Bodh Kathayen
Author:
Yogacharya Chandrabhanu GuptPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Short-story-collections0 Reviews
Price: ₹ 556
₹
695
Available
विश्व के महापुरुषों का व्यक्तित्व और कृतित्व सर्वथा हमारे जीवन को प्रभावित कर हमें सभ्य, सुसंस्कृत, सद्भावनाओं से भरा मानवीय जीवन जीने के लिए प्रेरित करता रहा है। लेखक ने पवित्र भारत भूमि में जन्म लेनेवाली महान विभूतियों के ही नहीं, वरन् विश्व भर के महान लोगों के जीवन से जुड़े प्रेरित प्रसंगों को चुन-चुनकर हमारे समक्ष रखा है।</p>
<p>लेखक ने मानवीय जीवन को और उत्कृष्ट बनाने के लिए पुस्तक को तीन भागों में विभाजित किया है।</p>
<p>पहला भाग : ‘महापुरुषों के जीवन से प्रेरक प्रसंग’ में स्वामी रामतीर्थ, विवेकानन्द, गांधी, शिवाजी, रवीन्द्रनाथ टैगोर, हाड़ारानी आदि के जीवन से जुड़ी प्रेरक घटनाओं को अभिव्यक्त किया गया है।</p>
<p>दूसरा भाग : ‘अलौकिक कथाओं व आख्यानों से प्रेरक प्रसंग’ पाठकों को अभिभूत ही नहीं करते हैं बल्कि वैचारिक दृढ़ता भी प्रदान करते हैं।</p>
<p>तीसरा भाग : ‘असाधारण क्षमता : विविध प्रसंग’ में जगदीश चन्द्र बसु, शेरी जॉनसन, नेपोलियन, फ़क़ीर बुल्लेशाह से लेकर अन्यान्य महान लोगों की असाधारण क्षमताओं वाली घटनाओं से हमारे जीवन को आशावान बनाने का सफल प्रयास किया गया है।
ISBN: 9788183614542
Pages: 320
Avg Reading Time: 11 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Nazar Battoo
- Author Name:
Jyoti Jain
- Book Type:

- Description: Book
Gulamon Ka Ganatantra
- Author Name:
Rajendra Chandrakant Rai
- Book Type:

- Description: Collection of Stories
Wah Awaj
- Author Name:
Asha Prabhat
- Book Type:

-
Description:
समय के बदलते मिजाज और जीवन तथा मन की शाश्वत जरूरतों को रेखांकित करती ‘वह आवाज’ कहानी-संग्रह की कहानियाँ अपनी दृष्टि के फैलाव के चलते भी हमें आकर्षित करती हैं और कहन के अपने तरीके से भी।
गाँव-जवार की पुरखिन धरती से उखड़े, किसान से मजदूर बनकर शहरों के किनारे शरणार्थी जीवन जीते लोग हों, या जीवन के पल-पल बदलते रूपों के साथ सामंजस्य बिठाने को जूझता मध्यवर्ग हो, आशा प्रभात हर बार अपनी भाषा को ऐसा प्रवाह देती हैं कि पाठक हर कहानी के साथ दूर तक बहता चला जाता है।
‘वह आवाज’ उनका नया कहानी-संग्रह है। इसमें संकलित ग्यारह कहानियों में उन्होंने ग्रामीण एवं शहरी समाज के समकालीन संसार से कुछ ऐसे विषय पकड़े हैं जिन पर दृष्टिपात किया जाना अत्यन्त जरूरी है। प्राकृतिक आपदाओं के सम्मुख असहाय और सरकारी मशीनरी के सामने निरुपाय साधारण जनगण की विवशताएँ भी इसमें हैं, और पीढ़ियों के बीच खुलते भावनात्मक गवाक्षों से फूटती उम्मीदें भी। संकलन की शीर्षक कथा ‘वह आवाज’ एक ऐसी दुनिया की तरफ इशारा करती है जिसका होना आधुनिक मनुष्य के मन को अकसर चौंका जाता है।
Mitti Ki Sugandh
- Author Name:
Gajanan Madhav Muktibodh
- Book Type:

