DHARMADVANDVA
Author:
Shabnam GuptaPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
General-non-fiction0 Reviews
Price: ₹ 240
₹
300
Unavailable
धर्मद्वद्वं एक रोचक काल्पनिक कथानक है। जिस समय में भारतवर्ष पांडवों और कौरवों के दो पालों में बँटता दिख रहा था, उस समय में एक ऐसा आचार्य था जो किसी राजवंश के नहीं, देश के सर्वोपरि होने की बात करता था। जब धर्म अपने नियत खूटे में बँधा हुआ था, तब वो उसकी सीमा रेखा के आगे जाकर, एक नई परिभाषा लिखता था जहाँ धर्म और विवेक का संगम होता है । जिस परिवेश में स्त्री को वस्तु की तरह पाँच भाइयों में बाँट दिया गया था, उसी परिवेश में वह स्त्री शिक्षा और सशक्तिकरण का पाठ पढ़ाता था। जब समाज, वर्ण और वर्ग में बँटा हुआ था, तब वो जन्म नहीं, कर्म से मनुष्य की पहचान बनाने में क्रियार्थ था। ये उस काल्पनिक आचार्य की कहानी है, जिसका नाम वासू था। भारतीय पौराणिक आख्यान पर केंद्रित मर्मस्पर्शी तथा पठनीय कृति, जो आपको जीवन के आदर्श और मानवमूल्यों से परिचय कराएगी
ISBN: 9789393111449
Pages: 152
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: आर्कटिक ः मध्य रात्रि के सूर्य का क्षेत्र—निलय खरे, श्यामसुंदर शर्मा पृथ्वी के सुदूर उत्तरी भाग में स्थित आर्कटिक क्षेत्र अपने में एक पूरे महासागर को समेटे हुए है और वर्ष में अधिकांश समय बर्फ से ढका रहता है। यद्यपि यह इतना निर्जन प्रदेश तो नहीं है, जैसा कि एकदम दक्षिण में स्थित अंटार्कटिक, परंतु संसार के सबसे विरल आबादीवाले क्षेत्रों में से एक अवश्य है। भारत के लिए आर्कटिक महासागर का विशेष महत्त्व है। यह महासागर न सिर्फ हमारी जलवायु बल्कि मानसून पवनों को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से प्रभावित करता है, इसलिए आर्कटिक का गहन अध्ययन हमारे वैज्ञानिकों के लिए समय-संगत है। प्रस्तुत पुस्तक आर्कटिक क्षेत्र की भौतिक रचना, इसकी खोज का इतिहास, जलवायु, बर्फ, खनिज, यहाँ के निवासी, यहाँ पाई जानेवाली वनस्पतियों एवं जीव-जंतुओं और भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययनों इत्यादि का रोचक वर्णन सरल भाषा में करने का प्रयास किया गया है। पुस्तक के लेखक डॉ. निलय खरे स्वयं तीन बार आर्कटिक जा चुके हैं। उनके स्वयं के अनुभवों और व्यावहारिक ज्ञान से परिपूर्ण यह पुस्तक अत्यंत प्रामाणिक और जानकारीपरक बन गई है।
Chetna Hero English
- Author Name:
Mission Chetna
- Book Type:

- Description: Chetna is a movement to recognise, appreciate and support goodness in the world. Living up to its mission of ‘Spreading Goodness’ and with the aim of inspiring many to follow goodness in life, the Chetna honours men and women across India, who are brave enough to go against the flow and reach out to help other individuals and families in need. These men and women are recognised as Chetna Heroes. Chetna Heroes are those people who have chosen to speak up through their deeds. None of them began their activities for social good as a broad-based, well-planned and well-funded programme. They simply responded to silent cries for help of people they came into contact with and they did not stop after answering the first cry. These Chetna Heroes continued to ask themselves—“What more can I do?”, “Who else needs this type of assistance?” The answers to these questions shaped their lives into the stories of inspiration that they are today. Chetna is presenting this Coffee Table Book—CHETNA HEROES—To appreciate applaud the dedication and selfless service of these great human beings. We believe that the stories of ‘Chetna Heroes’ will inspire many to follow suit, in embracing and supporting goodness. This very thought is the basis of publishing this Coffee Table Book.
Bhojpur : Bihar Mein Naksalvadi Andolan
- Author Name:
Kalyan Mukherji +1
- Book Type:

- Description: वर्तमान भारत के सम्मुख जो ज्वलन्त प्रश्न हैं, उनमें से एक है नक्सलवाद। नक्सलवाद का जन्म अनेक सामाजिक कारणों से हुआ है और वह आज अतिवाद का पर्याय-सा समझा जा रहा है। ‘भोजपुर : बिहार में नक्सलवादी आन्दोलन’ पुस्तक दक्षिण बिहार के भोजपुर ज़िले पर केन्द्रित है। इसी ज़िले के सहार ब्लॉक में एकवारी गाँव है, जिसे कभी ‘भोजपुर का नक्सलबाड़ी’ कहा जाता था। कल्याण मुखर्जी और राजेन्द्र सिंह यादव ने अपने अनुभवों की प्रामाणिकता व तीव्रता के साथ इस पुस्तक की रचना की है। लेखकों के अनुसार भोजपुर ज़िले में किसी भी व्यापक आन्दोलन के दो दौर हैं : 1930 का दशक, यानी त्रिवेणी संघ का दौर और 1960 का दशक अर्थात् नक्सलवादी उथल-पुथल का दौर। लेखकद्वय नक्सलवादी आन्दोलन से जुड़े प्रमुख लोगों का स्मरण करते हुए कहते हैं, ‘...इन लोगों ने जिस संघर्ष की शुरुआत की, वह उत्तर बंगाल के नक्सलबाड़ी और आन्ध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम के उस हथियारबन्द संघर्ष की ही अगली कड़ी थी, जो इस समय तक उन इलाक़ों में ख़त्म हो चला था।’ समय के एक विशेष खंड में समाहित सक्रियताओं का तार्किक विवरण आज के कई प्रश्नों का उत्तर तलाशने में मददगार होगा। वर्तमान सन्दर्भों में अत्यन्त महत्त्वपूर्ण पुस्तक।
Khandit Bharat
- Author Name:
Dr. Rajendra Prasad
- Book Type:

