Arohan
Author:
Sadhna ShankarPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Literary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 280
₹
350
Available
<span style="font-weight: 400;">कल्पना कीजिए कि पृथ्वी को छोड़कर मानव जाति किसी और ग्रह पर जा बसे। तकनीक इतनी विकसित हो जाए कि प्रजनन तथा उत्तरजीविता के लिए स्त्री और पुरुष एक-दूसरे पर निर्भर न हों, दोनों के दो अलग, एक-दूसरे से अनजान लोक बस जाएँ। जब जरूरत हो क्लोनिंग से नए प्राणी का सृजन कर लिए जाएँ और जब देह का कोई अंग असमर्थ लगे उसे एकदम नए अंग से और बुढ़ापे को युवावस्था से बदल लिया जाए!</span></p>
<p><span style="font-weight: 400;">इस उपन्यास में इस कल्पना को हमारी मौजूदा दुनिया के समानान्तर तमाम सम्भव उपादानों के साथ रचा गया है। विज्ञान कथाओं को जो पाठक अविश्वसनीय कल्पनाओं की उड़ान मानते हैं, और दूसरे ग्रहों से आनेवाले मनुष्य-विरोधी प्राणियों, एलियनों की विचित्र शक्लों से ऊब चुके हैं, उनके लिए यह उपन्यास एक ताजा हवा की तरह है। </span></p>
<p><span style="font-weight: 400;">उपन्यास की ताकत है कल्पना का सांगोपांग और तर्कसम्मत निरूपण और उसके भीतर पैठकर कहानी को इस तरह कहना कि जब तक आप उसमें रहते हैं, अपनी वर्तमान दुनिया से बरबस परे चले जाते हैं। एक वैश्विक दार्शनिक गल्प-यात्रा पर एक प्रति-सृष्टि में जहाँ वह सब कुछ है जिसे मनुष्य अपनी प्राकृतिक सीमाओं को लाँघकर, अपनी उत्तरजीविता की अन्तहीन आशा में रच सकता है।</span>
ISBN: 9789390971497
Pages: 256
Avg Reading Time: 9 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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इस उपन्यास की शुरुआत में स्तान्धाल ने दांते की इस उक्ति को आदर्श वाक्य के रूप में दिया है, “सच; बस तल अपने पूरे तीखेपन के साथ...।” और फिर पूरा उपन्यास मानो इस पुरालेख का औचित्य सिद्ध करने में लगा दिया है। किसानी धूर्तता से भरा हुआ, नायक जुलिएं सोरेल का लालची बाप, भरे-पेट और चैन-भरे जीवन की चाहत रखनेवाले मठवासी, अपने ही देश पर हमले का षड्यंत्र रच रहे प्रतिक्रान्तिकारी अभिजात, अपने फ़ायदे के लिए पूणित अवसरवादी ढंग से राजनीतिक दल बदलते रहनेवाले रेनाल और वलेनो जैसे लोग उत्तर-नेपोलियनकालीन फ़्रांस में जारी घिनौने नाटक के लगभग सभी केन्द्रीय पात्र यहाँ मौजूद हैं।
आम तौर पर पूरा परिदृश्य नितान्त निराशाजनक है। इसके साथ ही वेरियेरे का औद्योगीकरण, मुद्रा की बढ़ती सर्वग्रासी शक्ति, बुर्जुआ नवधनिकों द्वारा पुराने अभिजातों की नक़ल की भौंडी कोशिशें, बे-ल-होत में मठ के पुनर्निर्माण के पीछे निहित प्रचारवादी उद्देश्य, जानसेनाइटों और जेसुइटों के झगड़े, जेसुइटों की गूँज सोसाइटी का सर्वव्यापी प्रभाव और धर्म सभा आदि के ब्योरों से स्तान्धाल ने इस उपन्यास में तत्कालीन फ़्रांस की तस्वीर को व्यापक फलक पर उपस्थित किया है।
जुलिएं सोरेल अपने ऐतिहासिक युग का एक विश्वसनीय प्रातिनिधिक चरित्र है जिसमें एक ही साथ, नायक और प्रतिनायक—दोनों ही के गुण निहित हैं। अपनी महत्त्वाकांक्षाओं के लिए और उद्देश्यपूर्ति के लिए वह नैतिकता-अनैतिकता का ख़्याल किए बग़ैर कुछ भी करने को तैयार रहता है। यह खोखले और दम्भी-पाखंडी बुर्जुआ समाज के ऊँचे लोगों के प्रति उसके उस सक्रिय-ऊर्जस्वी व्यक्तिवादी व्यक्तित्व की नैसर्गिक प्रतिक्रिया है जो महज सामान्य परिवार में पैदा होने के चलते एक गुमनाम, मामूली और ढर्रे से बँधी ज़िन्दगी जीने के लिए तैयार नहीं है। वह उस समाज के विरुद्ध हर तरीक़े से संघर्ष करता है जहाँ महज कु़ल और सम्पत्ति के आधार पर पद, सम्मान और विशिष्टता हासिल हुआ करती है।
Even God Does Not Know
- Author Name:
Rajeev Pundir
- Book Type:

- Description: Amar and Akbar are bosom friends. Rekha is their classmate while studying at an engineering college. Where Akbar and Rekha fall in love, Amar also has a crush on her, changing into a one-sided love affair and gradually becoming an obsession. He continues to endure his feelings for Rekha for years together, silently. A sudden mishap in Akbar’s family changes the lives of all three overnight. Will Akbar be able to marry Rekha? What role amar’s obsession with Rekha plays in their lives? The novel unfolds the story of the threesome led by infatuation, possessiveness, addiction, love, hate, doubt and greed against suspicions.
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