Paap Aur Anya Kahaniyan
Author:
Paarmita ShatpathiPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Short-story-collections0 Reviews
Price: ₹ 240
₹
300
Available
पारमिता शतपथी ओड़िया की प्रतिष्ठित, चर्चित और सम्मानित कथाकार हैं जिनकी कई रचनाएँ हिन्दी और अंग्रेज़ी समेत अन्य भारतीय भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं। इस संकलन में उनकी कुछ चर्चित कहानियाँ शामिल हैं जिन्हें उनके तीव्र यथार्थबोध, संवेदना और समाज की गहरी समझ के लिए जाना गया।</p>
<p>पारमिता शतपथी की कथा-शैली इतनी दिलचस्प और घटना-क्रम के ब्यौरे इतने सूक्ष्म होते हैं कि किसी भी कहानी को एक बार शुरू करने पर आप पढ़ते ही चले जाते हैं। उदाहरण के लिए संग्रह की पहली ही कहानी 'पाप' को लिया जा सकता है। दस-ग्यारह साल के बच्चे पर केन्द्रित यह कहानी जिसमें वह भूख के मारे एक मुर्गी को मार देता है और परिणामस्वरूप अपने पूरे परिवार को मौत तक पहुँचा देता है, एक स्तब्धकारी वृत्तान्त है। कहानी का सिर्फ़ अन्त ही नहीं, जहाँ अपनी माँ और बहनों की मृत्यु की जवाबदेही वह बच्चा महसूस करता है, वहीं भूख और ग़रीबी के विवरणों से भी यह कहानी आतंकित करती है।</p>
<p>उल्लेखनीय यह है कि वे आधुनिक समाज के निम्न तबक़े के दु:ख-तकलीफ़ों के साथ मध्यवर्ग के उथलेपन की भी गहरी समझ रखती हैं। ‘दलाल' ऐसी ही कहानी है जिसमें एक व्यक्ति अपने सामान्य चालाकियों से अकूत सम्पत्ति अर्जित करता है लेकिन अन्त में एक चतुर लड़की के हाथों ठगा जाता है।</p>
<p>पारमिता अपनी कहानियों में समाज के वंचित-दुर्बल लोगों का पक्ष लेते हुए साफ़ दिखाई देती हैं और खाए-पिए-अघाए लोगों के प्रति उनकी घृणा भी स्पष्ट दृष्टिगोचर होती है। मसलन, 'दलाल' कहानी में उन्होंने नायक को शुरू से अन्त तक वह आदमी कहकर ही सम्बोधित किया है, उसे कोई नाम तक नहीं दिया।</p>
<p>राजेन्द्र प्रसाद मिश्र द्वारा मूल ओड़िया से अनूदित इन कहानियों को पढ़ते हुए ऐसा नहीं लगता कि अनुवाद पढ़ रहे हैं।
ISBN: 9788126730179
Pages: 135
Avg Reading Time: 5 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
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उपन्यास 'आधी रात का मुक़दमा’ का अनुवाद मैंने अंग्रेज़ी से किया। कहानी कहने का अन्दाज़ जटिल था। कुछ शब्द मैंने जानबूझकर उस परिवेश के रहने दिए ताकि वहाँ की हल्की महक पाठ में बसी रहे।
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