Awadh Ka Kisan Vidroh
Author:
Subhash Chandra KushwahaPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
History-and-politics0 Reviews
Price: ₹ 319.2
₹
399
Available
भारत को किसानों का देश कहा जाता है, बावजूद इसके न तो किसान कभी इस धारणा को अपने आत्मविश्वास में अनूदित कर सके, न देश के मध्यवर्ग और कर्णधारों ने उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित किया। यह देश जो लगातार आगे बढ़ता रहा है, इसका किसान या तो ख़ुद पीछे छूटता चला गया या आगे बढ़ने के लिए उसने किसान की अपनी पहचान को पीछे छोड़ा है। यह हमारे राष्ट्रीय जीवन की सबसे बड़ी विडम्बनाओं में एक है।</p>
<p>यह पुस्तक भारतीय किसान-जीवन के एक महत्त्वपूर्ण अध्याय पर केन्द्रित है। 1920-22 के दौरान अवध के लगभग सभी ज़िलों में स्वत:स्फूर्त ढंग से फूट पड़ा किसान-विद्रोह उस आक्रोश की अभिव्यक्ति था जो किसानों के मन में अपनी लगातार उपेक्षा से पनप रहा था। इस घटना ने एक ओर तत्कालीन समय की सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक नीतियों की सीवन उधेड़कर उसकी वास्तविकता को उजागर किया तो दूसरी ओर राष्ट्रवादी सोच और उसके नेतृत्व के वर्ग-आधार को स्पष्ट करते हुए वर्ग और जाति की विकृतियों को भी उजागर किया। इस आन्दोलन ने शायद पहली बार राष्ट्रवाद की सुपुष्ट मिट्टी से गढ़े जानेवाले देश की वर्गीय प्राथमिकताओं को स्पष्ट किया। आश्चर्य नहीं कि राष्ट्र-निर्माण की आक्रामक पहलक़दमियों में आज भी न सिर्फ़ किसान बल्कि वे सब लोग बाहर रह जाते हैं जिनके पास अपनी बात कहने की भाषा और सामाजिक साहस नहीं है। किसान की अवस्थिति, क्योंकि शहर के हाशिये से भी काफ़ी दूर है, इसलिए वह केन्द्रीय सत्ताओं पर अपना दबाव और भी कम डाल पाता है। उनके किसी भी आन्दोलन के क्रान्तिकारी तेवर को दबाने और अभिजात तबकों को लाभ पहुँचाने की नीति तब भी आम थी, आज भी आम है।</p>
<p>अवध के किसान-विद्रोह का यह पुनर्मूल्यांकन देश के एक अमूर्त विराट के बहाने एक विशाल जनसमूह के मूर्त की इस सुनियोजित उपेक्षा की परम्परा के वर्तमान को समझने के लिए भी उपयोगी है।
ISBN: 9789387462410
Pages: 328
Avg Reading Time: 11 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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भारतवर्ष का बृहत् इतिहास बड़ा ही लोकप्रिय ग्रन्थ बन गया है। इसकी रचना दशकों पूर्व की गई थी किन्तु इसकी मान्यता तथा लोकप्रियता आज भी पूर्ववत् बनी है। इस नवीन संस्करण का संशोधन तथा परिवर्द्धन उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद् के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार कर दिया गया है जिसके फलस्वरूप कुछ नए प्रकरणों का समावेश हो गया है।
पुस्तक के अन्त में कुछ परिशिष्टियाँ भी जोड़ दी गई हैं। जिससे पुस्तक की अनुकूलता तथा उपयोगिता में वृद्धि हो गई है। आशा है, यह नवीन संस्करण विद्यार्थियों तथा अध्यापकों की आवश्यकताओं को पूर्ण करने में सक्षम होगा।
Shivaji The Grand Rebel — Chhatrapati Shivaji Maharaj: Father of The Indian Navy and Sambhaji Maharaj Chhaava
- Author Name:
Dennis Kincaid
- Book Type:

- Description: Witness the thrilling saga of a 17th-century Indian rebel who defied empires and ignited the flames of Hindu nationalism. In “Shivaji The Grand Rebel,” Dennis Kincaid paints a vivid portrait of Shivaji, the founder of the Maratha state, a figure revered by millions as a hero and a thorn in the side of the mighty Mogul Empire. From a childhood spent in fear and hiding to his audacious seizure of forts, Shivaji's early life was a testament to his unwavering ambition and resolute confidence. Discover how this charismatic leader, with the guidance of his devoted tutor Dadaji Kondadev and inspired by the burgeoning Marathi literature and spiritual leaders like Tukaram and Ramdas, began his audacious rebellion against the established Muslim powers. Experience the tension and intrigue of Shivaji's encounters with formidable foes, from the Bijapur Sultanate, who imprisoned his father Shahaji, to the cunning Mogul emperor Aurangzeb, who branded him a “Mountain Rat"". Marvel at Shivaji's strategic brilliance, his daring escape from captivity, and his complex relationship with the English East India Company. More than just a biography, this book delves into the cultural and political landscape of 17th-century India, revealing the opulence of Bijapur, the grandeur of the Mogul court, and the simple yet resilient spirit of the Maratha people. Explore the motivations behind Shivaji's relentless pursuit of Hindu independence, a dream that against all odds, began to materialize into a formidable Maratha state. “Shivaji The Grand Rebel” is a captivating journey into the life of a legendary figure whose legacy continues to inspire, offering a nuanced understanding of his military genius, political acumen, and the enduring impact of his rebellion on the history of India.
BHRASHTACHAR KA ANT
- Author Name:
N. Vittal
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
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