Mati Mati Arkati
Author:
Ashwini Kumar PankajPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Historical-fiction0 Reviews
Price: ₹ 280
₹
350
Available
ब्रिटिश उपनिवेश द्वारा भारत से बाहर ले जाए गए मज़दूरों को तत्कालीन कम्पनियाँ और उनके एजेंट दो नामों से पुकारते थे। दक्षिण भारत, बिहार और प. उत्तर प्रदेश के ग़ैर-आदिवासी मज़दूरों को 'कुली' और झारखंड के सदान और आदिवासियों को 'हिल कुली', 'धांगर' और 'कोल' कहा जाता था। ये और कोई नहीं ग्रेटर झारखंड की उरांव, मुंडा, संताल, खड़िया और सदान जातियाँ थीं। ब्रिटिश संसद और ब्रिटिश उपनिवेशों में मौजूद दस्तावेज़ों में झारखंड के आदिवासियों के आप्रवासन के ठोस प्रमाण उपलब्ध हैं।
कालान्तर में मॉरीशस, गयाना, फ़िजी, सूरीनाम, टुबैगो सहित अन्य कैरीबियन तथा लैटिन अमेरिकी और अफ़्रीकी देशों में लगभग डेढ़ सदी पहले ले जाए गए ग़ैर-आदिवासी गिरमिटिया मज़दूरों ने बेशक लम्बे संघर्ष के बाद इन देशों को भोजपुरी बना दिया है और वहाँ के नीति-नियन्ताओं में शामिल हो गए हैं। लेकिन सवाल है कि वे हज़ारों झारखंडी जो सबसे पहले वहाँ पहुँचे थे, कहाँ चले गए? कैसे और कब वे गिरमिटिया कुलियों की नवनिर्मित भोजपुरी दुनिया से ग़ायब हो गए? ऐसा क्यों हुआ कि गिरमिटिया कुली ख़ुद तो आज़ादी पा गए लेकिन उनकी आज़ादी हिल कुलियों को चुपचाप गड़प कर गई। एक कुली की आज़ादी कैसे दूसरे कुली के ख़ात्मे का सबब बनी? क्या थोड़े आर्थिक संसाधन जुटते ही उनमें बहुसंख्यक धार्मिक और नस्ली वर्चस्व का विषधर दोबारा जाग गया और वहाँ उस अनजान धरती पर फिर से ब्राह्मण, क्षत्रिय, भूमिहार और वैश्य पैदा हो गए? सो भी इतनी समझदारी के साथ कि 'शूद्र' को नई सामाजिक संरचना में जन्मने ही नहीं दिया?
इस उपन्यास का मूल प्रश्न यही है। कोन्ता और कुन्ती की इस कहानी को कहने के पीछे लेखक का उद्देश्य पूरब और पश्चिम दोनों के ग़ैर-आदिवासी समाजों में मौजूद नस्ली और ब्राह्मणवादी चरित्र को उजागर करना है जिसे विकसित सभ्यताओं की बौद्धिक दार्शनिकता के ज़रिए अनदेखा किया जाता रहा है।
ISBN: 9788183618021
Pages: 260
Avg Reading Time: 9 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: Massacre at Midnight is a fascinating tale of medieval intrigue and revenge in the best traditions of ‘magic realism’ with a touch of the divine. Set in the Mughal era, the story opens with the covetous Nawaab of Waariaul locking horns with the principled estate owner of Singhwaar over the possession of LaaDlii and Pyaare, a famed pair of hunting dogs. The Nawaab enlists the support of the Mughal army under false pretences, portraying Singhwaar’s Thaakur as a seditious renegade. The family is massacred to the last man, and Singhwaar is laid waste. The widow gives birth to a male heir in a fugue, abandoning the infant in the wilderness. The child is miraculously saved by the benevolent goddess Vana-Durgaa and becomes her favourite. When he comes of age, Destiny takes him to the imperial court at Delhi for a showdown with his father’s murderer, witnessed by the Great Mughal himself. Mainly based on folklore, ‘Massacre at Midnight’ is replete with enchanting old-world belief in miracles, spirits protecting family fortunes and poetic justice for the unjust, as well as glimpses of life in medieval Mithilaa.
Vanara
- Author Name:
Anand Neelakantan
- Book Type:

- Description: Baali and Sugreeva, orphan brothers from the Vana Nara tribe, were born into severe poverty and grew up as slaves like most of their fellow tribesmen. They were often called the vanaras, meaning monkey men. Caught between the ongoing war between the Deva tribes in the north and the Asura tribes in the south, the Vana Naras seemed to have lost all hope. However, Baali was determined not to remain a slave. With the help of his beloved brother Sugreeva, he built a nation for their people. The capital, Kishkindha, became a symbol of hope for freed slaves worldwide—a city of the people, by the people, for the people, where caste, creed, language, or skin color didn't matter. For a brief moment in history, it appeared mankind had found its ideal hero in Baali. But fate changed everything through Tara, daughter of a tribal healer. Loved by Baali and desired by Sugreeva, Tara sparked a brotherly war that would forever alter history. The love triangle involving Baali, Tara, and Sugreeva is arguably the first of its kind. Written by Anand Neelakantan, who also gave voice to Ravana in Asura, Duryodhana in the Ajaya series, and Sivagami in Baahubali, Vanara is a timeless story of love, lust, and betrayal. It’s Shakespearean in its tragic depth and epic in scope, giving voice to Baali, the greatest warrior in the Ramayana.
Ravana’S Lanka
- Author Name:
Sunela Jayewardene
- Rating:
- Book Type:

- Description: The story of the kingdom that Ravana had ruled lay over the island like a fading, antique map. The edges of the story were frayed and there were lines disconnected by time, but the landscape it traced, exists. Demonized as he was after his death, the reign of King Ravana of Lanka, and his ancestors, the powerful Mayuranga, has long been obscured and shrouded in myth. Once, their kingdom is believed to have reached beyond the shores of the island, capturing lands across the seas—a kingdom of that magnitude was never seen again on Lanka. In a bid to shed light on this lost era, Sunela Jayewardene travelled through Sri Lanka, and listened to the storytellers and poets, researched Sri Lanka’s folklore, sifted through race and religion . . . to stitch together a history of a forgotten landscape. This remarkable, vivid book is the story Sunela learnt of King Ravana and the kingdom that he lost.
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