
Teen Sau Ramayane Evam Anya Nibandh
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
128
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
256 mins
Book Description
विवेक और विमर्श की अवहेलना करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय ने ए.के. रामानुजन के प्रसिद्ध आलेख ‘थ्री हंड्रेड रामायणाज़ : फ़ाइव एक्ज़ाम्पल्ज़ एंड थ्री थॉट्स ऑन ट्रांसलेशन’ को अक्टूबर, 2011 में अपने पाठ्य-क्रम से निरस्त कर दिया था। कुछ अवान्तर उपद्रव भी प्रकट हुए थे। इस आलेख को सर्वसुलभ बनाने एवं सम्यक् विश्लेषित करने के उद्देश्य से संजीव कुमार ने इसका हिन्दी अनुवाद किया। यह अनुवाद ‘नया पथ’ पत्रिका के एक अंक में प्रकाशित हुआ।</p> <p>प्रस्तुत पुस्तक के केन्द्र में यही आलेख है। पुस्तक की भूमिका के अनुसार, ‘जिन्होंने भी रामानुजन के आलेख को पढ़ा है, उन्होंने महसूस किया है कि यह शोध और विश्लेषण की गहराई का कितना नायाब नमूना है। और यह कि हिन्दू भावनाओं को आहत करना तथा रामकथा पर कोई नकारात्मक टिप्पणी करना तो दूर, यह लेख रामकथा के सांस्कृतिक महत्त्व, उसकी आश्चर्यजनक व्यापकता और अर्थगर्भत्व का—जिसके कारण उसके शताधिक रूप प्रचलित हैं—एक अद्भुत निदर्शन है। लेखक की इस गुणवत्ता का साक्षात्कार करनेवाले के मुँह से आह निकलती है कि काश, हिन्दुत्व के पैरोकारों को थोड़ा पढ़ने का शऊर भी होता।</p> <p>यह किताब रामानुजन के आलेख को आपके सामने पेश करने के साथ-साथ ख़ूबसूरती के ख़िलाफ़ खड़े इन लोगों की ख़बर देती और लेती भी है। यहाँ रामानुजन के अलावा कामिल बुल्के हैं, रोमिला थापर हैं, मुरली मनोहर प्रसाद सिंह और प्रभात कुमार बसन्त हैं।