Kanpta Hua Dariya
Author:
Mohan RakeshPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Literary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 239.2
₹
299
Available
कश्मीर के सौन्दर्य और प्रेम की रूमानी कहानियों से अलग दरिया में घर बनाकर रहनेवाले एक ग़रीब हाँजी परिवार, उसके सुख-दुःख, संवेदनाओं के टकराव और कठोर जीवन-संघर्ष पर आधारित मोहन राकेश का यह उपन्यास इस अर्थ में भी अलग है कि यह उनके शहरी मध्यवर्गीय रचना-जगत से काफ़ी अलग है।</p>
<p>उपन्यास में मोहन राकेश ने स्वयं ‘पूर्वभूमि’ के तहत इसकी रचना-प्रक्रिया पर रौशनी डाली है, जिससे हमें पता चलता है कि वे स्वयं इस कहानी से भावनात्मक स्तर पर कितना जुड़े हुए थे। इसे पूरा करने के लिए वे महीनों-महीनों कश्मीर में रहे और हाँजी परिवार के साथ हाउसबोट में ही नहीं, बल्कि डूँगों में भी रहकर दरिया का सफ़र करते हुए दूर-दराज़ के इलाक़ों तक गए।</p>
<p>लेकिन फिर भी यह उपन्यास अधूरा ही रहा। राकेश-साहित्य के शोधकर्ता और उनकी साहित्य-चेतना के मर्मज्ञ जयदेव तनेजा की पहल पर एक प्रयोग के तौर पर इसे मीरा कांत ने पूरा किया है जो स्वयं भी कश्मीरी पृष्ठभूमि से अच्छी तरह परिचित हैं, और इस कथा की ज़मीन को पकड़ने के लिए हफ़्तों श्रीनगर में रहकर, हाँजियों, उनके परिवारों और नई-पुरानी पीढ़ियों से मिलती रही हैं।</p>
<p>इस अनूठे कथा-प्रयोग के तहत उपन्यास के पात्रों और कथा-सूत्र का अध्ययन करते हुए उन्हें आगे बढ़ाया गया है। जिस सूझ-बूझ, कल्पनाशीलता और कौशल के साथ उन्होंने इस उपन्यास को एक बहुअर्थगर्भी परिणति तक पहुँचाया है, वह दिलचस्प है। उम्मीद है कि इस प्रयोग के रूप में पाठक एक नया औपन्यासिक आस्वाद पाएँगे। निःसन्देह कश्मीर को, समझने में भी यह उपन्यास एक आधार उपलब्ध कराता है, जो आज एक नए मोड़ पर है।
ISBN: 9789348157942
Pages: 207
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: Arin, a boy from lower middle class family, is selected as accounts Assistant in CPWD to serve in terrorist infested state of Jammu & Kashmir and posted at Srinagar. Despite a tough opposition from his mother, he joins there. Soon, during a terrorist attack his life is saved by a Kashmiri girl sadhana and he falls in love with her. His life turns upside down when his mother gets paralyzed due to brain attack and he’s summoned to Delhi, his home town, to meet his dying mother and to fulfil her last wish. Then another girl, Chanda, comes into his life. What happens to his first love sadhana and what role Chanda plays in his life, read life on the edge — a story of love, sacrifice, emotions, constraints, dashing of dreams, compromises and vested interests—where everyone is striving for themselves only.
