Kaushambi : Prachin Bharat Ka Ek Gauravshali Nagar

Kaushambi : Prachin Bharat Ka Ek Gauravshali Nagar

Language:

Hindi

Category:

History-and-politics

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प्राचीन भारत का एक गौरवशाली नगर कौशाम्बी ऐतिहासिक दृष्टि से अशोक, कनिष्क, समुद्रगुप्त, हर्षवर्द्धन आदि प्रतापी शासकों की महत्वाकांक्षा का एक प्रमुख केन्द्र था। उत्तर वैदिक काल से मुग़लकाल तक कौशाम्बी का पौराणिक, धार्मिक, ऐतिहासिक, राजनैतिक और सांस्कृतिक महत्त्व भारतीय ग्रन्थों में प्रतिबिम्बित है।
कौशाम्बी के उत्खनन के दौरान प्रथम सहस्राब्दी ई.पू. की आरम्भिक शताब्दियों में नगरीकरण और नगर के दुर्गीकरण के स्पष्ट संकेत मिले हैं। यहाँ यमुना नदी के बाएँ तट पर उदयि‍न का बनवाया हुआ एक क़िला था, जिसके भग्नावशेष एक विशाल टीले के रूप में कोसम और गढ़वा नामक ग्रामों के बीच में स्थित है।
गुप्त-साम्राज्य के विघटन के साथ ही कौशाम्बी नगर भी पतनोन्मुख हो गया। गुप्त-साम्राज्य के बाद छोटे-बड़े कई राजवंशों का प्रादुर्भाव हुआ। नए राजधानी नगरों के उदय के कारण कौशाम्बी का महत्त्व स्वाभाविक रूप से कम हो गया। इसी बीच हूण हमलावरों के आक्रमण के कारण कौशाम्बी नगर तहस-नहस हो गया।
इतिहास की एक समृद्ध थाती को अपने सीने में सँजोए यह पुरातन नगर अपने गौरवशाली अतीत को पुनर्जीवित करने के लिए मानो आकुल है। यह पुस्तक कौशाम्बी की उसी अकुलाहट से उपजा एक क्षीण-मन्द राग है। इसमें इतिहास के तमाम आरोहों-अवरोहों को यथासम्भव स्वर देने का प्रयास किया गया ह

ISBN: 9789388211888

Pages: 212

Avg Reading Time: 7 hrs

Age : 18+

Country of Origin: India

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