Patan (Raj)
Author:
Albert CamusPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Literary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 159.2
₹
199
Available
अल्बैर कामू का ‘पतन’ उपन्यास उनकी अन्य कृतियों से कुछ भिन्न है। वह इसलिए कि इसमें घटनाओं के वे घात-प्रतिघात देखने को नहीं मिलते जो कथा को नाटकीय अन्त प्रदान करते हैं।</p>
<p>इस उपन्यास का नायक एक सैलानी है जो न सिर्फ़ दो-दो विश्वयुद्धों के विश्वव्यापी प्रभावों के दौर से गुज़र चुका है, बल्कि वर्तमान सभ्यता के भविष्य को लेकर भी वह आशंकित है। वह देखता है कि अन्तहीन विसंगतियों और जड़ताओं ने मनुष्य को मनुष्य नहीं रहने दिया है और मानवीय मूल्यों का खोखलापन जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है।</p>
<p>पतन के कगार पर पहुँची हुई इस सभ्यता के एक प्रेक्षक, भोक्ता और प्रवक्ता के रूप में वह घटना-स्थितियों और मनःस्थितियों को आँकता है और उन्हें जिस तीखेपन के साथ सामने रखता है उससे पाठक के मन में बहुत कुछ जागने लगता है।</p>
<p>नायक की आशंकाएँ और चिन्ताएँ उपन्यास में इतनी प्रामाणिक हैं कि इससे गुज़रते हुए हम महसूस करने लगते हैं कि कथानायक कहीं स्वयं लेखक ही तो नहीं!
ISBN: 9788119835409
Pages: 136
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: इस पुस्तक में गोवा की प्रसिद्ध लोककथाओं का हिंदी अनुवाद संकलित है। गोवा की जनजातियों में वाचिक परंपरा से सदियों से कही जा रहीं ये चुनी हुई लोककथाएँ हैं। इनमें राजा-रानी, राक्षस, जिन्न, जानवर, पंछी, मूर्ख, होशियार, साहसी-डरपोक आदि विषयों की लोककथाएँ हैं। गोवा की लोककथाओं की प्राचीनता एवं मूल रूप पाठकों के सामने आ जाए इस उद्देश से, आदिवासी जनजातियों और गाँव-कस्बे में रहनेवाले लोगों में प्रचलित लोककथाओं का विशेष रूप से चयन किया गया है। नीतिकथा, चातुर्यकथा, अद्भुतकथा, शौर्यकथा, हास्यकथा आदि लोककथाओं के जो प्रकार गोवा में पाए जाते हैं, उनके नमूने इसमें समाविष्ट हैं, जिससे गोवा की लोककथा की विविधता का अंदाजा मिल जाता है। गीत रूप में प्रस्तुत होनेवाली लोककथाओं के नमूने भी इस संग्रह में हैं। पुस्तक केप्रारंभ में एक विस्तृत भूमिका है जो गोवा की लोककथाओं के स्वरूप, प्रकार, प्रचार, विशेषता आदि पर प्रकाश डालने के साथ-साथ सांस्कृतिक धरोहर, इतिहास और समाज जीवन की भी मीमांसा करती है।
Shahanshah Akbar : Ek Anmol Virasat
- Author Name:
Pradeep Garg
- Book Type:

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Description:
यह उस शख़्स की कहानी है जिसके बारे में छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने पत्र में मुग़ल बादशाह औरंगजेब को लिखा था : साम्राज्य का वह शिल्पकार जिसने सभी धर्मों के लिए सद्भाव की सुलह-कुल नीति अपनाई; उसके उदारचेता हृदय की चाहत थी सभी लोगों का पोषण करना व उन्हें सुरक्षा देना। लिहाजा वह जगत गुरु के नाम से मशहूर हुआ।
जिस शख़्स के बारे में मुंशी प्रेमचन्द ने लिखा : यह उसके प्रयासों का ही का सुफल था कि हिन्दू-मुसलमान कई शताब्दियों तक बहुत ही मेल-मिलाप के साथ रहे।
जिस शख़्स का ज़िक्र करते हुए महापंडित राहुल सांकृत्यायन यह दावा करते हैं : अशोक और गांधी के बीच में उनकी जोड़ी का एक ही पुरुष हमारे देश में पैदा हुआ—वह अकबर था।
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