Rusi Sanskriti : Udbhav Aur Vinash
Author:
KamleshPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
History-and-politics0 Reviews
Price: ₹ 239.2
₹
299
Available
‘‘कवि कमलेश हमारे समय के सबसे पढ़े-लिखे व्यक्ति थे, हालाँकि उन्होंने कभी विद्वता का कोई दावा नहीं किया। उनकी रुचि साहित्य के अलावा संस्कृति और विचार के अनेक अनुशासनों जैसे—दर्शन, मनोविज्ञान, नृतत्त्व आदि में थी। महान् रूसी कवियों और उनके माध्यम से रूसी संस्कृति की उद्भव-गाथा और उसके विनाश की शोक-कथा प्रस्तुत करनेवाली यह अनूठी पुस्तक है। इसमें कवियों का सिर्फ़ वैचारिक विश्लेषण भर नहीं है—कविताओं का हिन्दी अनुवाद भी है। किसी विदेशी भाषा के इतने सारे महान् कवियों और उनके माध्यम से किसी देश की संस्कृति के अध्ययन का ऐसा कोई दूसरा उदाहरण हिन्दी में तो क्या शायद किसी अन्य भारतीय भाषा में भी न होगा। इस अद्वितीय पुस्तक को रज़ा पुस्तक माला के अन्तर्गत हम सहर्ष प्रस्तुत कर रहे हैं।</p>
<p>—अशोक वाजपेयी
ISBN: 9789388183444
Pages: 327
Avg Reading Time: 11 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: देश की आजादी तथा दु:खी मानवता के उद्धार के लिए गांधीजी जीवन भर संघर्षरत रहे। उनकी यात्रा पोरबंदर से आरंभ होकर राजकोट, इंग्लैंड, डरबन, जोहांसबर्ग, अहमदाबाद और कलकत्ता आदि से गुजरती हुई दिल्ली में समाप्त हुई। वे अंत समय तक देश-निर्माण, सांप्रदायिक सौहार्द, एकता-अखंडता के लिए कार्य करते रहे। अहिंसा गांधीजी का अचूक अस्त्र था, जो एटम बम से भी ज्यादा ताकतवर था। अंग्रेज सरकार उनके सत्याग्रह और अहिंसा से बहुत खौफ खाती थी। उन्होंने खादी को घर-घर पहुँचाया और स्वदेशी को प्रोत्साहन दिया। स्वयं अछूतें के साथ रहकर उनके दु:ख-दर्द को महसूस किया और उन्हें बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए संघर्ष किया। उन्हें अनेक बार जेल-यात्रा करनी पड़ी। सत्याग्रह की ताकत ने गांधीजी को महात्मा बनाया और इसके बल पर उन्होंने आजादी के समर में प्रत्येक देशवासी को एक सिपाही के रूप में बदल दिया। सत्यवादिता ने उनमें आत्मिक शक्ति भर दी थी कि उनके एक आह्वान पर लाखों लोग सिर कटाने को तैयार हो जाते थे। गांधीजी के बारे में जितना लिखा-पढ़ा जाए, कम है। कृतज्ञ राष्ट्र ने अपने प्यारे बापू को ‘राष्ट्रपिता’ के सम्मान से विभूषित किया। एक युगपुरुष और महान् व्यक्ति के अंतहीन कार्यों की ब्योरेवार जानकारी देती एक प्रेरणादायी पुस्तक।
Pt. Deendayal Upadhyaya's Roadmap for India
- Author Name:
Vivasvan Shastri
- Book Type:

- Description: Pt. Deendayal Upadhyaya was an Indian philosopher, economist, sociologist, historian, journalist, and political scientist. He went on to define an alternative philosophy of development called Integral Humanism and led the Bharatiya Jana Sangh, the forerunner of the present-day Bharatiya Janata Party (BJP). Pandit Deendayal’s philosophy continues to inspire and guide the policies of the BJP government at the centre and the state. This book presents a roadmap for the redevelopment and reconstruction of a nation as diverse and vast as India, based on the ideas and writings of Pandit Deendayal Upadhyaya. The roadmap takes into account India’s unique history, culture and ethos. This book is also a tribute to a rishi like Pandit Deendayal Upadhyaya on his 100th birth anniversary.
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