- Description: इस संकलन की लगभग सभी कहानियाँ प्रवासी भारतीयों के जीवन-संघर्ष, अनुभव और ऊहापोह की कहानियाँ हैं; लेकिन भारत की मिट्टी की सुगंध हर कहानी में रची-बसी है, चाहे वह लत हो, तमाशा खत्म हो या काल सुंदरी। घर का ठूँठ की चन्नी विभाजन, टूटन और बिखराव की पीड़ा के चलते तमाम सुख-सुविधाओं के बावजूद ठूँठ होकर रह जाती है। पराया देश का नायक रंग और नस्ल भेद के दमघोंटू वातावरण में जी रहा है। अभिशप्त का नायक प्रवासी जीवन से तालमेल न बिठा पाने के संकट से ग्रस्त है तो सुबह की स्याही लंदन की स्याह और संकीर्ण मानसिकता का परिचय कराती है। पुराना घर, नए वासी में पश्चिमी संस्कृति में अपनी पहचान के गुम हो जाने का दर्द है तो सर्द रात का सन्नाटा में अपनों से छले जाने की पीड़ा। आदमखोर उपभोक्ता संस्कृति की स्वार्थांधता की परतें खोलती है तो फिर कभी सही... भौतिक मूल्यों और मानव-मन की भटकन का विश्लेषण करती है। इस बार कहानी..., बुधवार की छुट्टी, बेघर, एक मुलाकात और चाँदनी भी प्रवासी मन की पीड़ाओं का सघन ब्यौरा देने वाली कहानियाँ हैं। अपने देश से बाहर रहते हुए अपने देश की मिट्टी से जुड़ने की ललक से भरे रचनाकारों की ये कहानियाँ निश्चय ही हिंदी के कथा-जगत् में अपना विशिष्ट स्थान रखती हैं।
Ulata Latka Raja
- Author Name:
Smt. Sudha Murty
- Book Type:

- Description: क्या आप जानते हैं कि एक समय था, जब भालू बोलते थे, चाँद हँसता था और शिशु मछली के पेट में पाए जाते थे? क्या आपने कभी हजार भुजाओं वाले व्यक्ति को देखा है? इस संग्रह की कहानियाँ भगवान् विष्णु के दो सबसे प्रसिद्ध अवतारों—राम और कृष्ण—तथा उनके वंश के इर्द-गिर्द घूमती हैं। दोनों के ही विषय में अनगिनत कहानियाँ हैं, लेकिन वर्तमान पीढ़ी के दिल और दिमाग से उनमें से अधिकांश लुप्त होती जा रही हैं। लोकप्रिय लेखिका सुधा मूर्ति आपको एक मंत्रमुग्ध कर देनेवाली यात्रा पर ले जा रही हैं, और इस दौरान आपको उन दिनों के विषय में बताती हैं, जब राक्षस और देवता मनुष्यों के साथ रहते थे, जानवर बोला करते थे और देवी-देवता सामान्य लोगों को अद्भुत वरदान दिया करते थे। भारतीय पौराणिक कथाओं की रोचक प्रस्तुति।
Dola Bibi Ka Mazaar
- Author Name:
Jabir Husain
- Book Type:

- Description: मैंने कब कहा कि मैं कहानियाँ लिखता हूँ। मैं तो बस अपने आसपास जो कुछ देखता हूँ, महसूस करता हूँ, वही लिखता हूँ। मेरे किरदार मेरी उन अनगिनत लड़ाइयों की खोज और उपज हैं, जो दशकों बिहार के गाँवों में लड़ी गई हैं, बल्कि आज भी लड़ी जा रही हैं। मैंने ये भी कब कहा कि मेरे पास गाँवों के दु:खों का इलाज हैं। मैं तो बस अपने किरदारों के यातनापूर्ण सफ़रनामे का एक अदना साक्ष्य हूँ। एक साक्ष्य, जो कभी अपने किरदारों की रूह में उतर जाता है, और कभी किरदार ही जिसके वजूद का हिस्सा बन जाते हैं। मैं तटस्थ नहीं हूँ। मैं तटस्थ कभी नहीं रहा। आगे भी मेरे तटस्थ होने की कोई गुंजाइश नहीं है। मैं ख़ुद अपनी लड़ाइयों का एक अहम हिस्सा रहा हूँ, आज भी हूँ। मेरी नज़र में, तटस्थता किसी भी संवेदनशील आदमी या समाज के लिए आत्मघाती होती है। मैंने झंडे उठाए हैं, परचम लहराए हैं, नारे बुलन्द किए हैं। जो ताक़तें सदियों राज और समाज को अपनी मर्ज़ी से चलाती रही हैं, उनकी बख़्शी हुई यातनाएँ झेली हैं। लेकिन अपनी डायरी के पन्ने स्याह करते वक़्त मैंने, कभी भी, इन यातनाओं को बैसाखी की तरह इस्तेमाल नहीं किया है। न ही मैंने इन्हें अपने डायरी-शिल्प का माध्यम ही बनने दिया है। अतः मैं आप से कैसे कहूँ कि इस पुस्तक में शामिल तहरीरों को आप कहानी के रूप में स्वीकारें।
Pratinidhi Kahaniyan : Krishna Baldev Vaid
- Author Name:
Krishna Baldev Vaid
- Book Type:

- Description: कृष्ण बलदेव वैद समकालीन हिन्दी कथा-साहित्य में अलग से पहचाने जानेवाले कथा-शिल्पी हैं। उन्हें किसी भी साधारण खाने में रखना कठिन है। इस संग्रह में उनकी चुनिन्दा कहानियाँ शामिल हैं, जिनमें से प्रायः प्रत्येक एक गम्भीर पाठकीय अभिरुचि की माँग करती है, क्योंकि उनके कथा-अभिप्रायों में सीधे-सादे सामाजिक या आर्थिक सन्दर्भ-भर ही नहीं हैं—कई और ऐसे अर्थ भी हैं, जो इकहरी यथार्थवादी रचनाओं में नहीं होते। लिखने की प्रेरणा उन्हें ‘अतीत के उस काले शोर को बार-बार भोगने और बराबर उससे भागते रहने की परस्पर विरोधी विवशताओं’ से मिलती है। इस बारे में उनका यह आत्मस्वीकार भी महत्त्वपूर्ण है कि ‘जैसे वह शोर मेरा अपना है, वह सन्दर्भ (रचना-सन्दर्भ) भी मेरा अपना ही होना चाहिए, अपना ही हो सकता है।’ यथार्थ और अयथार्थ का सारा झमेला अप्रासंगिक है लेकिन इसका आशय यह नहीं कि इन कहानियों में यथार्थ का अभाव है, क्योंकि ‘कलाकार के लिए अयथार्थ कुछ भी नहीं’ होता। निस्सन्देह, कृष्ण बलदेव वैद की ये कहानियाँ उनकी विशिष्ट रचना-दृष्टि, प्रयोगधर्मिता और कसी हुई भाषा-शैली का प्रतिनिधित्व करती हैं।
Nirale Musafir
- Author Name:
Gabriel Garcia Marquez
- Book Type:

-
Description:
जैसे ही वे अपनी देहरी लाँघकर एक अजनबी दुनिया में कदम रखते हैं, घर की दूरस्थ, व्याकुल यादें, विदेशी धरती पर बेचेहरा हो जाने का अहसास और असुरक्षा-बोध के भयावह दौरे उन्हें आ घेरते हैं।
मार्केस के हास्यबोध, भावनात्मक ऊष्मा और विशिष्ट रंगों के साथ ये अनोखे मुसाफिर जान पाते हैं कि किसी लैटिन अमेरिकी का यूरोप में भटक जाना या किसी का भी अपने घर से दूर जीवन बिताना क्या होता है; और इन मुसाफिरों में शामिल हैं एक वृद्धा जो अपने कुत्ते को इस बात की ट्रेनिंग दे रही है कि उसके मरने के बाद वह उसकी कब्र पर रोया करे, एक पति जो अपनी घायल पत्नी के जीवन को लेकर बेहद परेशान और भयभीत है, और एक बूढ़ा जो अपने मन को पेरिस से एक लम्बी उड़ान पर भटकने को छोड़ देता है....
Common Yet Uncommon
- Author Name:
Smt. Sudha Murty
- Rating:
- Book Type:

- Description: Meet these people: Bundle Bindu, so named because he likes his truth with a little embellishment, Jayant the shopkeeper who doesn’t make any profit, and Lunchbox Nalini, Sudha Murty herself, who brings her empty lunchbox-to be filled with food-wherever she goes! Written in Sudha Murty’s inimitable style, Common Yet Uncommon is a heartwarming picture of everyday life and the foibles and quirks of ordinary people. In the fourteen tales that make up the collection, Sudha Murty delves into memories of childhood, life in her hometown and the people she’s crossed paths with. These and the other characters who populate the pages of this book do not possess wealth or fame. They are unpolished and outspoken, transparent and magnanimous. Their stories are tales of unvarnished humans, with faults and big hearts. Testament to the unique parlance of a small town, Common Yet Uncommon speaks a universal language of what it means to be human.
Hatheli Bhar Kahaniyan
- Author Name:
Kawabata Yasunari
- Book Type:

- Description: दिल्ली विश्वविद्यालय की जापानी साहित्य की छात्राओं द्वारा अनूदित और उनीता सच्चिदानन्द द्वारा सम्पादित पुस्तक है। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित जापान के अग्रणी साहित्यकार कावाबाता यासुनारी का कहानी-संग्रह ‘हथेली भर कहानियाँ’ कथा साहित्य के क्षेत्र में एक अनोखा प्रयोग है। इसे कथा-साहित्य का ‘हाइकू’ कहें तो गलत न होगा। ‘हथेली भर कहानियाँ’ का कोई प्लॉट नहीं, शुरू या अंत नहीं, बस जीवन की सामान्य अनुभूतियों की एक अविरल धारा है जो हर मुश्किलें लाँघती, चलती ही जाती है लेकिन मनुष्य इन अनुभूतियों से सदा अनभिज्ञ रहता है।
Smriti Ki Rekhaye
- Author Name:
Mahadevi Verma
- Book Type:

- Description: महादेवी मूलतः कवयित्री हैं, परन्तु उन्होंने गद्य में भी श्रेष्ठ लेखन किया। विशेष बात यह है कि हिन्दी साहित्य में उनके रेखाचित्र जिस शिखर पर खड़े हैं, उन्हें छूनेवाला आज तक कोई नहीं हुआ। एक महादेवी ही हैं, जिन्होंने गद्य में भी कविता के मर्म की अनुभूति कराई और ‘गद्यं कवितां निकषं वदन्ति’ को चरितार्थ किया। स्मृति की रेखाएँ में निरन्तर जिज्ञासाशील महादेवी ने अपनी स्मृति के आधार पर अमिट रेखाओं द्वारा अत्यन्त सहृदयतापूर्वक जीवन के विविध रूपों को चित्रित कर पात्रों को अमर कर दिया है। उन्होंने अपने अधिकांश रेखाचित्रों में निम्नवर्गीय पात्रों की विशेषताओं, दुर्बलताओं और समस्याओं का चित्रण किया है। वृद्ध ‘भक्तिन’ की प्रगल्भता तथा स्वामिभक्त ‘चीनी युवक’ की करुण मार्मिक जीवनगाथा, पर्वत के कुली ‘जंगबहादुर’ की कर्मठता और फिर ‘मुन्नू’, ‘ठकुरी बाबा’, ‘बिबिया’ तथा ‘गुँगिया’ जैसे चरित्रों की मर्मस्पर्शी जीवन-झाँकियाँ पाठक को अभिभूत कर देने में सक्षम हैं।
Tang Galiyon se bhi Dikhta Hai Akash
- Author Name:
Yadvendra
- Book Type:

- Description: मेरा मानना है कि हिंदी में ही नहीं बल्कि भारतीय भाषाओं में अब तक अनूदित कहानियों के जितने संकलन हैं उनमें यह किताब इसलिए विशिष्ट है क्योंकि पहली बार छह महादेशों के 25 देशों की 27 स्त्री कहानीकारों की कहानियां इसमें शामिल हैं। दुनिया का कोई प्रश्न ऐसा नहीं है जो इसमें शामिल न किया गया हो। —प्रो. रविभूषण
Lomari Ki Japmala
- Author Name:
Unita Sachchidanand
- Book Type:

