Her Own Way and Other Stories
Author:
Abburi Chaya Devi, Indira BabbelapatiPublisher:
Sahitya AkademiLanguage:
EnglishCategory:
Short-story-collections1 Reviews
Price: ₹ 327.85
₹
395
Unavailable
"Her Own Way and Other Stories" is a short story collection by Abburi Chaya Devi and Indira Babbelapati, published by Sahitya Akademi. The book is written in English. The collection also includes stories written by Abburi Chaya Devi, Indira Babbelapati, and Sahitya Akademi.
ISBN: 9789355486233
Pages: 256
Avg Reading Time: 9 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Kachhari Ki Chakallas
- Author Name:
Durgesh Pandey
- Book Type:

- Description: दुर्गेश पांडेय, उत्तर प्रदेश के जनपद प्रतापगढ़ के निवासी हैं। इनके पिता का नाम श्री लक्ष्मी कांत पांडेय एवं माता का नाम स्वर्गीय श्रीमती ज्ञानती पांडेय है। सामान्य पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले दुर्गेश पांडेय के पितामह स्वर्गीय श्री श्याम सुंदर पांडेय (शास्त्री जी) संस्कृत के प्रकांड विद्वान रहे हैं। आपने लखनऊ विश्वविद्यालय से विधि स्नातक (LLB, Hons.) एवं दिल्ली विश्वविद्यालय से परास्नातक (LLM) की डिग्री प्राप्त की है। आपकी “गाँधी हार गये?” और “Crime Scene to Court Room ...Fundamentals of Forensic Science and Medical Jurisprudence” पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जो बेहद लोकप्रिय हैं।
When Stone Melts
- Author Name:
Vanamala Viswanath +1
- Rating:
- Book Type:

- Description: A collage of stories the growing rebellion in the young and educated Savithri; the spontaneous love of Girija that burns downs the evil forces of the village; the adamant but nourishing affection of Shamala that wins over the Dalit Thippanna, the self-denying fetters of Nirmala's morality; the bewildered recognition of male exploitative in Stella; Basavaraj's longing to outgrow his insatiable thirst for womanising; Parvathi's irresistible calling the coconut tree Basalinga's traumatic touch of the untouchable doctor Thippanna... With the combined strength of the sceptic and saint, eminent Kannada literary culture figure Lankesh uncovers the invisible realities of politics and culture in contemporary India in these mediations on life's failure and fulfillment.
Name Plate
- Author Name:
Kshama Sharma
- Book Type:

-
Description:
क्षमा शर्मा की 28 कहानियों का यह संग्रह स्त्री की दुनिया के जितने आयामों को खोलता है, उसके जितने सम्भवतम रूपों को दिखाता है, स्त्री के बारे में जितने मिथों और धारणाओं को तोड़ता है, ऐसा कम ही कहानीकारों के कहानी-संग्रहों में देखने को मिलता है।
क्षमा शर्मा हिन्दी लेखकों की आम आदत के विपरीत अपेक्षया छोटी कहानियाँ लिखती हैं जो अपने आप में सुखद हैं। उनकी लगभग हर कहानी स्त्री-पात्र के आसपास घूमती ज़रूर है मगर क्षमा शर्मा उस किस्म के स्त्रीवाद का शिकार नहीं हैं जिसमें स्त्री की समस्याओं के सारे हल सरलतापूर्वक पुरुष को गाली देकर ढूँढ़ लिए जाते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि वह पुरुषों या पुरुष वर्चस्ववाद को बख़्शती हैं, उसकी मलामत वे ज़रूर करती हैं और ख़ूब करती हैं, मगर उनकी तमाम कहानियों से यह स्पष्ट है कि उनके एजेंडे में स्त्री की तकलीफ़ें, उसके संघर्ष और हिम्मत से स्थितियों का मुक़ाबला करने की उसकी ताक़त को उभारना ज़्यादा महत्त्वपूर्ण है।
वह इस मिथ को तोड़ती हैं कि सौतेली माँ, असली माँ से हर हालत में कम होती है या एक विधुर बूढ़े के साथ एक युवा स्त्री के सम्बन्धों में वह प्यार और चिन्ता नहीं हो सकती, जो कि समान वय के पुरुष के साथ होती है। वह देह पर स्त्री के अधिकार की वकालत करती हैं और किसी विशेष परिस्थिति में उसे बेचकर कमाने के विरुद्ध कोई नैतिकतावादी रवैया नहीं अपनातीं। उनकी कहानियों में लड़कियाँ हैं तो बूढ़ी औरतें भी हैं, दमन की शिकार वे औरतें हैं जो एक दिन चुपचाप मर जाती हैं तो वे भी हैं जो कि लगातार संघर्ष करती हैं लेकिन स्त्री की दुनिया के अनेक रूपों को हमारे सामने रखनेवाली ये कहानियाँ किसी और दुनिया की कहानियाँ नहीं लगतीं, हमारी अपनी इसी दुनिया की लगती हैं बल्कि लगती ही नहीं, हैं
भी।इनके पात्र हमारे आसपास, हमारे अपने घरों में मिलते हैं। बस हमारी कठिनाई यह है कि हम उन्हें इस तरह देखना नहीं चाहते, देख नहीं पाते, जिस प्रकार क्षमा शर्मा हमें दिखाती हैं और एक बार जब हम उन्हें इस तरह देखना सीख जाते हैं तो फिर वे एक अलग व्यक्ति, एक अलग शख़्सियत नज़र आती हैं और हम स्त्री के बारे में सामान्य क़िस्म की उन सरल अवधारणाओं से जूझने लगते हैं जिन्हें हमने बचपन से अब तक प्रयत्नपूर्वक पाला है, संस्कारित किया है। क्षमा शर्मा की कहानियों की यह सबसे बड़ी ताक़त है, उनकी भाषा और शैली की पुख़्तगी के अलावा।
Fasadat Ke Afsane
- Author Name:
Zubair Razvi
- Book Type:

-
Description:
1947 से अब तक हमारी राजनीति फ़सादात करानेवाले को पहचानने में, उसे नंगा करने में आगे नहीं आई। कारण ये कि फ़सादात कराना सारे देश की राजनीति के दाँव-पेच का अंग बन चुका है। राजनीति से जुड़े सारे दल एक दूसरे को इल्ज़ाम देते रहते हैं लेकिन फ़सादात की जाँच करनेवाले कमीशन कुछ और कहते हैं। इन सबसे अलग फ़सादात का जो चेहरा अपने असली रूप में हमारे सामने आता है वो केवल साहित्यकार, रचनाकार के ज़रिए ही आता है। लेखक और रचनाकार ही ने फ़सादात के बारे में सच-सच लिखा है। उसी ने फ़सादात के मुजरिम को पहचाना है। दु:ख झेलनेवाले के दु:ख को समझा है।
इस संग्रह में कुछ अफ़साने तो वो हैं जो बँटवारे के फ़ौरन बाद होनेवाले साम्प्रदायिक दंगों पर लिखे गए और कुछ वो हैं जो बाबरी मस्जिद के गिराए जाने से पहले और उसके बाद होनेवाले फ़सादात पर लिखे गए। इनमें कई अफ़साना-निग़ार ऐसे भी हैं जो ख़ुद इस तूफ़ान से गुज़रे थे। फ़सादात के कारण बदलते रहे और साथ ही उनके बारे में लेखक का रवैया भी बदलता रहा, फ़सादात का अधिकतर शिकार बननेवाला समुदाय लेखक की सारी सहानुभूति समेटने लगा। वे राजनैतिक दल भी पहचान लिए गए जो फ़सादात की आग लगाते रहते हैं। पहले के अफ़सानों में हिन्दू मुसलमान की और मुसलमान हिन्दू की जानो-माल की हिफ़ाज़त करते हैं लेकिन बाद के फ़सादात में लेखक ने ये महसूस किया कि फ़सादात जब भी भड़कते हैं तो हिन्दू-मुसलमान के मेल-जोल में एक फ़ासला-सा आ जाता है। इस ट्रेजिडी की गूँज ‘नींव की ईंट’, ‘सिंघारदान’, ‘ज़िन्दा दरगोर’ जैसे अफ़सानों में सुनाई देती है।
फ़सादात ने हमारे जीवन और सायकी में एक मुस्तक़िल दहशत और लूटे जाने का ख़ौफ़ और भय पैदा कर दिया है। इस भय, डर और ख़ौफ़ की सायकी को ‘बग़ैर आसमान की ज़मीन’, ‘आदमी’ और ‘खौफ़’ जैसे अफ़सानों में महसूस किया जा सकता है।
Raat Ki Bahon Mein
- Author Name:
Mohan Rakesh
- Book Type:

-
Description:
एक ख़ास योजना के तहत हिन्दी के दस प्रमुख कथाकारों द्वारा लिखी गईं ये कहानियाँ भारतीय समाज में शहरीकरण से पैदा होनेवाले बदलावों को रेखांकित करती हैं।
दस अलग-अलग शहरों पर केन्द्रित इन कहानियों में नागरिक जीवन का एक बड़ा यथार्थ तो उभरकर आया ही है, नगरों की उन कठिनाइयों पर भी प्रकाश डाला गया है जो ख़ासकर रात में ही पैदा होती हैं। बीसवीं सदी के उत्तरार्द्ध में भारतीय समाज कौन-सा नया रूप ग्रहण कर रहा है, उसकी सांस्कृतिक चेतना किस ओर अग्रसर हो रही है, व्यक्ति का संघर्ष क्यों सामाजिक संघर्ष का रूप नहीं ले रहा है आदि जैसे हमारे समय के कुछ अहम सवालों की ओर ही इशारा नहीं करती हैं ये कहानियाँ बल्कि, अपनी तरह से इनके जवाब भी तलाशती हैं।
Pui
- Author Name:
Rahul Srivastava
- Book Type:

-
Description:
राहुल की विशिष्ट बात ये है कि वे निहायत ही निजी अनुभव और दृष्टिकोण से कहानियाँ लिखते हैं पर उनकी कहानियाँ उस व्यापकता तक जाती हैं जहाँ पाठक न सिर्फ़ अपने जीवन का अंश देख पाते हैं बल्कि अपने व्यक्तिगत जीवन की सचाई से भी रू-ब-रू हो जाते हैं। पहले मैंने राहुल को सिर्फ़ एक फ़िल्म सम्पादक और निर्देशक की तरह जाना था जिसमें ‘इकोनॉमी ऑफ़ एक्सप्रेशन’ की कमाल की समझ है। पर अब मैं राहुल की उस हिम्मत से बहुत प्रभावित हूँ, जिससे उसने अपने अन्तर्मन को सचाई से टटोला और अपने दर्द, अपने ग़ुस्से, अपनी यादों और अपने अपराधबोध तक को शब्दों में ढालकर दुनिया के सामने रख दिया। मैंने लगभग सभी कहानियों में उस छोटे से पत्थर को महसूस किया जो चोट नहीं देना चाहता पर ठहरे हुए पानी में हलचल पैदा कर देता है।
‘चूहे’ की हिंसा सिर्फ़ एक घर की नहीं बल्कि समाज में फैली व्यापक हिंसा की तरफ खुलकर इशारा करती है। ‘पुई’ और ‘टर्मिनल-1' पढ़कर मैं उस दर्द को महसूस कर रहा था जिसे राहुल ने शब्द और जीवन दिया है। राहुल की भाषा अत्यन्त साधारण होते हुए भी उस ईमानदारी से भरी है जिसे पढ़कर मैं थोड़ा विचलित हो गया। ऐसा शायद इसलिए हुआ कि मैं ख़ुद को आईने में देख रहा था और सचाई को देखकर मुझे एक भय-सा महसूस हुआ। इस तरह की भाषा की बानगी देखकर मैं यही सोच रहा हूँ कि राहुल की आने वाली कहानियाँ कैसी होंगी। मुझे विश्वास है कि हम भविष्य के एक ऐसे लेखक को पढ़ रहे हैं जिसकी लेखनी से बहुत कुछ महत्त्वपूर्ण लिखा जाने वाला है।
—सईद अख़्तर मिर्ज़ा
Himanchali Lok Kathayen
- Author Name:
Sudarshan Vashishtha
- Rating:
- Book Type:

- Description: Himanchali Lok Kathayen
Pachchis Baras Pachchis Kahaniyan
- Author Name:
Rajendra Yadav
- Book Type:

-
Description:
पच्चीस साल। एक सदी का चौथाई हिस्सा। हर साल में बारह अंक। हर अंक में औसतन छह या सात कहानियाँ।
मानकर चलें कि ‘हंस’ में छपने के लिए चुने जाने का मतलब ही किसी भी कहानी के लिए संकलन योग्य होना है और क़ायदे से बारह-पन्द्रह कहानियों का एक सालाना संकलन हर बरस छापा जा सकता है।
कुल मिलाकर तकरीबन 2100 कहानियों में से बार-बार के सोच-विचार के बाद 136 कहानियाँ सूचीबद्ध की गईं।
‘हंस’ के भीतर से साथियों के सुझाव भी तरह-तरह के थे। पाठकों की वोटिंग से, सुधी पाठकों या लेखकों के सुझाव से, लेखकों के अपने अनुरोध की रक्षा से, एक चयन-समिति की नियुक्ति और सम्मिलित चयन से, वग़ैरह। लेकिन ये सभी चुनाव एक निश्चित परियोजना के बजाय यादृच्छिक क़िस्म का घालमेल ही बनकर रह जा सकते थे।
यहाँ अनुसूचित लगभग हर कहानी अपने आप में एक प्रतिमान कही जा सकती है।
—भूमिका से
Janane ki Batein (Vol. 8)
- Author Name:
Deviprasad Chattopadhyay
- Book Type:

- Description: Janane ki Batein Vol. 8 about Fiction: Stories
Khachchar Aur Admi
- Author Name:
Yashpal
- Book Type:

-
Description:
यशपाल के लेखकीय सरोकारों का उत्स सामाजिक परिवर्तन की उनकी आकांक्षा, वैचारिक प्रतिबद्धता और परिष्कृत न्याय-बुद्धि है। यह आधारभूत प्रस्थान बिन्दु उनके उपन्यासों में जितनी स्पष्टता के साथ व्यक्त हुए हैं, उनकी कहानियों में वह ज़्यादा तरल रूप में ज़्यादा गहराई के साथ कथानक की शिल्प और शैली में न्यस्त होकर आते हैं। उनकी कहानियों का रचनाकाल चालीस वर्षों में फैला हुआ है। प्रेमचन्द के जीवनकाल में ही वे कथा-यात्रा आरम्भ कर चुके थे, यह अलग बात है कि उनकी कहानियों का प्रकाशन: किंचित् विलम्ब से आरम्भ हुआ। कहानीकार के रूप में उनकी विशिष्टता यह है कि उन्होंने प्रेमचन्द के प्रभाव से मुक्त और अछूते रहते हुए अपनी कहानी-कला का विकास किया। उनकी कहानियों में संस्कारगत जड़ता और नए विचारों का द्वन्द्व जितनी प्रखरता के साथ उभरकर आता है उसने भविष्य के कथाकारों के लिए एक नई लीक बनाई, जो आज तक चली आ रही है। वैचारिक निष्ठा, निषेधों और वर्जनाओं से मुक्त न्याय तथा तर्क की कसौटियों पर ख़रा जीवन—ये कुछ मूल्य हैं जिनके लिए हिन्दी कहानी यशपाल की ऋणी है।
‘खच्चर और आदमी’ कहानी-संग्रह में उनकी ये कहानियाँ शामिल हैं : ‘वैष्णवी’, ‘मक्खी या मकड़ी’, ‘उपदेश’, ‘कलाकार की आत्महत्या आदमी या पैसा?’ ‘जीव दया’, ‘चोरी और चोरी’, ‘अश्लील!’, ‘सत्य का द्वन्द्व तथा खच्चर और आदमी’।
Bhatakti Raakh
- Author Name:
Bhisham Sahni
- Book Type:

