Bharat Ke Rajya
Author:
Anish BhasinPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
History-and-politics0 Reviews
Price: ₹ 640
₹
800
Unavailable
‘भारत के राज्य और केंद्र शासित प्रदेश’ पुस्तक की शुरुआत देश की विविधता में एकता की उन मूल संकल्पनाओं में दुहराती विशिष्टताओं से की गई है, जिनके चलते विश्व में हमारा देश एक महान् देश के रूप में प्रतिष्ठापित हुआ है। इसमें भारत के 28 राज्यों, 7 केंद्र शासित प्रदेशों एवं सभी जिलों का विस्तार से वर्णन किया गया है।
प्रत्येक राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेश को सात बड़े शीर्षकों—‘इतिहास’, ‘राजनीति’, ‘भूगोल’, ‘अर्थव्यवस्था, कृषि व उद्योग-धंधे’, ‘शिक्षा’, ‘कला एवं संस्कृति’, तथा ‘पर्यटन’ के तहत सुविभाजित किया गया है। प्रत्येक शीर्षक के उत्पत्ति तथ्यों व जानकारियों का संयोजन नवीनतम संदर्भ में किया गया है। प्रत्येक राज्य के अंत में उससे संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्यों को बॉक्स में भी दिया गया है।
यह पुस्तक विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं संघ व राज्य स्तरीय विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के परीक्षार्थियों हेतु विशेष रूप से उपयोगी सिद्ध होगी।
ISBN: 9789383110193
Pages: 416
Avg Reading Time: 14 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक ऐसा सांस्कृतिक संगठन है, जिसके लाखों समर्पित स्वयंसेवक राष्ट्र-निर्माण में लगे हैं और भारत को परम वैभव संपन्न बनाने के लिए कृतसंकल्पित हैं। परम पूज्य सरसंघचालक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने सन् 1925 की विजयादशमी को इसी उद्देश्य से संघ की स्थापना की। समर्पित भाव से व्यक्ति-निर्माण के महती कार्य को लक्षित कर संघ के स्वयंसेवक देश-समाज के प्रायः सभी क्षेत्रों—सेवा, विद्या, चिकित्सा, छात्र, मजदूर, राजनीति—में ‘राष्ट्र सर्वोपरि’ के मूलमंत्र को जीवन का ध्येय मानकर प्राणपण से जुटे हैं। संघ दुनिया में अपनी तरह का अकेला संगठन है। पिछले कुछ समय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को निकट से जानने और गहराई से समझने की जिज्ञासा बढ़ी है। संघ के छठे और वर्तमान सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत के विचारों पर आधारित यह पुस्तक इस दिशा में दीपशिखा का काम करेगी। यह पुस्तक अलग-अलग अवसरों पर दिए उनके व्याख्यानों का संग्रह है। ‘हिंदुत्व का विचार’, ‘भारत की प्राचीनता’, ‘हमारी राष्ट्रीयता’, ‘समाज का आचरण’, ‘स्त्री सशक्तीकरण’, ‘विकास की अवधारणा’, ‘अहिंसा का सिद्धांत’, ‘बाबा साहेब आंबेडकर’ और ‘भारत का भवितव्य’ जैसे विषयों पर दिए गए उनके व्याख्यान संघ को समझना आसान बना देते हैं। वैसे अपने व्याख्यानों में मोहनराव भागवत बार-बार कहते हैं कि ‘संघ को समझना हो तो संघ में आइए’। यह पुस्तक पाठक के विचारों को परिष्कृत करेगी और समाज में ऐसे राष्ट्रभाव जाग्रत् करेगी, जिससे ‘यशस्वी भारत’ का लक्ष्य सिद्ध होगा।
Pagha Jori-Jori Re Ghato
- Author Name:
Rose Kerketta
- Book Type:

