Hindutva Ka Ganarajya : Sangh Aur Bhartiya Loktantra
Author:
Badri NarayanPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
History-and-politics0 Reviews
Price: ₹ 239.2
₹
299
Available
बद्री नारायण 'हिन्दुत्व का गणराज्य' में लगातार विस्तार करते संघ परिवार के उद्देश्यों और रणनीतियों पर एक विहंगम दृष्टि डालते हैं। वे बताते हैं कि मौजूदा भारत में वह शायद अकेली शक्ति है जो एक व्यापक और सामूहिक नैरेटिव की अहमियत को समझती है। ... जो लोग हिन्दुत्व की राजनीतिक अपील को समझना चाहते हैं, उनको यह किताब जरूर पढ़नी चाहिए।
—राजीव भार्गव
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बर्फ़ की उस चट्टान की तरह है जिसका सिर्फ़ ऊपरी हिस्सा हमें दिखाई देता है, उसका वास्तविक प्रभाव लेकिन उस हिस्से से प्रसरित होता है जो दिखाई नहीं देता। 2014 के आम चुनाव में नरेन्द्र मोदी को नेता के रूप में चुनने से लेकर 2019 के चुनाव अभियान तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का प्रभाव निर्णायक रहा है। राष्ट्रीय राजनीति में भाजपा के उत्थान के पीछे भी उन्हीं की ताक़त है।
यह जरूरी और आँख खोल देनेवाली किताब बताती है कि आएएसएस के शैक्षिक, सांस्कृतिक और सामाजिक संगठनों का विशाल नेटवर्क भारतीय चेतना में कैसे इतनी गहरी पैठ बना रहा है, और कैसे लामबन्दी की अपनी नई तकनीकों से उसने दलितों, पिछड़ी जातियों, आदिवासियों और हाशिये के अन्य जन-गण को अपने साथ जोड़कर भारत के एक बड़े तबके को हिन्दुत्व की तरफ़ खींचा है। यही वह सामाजिक समीकरण है जिसका लाभ भाजपा चुनावी राजनीति से जाति को बहिष्कृत किए बिना भी उठा पाती है।
ज़मीनी स्तर पर किए गए व्यापक शोध-सर्वेक्षण और आरएसएस कार्यकर्ताओं से किए गए साक्षात्कारों की रोशनी में यह अध्ययन बहुत स्पष्ट रूप में बताता है कि कैसे देश में एक नई जनता गढ़ी जा रही है जो भारतीय लोकतंत्र के भविष्य का निर्धारण करनेवाली है।
ISBN: 9789360864972
Pages: 200
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: नई दिल्ली के पी.एम.ओ. में 21 सीटोंवाली टीक से बनी अंडाकार मेज के नीचे छह लोगों ने एक साथ अपनी मुट्ठियाँ भींच रखी थीं। आखिर कैसे उनकी प्रधानमंत्री उनसे इस लहजे में बात कर सकती हैं? आखिर कैसे संविधान ऐसे लोगों को प्रधानमंत्री बनने की इजाजत देता है जिनके पास लोकसभा की 543 में से महज 35 सीट हैं? भारत के प्रधानमंत्री का विमान इस्लामाबाद एयरपोर्ट से भारतीय समय के अनुसार सुबह 7:45 बजे उड़ान भरता है। उसे नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (आई.जी.आई.ए.) पर भारतीय समय के अनुसार सुबह 9:10 बजे उतरना था। विमान जैसे अपने निर्धारित रूट से भटकने लगता है, आई.जी.आई.ए. एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर में हड़कंप मच जाता है। इस्लामाबाद के दौरे पर पी.एम. के साथ रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और एन.एस.ए. भी गए थे। उनकी गैरमौजूदगी में भारतीय वायु सेना के प्रमुख से बात करने के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति कैबिनेट सचिव या रक्षा सचिव ही हो सकते थे। दोनों ने ही उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन कोई बात नहीं हो पाई। भारतीय समय के अनुसार सुबह 9:45 बजे, युद्ध के लिए तैयार वेशभूषा में भारतीय सेना के जवान सेना के ट्रकों से नॉर्थ और साउथ ब्लॉक पहुँचने लगे। लुटियन की दिल्ली में फैले अन्य मंत्रालयों की इमारतों के बाहर भी जवान एकत्र हो रहे थे। पाकिस्तान के समय अनुसार सुबह 9:45 बजे, यानी नई दिल्ली में भारतीय जनरलों की प्रेस कॉन्फ्रेंस समाप्त होने के करीब पाँच घंटे बाद और भारत के पचास से ज्यादा शहरों की सड़कों पर लाखों लोगों के सड़कों पर प्रदर्शन शुरू होने के लगभग दो घंटे बाद, प्रधानमंत्री इरफान खान ने पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की एक बैठक की अध्यक्षता की और बैठक में आगे की काररवाई की योजना तैयार की।
