Buniyadi Taleem
Author:
A. ArvindakshanPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
General-non-fiction0 Reviews
Price: ₹ 716
₹
895
Available
जब हम गांधी जी द्वारा परिकल्पित तथा कार्यान्वित बुनियादी शिक्षा की बात करते हैं तो अजीब-सा अनुभव महसूस हो सकता है, क्योंकि गांधी जी की बुनियादी शिक्षा-परिकल्पना के साथ आज के शिक्षा-जगत् का कोई सम्बन्ध नहीं है।
प्रस्तुत पुस्तक का विचारणीय विषय यही है कि गांधी जी द्वारा परिकल्पित बुनियादी शिक्षा की मूल्यदृष्टि क्या है और आज उसे किस तरह से देखा-परखा जाना चाहिए तथा आज की नूतन शिक्षा-पद्धति के साथ इसको कैसे मिलाया जाना चाहिए।
गांधी जी सचमुच एक आत्मसजग पीढ़ी भारत के लिए तैयार करना चाहते थे। इसलिए प्राथमिक शिक्षा में मातृभाषा को केन्द्र में रखा।
ऐसे में हमें यह सोचना चाहिए कि मातृभाषा के माध्यम से शिक्षा, सभी तबकों के विद्यार्थियों को समान सुविधाओं वाली पाठशालाओं की परिकल्पना और उन्हें सुविधाएँ उपलब्ध कराना, शिक्षा-पद्धतियों को समान बनाना, अध्यापक-प्रशिक्षण को वैज्ञानिक बनाना, सुविधाओं से वंचित सामाजिक तबके के विद्यार्थियों को समकक्ष तक ले आने योग्य पद्धतियों व योजनाओं का अखिल भारतीय स्तर पर आविष्कार करना आदि समान दृष्टि से जब तक कार्यान्वित नहीं होगा, तब तक बुनियादी शिक्षा का यह मातृभाषा में शिक्षण का सपना अतीत का अवैज्ञानिक सपना ही सिद्ध हो सकता है।
पुस्तक में बुनियादी तालीम के विभिन्न पक्षों पर सारगर्भित लेख प्रस्तुत करने का प्रयास है। इस विषय पर गम्भीर चिन्तन के लिए यह एक प्रवेशिका का कार्य करेगी, इसी आशा के साथ इसे पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है।
ISBN: 9788126724246
Pages: 200
Avg Reading Time: 7 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: यह सदी जिस आवाज़ में बोल रही है वह औरत की आवाज़ है, यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं है। सदियों जिसकी पीड़ा पुरुष-शासित समाज के तमाम आर्थिक-राजनीतिक-सांस्कृतिक ढाँचों की नींव में बिना किसी शिकायत के अपनी बलि देती रही, जिसकी ख़ामोशी पर पुरुषों की वाचाल सभ्यता मानवता की अकेली और स्वयम्भू प्रतिनिधि बनी रही, वह औरत अब बोल रही है। सृष्टि में अपनी हिस्सेदारी का दावा कर रही है। और कहना न होगा कि इससे एक बड़ा बदलाव मनुष्यता के लैंडस्केप में दिखाई देने लगा है। अनेक औरतें हैं जिन्होंने इस बिन्दु तक आने के लिए अपनी क़ुर्बानी दी है, अनेक हैं जिन्होंने अकेले आगे बढ़कर बाक़ी औरतों के लिए लिए कितने ही बन्द दरवाज़ों को खोला है। अनेक हैं जिनका नाम भी हम नहीं जानते। और अनेक हैं जिनके नाम इतिहास के निर्णायक मोड़ों पर उत्कीर्ण हो गए हैं। इस किताब में अलग-अलग देशों की उन औरतों से वार्ताएँ शामिल हैं जिन्होंने अपने दम-ख़म से, अपने इरादों और हिम्मत से ज़िन्दगी में एक मुकाम हासिल किया है, जिनका एक स्पष्ट नज़रिया है, और यह नज़रिया उन्होंने अपने संघर्षों से, अपनी खुली निगाह से कमाया है। इन्हें पढ़ते हुए हमें मालूम होता है कि आज उनके पास कहने के लिए बहुत कुछ है। पूरी दुनिया और उसके निज़ाम की गहरी समझ भी उनके पास है और उसकी मरम्मत के लिए व्यावहारिक सुझाव भी। वे जानती हैं कि आने वाले समय को कैसा होना चाहिए और कैसा वह नहीं है। पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, ईरान, इराक़, सीरिया और टर्की से लेकर जापान, रूस, फ़िलिस्तीन, इस्रायल, फ़्रांस, मलेशिया और लन्दन तक की विभिन्न राजनीतिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमियों से आने वाली इन महिलाओं से बातचीत की है नासिरा शर्मा ने जिन्हें हम एक सामर्थ्यवान रचनाकार के रूप में जानते हैं, विभिन्न भाषाओं के स्त्री-संवेदी और मानवतावादी साहित्य से भी वे हमें परिचित कराती रही हैं। ये वार्ताएँ साक्षात्कार के प्रचलित फ़्रेम से आगे बढ़कर दरअसल सरोकारों के समान और वैश्विक धरातल पर जाकर किए गए संवाद हैं—इस सदी की औरत की एक मुकम्मल आवाज़।
DADA-DADI KI KAHANIYON KA PITARA
- Author Name:
Smt. Sudha Murty
- Book Type:

- Description: हर दिन एक कहानी मुश्किलों के बिन जिंदगानी! यह वर्ष 2020 की बात है, जब बच्चे घरों में कैद होकर रह गए; क्योंकि नोवेल कोरोना वायरस भारत में आ धमका है। पूरे देश में लॉकडाउन घोषित हो चुका है, और इस बढ़ते संकट के बीच अज्जा और अज्जी अपने पोते-पोतियों और कमलु अज्जी का शिग्गाँव स्थित अपने घर में स्वागत करते हैं। मास्क सिलने से लेकर, घर के काम में हाथ बँटाने और श्रमिकों के लिए खाना तैयार करने से लेकर कालातीत कहानियों में खो जाने तक बच्चों के लिए लॉकडाउन का समय यादगार बन जाता है, जब वे देवी-देवताओं, राजाओं, राजकुमारों, साँपों, जादुई फलियों, चोरों, साम्राज्यों और महलों की दिलचस्प दुनिया में कदम रखते हैं। दादा-दादी की सुनाई अनगिनत कहानियाँ उनके जीवन में खुशियाँ भर देती हैं, जिनसे बच्चे दुनियादारी को लेकर पहले से कहीं अधिक दयालु और समझदार हो जाते हैं। भारत की लोकप्रिय लेखिका सुधा मूर्ति आपके लिए नैतिक गुणों से भरी ‘दादा-दादी की कहानियों का पिटारा’ का ऐसा संग्रह लेकर आई हैं, जिसे उन्होंने लॉकडाउन के दौरान बड़े प्यार से सँजोया है, ताकि नन्हे-मुन्ने पाठकों को सुकून मिले और वे दूसरों की देखरेख तथा उनके साथ चीजों को साझा करने के चमत्कार का अनुभव प्राप्त कर सकें। उनकी चिर-परिचित शैली में बेहतरीन ढंग से बुनी गई पुस्तक को आप पढ़ने लगें तो उसे छोड़ने का मन नहीं करेगा और यह हर बच्चे के बुकशेल्फ के लिए एक आवश्यकता तो है ही!
Heeron Ki Kheti
- Author Name:
Russell H. Conwell
- Book Type:

- Description: ‘हीरों के खेती’ अथवा ‘एकर्स ऑफ डायमंड्स’ में मूलतः डॉ. रसेल कॉनवेल द्वारा 6,000 से अधिक नगरों, ग्रामों और शहरों में दिए गए व्याख्यान हैं। नए विचार के साहित्य के पहले उदाहरण के रूप में ‘एकर्स ऑफ डायमंड्स’ को प्रायः बौद्धिक गुरुओं द्वारा उद्धृत किया जाता है। इस छोटी सी पुस्तक से अब तक लाखों लोग प्रेरणा प्राप्त कर चुके हैं। कॉनवेल के प्रेरक विचार, उच्च आदर्श और अदम्य उत्साह यह शिक्षा देते हैं कि हमें संभावनाओं, उपलब्धियों एवं सौभाग्य के लिए कहीं और देखने की आवश्यकता नहीं है। ‘हीरों की खेती’ उनके इस मूल विचार को प्रतिध्वनित करती है कि इस धरती पर हममें से प्रत्येक व्यक्ति दूसरों की सहायता के प्रमुख उद्देश्य के साथ आया है। यदि हम सतत प्रयास करें तो खूब धन कमा सकते हैं, सुखी-संपन्न हो सकते हैं एवं हमारा ‘हीरों का खेती’ हमारी पहुँच में ही है।
Five Children and IT
- Author Name:
E. Nesbit
- Book Type:

- Description: FlyWings Classics brings you a World Classic Children's Fantasy Book Series - Five Children and IT by E. Nesbit - - - "Be careful what you wish. You may get it!" A group of children move from their native London to the wild Kent countryside. While playing in an old gravel pit, they discover a strange creature known as a Psammead or sand fairy, who grants them one wish per day. The ensuing adventures--frequently hilarious, sometimes dangerous, and always exciting--teach the children that imagination alone has no limit. Review :- ''Nesbit is the children's writer with whom I most identify.'' - J. K. Rowling , in O, The Oprah Magazine
Yunan Mein Darshanshastra
- Author Name:
Ras Bihari Dutta
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Monasticism and Devotion to God
- Author Name:
Suhail Ahmad Farooqi +1
- Rating:
- Book Type:

- Description: Tanqidi aur Taqaabuli Mutaalena is the first of its kind in Urdu Language where tasawwuf and bhakti have been dealt with simultaneously, and that too in the real perspective of both trends. It reveals, in nutshell, that there may be apparent similsarities among tasawwuf , mysticism or surrealism and bhakti but they all have different concepts or no concept of God. Therefore, they are not one and the same indeed. However, all the three spritual courses emphasize on benevolence and doing good to humanity and rendering service Tanqidi aur Taqaabuli Mutaalena is the first of its kind in the Urdu language where tasawwuf and bhakti have been dealt with simultaneously, and that too in the real perspective of both trends. It reveals, in a nutshell, that there may be apparent similarities among tasawwuf, mysticism or surrealism, and bhakti, but they all have different concepts or no concept of God. Therefore, they are not the same, indeed. However, all three spiritual courses emphasise benevolence doing good to humanity and rendering service to the creatures of God. An attempt has also been made to find out the similarities and differences between the oneness of God (Tauheed) and Vedic monotheism on one hand and wahdatulwujud (unit of existence) and wahdatushshuhud (unity of divine manifestation) on the other, to the creatures of God. An attempt has also been made to find out similarities and differences between the oneness of God (Tauheed) and Vedic monotheism on one hand and wahadatulwujud (unit of existence) and wahdatushshuhud (unity of divine manifestation) on the other.
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