Pahar Dhalte
Author:
Manzoor EhteshamPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Literary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 396
₹
495
Available
बीहड़ सर्दियों की एक रात के आहिस्ता-आहिस्ता ढलते पहर। फ़ज़ा को इमरज़ेंसी के नाख़ूनों ने जकड़ रखा है। शहर की आम बस्तियों से दूर एक आलीशान कोठी के अँधेरे-उजाले में हरकत करते कुछ किरदार, लेखन में उन्हें, रात के अँधेरे में, एक शातिर जासूस की महारत के साथ, ऐसे पकड़ा गया है कि वे कभी यथार्थ लगते हैं कभी फ़ैन्टेसी। इन्हें देखकर सहसा मुक्तिबोध की लम्बी कविता ‘अँधेरे में’ के चरित्र याद आते हैं। इन चरित्रों में नवाब, बेगम, अफ़सर, मंत्री, व्यापारी, क़व्वाल, औरतें, ख़ादिम, शोहदे, सब हैं। अपनी-अपनी ज़िम्मेदारियों से बच निकलने का पार्ट अदा करते हुए। इस भुतहा नाटक में पाखंड, गुरूर, नफ़रत, ईर्ष्या, सूफ़ियाना क़लाम, इश्क, पछतावा, आँसू, फ़रेब, मक्कारी सभी के रक़्स हैं। रात के एक हिस्से की कहानी के बाहर जाने कितनी और रातें और दिन हैं जहाँ लेखक हमें ले जाता है, और फिर वापस ले आता है, वर्तमान में सक्रिय भूतों की बारात के बीचोबीच।
ISBN: 9788126713226
Pages: 116
Avg Reading Time: 4 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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