Poorvi Africa Ka Praveshdwar Uganda
- Author Name:
Ramesh Pokhriyal 'Nishank'
- Book Type:

- Description: "युगांडा अफ्रीका का नैसर्गिक सुंदरता और जैव-विविधता से परिपूर्ण देश है जिसे ब्रिटिश प्रधानमंत्री विस्टन चर्चिल ने ‘अफ्रीका का मोती’ तक कहा है। यह नील नदी का स्रोत है, जो दुनिया की दूसरी सबसे लंबी नदी है। रंग-बिरंगी तितलियों से लेकर पहाड़ी गोरिल्ला, लुप्तप्राय प्रजातियों के घर के रूप में और एक वैश्विक पर्यटक केंद्र के रूप में युगांडा आकर्षक गंतव्य है। युगांडा के बारे में एक और महत्त्वपूर्ण बात यह है कि यह दुनिया भर के शरणार्थियों का स्वागत अत्यंत खुले मन से करता है। उत्तम बात यह है कि जहाँ शरणार्थी सामाजिक सेवाओं का आनंद लेते हैं, वही वह स्वतंत्र रूप से आगे बढ़ सकते हैं और काम कर सकते हैं। एक राष्ट्र के रूप में युगांडा ने अपनी चुनौतियों से मुकाबला कर, अपने मुश्किलों से भरे हुए अतीत को छोड़ते हुए देश को एक सक्षम, समृद्ध राष्ट्र के रूप में स्थापित किया। एक अनुशासित, मेहनतकश राष्ट्र के रूप में युगांडा ने तमाम कठिनाइयों के बावजूद अपने लोगों को एक नई पारी के लिए न केवल तैयार किया, बल्कि एक नई जीवन-शैली के लिए प्रेरित किया। यह पुस्तक इस देश के विषय में समग्र जानकारी देती है। इसमें युगांडा की संस्कृति, अर्थव्यवस्था, रीति-रिवाज, इतिहास, भूगोल से लेकर वहाँ के पर्यटक स्थलों, शैक्षिक तंत्र, धार्मिक विविधता, भाषा, जैव-विविधता, राजनैतिक व्यवस्था की जानकारी सरल-सुबोध भाषा में दी है।
Nagarikta Sanshodhan Adhiniyam (Tathya Evam Satya : Ek Bauddhik Vimarsh)
- Author Name:
Geeta Singh
- Book Type:

- Description: "भारत सदैव विश्व के सभी सताए हुए लोगों की शरणस्थली रहा, उसी के नागरिकों को उसी की भूमि पर अवसरवाद के इस खेल ने शरणार्थी बना दिया। आज हमें एक मजबूत इच्छाशक्ति वाली मानवतावादी सरकार मिली है, जो इन पीडि़तों एवं शोषितों को सहारा देने के लिए सर्वसम्मति से ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम’ को पारित करवाकर लाई, तो अवसरवादी तुच्छ राजनीति करने वाले लोग फिर देश को गुमराह करने में लग गए हैं। समाज में हर तबके के अंदर देश के कोने-कोने में आज सी.ए.ए., एन.पी.आर. एवं एन.आर.सी. पर लोगों के मन में जहर घोलकर तरह-तरह की भ्रांतियाँ बैठा दी गई हैं। उन्हीं भ्रमों के निवारण के लिए तथा इन सभी अधिनियमों के सत्य को सामने लाने के लिए सी.पी.डी.एच.ई. (यू.जी.सी.एच. आर.डी.सी) दिल्ली विश्वविद्यालय के तत्त्वावधान में एक विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसमें राष्ट्र के अग्रणी चिंतक डॉ. इंद्रेश कुमारजी के सान्निध्य एवं संरक्षण में बौद्धिक विमर्श हुआ, जिसमें देश भर के विविध विश्वविद्यालयों से आए विभिन्न चिंतकों, प्राध्यापकों एवं शिक्षाविदों ने गंभीर विचार-विमर्श किया। उस वैचारिक मंथन से प्राप्त ज्ञान-सुधा को जन-जन तक पहुँंचाने के लिए यह पुस्तक प्रकाशित की गई है। केरल के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान की प्रस्तावना ने इस विषय के महत्त्व को दृढ़ता और प्रामाणिकता से रेखांकित किया है। "
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