if either one of them, salt or Pepper, is added in excess or fewer amounts can alter the taste of a recipe entirely. All the stories are bonded together where in the standard part are the range of emotions that are depicted, and the characters, while living out their lives daily, also go through the turmoil that their adventures bring along with them. The characters are complex, intriguing and yet beautiful in their way. A wife’s struggle and hard work for maintaining her pride and dignity intact.., a soldier’s sacrifice for his country and his family are coming to terms with that, a gift made by a young girl of her love without any conditions/strings attached, story of 2 people in love being United again by fate under different situations, misunderstanding between 2 people how it brings them closer to each other…..
Makaan
- Author Name:
Shrilal Shukla
- Book Type:

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Description:
नारायण एक सितारवादक है। जीविका के लिए वह परिवार को दूसरी जगह छोड़कर अपने पुराने शहर में आता है और यहीं से मकान की तलाश शुरू होती है। इस दौरान उसका सितार से साथ छूटने लगता है; और अब वह जिनके साथ जुड़ता है, उनमें मकान बाँटनेवाला अफ़सर है, कर्मचारी-यूनियन का नेता बारीन हालदार है, पुरानी शिष्या श्यामा है, वेश्या-पुत्री सिम्मी है और वे तमाम तत्त्व हैं जो ज़िन्दगी के बिखराव को तीखा बनाते हैं। इस संघर्ष, शोषण और अव्यवस्था के दौर से गुज़रते हुए तीक्ष्ण प्रतिक्रियाएँ व्यक्त होती हैं : ‘मज़ाक़ देखा तुमने? हम आसमान में उपग्रह उड़ा सकते हैं पर इस निगम के सीवेज़ के लिए मशीनों का जुगाड़ नहीं कर सकते। यहाँ सीवेज़ की सफ़ाई के लिए तो बलि के बकरे चाहिए, पर बिस्कुट बनाने के लिए यहाँ नई से नई मशीनें मौजूद हैं...’
‘जैसे कुछ तांत्रिक लोग शराब पीने से पहले माँ काली के नाम पर दो-चार बूँदें ज़मीन पर छिड़क देते हैं; वैसे ही हाउसिंग की पूरी-की-पूरी स्कीम गटकने से पहले चतुर लोग हरिजनों के नाम पर दस-बीस प्लॉट निकाल देते हैं...’ उपन्यास का अन्त सर्वथा अप्रत्याशित मोड़ पर होता है।
‘मकान’ यशस्वी कथाकार श्रीलाल शुक्ल की बहुप्रशंसित कृति है। वस्तुत: संगीत की पृष्ठभूमि में कलाकार के जीवन की आकांक्षाओं, ज़िम्मेदारियों, विसंगतियों और तनावों को केन्द्र बनाकर लिखा गया हिन्दी में अपनी तरह का यह पहला उपन्यास है।
Kadhi Mein Koyla
- Author Name:
Pandey Bechan Sharma 'Ugra'
- Book Type:

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Description:
कलकत्ता का माले-मस्त मारवाड़ी समुदाय अर्थात् राजस्थान का ग़रीब, पसीने और परचून से चीकट कपड़ों वाला बनिया जो महानगरी में जाकर विकट धर्मपति हुआ। उग्र जी के इस उपन्यास का विषय है। अपनी देखी-समझी दुनिया की रगों-नसों में विश्वसनीय ढंग से उतरने की कला में माहिर उग्र जी ने यहाँ इस समुदाय की उन तमाम विकृतियों को उजागर किया है जो धन के अनायास आगमन के साथ आती हैं। निर्ममता की हद तक तटस्थ व्यंग्य के साथ खींचे गए राजमल जयपुरिया, घीसालाल और घमंडीलाल आदि के चित्र कलकत्ता के सम्पन्न मारवाड़ियों का बयान तो करते ही हैं, साथ ही वे हमारे समकालीन धनाढ्य वर्ग के भी आधिकारिक चित्र प्रतीत होते हैं।
उग्रजी की सुगठित, तेजवान व्यंग्य से दीप्त शैली का प्रतिनिधित्व करता उपन्यास।
Chhinnamasta
- Author Name:
Prabha Khetan
- Book Type:

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Description:
नारी-विमर्श की प्रखर चिन्तक और उपन्यासकार प्रभा खेतान का यह चर्चित उपन्यास स्त्री के शोषण, उत्पीड़न और संघर्ष का जीवन्त दस्तावेज है। सम्पन्न मारवाड़ी समाज की पृष्ठभूमि में रची गई इस औपन्यासिक कृति की नायिका प्रिया परत-दर-परत स्त्री-जीवन के उन पक्षों को उघाड़ती चलती है जिनको पुरुष समाज औरत की स्वाभाविक नियति मानता रहा है और इस प्रक्रिया में वह हमें स्त्री की युगों-युगों से संचित पीड़ा से रू-ब-रू कराती है।
बचपन से ही भेदभाव और उपेक्षा की शिकार साधारण शक्ल-सूरत और सामान्य बुद्धि की प्रिया परिवार की ‘सुरक्षित’ चौहद्दी के भीतर ही यौन शोषण की शिकार भी होती है और तदुपरान्त प्रेम और भावनात्मक सुरक्षा की तलाश में उन तमाम आघातों से दो-चार होती है जिनसे सम्भवतः हर स्त्री को गुजरना होता है। अपने जड़ संस्कारों में जकड़ा पति भी उसे मानवोचित सम्मान नहीं दे पाता।
इस सबके बावजूद प्रिया अपनी एक पहचान अर्जित करती है। मनुष्य के रूप में अपनी जिजीविषा और स्त्री के रूप में अपनी संवेदनशीलता को जीती हुई वह अपना स्वतंत्र तथा सफल व्यवसाय स्थापित करती है। घर के सीमित दायरे से मुक्त करके अपने सपनों को सुदूर क्षितिज तक विस्तृत करती है।
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