
Naurangi Bimar Hai
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
114
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
228 mins
Book Description
सामान्य जीवन-स्थितियों में भी ऐसा बहुत कम होता है, जिसकी मूल्यवत्ता हमें दूर तक सोचने के लिए विवश करती है। लेकिन यह कार्य एक सक्षम और अनुभूतिशील रचनाकार ही कर सकता है और शेखर जोशी ने इन कहानियों के रूप में यही कार्य सम्पादित किया है।</p> <p>शेखर जोशी की ये कहानियाँ हमारे समक्ष जिस यथार्थ का उद्घाटन करती हैं, उसके पीछे समकालीन जन-जीवन की बहुविध विडम्बनाओं को महसूस किया जा सकता है। सपनों की वास्तविकता से अपरिचित बच्चों की ख़ुशी हो, या बिरादरी की दलदल में फँसे व्यक्ति की मनोदशा—लेखकीय दृष्टि उन्हें एक नए अर्थ-गाम्भीर्य से भर देती है। उसके पास आदर्शवादी निर्णय हैं तो उनके सामने खड़ा कठोर और भयावह यथार्थ भी है। अकारण नहीं कि दफ़्तरी पुर्जे नौरंगी की बीमारी वर्तमान व्यवस्था की ही बीमारी पर एक तीखा व्यंग्य बनकर उभरती है।</p> <p>कहना न होगा कि शेखर जोशी की ये कहानियाँ बिना किसी शोर-शराबे के हमारे सोच के विभिन्न स्तरों को स्पर्श और झंकृत करनेवाले रचनात्मक गुणों से परिपूर्ण हैं।</p> <p>