-
Description:
प्रस्तुत लोककथा संग्रह में जहाँ जानवरों की कहानियाँ हैं, वहीं अध्यात्म और नैतिक मूल्यों से जुड़ी जापान की बहुचर्चित कथाएँ भी।
लेखिका ने स्वयं तोक्यो से दूर जापानी ग्रामीण क्षेत्रों में कहानियों की तलाश के दौरान परम्परागत जापानी कथा–वाचकों की दो कहानियाँ ‘एक एहसान बढ़ा पाँच मान’ और ‘बुज्जा का अंडा’ का अभिलेखन किया है।
‘लुढ़कता खड़ाऊँ’ में हँसी और मज़ाक़ का पुट है, तो ‘लोमड़ी की जपमाला’ में लोमड़ी और मनुष्य के बीच की हास्यास्पद लड़ाई।
सरल बाल–सुलभ भाषा में जापानी कथाओं का यह दूसरा भाग मनोरंजन के साथ बच्चों में नैतिक मूल्यों को स्थापित करने में सहायक होगा, ऐसी उम्मीद है।
Saankal
- Author Name:
Zakiya Zubairee
- Book Type:

-
Description:
यह बात सच है कि पैदाइश और परवरिश का माहौल ज़िन्दगी भर ज़ेहन पर हावी रहता है। और अगर तालीम का रंग भी इनमें शामिल हो जाए तो सोच का मुकम्मल ख़ाक़ा तैयार हो जाता है। ज़किया ज़ुबैरी की कहानियों का संग्रह ‘साँकल’ पढ़ते हुए बारहा यही महसूस होता है। इन कहानियों पर राजेन्द्र यादव की यह राय दुरुस्त है कि, ‘उनकी कहानियाँ ऐसे नारी मन के विभिन्न पहलुओं पर केन्द्रित हैं जो अभी भी भारत को अपने भीतर बसाए हुए है। वे द्वन्द्व और नॉस्टेल्जिया की कहानियाँ हैं।’
ज़किया औरतों की ज़िन्दगी में आहिस्ता से दाख़िल होकर उनके मन की परतों को खोलती हैं। भीतरी तहों में दबे सच कभी ‘बाबुल मोरा’ की लिसा, तो कभी ‘मेरे हिस्से की धूप’ की शम्मो के रूप में सामने आते हैं। अगर लेखिका की संवेदना परखनी हो तो ‘मारिया’, ‘साँकल’, ‘लौट आओ तुम’ जैसी कहानियाँ पढ़नी चाहिए।
सरोकार के साथ भाषा लेखिका की बहुत बड़ी ताक़त है। बड़ी सहजता से पूरा मंज़र सामने खड़ा हो जाता है, ‘किसी से डर न ख़ौफ़—बिन्दास! छोटी-छोटी आँखों को टेढ़ी करके बात किया करती, बात-बात पर खिलखिलाकर हँस देती और हँसते हुए झूल-सी जाती। वो जो कपड़े पहने होती, ऊँचे-नीचे, बेमेल-से, कहीं-कहीं से सिलाई खुले हुए कपड़ों से जवानी झाँक रही होती। वह एक ऐसी बेटी थी जिसके कारण घर में कंकरों की आमद बनी रहती।’ बेहद दिलचस्प कहानियों का संग्रह।
Astittva Ki Khoj : Bhartiya Itihas Ki Mahattvapurn Striyan
- Author Name:
Rekha Modi
- Book Type:

- Description: स्त्रियों के योगदान का जश्न मनानेवाले पुरुष-विमर्श में आमतौर पर यह कहने का चलन रहा है कि स्त्रियाँ कोमल लताओं-सी हैं जो अपनी नाज़ुक पत्तियाँ किसी ऐसे विशाल वृक्ष के तने के गिर्द लपेटती ऊपर चढ़ती हैं, जो उनके जीवन का पुरुष हो, चाहे वह पुरुष पिता हो, पति हो या फिर मार्गदर्शक। पर हमने पाया कि इस बिम्ब के ठीक उलट, कुछ स्त्रियाँ स्वतंत्र रूप से ‘वृक्षों’ में विकसित हुईं। इस पुस्तक की सभी स्त्रियाँ यहाँ इसीलिए मौजूद हैं। इन स्त्रियों ने कुछ ऐसा रचा-गढ़ा जो उनके बाद भी ज़िन्दा है, फिर चाहे वह रचना कोई संस्था हो, कला विधा या उसका रचना-संकलन हो, या कोई ढाँचा, कोई दर्शन, कोई तकनीक या कोई सामाजिक आन्दोलन हो। अपने जीवन के एकान्त स्थलों को छोड़ व्यापक दुनिया से जुड़ने की चेष्टा में उन्होंने तमाम विरोधों व निषेधों का सामना किया। गायिकाओं और सक्रिय कर्मियों ने मूक कर देने की धमकियों के बावजूद, नतीजों की परवाह किए बिना बेधड़क अपनी बात कही। राजनीतिज्ञों और अभिनेत्रियों ने घर के बाहर मुँह उघाड़ने पर निन्दा झेली, पर फिर भी जुटी रहीं। उनकी कथाओं का संकलन कर हम एक परम्परा रच रहे हैं, रिवायतें स्थापित कर रहे हैं जिनसे आज की नारियाँ प्रेरणा ले सकती हैं और अपना जीवन सुधार सकती हैं। समृद्ध वैविध्य के ताने-बानों से बुनी उनकी इन कथाओं को एक ही वृहत् पाठ के रूप में पढ़ा जाना चाहिए। —भूमिका से।
Punarsrijan Mein Renu
- Author Name:
Rakesh Bihari
- Book Type:

- Description: पूर्वज कथाकारों की कालजयी कहानियों से गुजरते हुए यह प्रश्न कई बार सामने आता है कि आज यदि वे कथाकार हमारे साथ होते और अपनी उन्हीं कहानियों को फिर से लिखते तो उनका स्वरूप क्या होता? अपने पूर्ववर्ती कथाकारों की उन खास कहानियों को बार-बार पढ़ते हुये बाद के किसी कथाकार के भीतर यह भाव आना भी अस्वाभाविक नहीं कि ‘यदि इन कहानियों को मैं लिखता तो कैसे लिखता’? अमर कथाशिल्पी फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ की छ: प्रतिनिधि कहानियों की पुनर्रचना और उनके विश्लेषण के बहाने यह पुस्तक स्वप्न, चुनौती और जोखिम से भरे ऐसे ही प्रश्नों के उत्तरों की तलाश करता है। पुनर्सृजित कहानियों का ऐसा संग्रह विश्व साहित्य के इतिहास में पहली बार प्रकाशित हो रहा है।
Sampurna Kahaniyan : Raghuvir Sahay
- Author Name:
Raghuvir Sahay
- Book Type:

-
Description:
रघुवीर सहाय अप्रतिम कवि थे। विचार की ठोस और स्पष्ट ज़मीन पर पैर रखे हुए उन्होंने अपने कवि को एक बड़ा आकाश दिया। जिसे आनेवाले समय में एक शैली बन जाना था। यह नवोन्मेष उनकी कहानियों में भी था, इससे कम लोग परिचित हैं। इस संकलन में उपस्थित उनकी समग्र कथा-सम्पदा के पाठ से हम जान सकते हैं कि कविता में जिस वृहत्तर सत्य को अंकित करने का प्रयास वे करते थे, वह किसी फ़ॉर्म को साधने-भर का उपक्रम न था, अपने अनुभव और उसकी सम्पूर्ण अभिव्यक्ति की व्याकुलता थी जो उन्हें अन्य विधाओं तक भी ले जाती थी।
इस पुस्तक में संकलित उनके कथा-संग्रहों के साथ प्रकाशित दो भूमिकाएँ एक बड़े रचनाकार के बड़े सरोकारों का पता देती हैं, जिनमें एक चिन्ता लेखन के उद्देश्य को लेकर भी है। वे कहते हैं कि मनुष्यों के परस्पर सम्बन्धों को बार-बार जानने और जाँचने की आवश्यकता ही लेखन की सबसे ज़रूरी वजह है। कुछ तत्त्व हमेशा काम करते रहते हैं जिनके राजनीतिक उद्देश्य समता और न्याय के विरुद्ध होते हैं, वे संगठित होकर लेखक द्वारा बताए सत्य को विकृत कर प्रचारित किया करते हैं। लेखक के लिए बार-बार अपने मत को बताना इस आक्रमण के विरुद्ध आवश्यक होता है। रघुवीर सहाय की कविताएँ अपनी काया का निरन्तर अतिक्रमण करते हुए यही कार्य हमेशा करती रहीं; और ये कहानियाँ भी वही करती हैं।
Kahaniyan Rishton Ki : Pita
- Author Name:
Akhilesh
- Book Type:

- Description: इनसान के जीवन में जितने सम्बन्ध होते हैं उनमें पिता जैसा विविधरूपी, बहुआयामी और बहुस्तरीय रिश्ता कोई दूसरा नहीं होता है। दूरी और नज़दीकी के जाने कितने शेड्स इस एक रिश्ते में होते हैं। इस संकलन में उन सभी बेहतरीन कहानियों का चयन करने की कोशिश की गई है, जिनसे पिता का सम्बन्ध अपने विविध रूपों में सामने आ सके। इस संकलन की कहानियों को पढ़ते हुए भिन्न-भिन्न दौर के पिता की झलक भी साकार होती है।
Myrrh
- Author Name:
Ayesha Arfeen
- Book Type:

- Description: आयशा आरफ़ीन की कहानियाँ मेरे लिए ख़ुशगवार हैरत और मसर्रत का सबब बनी हैं। किसी भी नए लिखने वाले से ऐसी उम्मीद करना कि उनकी कहानियाँ मज़बूत और पुख़्ता हों, मुश्किल है लेकिन आयशा आरफ़ीन की कहानियों में एक ख़ास क़िस्म की मज़बूती भी है और इनकी बुनावट भी पुख़्ता है। ‘मिर्र’ की कहानियों की सतह बुलन्द है और प्लॉट, थीम और चरित्र-चित्रण के हवाले से भी ये कहानियाँ मुकम्मल हैं। इन सब से बढ़ कर आयशा आरफ़ीन के आख्यान एक अजीब से असरार से भरे हुए हैं जिसे हम रहस्य का नाम दे सकते हैं। यही तत्व उनकी कहानियों का सब से बड़ा जौहर (Essence) है जिसकी जड़ें उनके किरदारों के वजूदी-संकट (Existential Crisis) में अन्दर तक समाई हुई हैं। मैं आयशा आरफ़ीन को इतनी उम्दा और दिल को छू लेने वाली कहानियाँ लिखने के लिए दिल से मुबारकबाद पेश करता हूँ और मुझे यक़ीन है कि उनका ये कहानी-संग्रह संजीदा साहित्यिक गलियारों में बड़े पैमाने पर स्वीकृति हासिल करेगा। — ख़ालिद जावेद
Pratinidhi Kahaniyan : Muktibodh
- Author Name:
Gajanan Madhav Muktibodh
- Book Type:

- Description: मुक्तिबोध यानी वैचारिकता, दार्शनिकता और रोमानी आदर्शवाद के साथ जीवन के जटिल, गूढ़, गहन, संश्लिष्ट रहस्यों की बेतरह उलझी महीन परतों की सतत जाँच करती हठपूर्ण, अपराजेय, संकल्प-दृढ़ता। नून-तेल-लकड़ी की दुश्चिन्ताओं में घिरकर अपनी उदात्त मनुष्यता से गिरते व्यक्ति की पीड़ा और बेबसी, सीमा और संकीर्णता को मुक्तिबोध ने पोर-पोर में महसूसा है। लेकिन अपराजेय जिजीविषा और जीवन का उच्छल-उद्दाम प्रवाह क्या ‘मनुष्य’ को तिनके की तरह बहा ले जानेवाली हर ताक़त का विरोध नहीं करता? जिजीविषा प्रतिरोध, संघर्ष, दृढ़ता, आस्था और सृजनशीलता बनकर क्या मनुष्य को अपने भीतर के विराटत्व से परिचित नहीं कराती? मुक्तिबोध की कहानियाँ अखंड उदात्त आस्था के साथ आम आदमी को उसके भीतर छिपे इस स्रष्टा महामानव तक ले जाती हैं। अजीब अन्तर्विरोध है कि मुक्तिबोध की कहानियाँ एक साथ विचार कहानियाँ हैं और आत्मकथात्मक भी। मुक्तिबोध की कहानियाँ प्रश्न उठाती हैं—नुकीले और चुभते सवाल कि ‘ठाठ से रहने के चक्कर से बँधे हुए बुराई के चक्कर’ तोड़ने के लिए अपने-अपने स्तर पर कितना प्रयत्नशील है व्यक्ति? मुक्तिबोध की जिजीविषा-जड़ी कहानियाँ आत्माभिमान को बनाए रखनेवाले आत्मविश्वास और आत्मबल को जिलाए रखने का सन्देश देती हैं—भीतर के ‘मनुष्य’ से साक्षात्कार करने के अनिर्वचनीय सुख से सराबोर करने के उपरान्त।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...