-
Description:
हिन्दी कथा-साहित्य में भीष्म साहनी का नाम प्रतिमान के रूप में स्थापित हो चुका है। प्रतिमान बन जाने तक की उनकी कथा-यात्रा अनेक पड़ावों व संघर्षों से होकर गुज़री है। उनके कथा-साहित्य में रुचि रखनेवाले पाठक अच्छी तरह परिचित हैं कि उनके पास एक विशिष्ट जीवन-दृष्टि है। अपनी इसी जीवन-दृष्टि के माध्यम से वे सामाजिक यथार्थ के जटिल स्तरों को बहुत ही कलात्मक ढंग से खोलते हैं। उनकी कला गहरे अर्थों में मानवीय सम्बन्धों की त्रासदी और उनके भविष्य से अभिन्न रूप से जुड़ी है।
‘भटकती राख’ भीष्म जी का बहुचर्चित कहानी-संग्रह है। इस संग्रह की कहानियों में उन्होंने वर्तमान जगत की समस्याओं को अतीत के परिप्रेक्ष्य में रखकर देखने की कोशिश की है, इसीलिए ये कहानियाँ काल के किसी द्वीप पर ठहरती नहीं, वरन् निरन्तर प्रवाहित इतिहास-धारा का जीवन्त हिस्सा बन जाती हैं। मनुष्य के इतिहास में उनकी यह रुचि किसी आनन्द-लोक की सृष्टि नहीं करती, बल्कि अभावों व शोषण के अन्धकार में भटकते लोगों से हमारा आत्मीय साक्षात्कार कराती है। ‘यादें’ और ‘गीता सहस्सर नाम’ में बूढ़ी महिलाओं की दयनीय हालत को बहुत ही मार्मिकता के साथ अंकित किया है, तो ‘अपने-अपने बच्चे’ में सामाजिक विषमता से उत्पन्न मानवीय संकट का यथार्थपरक अंकन हुआ है। ‘भटकती राख’ की बुढ़िया मानवीय संघर्षों की जीती-जागती दास्तान है, जिसकी स्मृतियों के गर्भ में हमारा भविष्य रूपायित हो उठा है। लगातार अमानवीय होती जा रही सामाजिक परिस्थितियों के ख़िलाफ़ केवल क्षोभ और ग़ुस्सा प्रकट करने तक सीमित न रहकर ये कहानियाँ नये समाज का स्वप्न भी सँजोती हैं।
Ek Thi Maina Ek Tha Kumhar
- Author Name:
Hari Bhatnagar
- Book Type:

- Description: This book has no description
Dharmayudh
- Author Name:
Yashpal
- Book Type:

-
Description:
यशपाल के लेखकीय सरोकारों का उत्स सामाजिक परिवर्तन की उनकी आकांक्षा, वैचारिक प्रतिबद्धता और परिष्कृत न्याय-बुद्धि है। यह आधारभूत प्रस्थान बिन्दु उनके उपन्यासों में जितनी स्पष्टता के साथ व्यक्त हुए हैं, उनकी कहानियों में वह ज़्यादा तरल रूप में, ज़्यादा गहराई के साथ कथानक की शिल्प और शैली में न्यस्त होकर आते हैं। उनकी कहानियों का रचनाकाल चालीस वर्षों में फैला हुआ है। प्रेमचन्द के जीवनकाल में ही वे कथा-यात्रा आरम्भ कर चुके थे, यह अलग बात है कि उनकी कहानियों का प्रकाशन किंचित् विलम्ब से आरम्भ हुआ। कहानीकार के रूप में उनकी विशिष्टता यह है कि उन्होंने प्रेमचन्द के प्रभाव से मुक्त और अछूते रहते हुए अपनी कहानी-कला का विकास किया। उनकी कहानियों में संस्कारगत जड़ता और नए विचारों का द्वन्द्व जितनी प्रखरता के साथ उभरकर आता है, उसने भविष्य के कथाकारों के लिए एक नई लीक बनाई, जो आज तक चली आ रही है। वैचारिक निष्ठा, निषेधों और वर्जनाओं से मुक्त न्याय तथा तर्क की कसौटियों पर खरा जीवन—ये कुछ ऐसे मूल्य हैं जिनके लिए हिन्दी कहानी यशपाल की ऋणी है।
‘धर्मयुद्ध’ कहानी-संग्रह में उनकी ये कहानियाँ शामिल हैं : ‘धर्मयुद्ध’, ‘मनु की लगाम’, ‘विश्वास की बात’, ‘जनगणमन अधिनायक जय हे...’, ‘खतडुआ’, ‘मतिराम की बहादुरी’, ‘420’, ‘आत्मिक प्रेम’, ‘मंगला और डॉक्टर’।
Deh Dard Aur Dil
- Author Name:
Vibha Rani
- Book Type:

- Description: This book has no description
Sampurna Kahaniyan : Shivani : Vols. 1-2
- Author Name:
Shivani
- Book Type:

-
Description:
हिन्दी रचना-परम्परा में ऐसे कम ही लेखक हुए हैं जो साहित्यिक तथा रचनात्मक मूल्यों की स्थापना तथा रक्षा करते हुए जनसाधारण की दैनंदिन रुचि का हिस्सा बनने में भी सफल हुए। विभिन्न कारणों से गम्भीर और लोकप्रिय की जो धाराएँ हिन्दी समाज में समानान्तर बहती रही हैं, कम ही लेखक उनके ऊपर पुल बाँध पाए; और जो ऐसा कर सके उनमें अग्रणी नाम है—गौरा—पन्त ‘शिवानी’।
साहित्य-जगत में केवल शिवानी के नाम से ख्यात इस लेखिका ने अपनी कहानियों को एक ऐसे दरवाज़े की तरह खड़ा किया जिसमें प्रवेश का आकर्षण साधारण मध्यवर्गीय पाठकों को अन्ततः साहित्य के दुर्गम प्रदेशों तक ले गया। उन्होंने अपनी लेखनी के बल पर पाठकों को साहित्य की सत्ता के प्रति उन्मुख और उत्सुक किया।
भारतीयता यानी भारत के सांस्कृतिक-सामाजिक बिम्बों के वाहक मध्यवर्गीय हिन्दी समाज के भीतरी प्रश्नों, अकुलाहटों, आकांक्षाओं और आशा-निराशाओं को शिवानी ने अपनी कहानियों के कलेवर में इस तरह साधा कि तत्कालीन समाज उसमें अपना पूरा-पूरा अक्स देख पाया।
शिवानी की कथा-प्रतिभा को इसलिए भी एक संस्था की तरह देखा जा सकता है कि उन्होंने साहित्य में मन-रंजन के तत्त्व को एक ऊर्ध्वमुखी तथा नवोन्मेषकारी व्यस्तता के सूप में स्थापित किया, और अपने रचनात्मक उद्यम से इस अन्धविश्वास को आधारहीन कर दिया कि मनोरंजक साहित्य समाज का नैतिक और वैचारिक उत्थान नहीं कर सकता।
इस पुस्तक के दो खंडों में संकलित शिवानी का सम्पूर्ण कथा-संसार पाठकों को पात्रों, स्थितियों, स्वप्नों, संघर्षों, विडम्बनाओं और प्रसन्नताओं की ऐसी विराट और लगभग अनन्त दुनिया से परिचित कराएगा जिसमें हमारी आज की ज़िन्दगी के विस्तार भी दिखाई देते हैं।
इस खंड में 37 कहानियाँ संकलित हैं जिनमें उनकी ‘लाल हवेली', ‘विप्रलब्धा’ और ‘अपराधी कौन’ जैसी चर्चित रचनाएँ शामिल हैं।
Narak Le Janewali Lift
- Author Name:
Rajendra Yadav
- Book Type:

-
Description:
मेरे लिए अनुवाद दो भाषाओं की क्षमता, सम्भावना और शब्द-शक्तियों को खँगालने और सही अर्थ या मन्तव्य पकड़ सकने की चुनौती के रूप में आता है। यहाँ दोनों भाषाओं की अपनी बनावट ही नहीं, भौगोलिक स्थितियों और संस्कृतियों के साथ अलग समयों की यात्रा भी करनी पड़ती है। सौ-दो सौ या हज़ार साल पहले के समाज-समय को आज के मिज़ाज में ढालना सिर्फ़ शब्दार्थ देना ही नहीं है। इस प्रयास में प्रायः नाश अपनी भाषा का ही होता है। हमारे दिमाग़ पर मूल पाठ इतना हावी होता है कि अपनी भाषा-प्रकृति की तरफ़ ध्यान ही नहीं दे पाते।
अनुवाद में मैं पहली जवाबदेही अपनी भाषा के प्रति मानता हूँ। वह मूल के प्रति ईमानदार होने के साथ अधिक से अधिक सहज, सम्प्रेषणीय और प्रवाहपूर्ण होनी चाहिए। इसके लिए ज़रूरी है कि या तो आप स्वयं मूलपाठ से मुक्त होकर अनुवाद का संशोधन करें या दूसरे ऐसे व्यक्ति से मदद लें जो मूल से आक्रान्त न हो।
इन कहानियों के चुनाव के पीछे न कोई योजना है, न सिद्धान्त। जब जो कहानी पसन्द आ गई या जितनी फ़ुर्सत या मनःस्थिति सामने हुई, उसी हिसाब से कहानी चुन ली गई। चूँकि इन सारी कहानियों के अनुवाद की अवधि मोटे रूप से दस-पन्द्रह साल (1952-65) रही है, इसलिए शायद भाषा भी एक-सी नहीं है। फिर भी सम्भवतः पठनीय है।
—भूमिका से
Tooti Pencil
- Author Name:
Hansa Deep
- Book Type:

