Kasch Ka Vinash
Author:
Roberto CalassoPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Literary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 200
₹
250
Available
इस शानदार पुस्तक में, ‘द मैरिज ऑफ़ कैडमस एंड हारमनी’ के ख्यात लेखक, रॉबर्तो कलासो उस कोड का रहस्य खोल देते हैं जिसे बॉदिलेयर आधुनिक कहता है—फ्रेंच रिवॉल्यूशन से चलकर निरन्तर घातक होती द्वितीय विश्वयुद्ध तक की कालावधि। टैलीरॉ के फ़्रांस से लेकर विख्यात अफ़्रीकन शहर कश तक, लेनिन के रूस और कम्बोडिया के नरसंहारी खेतों तक, कलासो हमें मिथकों, साहित्य, कला और विज्ञान की लुभावनी भूल-भुलैयों से होकर सभ्यता के केन्द्र में लाते हैं जहाँ वे इतिहास के गुह्यतम रहस्यों का उद्घाटन करते हैं। आवाज़ों और वार्तालापों से भरी-पूरी, आश्चर्यजनक, पहेली बुझाती, यह गहन पुस्तक पढ़कर भूल जानेवाली चीज़ नहीं है। यह किसी प्राचीन पुस्तकालय की गन्ध की भाँति स्मृति में बसी रह जाती है।</p>
<p>—सुनील खिलनानी, ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’, बुक रिव्यू</p>
<p>ऐसा लगता है कि कलासो ने इस माँग करती और कुरेदनेवाली पुस्तक को बनाने में कम से कम एक राष्ट्रीय पुस्तकालय को खँगाला होगा। इसकी विषय-वस्तु आधुनिक मस्तिष्क का छिछलापन है और आधुनिक संस्कृति की कार्य-विधि के कारण ही जिसका कलासो ऐसी बारीकी और योग्यता से विश्लेषण करते हैं...मैं उस विशेषण का प्रयोग करने में हिचक रहा हूँ जिसके योग्य यह पुस्तक सर्वथा है : मास्टरपीस (श्रेष्ठ रचना)...सभी महान पुस्तकों की भाँति यह पुस्तक हमें अधिक पढ़ती है और हम इसे कम पढ़ते हैं और कला या चिन्तन की महान रचनाओं के समान ही, यह आपको अपना जीवन बदलने के लिए विवश कर सकती है।</p>
<p>—जे टॉल्सन, ‘सिविलिजे़शन’</p>
<p>‘द रुइन ऑफ़ कश’ दो विषय लेती है : प्रथम है टैलीरॉ और दूसरा है बाक़ी सब चीज़ें, और बाक़ी सब चीज़ों में वे सब चीज़ें शामिल हैं जो मानव इतिहास में घटित हुई हैं, सभ्यता की शुरुआत से लेकर आज तक...। यह एक ऐसी पुस्तक है जो अपने आपको एक भटकन और आवारापन में उजागर करती है, अपनी कल्पना, मनमर्ज़ी और कभी न तृप्त होनेवाली जिज्ञासा से मार्गदर्शन प्राप्त करती है, और बनी हुई है टुकड़ों से, उद्धरणों और इधर-उधर भटकने से, कहानियों, लघुकथाओं और कहावतों से—यह सब इसलिए कि इसे एक अविरल आनन्द के साथ पढ़ा जा सके।</p>
<p>—इटालो काल्विनो, ‘पैनेरामा मेस’
ISBN: 9788126720514
Pages: 432
Avg Reading Time: 14 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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Shobha De
