Pratinidhi Kahaniyan : Akhilesh

Pratinidhi Kahaniyan : Akhilesh

Authors(s):

Akhilesh

Language:

Hindi

Pages:

204

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

408 mins

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Book Description

अखिलेश की कहानियाँ बातूनी कहानियाँ हैं...ग़ज़ब का बतरस है उनमें। वे अपने पाठकों से जमकर बातें करती हैं। अपने सबसे प्यारे दोस्त की तरह गलबहियाँ लेकर वे आपको आगे और आगे ले जाती हैं और उनमें उस तरह की सभी बातें होती हैं जो दो दोस्तों के बीच घट सकती हैं (कोई चाहे तो इसे कहानीपन भी कह सकता है)। यही वजह है कि बेहद गम्भीर विषयों पर लिखते हुए भी अखिलेश की कहानियाँ ज़बर्दस्ती की गम्भीरता कभी नहीं ओढ़ती हैं। पढ़ते हुए कई बार एक मुस्कान-सी होंठों पर आने को होती है। क्योंकि उनके यहाँ कोई बौद्धिक आतंक, सूचना का कोई घटाटोप या किसी और तरह का बेमतलब का जंजाल चक्कर नहीं काटता कि पाठक कहीं और ही फँसकर रह जाए...।</p> <p>इन कहानियों की एक और ख़ूबी यह भी है कि ये कहानियाँ पाठक से ही नहीं बात करती चलतीं, बल्कि ख़ुद उनके भीतर भी कई तरह के समानान्तर संवाद चलते रहते हैं। वे ख़ुद भी अपने चरित्रों से बतियाते चलते हैं, उनके भीतर चल रही उठा-पटक को अपने अखिलेशियन अन्दाज़ में सामने लाते हुए। क्या है ये अखिलेशियन अन्दाज़! उसकी पहली पहचान यह है कि वह बिना मतलब गम्भीरता का ढोंग नहीं करते, बल्कि उनकी कहानियाँ अपने पाठकों को भी थोपी हुई गम्भीरता से दूर ले जानेवाली कहानियाँ हैं। उनकी कहानियों का गद्य मासूमियत वाले अर्थों में हँसमुख नहीं है, बल्कि चुहल-भरा, शरारती पर साथ ही बेधनेवाला गद्य है।

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