- Description: टूटी पेंसिल - कहानी संग्रह इस कहानी संग्रह की लेखिका हंसा दीप हैं।
Murdalok
- Author Name:
Kumar Mithilesh Prasad Singh
- Book Type:

-
Description:
परम्पराएँ, किंवदन्तियाँ और भ्रामक प्रचलित विचारों से मुक्ति दिलाकर समाज को जागरूक, चेतनासम्पन्न और प्रगतिशील धारा से जोड़नेवाला कहानी-संकलन। इस संकलन की हर कहानी की विषयवस्तु का अपना एक धरातल है और हर कहानी अनुभव का एक नया संसार खोलती है। संकलन की कहानियाँ नई दृष्टि, नई सोच को ही प्रतिष्ठापित नहीं करती हैं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी देती हैं। कहानियों के पात्र आम जीवन से उठाए गए हैं जो साधारण जीवन जीते हैं और बहुत से मानदंडों और निषेधों से मुक्त भी
हैं।लेखक ने इनके साथ सदियों से हो रहे जुल्म और अन्याय को भी रेखांकित किया है जो वे सदियों से झेल रहे हैं और उनके लिए एक समतामूलक समाज की आकांक्षा व्यक्त करते हैं। लेखक ने कहानियों को लोकभाषा से अलंकृत कर पात्रों को जीवन्त ही नहीं किया, बल्कि उनकी मर्मभेदी पीड़ा को संवेदनशील अभिव्यक्ति भी दी है। ये कहानियाँ सही और सच्चे अर्थों में साहित्य की उस सार्थक भूमिका का भी निर्वाह करती हैं जिसके तहत साहित्य को समाज का पथप्रदर्शक माना जाता है। समाज के यथार्थ से साक्षात्कार कराते हुए, वर्तमान समाज को बदलने का आह्वान करते हुए सघन संवेदना के धरातल पर सृजित की गई ये कहानियाँ कुरीतियों को पोषित करनेवाले रूढ़िवादी समाज के लिए एक संकेत भी हैं कि अब परिवर्तन आवश्यक नहीं अनिवार्य हो चला है। पाठकगण इन कहानियों के माध्यम से एक नया अर्थ-सन्दर्भ प्राप्त करेंगे।
Case Files of The Dead
- Author Name:
Various Authors
- Rating:
- Book Type:

- Description: Welcome to a mysterious land where ghosts. Ghouls and spirits rule. Welcome to a place where haunted houses and evil souls will make a shiver run down your spine. A spooky tale in the scenic hills of Mussoorie awaits you while uncanny happenings in a literary competition are sure to intrigue you. The case of a mysterious white Maruti baffles everyone, even as the unsuspecting jogger experiences something he had never bargained for. A group of friends will encounter the worst terror of their lives while nightmares of his death rack the young man! Author's In and The Book Bakers present an eclectic mix of true stories, legends, and fables that have often been a part of India's folklore—armed with some of the best authors in India's paranormal literature history. CASE FILES OF THE DEAD; India's first pure horror public anthology will turn every host into (G)Host!!!
Setu Tatha Anya Kahaniyan
- Author Name:
Jyoti Jain
- Book Type:

- Description: Description Awaited
Customer Reviews
3 out of 5
Book
Be the first to write a review...