Untisvin Dhara Ka Aropi
- Author Name:
Mahashweta Devi
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- Description: बंगला की विख्यात लेखिका व सामाजिक कार्यकर्ता महाश्वेता देवी का यह उपन्यास अन्तर्विरोधी कर्तव्यों के आपसी द्वन्द्व और समाज के निचले तबक़े की दारुण जीवन-स्थितियों की कथा है। उन्तीसवीं धारा का अभिप्राय क़ानून के उस प्रावधान से है जो किसी अपराधी को अपनी सुरक्षा में ले जा रहे पुलिसकर्मी पर तब लागू होता है, जब अपराधी उससे बचकर भाग जाता है। इस उपन्यास का नायक अपने अपराधी को भाग जाने की स्वयं छूट देता है, और अपने आपको क़ानून का शिकार बना लेता है। यह अपराधी वही व्यक्ति था जिसने उसे सदियों से दलित-पीड़ित भूमि से उठाकर अपने पैरों पर खड़ा होना सिखाया, आदमी की पहचान दी, लेकिन वह ख़ुद अपने उसी रास्ते पर चलता रहा जिसे आख़िरकार क़ानून और सत्ता के निशाने पर आना था। समाज की तलछट में पलती आग और उद्वेलन का विश्लेषण करती महाश्वेता जी की एक और सशक्त रचना।
Bhrashtachar Ka Achar
- Author Name:
Rajesh Kumar
- Book Type:

- Description: "भ्रष्टाचार का अचार—राजेश कुमार आज रंग-मंच को लेकर कम उत्साह है, क्योंकि इनका मंचन व्ययसाध्य है और टिकट खरीदकर नाटक देखने का स्वभाव प्रायः लोगों का नहीं है। ऐसी स्थिति में नुक्कड़ नाटक समाज को आईना दिखाने का सबसे सशक्त माध्यम हैं। इनके माध्यम से अपनी बात लोगों तक पहुँचाना आसान है। प्रस्तुत पुस्तक में सरकार की मनमानी, शोषण, बेगार, असमानता, भ्रष्ट नीतियों के विरुद्ध आक्रोश व्यक्त कर चेतना और जागरूकता लानेवाले नुक्कड़ नाटक संकलित हैं, जो पाठक के दिल में उतरकर मन-मस्तिष्क पर छा जाते हैं। कुल मिलाकर ये नाटक अपनी ही व्यथा-कथा लगते हैं। आम लोगों के दुःख-दर्द एवं भ्रष्टों की पोल खोलता नुक्कड़ नाटकों का रोचक संकलन ‘भ्रष्टाचार का अचार’। "
Varun Ke Bete
- Author Name:
Nagarjun
- Book Type:

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Description:
नागार्जुन का यह बहुचर्चित उपन्यास बड़े-बड़े गढ़ों-पोखरों पर निर्भर मछुआरों की कठिन जीवन-स्थितियों का चित्रण करता है। उनके अन्तरंग विवरणों को पढ़ते हुए ऐसा लगता है जैसे लेखक बरसों उन्हीं के बीच रहा है—वह उनकी तमाम अच्छाइयों-बुराइयों से गहरे परिचित है और उनके स्वभाव-अभाव को भी भली-भाँति पहचानता है। तभी तो वह खुरखुन और उसके परिवार को केन्द्र में रखते हुए भी मछुआरा बस्ती मलाही-गोंढ़ियारी के कितने ही स्त्री-पुरुषों को हमारे अनुभव का स्थायी हिस्सा बना देता है। फिर चाहे वह पोखरों पर काबिज शोषक शक्तियों के विरुद्ध खुरखुन की अगुवाई में चलनेवाला संघर्ष हो अथवा मधुरी-मंगल के बीच मछलियों-सा तैरता और महकता प्यार। इस उपन्यास से गुजरते हुए कहीं हम स्वयं को खुरखुन की स्थिति में पाते हैं तो कहीं मधुरी-मंगल की दशा में।
वस्तुत: नागार्जुन अपने कथा-परिवेश को कहकर नहीं, रचकर उजागर करते हैं। एक पूरी धरती, एक पूरा परिवेश और फिर शब्दांकुरों की शक्ल में विकसित होती हुई कथा। इस सन्दर्भ में उनका यह उपन्यास एक अप्रतिम स्थान रखता है।
Desired By The Devil
- Author Name:
Deeksha Pandey
- Book Type:

- Description: While trying to escape from the professed love of Satan, the most dreaded Bahubali of a state, Kaira ran into another powerful man, divide. Memorised by her captivating eyes, he only wanted to hide her in his embrace, saving her from all the Malevolence around her. In the shadow of Dividend love, Satya became a story of her past for Kaira but little did she know that some stories tend to repeat themselves with time. The fear and anguish which she thought she overcame, in all its might, ran through her, shivering yet fierce, gathering all her courage; she stood in front of him again nevertheless, this time, she wasn't alone, but when time unfolded, harsh truths, her beliefs of right and wrong quivered like a dead leaf of a branch. What conspired next is an intriguing saga of love, lust, shaking truth and faith.
