Hinduon Ki Sangharsh Gatha
Author:
Laxmi Narain AgarwalPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
History-and-politics0 Reviews
Price: ₹ 272
₹
340
Unavailable
"वास्तव में पाकिस्तान न कोई देश है और न राष्ट्र; यह केवल हिंदू विरोधी उग्र इस्लामी मानसिकता का गढ़ है। सन् 1947 में हुआ बँटवारा कोई दो भाइयों के बीच हुआ जमीन का बँटवारा नहीं था, यह हिंदुओं के प्रति इस्लाम के अनुयायी कट्टरपंथी मुल्लाओं की तीव्र घृणा का परिणाम था।
आज समय की आवश्यकता तो यह है कि स्वयं मुस्लिम भी इस्लाम की गिरफ्त से बाहर निकलें, लेकिन यह मुस्लिम समुदाय में बहुत बड़ी क्रांति से ही संभव है, पर जब तक यह नहीं होता, तब तक हिंदुओं को समझ लेना चाहिए कि इस्लाम के सीधे निशाने पर केवल हिंदू हैं।
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प्रस्तुत पुस्तक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में इस्लाम का परिचय कराने के साथ-साथ हिंदुओं के संघर्ष को इस तरह पेश करती है कि सामान्य पाठक भी उसे सहज ही समझ ले। इस्लाम का यथातथ्य पूरी बेबाकी के साथ परिचय करानेवाली हिंदी की यह शायद पहली पुस्तक है। इसमें काफी साहसपूर्ण ढंग से अनेक ऐसे सत्य उद्घाटित किए गए हैं, जिनको जानना किसी भी जागरूक भारतीय के लिए आवश्यक है।"
ISBN: 9789386871862
Pages: 200
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: एक दरबारी ने दर्प के साथ कहा ‘एक पत्र में लिखा आया है कि बहुत से राजपूत राजा दक्खिनियों के विरुद्ध हो गए हैं । हमारी निंदा करते हैं, लुटेरा कहते हैं! जिन मराठों ने हिंदुस्थान के चारों कोनों तक धर्म की ध्वजा फहराई; जिन मराठों की देवी ने उत्तर में बदरीनाथ, केदारनाथ, कुरुक्षेत्र से लेकर मथुरा-वृंदावन, काशी, निजाम और टीपू राज्य रामेश्?वर तक एवं द्वारिका और सोमनाथ मे लेकर जगन्नाथपुरी तक मंदिर, घाट, सड़कें और धर्मशाला बनवाईं और प्यासों के लिए प्याऊ रखवाईं जिन देवी ने तीर्थक्षेत्रों के मंदिरों में गंगाजल भिजवाने का प्रबंध किया, जिन देवी ने... अहिल्याबाई से न सहा गया । चेहरे पर रुद्रता फैल गई । ‘बस, बस उन्होंने फटकारा, ‘मैंने कितनी बार मना किया है कि मुझे देवी कभी मत कहो। मेरी चाटुकारी मत करो...’ फिर धीरे से बोलीं, सारे भारत की जनता एक है। द्वेष तो राजाओं और नवाबों में है। ये एक-दूसरे की निंदा की आड़ में एक-दूसरे के प्रदेश को बुरा बतलाते हैं। यह प्रदेश छोटा और बुरा है, हमारा प्रदेश बड़ा और अच्छा है; वे जंगली हैं, हम श्रेष्ठ हैं; इस भेदभाव का विष हम सबको किसी दिन नरक में धकेलेगा। —इसी उपन्यास से चारों ओर घोर अराजकता; शासन- व्यवस्था के नाम पर घोर अत्याचार; प्रजाजन दीन-हीन अवस्था में; धर्म अंधविश्?वासों, भय-त्रासों और रूढि़यों की जकड़ में कसा हुआ; न्याय में न शक्ति रही थी, न विश्वास । ऐसे काल की उन विकट परिस्थतियों में अहिल्याबाई ने जो कुछ किया—और बहुत किया—वह चिरस्मरणीय है। महारानी अहिल्याबाई के जीवन पर आधारित यह ऐतिहासिक उपन्यास बाबू वृंदावनलाल वर्मा की श्रेष्ठ कृति है।
Kaggattala Kala
- Author Name:
Shashi Tharoor
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Samajwad Ka Sarathi
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Sanjay Lathar
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- Description: Awating description for this book
Uttar Pradesh Ka Swatantrata Sangram : Maharajganj
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Dr. Arun Kumar Tripathi
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Description:
19वीं सदी के कांग्रेसकालीन आंदोलनों में महराजगंज जनपद का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। उस समय यहाँ की अधिकांश भूमि वनाच्छादित थी तथा कृषि-भूमि गोरखपुर के जमींदारों के हाथ में थी। आबादी भी बहुत अधिक नहीं थी फिर भी यहाँ के निवासियों ने अंग्रेजों को चैन की नींद नहीं सोने दिया। गोरखपुर षड्यंत्र कांड के मुख्य आरोपी प्रो. शिब्बन लाल सक्सेना यहाँ के अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्वतंत्रता सैनिक थे जिन्हें अंग्रेजी शासन ने दस वर्ष जेल की सजा दी। इसी क्षेत्र के अक्षैवर सिंह 1930 में सनहा आंदोलन का नेतृत्व करने के कारण अंग्रेजों के कोप का शिकार हुए। सुधाबिंदु त्रिपाठी उग्र क्रांतिकारी संगठन हिंदुस्तान सोशलिस्ट आर्मी से जुडे़ रहे जिन्होंने हथियारों की खरीद के लिए धन-संग्रह के आरोप में कई वर्ष जेल में बिताए।
महराजगंज जिले ने इसके अलावा भी आजादी की लड़ाई में लगातार सक्रियता दिखाई जिसका पूरा विवरण लेखक ने गहन अध्ययन एवं चिंतन के उपरांत इस पुस्तक में दिया है।
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