
Kahaniyan Rishton Ki : Manavta
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
184
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
368 mins
Book Description
भारतीय समाज में रिश्तों को जितनी मजबूती, आत्मीयता और उर्जा हासिल रही हैं, वह विरल है । एक तरह से कहा जा सकता है कि इस देश के यथार्थ को रिश्तों की समझ के बगैर जाना-समझा नहीं जा सकता है । माँ-पिता, भाई-बहन, दोस्त, दादी-नानी, बाबा-नाना, मामा, मौसा-मौसी, बुआ-फूफा, दादा, चाचा, दोस्ती अनगिनत समबन्ध हैं जो लोगों के अनुभव-संसार में जिवंत हैं और जिनसे लोगों का अनुभव-संसार बना है । इसलिए हमारे देश की विभिन्न भाषाओँ में लिखी गई कहानियों, उपन्यासों आदि में ये रिश्ते बार-बार समूची ऊष्मा, जटिलता और गहनता के साथ प्रकट हुए हैं । न केवल लेखकों, कवियों, कलाकारों बल्कि सामाजिक चिंतकों के लिए भी ये रिश्ते एक तरह से लिटमस पेपर हैं जिनसे वे अपने अध्ययन क्षेत्र के निष्कर्षों, स्थापनाओं, सिद्धांतो की जाँच कर सकते हैं । अतः रिश्तों पर रची गई कहानियों की यह श्रंखला हमारी दुनिया का अंकन होने के साथ-साथ हमारी दुनिया को पहचानने और उसकी व्याख्या करने की परियोजना के लिए सन्दर्भ कोष के रूप में भी ग्रहण की जा सकती है ।