Kagaj Ki Nav
Author:
Krishna ChanderPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Literary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 200
₹
250
Available
उर्दू और हिन्दी में समान रूप से समादृत कथाकार कृश्न चन्दर का उपन्यास ‘काग़ज़ की नाव’ उनकी सशक्त लेखनी का मुखर साक्षी है। एक दस रुपए के नोट की आत्मकथा के माध्यम से उन्होंने इस उपन्यास में समाज के विभिन्न पक्षों के विभिन्न अंगों का चित्र बड़ी सरसता एवं स्पष्टता से खींचा है। आज की जीवन-प्रणाली में नोट इतना प्रधान हो गया है कि उसके आगे सभी अन्य वस्तुएँ धुँधली नज़र आती हैं। किसी की ख़ुशी का वादा एक नोट है, किसी की मुहब्बत का धोखा नोट है, किसी की मजबूर मेहनत का एक पल नोट है, तो किसी की प्रेमिका की मुस्कान भी एक नोट ही है। सच तो यह है कि संसार का हर व्यक्ति अपने जीवन के प्रति क्षण को नोट—यानी काग़ज़ की नाव में खेये चला जा रहा है। शायद यह नोट काग़ज़ का एक पुर्जा नहीं, इस युग की सबसे महत्त्वपूर्ण वस्तु है।</p>
<p>निस्सन्देह, आज के युग-यथार्थ की अगर कोई शक्ल है तो यही काग़ज़ की नाव। कृश्न चन्दर की प्रवाहमयी भाषा-शैली ने इसे जिस तेज़ी से घटनाओं की उत्ताल तरंगों पर तैराया है, उसका रोमांच बहुत गहरे तक पाठकीय भाव-संवेदन का हिस्सा बन जाता है।
ISBN: 9789390971329
Pages: 151
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: One often meets his destiny on the road he takes to avoid it� Have you ever: Been in true love? Not love at first sight but love at every sight? Met the love of your life after 4 years only to lose her again? Faced a psycho stalker? Messed with family of cops? Get caught boozing by none other than your mother on your own birthday? Well, if this excites you even a bit, this would be an enthralling read for you. Things End But Memories Last Forever. The book tells the real life bitter-sweet incidents and discloses a candid narration by a mad, love struck and bemused guy, Abhi, who confesses about every last details of his past life to his best friend after a near death escape in a car accident. The tale of his first love Nikita, and much more. As time goes on, you�ll understand. What lasts, lasts; what doesn�t, doesn�t. We are habituated to miss those people the most, who left us for no reason�
Mrityu Aur Hansi
- Author Name:
Pradeep Awasthi
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Description:
किताब के बारे में
पति राघव के विवाहेत्तर सम्बन्धों से व्यथित वृंदा कुछ अपने असहाय अकेलेपन और कुछ प्रतिशोध में अपने से छोटे कुणाल के प्रेम में पड़ जाती है। कुणाल जो ख़ुद अभी-अभी हुए ब्रेकअप के बाद भावनात्मक ट्रांस में है। कुछ समय बाद जब चीज़ें निर्णायक मोड़ लेने लगती हैं तब दुख का जो आत्मघाती बोध मासूम बच्चे, ख़ासतौर से राघव और वृंदा का बड़ा बेटा अंश, झेल रहे थे, पहाड़ की तरह टूटकर सबके ऊपर आ पड़ता है।
एक सुसम्पादित फ़िल्म की तरह सजीव दृश्यों, संवादों और वातावरण की सूक्ष्म रेखाओं से बुना यह उपन्यास जो सबसे पहले करता है, वह प्रेम के इर्द-गिर्द लिपटे इस दुख और पीड़ा को हम तक पहुँचाना है। साथ ही हमें चेताता भी चलता है कि यह दुख हमारी नियति के साथ बँधा है, इसका उपचार नहीं है। यह हमारे होने की जद्दोजहद का हिस्सा है। बस कोशिश यह रहे कि हम उसे ईमानदारी से निबाहें; कपट, चालाकी और मौक़ापरस्ती का अवकाश न प्यार में है, न पीड़ा में।
Sadhu Ojha Sant
- Author Name:
Sudhir Kakkar
- Book Type:

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Description:
आधुनिक चिकित्सा-पद्धति के विकास तथा शिक्षा के प्रचार-प्रसार के बावजूद आज भी भारतीय जनमानस में साधुओं-ओझाओं आदि के प्रति विश्वास पूरी तरह ख़त्म नहीं हुआ है। इसे आधुनिक विज्ञान और राज्य की अक्षमता कहें या जनसाधारण के मन में बैठा अन्धविश्वास कि आज भी ऐसी-ऐसी ख़बरें सुनाई दे जाती हैं जिन पर सहज ही विश्वास नहीं हो पाता।
प्रतिष्ठित मनोविश्लेषक सुधीर कक्कड़ अपनी इस कृति में उसी अविश्वसनीय लेकिन वास्तविक दुनिया की यात्रा करते हैं। साधुओं, ओझाओं, स्थानीय वैद्यों और सन्तों द्वारा सदियों से जारी परम्परागत मनोचिकित्सा पद्धतियों का विश्लेषण करते हुए वे उनके रहस्यों का उद्घाटन करते हैं। मन्दिरों, मठों आदि पर निरन्तर होनेवाली गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत करते हुए वे इनकी कार्य-शैली और आस्थावान लोगों की मनोरचना को अपने वैज्ञानिक-नज़रिए से भी देखते चलते हैं।
भारतीय ज्ञान में रुचि रखनेवाले लोगों के लिए उपयोगी इस पुस्तक में लेखक ने भारतीय और पश्चिमी मनोविज्ञान का तुलनात्मक अध्ययन भी किया है।
His Flawless Love
- Author Name:
Pragna Rao
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- Description: Marriage! Is it a tradition? A legal agreement? A biological need? Or something besides all these? Tragedy strikes Isha’s life when she loses her fiancée to destiny. But happiness comes back into her life in the form of a good man who becomes her husband. However, the struggles of her memories and present situation go on, taking a toll on her new married life. Unable to carry on, she separates from her husband. And yet, the distance between them reminds her of her husband's unconditional love. She understands the significance of the marital vows and returns to be his best companion. Though destiny unceasingly challenges her, it also makes her stronger. Who wins the battle ultimately? Destiny or love?
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