Kali Mitti Par Pare Ki Rekha

Kali Mitti Par Pare Ki Rekha

Author:

Kanhaiya Singh

Language:

Hindi

Category:

Language-linguistics

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Price: ₹ 1196

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Book Details

डॉ. कन्हैया सिंह जी अपने यशस्वी जीवन के 85वें वर्ष पूर्ण कर 86वें वर्ष में प्रवेश करने के अवसर पर प्रकाशित यह ग्रन्थ पूरे देश के विद्वानों से प्राप्त पत्र-पुष्प है। अल्प समय में इतनी बड़ी संख्या में विद्वानों ने अपने आलेख भेजे हैं जो डॉ. कन्हैया सिंह जी की कीर्ति और साहित्यिक सक्रियता का परिणाम है। राजस्थान के माननीय राज्यपाल <br>श्री कलराज मिश्र, उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गोवा की पूर्व राज्यपाल माननीय मृदुला सिन्हा, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के पूर्व उपाध्यक्ष, डॉ. कमल किशोर गोयनका के आलेख ने इस ग्रन्थ की गरिमा को बढ़ाया है। हिन्दी के अनेक यशस्वी साहित्यकारों और आलोचकों के साथ ही युवा लेखकों की भागीदारी ने भी इसे महत्त्वपूर्ण बनाया है।</p>
<p>डॉ. कन्हैया सिंह जी का जीवन और उनके द्वारा रचित समस्त साहित्य को केन्द्र में रखते हुए इस पुस्तक को पाँच खंडों में संयोजित किया गया है—‘जीवन पर्व : संघर्ष एवं साधना का उज्ज्वल इतिहास’ पहला खंड है। जिसमें विभिन्न लेखकों द्वारा लिखे गए संस्मरण और <br>डॉ. कन्हैया सिंह जी के जीवन सम्बन्धी आलेख हैं। पुस्तक का द्वितीय खंड ‘सृजन पर्व : विचार एवं वैभव का ताना-बाना’ है, जिसमें डॉ. सिंह के सृजनात्मक साहित्य को केन्द्र में रखकर लिखे गए आलोचनात्मक लेखों का संकलन किया गया है। इस पुस्तक के तृतीय खंड ‘भाषा पर्व : अक्षर-अक्षर भेद’ में डॉ. कन्हैया सिंह जी के पाठ-सम्पादन एवं भाषाविज्ञान सम्बन्धी कार्यों पर लिखे गए समीक्षात्मक लेखों को संयोजित किया गया है। ‘संस्कृति पर्व : समष्टि का रचनात्मक उछाह’ जो कि पुस्तक का चतुर्थ खंड है, में डॉ. कन्हैया सिंह जी द्वारा किए गए सूफ़ी साहित्य, सन्त साहित्य तथा इतिहास लेखन विषयक कार्यों की समीक्षा है। पुस्तक का पाँचवाँ और अन्तिम खंड ‘चिट्ठी-विट्ठी : हाल-ए-ज़ुबानी और’ है। इसमें हिन्दी जगत के विभिन्न प्रतिष्ठित साहित्यकारों, समाजसेवियों और प्रमुख राजनेताओं का डॉ. कन्हैया सिंह जी के साथ पत्र-व्यवहार एवं उन पर लिखित आलेख सम्मिलित हैं। साथ ही डॉ. कन्हैया सिंह जी का साक्षत्कार भी इसी खंड में संगृहीत है।</p>
<p>यह पुस्तक हिन्दी के अध्येताओं के लिए हिन्दी पाठानुसन्धान, सूफ़ी साहित्य, सन्त साहित्य, भाषाविज्ञान तथा डॉ. कन्हैया सिंह जी के सम्पूर्ण रचना-संसार को एक साथ समझने में अत्यन्त सहायक सिद्ध होती है।</p>
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ISBN: 9789389742787

Pages: 511

Avg Reading Time: 17 hrs

Age : 18+

Country of Origin: India

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