Aapatkal Aakhyan : Indira Gandhi Aur Loktantra Ki Agni Pariksha
Author:
Gyan PrakashPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
History-and-politics0 Reviews
Price: ₹ 399.2
₹
499
Available
लोकतांत्रिक भारत के इतिहास के सबसे अँधेरे पलों में से एक का प्रभावी और प्रामाणिक अध्ययन, जो हमारे वर्तमान दौर में, लोकतंत्र पर मँडरा रहे वैश्विक संकटों पर भी रौशनी डालता है।</p>
<p>—<strong>सुनील खिलनानी</strong><strong>;</strong><strong> </strong>इतिहासकार, राजनीति विज्ञानी </p>
<p>एक ऐसे दौर में, जब दुनिया एक बार फिर अधिनायकवाद के ज़लज़लों से रू-ब-रू हो रही है, ज्ञान प्रकाश की किताब ‘आपातकाल आख्यान’ आपातकाल (1975-77) को बेहतर ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में समझने के लिए हमें इतिहास के उस दौर में ले जाती है, जब भारत ने स्वतंत्रता हासिल की थी। यह किताब इस मिथक को तोड़ती है कि आपातकाल एक ऐसी आकस्मिक परिघटना थी जिसका एकमात्र कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री का सत्तामोह था, इसके बरक्स यह तर्क देती है कि आपातकाल के लिए जितनी ज़िम्मेदार इन्दिरा गांधी थीं, उतने ही ज़िम्मेदार भारतीय लोकतंत्र और लोकप्रिय राजनीति के बनते-बिगड़ते नाज़ुक सम्बन्ध भी थे। यह ऐसी परिघटना थी जो भारतीय राजनीति के इतिहास में निर्णायक मोड़ साबित हुई।</p>
<p>ज्ञान प्रकाश आपातकाल के ठीक पहले के वर्षों में घटी घटनाओं का विस्तार से लेखा-जोखा प्रस्तुत करते हुए बताते हैं कि लोकतांत्रिक बदलाव के वादे के अधूरे रह जाने ने कैसे राज्य सत्ता और नागरिक अधिकारों के बीच मौजूद नाज़ुक सन्तुलन को हिला दिया था। कैसे उग्र होते असन्तोष ने इन्दिरा गांधी की सत्ता को चुनौती दी और कैसे उन्होंने वैध नागरिक अधिकारों को निलम्बित करने के लिए क़ानून को ही अपना हथियार बनाया। जिसने भारत की राजनीतिक व्यवस्था पर कभी न मिटने वाले घाव के निशान छोड़े और निकट भविष्य में जाति और हिन्दू राष्ट्रवाद की राजनीति के लिए द्वार खोल दिये।
ISBN: 9789360864026
Pages: 416
Avg Reading Time: 14 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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Teesri Aankh
- Author Name:
Anil Joshi +1
- Book Type:

- Description: इतिहास तीसरी आँख होता है । मनुष्य की दो आँखें आगे देखती हैं, इतिहास की आँख पीछे देखती है। जो समाज जितना पीछे भूतकाल में देख सकता है, वह उतना आगे भविष्य में दूर तक विचार भी कर सकता है। जो धनुर्धर होता है, वह प्रत्यंचा को श्रुति यानी कान तक खींचता है, दूर संधान करने की कोशिश करता है। -धर्म की ग्लानि से इस राष्ट्र का दर्शन क्या है ? हमारे राष्ट्र का इतिहास क्या है? हमारे राष्ट्र की परंपरा क्या है ? हमारे राष्ट्र का वैशिष्ट्य क्या है ? हमारे राष्ट्र का उद्देश्य क्या है? हमारे राष्ट्र की विश्व- जगत् में विशेषता क्या है ? हमारे राष्ट्र का विश्व - दृष्टि से कर्तव्य क्या है ? वैश्विक जागृति में जिम्मेदारी क्या है? -डॉ. हेडगेवार और राष्ट्र दृष्टि से डॉ. अंबेडकर ने धारा 370 का विरोध किया और जब शेख अब्दुल्ला ने डॉ. अंबेडकर जी को कहा कि हमको कश्मीर के लिए कुछ अधिक अधिकार दीजिए तो डॉ. साहब ने शेख अब्दुल्ला से कहा, तुम चाहते हो कि भारत कश्मीर की रक्षा करे, कश्मीरियों को पूरे भारत में समान अधिकार मिले, पर भारत और भारतीयों को तुम कोई अधिकार नहीं देना चाहते। मैं भारत का कानून मंत्री हूँ और मैं अपने देश के साथ इस तरह की धोखाधड़ी और विश्वासघात करने में शामिल नहीं हो सकता । डॉ. भीमराव अंबेडकर : एक असाधारण बहुआयामी व्यक्तित्व से
Pracheen Bharat Mein Nagar Tatha Nagar-Jivan
- Author Name:
Uday Narayan Rai
- Book Type:

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Description:
इस ग्रन्थ में आरम्भ से लेकर बारहवीं शती ई. तक ‘प्राचीन भारत में नगर तथा नगर-जीवन’ विषय का विशद् एवं रोचक ऐतिहासिक परिचय पहली बार प्रस्तुत किया गया
है।इस ग्रन्थ के प्रथम तीन अध्यायों में आज से लगभग साढ़े चार हज़ार वर्षों पूर्व ताम्राश्म-काल में प्रथम नगरीय सभ्यता का स्वदेशी उद्भव एवं प्रारम्भिक विकास, हड़प्पा एवं मोहनजोदड़ो-सदृश प्रथम नगरों के सन्निवेश का मौलिक स्वरूप, पाश्चात्य समकालीन नगरों की तुलना में उनके निर्माण की उत्कृष्टता, कालान्तर में लौह काल में द्वितीय पुर-कान्ति के साथ गांगेय उपत्यका में नगरीकरण की प्रक्रिया का आरम्भ, नगर-सन्निवेश की विकसित शैली तथा नगर-तत्त्वों के नवीन विकास और समावेश के विवरण प्राप्य हैं।
तदुपरान्त चतुर्थ से लेकर ग्यारहवें अध्याय तक देश के लगभग पचास प्रतिनिधि नगरों का तिथिक्रम के अनुसार ऐतिहासिक परिचय, नगर एवं गृह-निर्माण की वैज्ञानिक पद्धति, भारतीय अभियन्ताओं की मौलिक सूझ-बूझ तथा नगर-शासन की विशेषताओं का परिचय उपलब्ध होता है। बारहवें से पन्द्रहवें अध्याय तक नगरों का आर्थिक जीवन एवं संघटन, सामाजिक, भौतिक एवं सांस्कृतिक जीवन की विशेषताओं का विश्लेषण, प्राचीन भारतीय कला में नगरीय रूपांकन तथा समग्र परिशीलन का सारगर्भित निष्कर्ष प्राप्य है।
नवीनतम साक्ष्यों के आधार पर इस रचना को अधिकाधिक सज्य बनाने का प्रयास किया गया है। इसका प्रत्येक अध्याय सम्यक् पठनीय तथा नवीन तथ्यों से भरपूर एवं ऋद्ध है। अद्यतन पुरातत्त्वीय साक्ष्यों से मंडित सटीक चित्रफलक, मानचित्र एवं युक्तियाँ विवेचन को अधिकाधिक प्रामाणिक, रोचक एवं सारगर्भित बनाने के उद्देश्य से यथास्थान संयुक्त हैं।
आशा एवं विश्वास है कि अपने वर्तमान स्वरूप में यह पहले से अधिक उपादेय एवं अपने अभीष्ट की पूर्ति में सफल सिद्ध हो सकेगी।
The Shaurya Unbound
- Author Name:
Nitu +1
- Book Type:

- Description: The lead Internal Security Fore of the country, the central Reserve Police Force holds the proud distinction of being the highest decorated Central Armed Police Force of the country. 'The Shaurya, Unbeaten', Chronicles the stories of the C.R.P.F brave hearts with indomitable courage, grit and determination in the face of adversity.
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