Chatushkon Evam Anya Natak

Chatushkon Evam Anya Natak

Authors(s):

Vratya Basu

Language:

Hindi

Pages:

204

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

408 mins

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Book Description

style="font-weight: 400;">नई शताब्दी में बांग्ला नाट्याकाश में जिन नवीन नक्षत्रों का उदय हुआ है,&nbsp;व्रात्य बासु उनमें श्रेष्ठतम हैं।&nbsp;नाटककार,&nbsp;निर्देशक एवं अभिनेता—इन तीनों रूपों में उन्होंने आम जनता एवं बुद्धिजीवियों के मन-मस्तिष्क पर अपने चिन्तन एवं बुद्धिमत्ता की गहरी और स्थायी छाप छोड़ी है।&nbsp;व्रात्य का परिचय बांग्ला थिएटर के एकनिष्ठ संस्कृतिकर्मी के रूप में है।&nbsp;वे इस समय के जनसमादृत नाटककार हैं।&nbsp;राजनीतिक फैंटेसी,&nbsp;प्रकृति एवं मनुष्य तथा मनुष्य और मनुष्य के बीच के सम्बन्ध,&nbsp;कला और जीवन के मध्य का सम्बन्ध मूल्यबोधहीनता,&nbsp;क्रान्ति और प्रेम के बीच का द्वन्द्व,&nbsp;समय,&nbsp;सभ्यता एवं संस्कृति के बीच का द्वन्द्व आदि विविध समकालीन विषयों पर रचित व्रात्य बासु के नाटक जिस प्रकार एक के बाद एक सफलता के साथ मंचस्थ हुए हैं,&nbsp;उसी प्रकार उन्होंने आलोचकों के मन में भी जगह बनाई है।</p> <p style="font-weight: 400;">इस पुस्तक में चार नाटक हैं,&nbsp;जिनमें आज का समय एवं मनुष्य के भीतर का अन्तर्द्वन्द्व मुखर हुआ है।&nbsp;यह समय अपनी सारी कुटिलताओं और अच्छाइयों के साथ इन नाटकों में उपस्थित है।&nbsp;व्रात्य बासु के ये नाटक निःसन्देह आज के समय की अमूल्य निधि हैं।

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