What Is Your Dream
Author:
Heena VijayvergiyaPublisher:
Author'S Ink PublicationsLanguage:
EnglishCategory:
Literary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 201.45
₹
237
Available
Sometimes you don't find your dreams; they find you! Priyanshi is a small-town girl who gets a scholarship for the Delhi University, but she struggles to keep up with the fast-paced city life and finds it difficult to come to terms with the people around. Rohan is an oversized boy who has a secret dream of being a guitarist, but does not have the courage to come out in front and showcase his talent. Deeper is a tomboy who is hiding her soft side behind her tough and bold personality. She is trying to conceal the pain that she has been holding in her heart. Br>varun is a rich but careless boy, who is made to leave his lavish life and stay in the college hostel by his mother. It is here that he gets to know the true meaning of life!! What happens when these vivid personalities start walking on the same path and somewhere along the way become an inseparable part of each other? This is a simple tale of friendship, courage, struggles, fears, dreams, and love, which will br>tug at your heartstrings and take you on a rollercoaster ride of emotions. How important are your friends in your journey of accomplishing your dreams?.
ISBN: 9788193463314
Pages: 200
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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दु:खमोचन एक गाँव की कहानी है—ऐसे एक पिछड़े गाँव की कहानी, जहाँ युगों से निश्चल पड़ी जिंदगी नए युग की रोशनी पाकर धीरे–धीरे जाग रही है। मौजूदा परिवेश में प्रकारान्तर से यह देश के हर पिछड़े गाँव के जागने की कहानी है। दुखमोचन में लोकजीवन के चितेरे कथाकार नागार्जुन ने अलग–अलग जातियों और वर्गों में बँटे उस ठेठ देहाती समाज का जीवन्त चित्रण किया है, जो आज भी अभावों और विवशताओं में जीता है।
‘दुखमोचन’ एक छोटा मगर शक्तिशाली उपन्यास है। इसका नायक ‘दुखमोचन’ नई युग–चेतना का संवाहक है। अन्ध रूढ़ियों और पुराने संस्कारों से ग्रस्त समाज में बदलाव लाने के लिए वह जो संघर्ष करता है, उसे कथाकार ने बड़ी मार्मिकता से चित्रित किया है। पीड़ितों और दलितों के रहबर के रूप में दुखमोचन की भूमिका जहाँ मन में प्रेरणा जगाती है, वहीं नित्याबाबू और त्रिजुगी चौधरी जैसे गाँव के इने–गिने सम्पन्न लोगों के फरेबों और कुचक्रों से रोष उत्पन्न होता है।
My Dream Man
- Author Name:
Aditi Bose
- Book Type:

- Description: I don�t know if I can do a story like this once again or not. Ajopa Ganguly, a struggling writer, is reeling from the pains of her manuscript having been rejected by all publishers. She knows that making cupcakes and embroidering handkerchiefs is not her true calling. However, she is scared to write anymore and is losing focus. Aniket Verma, is the professor of economics who was also Ajopa�s tuition teacher once. Despite their twelve years age gap, with time, they forge a special bond of friendship. Then a misunderstanding! Now Aniket is back and it feel just like old times. With a challenge of finishing a new manuscript in record time and a promise that he will help her to get it published if she does, he asks her to meet him at the publisher�s office two days later. Does she write? Does she go to the publisher�s office? At what moment does their friendship change? Do they fall in love? My Dream Man, a let-me-tell-my-friends and I-need-to-finish-this-now story, is an insightful examination of how forces beyond our control help us make decisions. As Ajopa says, it is all about �deep choosing�.
Nakel
- Author Name:
Shivshankari
- Book Type:

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Description:
शिवशंकरी का लेखन समाज की मुख्यधारा में सीधे हस्तक्षेप करनेवाला है। वे जीवन की पेचीदा परिस्थितियों को गहरी संलग्नता और सरलता के साथ उठाती हैं और किसी भी प्रकार के बौद्धिक आडम्बर से बचते हुए समस्या को उसके तार्किक अन्त तक ले जाती हैं।
‘नकेल’ एक ऐसी स्त्री की कहानी है जो अपने जीवन की एक अत्यन्त जटिल समस्या को न सिर्फ़ धैर्य, साहस और समझदारी के साथ हल करती है, बल्कि उसे एक मिसाल के तौर पर समाज के सामने स्थापित भी कर देती है। वह अपने प्रौढ़वय पति की शादी उसकी नौजवान प्रेमिका से कराती है और अपने लिए चुनती है उस वासनालोलुप पुरुष से स्थायी मुक्ति और अपने बच्चों की जिम्मेदारी। इस फ़ैसले को अंजाम देने के रास्ते में उसे घर–बाहर से विरोध भी झेलना पड़ता है, लेकिन अपने बच्चों के भविष्य और पति के निरंकुश आचरण को नियंत्रित करने के लिए वह दृढ़तापूर्वक इस पर क़ायम रहती है। और इस प्रकार एक ऐसी स्त्री की रूपरेखा उभरकर सामने आती है जो एक व्यक्ति की गरिमा से विभूषित भी है।
Buddh Nirvan Ki Raah Par
- Author Name:
Shiv K. Kumar
- Book Type:

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Description:
बुद्ध के जीवन पर आधारित इस उपन्यास में बुद्ध के सभी सिद्धान्तों को कथा-सूत्र में पिरोकर प्रस्तुत किया गया है, जिन्हें बुद्ध के बुद्धत्व की थाती माना गया। सहज, जीवन से जुड़ी भाषा में लिखा गया उपन्यास बुद्ध या उनके दर्शन को लेकर कोई विमर्श खड़ा करने का प्रयास न करके उनकी जीवन की घटनाओं के साथ भौतिक संसार से शनै:-शनै: उनके मोहभंग को दिखाता हुआ उनकी निर्वाण-यात्रा के पथ को पुन: आलोकित करता है। वह भी इतनी सहज गति के साथ कि कहीं-कहीं वह आपको अपनी ही यात्रा लगने लगती है।
यह उपन्यास के सहजता के ही कारण है कि इसे पढ़ते हुए हमारे मन में अपने आसपास व्याप्त हिंसा, असहिष्णुता और पौरुष के निकृष्टतम संस्करणों का सर्व-स्वीकृत प्रचलन चकित करने लगता है। किसी भी विभूति के जीवन को आधार बनाकर लिखे गए उपन्यास की सबसे बड़ी सफलता यही मानी जानी चाहिए कि वह तर्कों के नहीं, संवेदना के स्तर पर हमें कितना उस व्यक्ति के जीवन और प्रतिश्रुतियों से जोड़ता है। इस अर्थ में यह सर्वथा सफल उपन्यास है।
Kaya Sparsh
- Author Name:
Dronveer Kohli
- Book Type:

- Description: प्रतिष्ठित कथाकार द्रोणवीर कोहली का यह उपन्यास एक अछूती समस्या को उठाता है–कतिपय आधुनिक एवं धनाढ्य परिवारों में लड़के-लड़कियों की समस्या जो भौतिक सुख-सुविधाओं के बावजूद स्नेह-सौहार्द्र के अभाव में मनोरोगी हो जाते हैं। उनकी चिकित्सा और देख-भाल के लिए उनके पास ढेरों धन तो हैं, लेकिन ‘समय’ नामक अमूल्य धन जो उनके पास मौजूद है, उसे वह अपने बच्चों पर व्यय करना जानते ही नहीं, जिसके परिणामस्वरूप उन बच्चों का सही उपचार नहीं हो पाता और अन्त में त्रासदी शेष रह जाती है। लेखक ने इस स्थिति का बारीकी से अध्ययन किया है और बड़ी कुशलता से ‘हृदय सुगति’, ‘इक्ष्वाकु’ अर्थात ‘इच्छू बाबा’, ‘काया’ जैसे चरित्रों को परत-दर-परत खोल कर रख दिया है–किसी मनोचिकित्सक के बौद्धिक व्यायाम की तरह नहीं, किसी संवेदनशील कथाकार की भाँति। द्रोणवीर कोहली के इस उपन्यास की बड़ी विशेषता यह भी है कि प्रकाशन से पूर्व उन्होंने अपनी सम्पूर्ण पांडुलिपि प्रसिद्ध क्लिनिकल मनोचिकित्सक डॉ. नीरजा कुमार को दिखाई थी। उन्होंने उपन्यास के अन्तिम अंश के बारे में जो विचार दिए, लेखक ने उन्हें सहर्ष स्वीकार किया है। उन्हें पुस्तक के अन्त में ‘अनुबोध’ शीर्षक से सम्मिलित कर लिया गया है।
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