- Description: "रोज ने अपने कथा-संग्रह में आदिवासी जीवन को सघनता और संपूर्णता के साथ शामिल किया है। जो जिया है, उसे ही लिखा है। संग्रह में व्यापकता है, विविधता है, आधुनिकता है, और जो सबसे बड़ी बात है, वह है प्रतिरोध का राजनीतिक स्वर। इसमें हिंदी साहित्य में चल रहे स्त्री विमर्श से अलग ढंग की कहानियाँ हैं, जो पुरुष के विरोध में नहीं, व्यवस्था के विरोध में खड़ी हैं। यहाँ अलग तरह का नारीवाद है। जल, जंगल, जमीन पर हो रहे हमले के खिलाफ लड़ता हुआ नारीवाद। —वीरभारत तलवार ऐसे मौसम में जबकि रचनात्मकता में एक प्रकार का सुखाड़ एवं अकाल है, रोज दी ने वैसी कहानियाँ दी हैं, जो बिल्कुल ही एक नए स्वाद की कहानियाँ हैं। समाज में जो लड़ाई है, उस लड़ाई को ताकत देने के लिए यह किताब है। —किशन कालजयी रोज दी की प्रमुख विशेषता यह है कि वे कहानियाँ लिखती नहीं कहती हैं, यानी एक कहानीकार का पाठक के साथ जो एक संवाद हो सकता है, पाठक में जो विश्वास हो सकता है, पाठक के साथ जो साझेदारी या भागीदारी हो सकती है, वह रोज दी की कहानियों में दिखती है। उनका जो देशज स्वर है, वह सीमित भौगोलिक दायरे में नहीं सिमटता है। हिंदी में जनजातीय पात्रों को लेकर जो कहानियाँ लिखी गई हैं, ये कहानियाँ उनसे भिन्न हैं। —रविभूषण इस कथा-संग्रह से गुजरते हुए आदिवासी समाज की वाचिक परंपरा-किस्सागोई का आस्वाद अनायास हमारे मन-मस्तिष्क को भिगोता है। इन कहानियों में लेखिका ने शिल्प के लिए कोई अतिरिक्त प्रयास नहीं किया है। कथ्य के साथ सादा-सा शिल्प सहज रूप से आया है। एक नैसर्गिक आदिवासी सादगी मौलिकता-सहजता के साथ। —रणेंद्र
Aadhar Se Kiska Uddhar
- Author Name:
Reetika Khera
- Book Type:

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Description:
‘‘रीतिका खेड़ा की किताब भारी सरकारी प्रचार के साथ सारे देश में लागू की गई विवादित आधार योजना के बारे में एक सामयिक और सटीक दस्तावेज़ है। यह बताती है कि कैसे सर्वोच्च न्यायालय और जानकारों की सलाह की अनदेखी करते हुए सरकार ने आधार कार्ड को फटाफट तमाम सरकारी कल्याण योजनाओं के लाभार्थियों के लिए अनिवार्य बना दिया। इससे उपजी विसंगतियों और जनता के संवैधानिक अधिकारों को पहुँचे गम्भीर नुकसान पर लेखिका ने बड़ी ईमानदारी से रोशनी डाली है। किताब हमको आधार से जमा किए गए भारतीय उपभोक्ता की बाबत अनमोल डाटा का, आगे मुनाफ़ाख़ोर बाज़ार द्वारा सम्भावित दुरुपयोग के ख़िलाफ़ चेतावनी देती है। एक जटिल विषय के सहज हिन्दी अनुवाद ने इस किताब को सरल और आमफ़हम बनाया है।’’
—मृणाल पाण्डे
Bharat Mein Digital Kranti
- Author Name:
Pradeep Thakur
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Indira Files
- Author Name:
Vishnu Sharma
- Rating:
- Book Type:

- Description: लेकिन इंदिरा गांधी ही क्यों? आजाद भारत में इंदिरा गांधी वंशवाद का सबसे बड़ा और पहला उदाहरण हैं। वंशवाद का एक ऐसा उत्पाद, जिसको लौह महिला भी कहा जाता है और दूसरी तरफ आपातकाल थोपने के लिए हर साल उनकी तानाशाही को श्रद्धांजलि भी दी जाती है। एक तरफ पाकिस्तान के दो टुकड़े करके इंदिरा गांधी ने भारतीय इतिहास में अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखवा लिया, तो दूसरी तरफ गांधारी की तरह बेटे को अंधा प्रेम कर ‘संजय की मम्मी, बड़ी निकम्मी’ जैसा नारा भी झेला। एक तरफ सिक्किम विलय में अहम भूमिका निभाई तो दूसरी तरफ ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ का दाग उनकी मौत भी नहीं मिटा पाई। एक तरफ परमाणु परीक्षण कर भारत की ताकत और हिम्मत को पर लगा दिए तो दूसरी तरफ पहली ऐसी प्रधानमंत्री बनीं, जिनको हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री पद से ही हटने का आदेश जारी कर दिया। यह पुस्तक किसी भी जागरूक पाठक, शोधार्थी, पत्रकार, नेता, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए काफी तथ्यात्मक हो सकती है। कुछ मुद्दे जो इस पुस्तक में लिखे गए हैं, वे और ज्यादा जगह माँगते थे, लेकिन ज्यादा विषयों को लेने की रणनीति के चलते उन्हें सीमित जगह ही दी गई। शोधार्थी इसको आधार बनाकर और गहन अध्ययन कर सकते हैं।
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