Europe Mein Darshanshastra : Bacon Se Marx Tak

Europe Mein Darshanshastra : Bacon Se Marx Tak

Language:

Hindi

Category:

General-non-fiction

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Book Details

‘दर्शनशास्त्र : पूर्व और पश्चिम’ शृंखला की यह पुस्तक पुनर्जागरण एवं आधुनिक विज्ञान के उदय की चर्चा से प्रारम्भ होती है, और उस कालखंड की दार्शनिक प्रवृत्तियों का विवेचन प्रस्तुत करती है, जो आधुनिक यूरोपीय दर्शनशास्त्र के इतिहास में अत्यन्त विचारोत्तेजक माना जाता है। यह विचित्र बात है कि उस समय के दर्शनशास्त्री एक तरफ़ तो विज्ञान से प्रतिबद्ध थे और दूसरी तरफ़ वे आधुनिक विज्ञान को सामने लानेवाली बूर्ज्‍वाजी के अन्तर्विरोधों की पड़ताल कर रहे थे। साथ ही, क्रान्ति के जो बीज स्वयं आधुनिक विज्ञान में निहित हैं, उनके प्रतिकार के लिए वे धर्म और आस्था का अन्ध-समर्थन भी कर रहे थे। लेखक ने इस पूरी प्रक्रिया पर विस्तार से विचार करते हुए दर्शनशास्त्रियों की मूलभूत विशेषताओं को उजागर किया है। बीच-बीच में इतिहास के कुछ प्रसंगों की चर्चा से यह पुस्तक और अधिक रोचक तथा पठनीय बन गई है। इसमें कई ऐसे विषयों पर भी विचार किया गया है, जिन पर अभी तक यूरोपीय दर्शनशास्त्र के अध्ययन में या तो ध्यान नहीं दिया गया था, और अगर ध्यान दिया गया तो उनसे कतरा जाने की प्रवृत्ति रही। संक्षेप में, यह पुस्तक वैज्ञानिक विचारधारा और विज्ञान एवं समाज के अन्तस्सम्बन्धों को समझने के लिए आवश्यक रूप से पठनीय है।

ISBN: 9789394902961

Pages: 107

Avg Reading Time: 4 hrs

Age : 18+

Country of Origin: India

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