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- Description: सितारे रात में ही चमकते हैं या कहें कि हर सितारे का एक अँधेरा भी होता है। लेकिन दर्शक की नज़र अक्सर सितारों पर ही जाती है, उनके अँधेरों पर नहीं। यह प्रक्रिया हमारी फ़ितरत से भी सम्बन्ध रखती है, और सीमा से भी। शोभा डे इसी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करती हैं। वे उन अँधेरों को भी उघाड़कर देखती हैं, जिन्हें रोशनी ने छुपाया हुआ है। विडम्बना यह कि लेखिका की आँख से देखे और दिखाए गए ये अँधेरे 'बॉलीवुड' की जिन सच्चाइयों को उजागर करते हैं, उन्हें अक्सर ही 'गॉसिप' कहकर नकार दिया जाता है। लेखिका ने इस पुस्तक में मुम्बई की फ़िल्मी दुनिया के जिन चरित्रों को चित्रित किया है, वे अमूर्त नहीं हैं। उन्हें पहचाना जा सकता है—ख़ासकर इसकी केन्द्रीय चरित्र आशा रानी को। यथार्थ और लेखकीय कल्पना के बावजूद उसे हम जीवित-जाग्रत अभिनेत्री के रूप में भी पहचान सकते हैं, और एक प्रतीकात्मक चरित्र के रूप में भी। उसके इर्द-गिर्द और भी कितने ही तारों-सितारों की पहचान की जा सकती है। दरअसल यह एक ऐसी रंगीन दुनिया है, जिसका उद्दाम आकर्षण किसी भी कलाकार को किसी भी हद तक ले जा सकता है। देह इस दुनिया में सिर्फ़ उपभोग और ऊँचाई पर पहुँचने का माध्यम है। निषेध और नैतिकता यहाँ सिर्फ़ शब्द हैं। स्त्री है, जो बिछी हुई है और पुरुष है, जो तना हुआ है। कहना न होगा कि अंग्रेज़ी से अनूदित शोभा डे की यह कृति हिन्दी पाठकों के लिए एक नया अनुभव होगा। अलग-अलग फ़िल्मी चरित्रों की पेशगोई के बावजूद इसे एक दिलचस्प उपन्यास की तरह पढ़ा जा सकता है।
Songs of Life (Collection of Poems)
- Author Name:
Dr. A.P.J. Abdul Kalam
- Book Type:

- Description: The Songs of Life is presented with selected poems from my books of poem Life Tree, Luminous Sparks and My Journey and also some of my new poems. The purpose of this Songs of Life is to celebrate the human life. In spite of many sufferings all around, God has blessed us with his grace in multiple dimensions of nature smiling at us. Hence, Songs of Life is the Song of every heart and soul in happiness and, in sorrow. The result of the poems should be to cheer our hearts.
Zed Plus
- Author Name:
Ramkumar Singh
- Book Type:

- Description: राजनीति की निगाह में आम आदमी की कोई क़ीमत नहीं है। उसके लिए वह बस एक खिलौना है। इस उपन्यास का नायक असलम ऐसा ही एक मामूली आदमी है जो दुर्योग से राजनीति के बड़े खिलाड़ियों के हत्थे चढ़ जाता है और न सिर्फ़ अपनी छोटी-छोटी ख़ुशियों से वंचित हो जाता है, बल्कि उसे अपना जीवन तक बचाना मुश्किल हो जाता है। देश के सर्वोच्च सुरक्षा-घेरे में कसा हुआ असलम समझ नहीं पाता कि बिना माँगे मिले इस वरदान का वह क्या करे, और अन्तत: ग़ायब हो जाता है। पता नहीं कहाँ! हाल ही में चर्चित हुई फ़िल्म 'जज़ेड प्लस’ का आधार बना यह उपन्यास जनसाधारण और शीर्ष पर आसीन सत्ताधीशों के बीच सीधे साक्षात्कार की दीर्घ बिम्ब-शृंखला है जिसमें बार-बार हमें साधारण होने के नाते अपनी निरर्थकता का गहरा आभास ही नहीं होता, मारक आघात पहुँचता है। पेंचदार, दिलचस्प और थ्रिलर उपन्यासों की-सी रफ़्तार से चलता हुआ यह उपन्यास अपनी प्रस्तुति में हिन्दी के लोकप्रिय कथा-लेखन के लिए एक गम्भीर और सरोकार-सजग प्रस्थान बिन्दु है।
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