‘Kaun Hain Bharat Mata?’
Author:
Purushottam AgarwalPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
History-and-politics0 Reviews
Price: ₹ 479.2
₹
599
Available
यह भारतमाता कौन है, जिसकी जय आप देखना चाहते हैं’? 1936 की एक सार्वजनिक सभा में जवाहरलाल नेहरू ने लोगों से यह सवाल पूछा। वही जवाहरलाल जो भारत के स्वाधीनता-आन्दोलन के सबसे महत्त्वपूर्ण नायकों में रहे और बाद में देश के पहले प्रधानमंत्री भी बने। फिर उन्होंने कहा : बेशक ये पहाड़ और नदियाँ, जंगल और मैदान सबको बहुत प्यारे हैं, लेकिन जो बात जानना सबसे ज़रूरी है वह यह कि इस विशाल भूमि में फैले भारतवासी सबसे ज़्यादा मायने रखते हैं। भारतमाता यही करोड़ों-करोड़ जनता है और भारतमाता की जय उसकी भूमि पर रहने वाले इन सब की जय है।’ यह किताब इस सच्ची लोकतांत्रिक भावना और समावेशी दृष्टिकोण को धारण करने वाले शानदार दिमाग़ को हमारे सामने रखती है। यह पुस्तक आज के समय में ख़ासतौर से प्रासंगिक है जब ‘राष्ट्रवाद’ और ‘भारतमाता की जय’ के नारे का इस्तेमाल भारत के विचार को एक आक्रामक चोगा पहनाने के लिए किया जा रहा है जिसमें यहाँ रहनेवाले करोड़ों निवासियों और नागरिकों को छोड़ दिया गया है।</p>
<p>‘कौन हैं भारतमाता?’ में नेहरू की क्लासिक किताबों—‘आत्मकथा’, ‘विश्व इतिहास की झलक’ और ‘भारत की खोज’—से लेख और अंश लिये गए हैं। उनके भाषण, निबन्ध और पत्र, उनके कुछ बहुत प्रासंगिक साक्षात्कार भी इसमें हैं। संकलन के दूसरे भाग में नेहरू का मूल्यांकन करते हुए अन्य लेखकों के अलावा महात्मा गांधी, भगत सिंह, सरदार पटेल, मौलाना आज़ाद, अरुणा आसफ़ अली, रामधारी सिंह ‘दिनकर’, अली सरदार जाफ़री, बल्देव सिंह, मार्टिन लूथर किंग जूनियर, रिचर्ड एटनबरो, ली कुआन यू और अटल बिहारी वाजपेयी के आलेख शामिल हैं। बहुत सारे विषयों से गुँथी इस किताब के पन्नों में—जिसमें एक बहुत शानदार प्रस्तावना भी है—नेहरू एक ऐसे महत्त्वपूर्ण कर्मशील व विचारशील व्यक्ति के रूप में उभरते हैं जिनमें भारत की सभ्यतामूलक आत्मा की एक सहज समझदारी थी और साथ ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण के प्रति स्पष्ट प्रतिबद्धता भी; और एक राजनेता के रूप में राजनीति की सारी मजबूरियों के बावजूद जो हमेशा एक लोकतंत्रवादी बने रहे। उनकी विरासत आज भी महत्त्वपूर्ण बनी हुई है—शायद हमारे इतिहास के किसी भी दौर से ज़्यादा वह आज प्रासंगिक है।
ISBN: 9788195099573
Pages: 512
Avg Reading Time: 17 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: मेरी इस पुस्तक का उद्देश्य न तो कोई राजनीतिक या सामाजिक शोध प्रस्तुत करना है और न मैं इसे अपना अधिकार या कर्तव्य समझती हूँ कि भारतीय जनता के लिए कोई ऐसे क़ानून अथवा विधि-उल्लेखों द्वारा मार्ग-प्रदर्शन करूँ जिसके आधार पर वे अपने देश की समस्याएँ हल करें। मैं किसी तरह की विशेषज्ञ होने का दावा नहीं करती और ख़ुद को इस लायक़ नहीं समझती कि भारतीय समाज का गहराई से विश्लेषण प्रस्तुत करूँ। मैंने जो कुछ लिखा है वह आपबीती घटनाओं का ब्योरा है तथा उन लोगों द्वारा बताई गई बातें हैं जिनके साथ भारत में मुझे रहने का तथा जिनसे मिलने का अवसर मिला। यह सोचकर मैं गर्व का अनुभव कर रही हूँ कि राधाकृष्ण प्रकाशन ने मेरी इस पुस्तक को हिन्दी में प्रकाशित करने और इस प्रकार भारत के व्यापकतर जनसमुदाय तक पहुँचाने के योग्य समझा। इस पुस्तक में मैंने जो कुछ लिखा है, वह भारतीय पाठकों को काफ़ी हद तक जाना-पहचाना लगेगा क्योंकि इसमें मैंने महज़ अपने अनुभवों का लेखा-जोखा पेश किया है और वह भी ख़ासतौर से ब्रिटिश पाठकों के लिए जिन्हें भारतीय समाज के वास्तविक स्वरूप की जो भी जानकारी है, वह ना के बराबर है।
Hinduon Ki Sangharsh Gatha
- Author Name:
Laxmi Narain Agarwal
- Book Type:

- Description: "वास्तव में पाकिस्तान न कोई देश है और न राष्ट्र; यह केवल हिंदू विरोधी उग्र इस्लामी मानसिकता का गढ़ है। सन् 1947 में हुआ बँटवारा कोई दो भाइयों के बीच हुआ जमीन का बँटवारा नहीं था, यह हिंदुओं के प्रति इस्लाम के अनुयायी कट्टरपंथी मुल्लाओं की तीव्र घृणा का परिणाम था। आज समय की आवश्यकता तो यह है कि स्वयं मुस्लिम भी इस्लाम की गिरफ्त से बाहर निकलें, लेकिन यह मुस्लिम समुदाय में बहुत बड़ी क्रांति से ही संभव है, पर जब तक यह नहीं होता, तब तक हिंदुओं को समझ लेना चाहिए कि इस्लाम के सीधे निशाने पर केवल हिंदू हैं। आज यह बात ठीक से समझ लेने की जरूरत है कि इस्लाम का जन्म ही मूर्तिपूजा और बहुदेववाद को नष्ट करने के लिए हुआ है। उसके धर्मांध अनुयायियों ने भी मूर्तिपूजकों को जड़ से समाप्त करने का बीड़ा उठा रखा है। दुनिया में ईसाई और मुसलिम एक ही परंपरा की उपज हैं, इसलिए लाख शत्रुता के बाद भी एक-दूसरे के लिए उनके दिल में स्थान है। इसीलिए हिंदू दोनों के ही निशाने पर है। प्रस्तुत पुस्तक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में इस्लाम का परिचय कराने के साथ-साथ हिंदुओं के संघर्ष को इस तरह पेश करती है कि सामान्य पाठक भी उसे सहज ही समझ ले। इस्लाम का यथातथ्य पूरी बेबाकी के साथ परिचय करानेवाली हिंदी की यह शायद पहली पुस्तक है। इसमें काफी साहसपूर्ण ढंग से अनेक ऐसे सत्य उद्घाटित किए गए हैं, जिनको जानना किसी भी जागरूक भारतीय के लिए आवश्यक है।"
Uttar Pradesh Ka Swatantrata Sangram : Balrampur
- Author Name:
Pawan Bakshi
- Book Type:

-
Description:
सन् सत्तावन के स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी करनेवाली रानी तुलसीपुर का उल्लेख कहीं-कहीं ऐश्वर्य राजेश्वरी देवी के रूप में भी मिलता है और ईश्वरी कुमारी के रूप में भी। इस पुस्तक में उनके और अन्य स्वतंत्रता-सेनानियों के संघर्ष को रेखांकित किया गया है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपने-अपने समय पर महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानेवाले ऐसे अनेक सेनानी हैं जिनके बारे में आज बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। रानी तुलसीपुर भी उनमें से एक हैं। उनके बारे में अभी तक इतना ही ज्ञात था कि विद्रोह के दौरान वे बेगम हजरत महल के साथ नेपाल चली गई थीं। यह पुस्तक उनकी पूरी वीरगाथा को सामने लाती है जिसके लिए लेखक ने लिखित इतिहास के अलावा सैकड़ों गाँवों में घूम-घूमकर बुजुर्गों से कहानियाँ भी सुनीं और फिर वास्तविक तथ्यों के आधार पर यह पुस्तक लिखी।
रानी तुलसीपुर के साथ-साथ इसमें स्वतंत्रता आंदोलन में बलरामपुर जिले की भूमिका भी स्पष्ट होती है।
SAKSHI BHAV
- Author Name:
Narendra Modi
- Book Type:

- Description: "उज्ज्वल भविष्य का प्रकाश-पुंज दिखाई देता है। यहाँ तप-तपस्या जैसे शब्दों का उपयोग नहीं है। यहाँ किसी देवात्मा का अधिष्ठान खड़ा नहीं किया गया है यहाँ तो उसके हृदय में विवेकानंद के कथनानुसार दरिद्रनारायणों की कामना ही झंकृत की गई है यह सत् शक्ति का मिलन है। मेरे नए उत्तरदायित्व के विषय में बाह्य वातावरण में तूफान लगभम थम गया है। सबका आश्चर्य, प्रश्न आदि अब पूर्णता की ओर है अब अपेक्षाओं का प्रारंभ होगा। अपेक्षाओं की व्यापकता और तीव्रता खूब होगी तब मेरे नवजीवन की रचना ही अभी तो शेष है। मुझे किसी को मापना नहीं है मुझे अपनी श्रेष्ठता सिद्ध नहीं करनी है। मुझे तो नीर-क्षीर के विवेक को ही पाना है। मेरी समर्पण-यात्रा के लिए यह सब जरूरी है। इसीलिए इस शक्ति की उपासना का केंद्र स्व का सुख नहीं बनाना है। माँ...तू ही मुझे शक्ति दे—जिससे मैं किसी के भी साथ अन्याय न कर बैठूँ, परंतु मुझे अन्याय सहन करने की शक्ति प्रदान कर। —इसी पुस्तक से श्री नरेंद्र मोदी केवल एक राजनीतिक कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि एक कविहृदय साहित्यकार भी हैं। यह ग्रंथ डायरी रूप में जगज्जननी माँ से संवाद रूप में व्यक्त उनके मनोभावों का संकलन है, जिसमें उनकी अंतर्दृष्टि, संवेदना, कर्मठता, राष्ट्रदर्शन व सामाजिक सरोकार स्पष्ट झलकते हैं। हृदय को स्पंदित करनेवाले मर्मस्पर्शी विचारों का अनंत सोपान है यह संकलन।"
Bharat 2020 Aur Uske Baad
- Author Name:
Dr. Y.S. Rajan +1
- Book Type:

- Description: परिवर्तन का समय अभी है। विकल्प स्पष्ट और भयानक है। अगर हम वर्तमान ढर्रे पर ही चलते रहे तो विश्व के अन्य लोग हमसे आगे निकल जाएँगे। गरीबी व बेरोजगारी और ज्यादा बढ़ जाएगी, जो हमारे समाज को अंतर्विस्फोट की ओर ले जाएगी। और अगर हम बदलाव लाएँगे तो हम वास्तविक प्रगति कर पाएँगे—गरीबी से समृद्धि की ओर, गतिरोध से तीव्र विकास की ओर।’ भारत अभी भी एक दशक के भीतर ही विकसित देशों की सूची में शामिल हो सकता है। ‘भारत 2020 और उसके बाद’ नामक यह पुस्तक इस रूपांतरण के लिए एक पूरी कार्ययोजना प्रदान करती है।
Yashpal Ka Viplav Vol. 1-4
- Author Name:
Yashpal
- Book Type:

- Description: संकलित लेख स्वातंत्र्योत्तर भारत के लगभग सभी पहलुओं पर मंत्रणा करते दिखते है। फिर चाहे मुद्दा साहित्य, संस्कृति और भाषा का हो, कांग्रेसवाद बनाम मार्क्सवाद का हो, या एक नयी वैश्विक व्यवस्था में भारत की छवि और कर्तव्यों का हो। यहाँ एक ऐसी विस्तृत और समावेशी तस्वीर उभरती है जिसे किसी एक उपन्यास या कई कहानियों में भी समेटना नामुमकिन है। इस लिहाज़ से 'विप्लव' का चौथा भाग भारत के बौद्धिक इतिहास की प्रस्तावना उकेरता है—एक ऐसी पृष्ठभूमि जो आजादी से लेकर अबतक हमारे सामाजिक जीवन को प्रभावित-पोषित करता आई है। इन लेखों में यशपाल एक दुस्साहसी संपादक के रूप में निखरते हैं जो अपनी लेखनी में तटस्थ पत्रकारिता, तथ्यपरक विवेचना और साहित्यिक स्वायत्तता की एक अनूठी मिसाल प्रस्तुत करता है। शैली और भाषा का एक ऐसा नमूना जो आज के दौर में बेहद प्रासंगिक है। यह कहना उचित होगा कि यशपाल का साहित्य और उनकी पत्रकारिता, दोनों क्रांतिकारी संघर्ष की बौद्धिक उपज हैं। और एक दूसरे के पूरक भी हैं। इसलिए यह किताब हिंदी साहित्य और भारतीय इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए अनिवार्य है।
Kashmir The Untold story
- Author Name:
Humra Quraishi
- Rating:
- Book Type:

- Description: Since 1989, Kashmir has rarely been out of the headlines, as local militants, foreign terrorists, and Indian security forces battle it out in a region once known as `paradise on earth'. In all the propaganda, and news and statistics about terrorist strikes, counter insurgency operations, and the foreign hand, the human stories are often lost. In this book, journalist Humra Quraishi draws upon her extensive travels in the Valley and interactions with ordinary Kashmiris over two decades to try and understand what the long strife has done to them. She brings us heartrending stories of mothers waiting for their young sons who disappeared years ago, picked up by the army or by militants; minds undone by the constant uncertainty and fear and almost daily humiliation; old harmonies tragically undermined by the atmosphere of suspicion; an entire generation of young Kashmiris who have grown up with no concept of security; and individual families and a whole society falling apart under the strain of the seemingly endless turmoil.
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