Raunda Hua Niwala
Author:
Sadanand DeshmukhPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Short-story-collections0 Reviews
Price: ₹ 400
₹
500
Available
गाँवों में गुज़र-बसर कर रहे लोगों के दैनंदिन जीवन में घटनेवाली घटनाओं को रेखांकित करनेवाली कहानियों का संकलन है—‘रौंदा हुआ निवाला’। अपनी इन तेरह कहानियों में लेखक ने गाँव में व्याप्त विभिन्न समस्याओं की ओर पाठकों का ध्यान आकर्षित किया है। ऐसी समस्याएँ, जिनसे प्रतिदिन उन्हें दो-चार होना पड़ता है। चाहे दहेज़ के आभाव में आत्महत्या करनेवाली युवती का मुद्दा हो या फिर पत्नी द्वारा छले गए पति का, चाहे सूखा पड़ने पर पशुओं के चारे के लिए दर-दर भटकते किसान का हो या फिर उपज से ज़्यादा खेती में आनेवाली लागत का; या फिर सरकारी कर्मचारियों द्वारा भोली-भाली जनता को क़ानूनी दाँव-पेच में फँसाकर लूटने का, या सिर्फ़ वादा करनेवाले नेताओं का—लेखक ने बड़ी शिद्दत से अपने इस संकलन में इन जीवन्त मुद्दों को उकेरा है। अभावों के बीच, विषम परिस्थितियों में भी जीवन जीने की ललक इस संग्रह को विशिष्ट बनाती है।</p>
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ISBN: 9788183617871
Pages: 223
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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हृषीकेश सुलभ के कथा-संकलन ‘वसंत के हत्यारे’ की कहानियाँ हिन्दी की यथार्थवादी कथा-परम्परा का विकास प्रस्तुत करती हैं। इन कहानियों में भारतीय समाज की परम्परा, जीवन-दृष्टि, समसामयिक यथार्थ और चिन्ताओं की अभिव्यक्ति के साथ-साथ विकृतियों और विसंगतियों का भी चित्रण है। मनुष्य की सत्ता और प्रवृत्ति की भीतरी दुर्गम राहों से गुज़रते हुए भविष्य के पूर्वाभासों और संकेतों को रेखांकित करने की कलात्मक कोशिश इन कहानियों की अलग पहचान बनाती है। यथार्थ के अन्तःस्तरों के बीच से ढेरों ऐसे प्रसंग स्वतःस्फूर्त उगते चलते हैं, जो हमारे जीवन की मार्मिकता को विस्तार देते हैं। संचित अतीत की ध्वनियाँ यहाँ संवेदन का विस्तार करती हैं और इसी अतीत की समयबद्धता लाँघकर यथार्थ जीवन की विराटता को रचता है।
हृषीकेश सुलभ की कहानियाँ भाषा और शिल्प के स्तर पर नए भावबोधों के सम्प्रेषण की नई प्रविधि विकसित करती हैं। नई अर्थच्छवियों को उकेरने के क्रम में इन कहानियों का शिल्प पाठको को कहीं आलाप की गहराई में उतारता है, तो कहीं लोकलय की मार्मिकता से सहज ही जड़ देता है। जीवन के स्पन्दन को कथा-प्रसंगों में ढालती और जीवन की संवेदना को विस्तारित करती ये कहानियाँ पाठकों से आत्मीय और सघन रिश्ता बनाती हैं।
हृषीकेश सुलभ के कथा-संसार में एकान्त के साथ-साथ भीड़ की हलचल भी है। सपनों की कोमल छवियों के साथ चिलचिलाती धूप का सफ़र है। पसीजती हथेलियों की थरथराहट है, तो विश्वास से लहराते हाथों की भव्यता भी है। भावनाओं और संवेदनाओं के माध्यम से अपना आत्यन्तिक अर्थ अर्जित करती इन कहानियों में क्रूरता और प्रपंच के बीच भी जीवन का बिरवा उग आता है, जो मनुष्य की संवेदना के उत्कर्ष और जिजीविषा की उत्कटता को रेखांकित करता है।
Chaturi Chamar
- Author Name:
Suryakant Tripathi 'Nirala'
- Book Type:

- Description: चतुरी चमार में निराला ने विषयवस्तु के अनुरूप ही कहानी का नया रूप आविष्कृत किया है। वे कई बार संस्मरणात्मक ढंग से अपनी बात कहते हैं और अन्त में अपनी कूची के एक स्पर्श से संस्मरण को कहानी में बदल देते हैं। इन कहानियों में उनका गद्य अनावश्यक साज-सँवार से मुक्त होकर नई दीप्ति के साथ सामने आया है। इसमें जितना कसाव है, उतना ही पैनापन भी। इस कहानी-संग्रह में हास्य के कल-कल के नीचे प्राय: करुणा और आक्रोश की धारा बहती रहती है। संक्षेप में कहें तो निराला के विद्रोही तेवर और गलत सामाजिक मान्यताओं पर उनके तीखे प्रहारों ने इस छोटे से संग्रह को हिन्दी साहित्य में बेमिसाल बना दिया है।
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