Teen Varsh
- Author Name:
Bhagwaticharan Verma
- Book Type:

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Description:
हिन्दी जगत के प्रसिद्ध उपन्यासकार भगवतीचरण वर्मा का प्रस्तुत उपन्यास ‘तीन वर्ष’ एक ऐसे युवक की कहानी है जो नई सभ्यता की चकाचौंध से पथभ्रष्ट हो जाता है। समाज की दृष्टि में उदात्त और ऊँची जान पड़नेवाली भावनाओं के पीछे जो प्रेरणाएँ हैं, वह स्वार्थपरता और लोभ की अधम मनोवृत्तियों की ही देन हैं।
पहली बार विश्वविद्यालय को केन्द्र में रखकर छात्र-छात्राओं के जीवन-प्रसंगों को हिन्दी कथा-साहित्य में इतना सहज स्थान प्राप्त हुआ। उनका रहन-सहन, उनके प्रेम-सम्बन्ध और उनकी मनोदशाओं का यथार्थ चित्र प्रस्तुत करना इस उपन्यास का उद्देश्य था। छात्रों के संवेगों के बहुआयामी चित्र समस्त सामाजिक सन्दर्भों से जुड़कर प्रत्यक्ष हुए।
इस उपन्यास से यह भी स्पष्ट हुआ कि विश्वविद्यालयीन शिक्षा तब सामान्य युवाजन के लिए उपलब्ध नहीं थी। थोड़े से सम्पन्न घरों के सौभाग्यवान युवा ही उस ज़माने में विश्वविद्यालयों में पढ़ने आया करते थे। कुल मिलाकर शिक्षा के विस्तार और प्रसार में आए अन्तर को आँकने और छात्रों की मन:स्थितियों के विकास के अध्ययन के लिए भी इस उपन्यास को पढ़ा जाना ज़रूरी है।
Juloos
- Author Name:
Phanishwarnath Renu
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Description:
फणीश्वरनाथ रेणु का सम्पूर्ण साहित्य राजनीति की मज़बूत बुनियाद पर स्थित है। उन्होंने सामाजिक बदलाव में साहित्य की भूमिका को कभी राजनीति से कमतर नहीं माना। ‘मैला आँचल’ और 'परती परिकथा’ की भाँति 'जुलूस’ उपन्यास पूर्णिया ज़िले में नए बस रहे एक गाँव नबीनगर और पूर्व-प्रतिष्ठित गोडियर गाँव के पारस्परिक सम्बन्धों और संघर्षों की कथा है।
इस उपन्यास में ‘रेणु’ ने स्वतंत्रता-प्राप्ति के पश्चात् होनेवाले दंगों के कारण पूर्वी बंगाल से विस्थापित होकर भारत आए लोगों के दु:ख-दर्द की गाथा को मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया है। साथ ही उन्होंने यह भी दिखाना चाहा है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के चौदह-पन्द्रह साल बाद भी गाँव में कितना अन्धकार, अन्धविश्वास, ग़रीबी और भुखमरी आदि व्याप्त है और लोग अनेक जटिलताओं में फँसे हुए हैं। एक संघर्षधर्मी सामाजिक चेतना तथा सामन्ती मूल्यों एवं लोगों के प्रति प्रतिरोध की भावना 'रेणु' के लगभग सभी उपन्यासों में मिलती है। ऐसा इस उपन्यास में भी देखने को मिलेगा। साथ ही माटी और मानुष के लगाव की इस रागात्मक कथा में पाठक को पवित्रा जैसी अविस्मरणीय किरदार देखने को मिलेगी।
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