- Description: "आधुनिक भारत के मनीषी, तत्त्वज्ञानियों और चिंतकों में देशरत्न राजेंद्र प्रसाद का प्रथम स्थान है। परदु:खकातरता, त्याग और सेवा- भाव उनके स्वाभाविक गुण थे। भारत की एकता और अखंडता बनाए रखना उनके लिए अत्यंत महत्त्व की बात थी। सन् 1940 के लाहौर अधिवेशन में मुसलिम लीग ने जब देश के विभाजन का प्रस्ताव पारित किया तो यह गंभीर चिंता और चर्चा का विषय बन गया। अनेक प्रमुख व्यक्तियों ने इस पर अपने विचार एवं योजनाएँ प्रस्तुत कीं तथा अपने-अपने ढंग से इस समस्या के समाधान सुझाए। 1945 में इसी बात को ध्यान में रखकर राजेंद्र बाबू ने अंग्रेजी में पुस्तक लिखी-' इंडिया डिवाइडेड'; खंडित भारत उसी का हिंदी अनुवाद है। पाकिस्तान की माँग से संबद्ध उस समय तक प्रकाशित प्राय: संपूर्ण साहित्य के विस्तृत अध्ययन के बाद लिखी गई इस पुस्तक की मुख्य विशेषता है कि इसमें लेखक के विचार पाठकों पर आरोपित नहीं किए गए। तथ्यों, आँकड़ों, तालिकाओं, नक्शों और ग्राफों की सहायता से भारतीय प्रायदीप के विभाजन से संबंधित संपूर्ण सामग्री उपस्थित कर देश के बँटवारे के पक्ष-विपक्ष में इस प्रकार तर्क प्रस्तुत किए गए हैं कि पाकिस्तान की व्यवहार्यता अथवा अव्यवहार्यता के विषय में पाठक स्वयं अपनी राय बना सकें। विभाजन के समर्थकों एवं विरोधियों-दोनों के लिए ' खंडित भारत' एक आदर्श ग्रंथ माना गया। यद्यपि देश को विभाजित हुए साठ वर्ष से ऊपर बीत चुके हैं, इतिहासकारों की दृष्टि में आज भी यह पुस्तक महत्वपूर्ण है और प्रत्येक भारतीय के लिए पठनीय है।
Ikigai: इकिगाई
- Author Name:
Raj Goswami
- Book Type:

- Description: This book does not have any description.
Sadhu Se Sevak
- Author Name:
Manjeet Negi
- Book Type:

- Description: ‘साधु से सेवक’ पुस्तक मोदी के युवा अवस्था के उन दो वर्षों की कहानी है, जब युवा नरेंद्र सांसारिक मोहमाया से दूर हिमालय में साधु बनने की खोज में भटक रहा था। कोलकाता में रामकृष्ण मिशन के बेलूर मठ से होते हुए ऋषिकेश के दयानंद आश्रम और फिर बाबा केदार की शरण में जाकर नरेंद्र मोदी की तृष्णा शांत हुई। ऋषिकेश के स्वामी दयानंद गिरि से पी.एम. मोदी का पुराना रिश्ता था। स्वामी दयानंद का मोदी के जीवन पर गहरा प्रभाव है। प्रचारक जीवन में मोदी जब ऋषिकेश आए और 1981 में स्वामी से जुड़ गए, तब से स्वामीजी मार्गदर्शन में सेवा-स्वच्छता को अपने जीवन में आत्मसात् किया। बाल्यकाल से ही हिमालय के प्रति नरेंद्र मोदी के मन में विशेष आकर्षण था। वह आए दिन साधु-संतों और श्रद्धालुओं से बाबा केदार, बदरीधाम, कैलाश मानसरोवर समेत हिमालयी क्षेत्र के पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण दिशा में आनेवाले सभी पावन धार्मिक तीर्थों के विषय में रुचि लेकर सुनते थे। इन तीर्थों की महिमा और वहाँ के सौंदर्य की चर्चा सुनकर नरेंद्र मन-ही-मन में वहाँ की यात्रा कर लेते थे। यह पुस्तक नरेंद्र मोदी के आध्यात्मिक जीवन से जुड़े अनसुने पहलुओं को उजागर करने का प्रयास है। ‘साधु से सेवक’ पुस्तक युवावस्था में दो वर्षों की उस आध्यात्मिक यात्रा का सार है, जो साधु बनने की खोज में उन्हें यहाँ ले आई थी। यहीं से मिली प्रेरणा ने उनके व्यक्तित्व को हिमालय सा दृढ़ बनाया है।
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