
Bharatiya Jeevan Drishti
Author:
Braj Kishore KuthialaPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
General-non-fiction0 Reviews
Price: ₹ 400
₹
500
Available
भारतीय जीवन दृष्टि
प्रो. बृज किशोर कुठियाला का जीवन और दर्शन उनके लेखों में व्यापक रूप से दृश्यमान है, जो भारतीय संस्कृति का प्रतिमान है। जीवन पंचतत्त्व से उत्पन्न और पंचतत्त्व में समा जाने की यात्रा का वृत्तांत है। तत्त्वों के पारस्परिक उपयुक्त साहचर्य ही संतुलन कारक हैं। आत्मा और परमात्मा का संबंध देह से देहावसान तक और फिर मुक्ति की बैकुंठी भारतीय पुराणों में पढ़ने को मिलती है। जीवन एक सतत प्रवाह है, हमारे बाद भी चलेगा। ‘ब्रह्मसत्यम जगद् मिथ्या’ या ‘अहम् ब्रह्मास्मि तत्त्वमसि’ सूत्र वाक्य बहुत कुछ कह जाते हैं। संवाद जोड़ने का काम करता है, विवाद तोड़ने का। भारतीय संस्कृति समग्रता की दृष्टि से अस्तित्व में है।
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—पार्थसारथि थपलियाल
ISBN: 9789390923052
Pages: 192
Avg Reading Time: 6 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
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- Description: FlyWings Classics लेकर आये हैं वर्ल्ड, क्लासिक फंतासी चिल्ड्रेन सीरीज में 'Five Children and IT by E. Nesbit (हिंदी अनुवाद- मोहम्मद अज़ीम) - - - सिरिल, रॉबर्ट, एन्थिया, जेन और हिलेरी अपने माता-पिता के साथ लंदन शहर से दूर गाँव के शांत वातावरण में बने घर में रहने के लिए आते हैं। फिर उन्हें घर के पीछे रेत के पुराने बड़े से टीले के पार खेल-खेल में मिलता है 'सैमिएड' नाम का एक विचित्र रेत-परी, जो प्रागैतिहासिक काल से लंबी नींद के बाद अब जाग उठा है... जिसके पास हैं अद्भुत जादुई शक्तियाँ, जिससे वो उनकी कोई भी इच्छा पूरी कर सकता है...उन जादुई इच्छाओं से उन बच्चों को वो सब कुछ मिलता है जो वो चाहते हैं...अतुल्य सुंदरता, असीमित धन, उड़ने की शक्ति, और भी बहुत कुछ, जिसकी अब तक उन्होंने सिर्फ कल्पनाएं ही की थीं... लेकिन साथ ही उनका नया दोस्त सैमिएड उन्हें चेतावनी भी देता है कि, "जो चाहे वो माँगो... लेकिन ज़रा संभलकर..!" क्योंकि हर जादुई इच्छा पूरी होने के साथ ही बदकिस्मती से हर बार उन्हें करना पड़ता है कई अनचाही मुसीबतों का सामना भी...कभी वो खुद अपने ही घर से बेघर कर दिए जाते हैं, कभी वो खुद को घर से कोसों दूर एक अनजान चर्च-टॉवर पर अकेला फँसा हुआ पाते हैं, कभी उनके छोटे भाई को हर कोई अगवा कर लेना चाहता है तो कभी उनका दूसरा भाई बन जाता है एक विशालकाय दानव... और अभी ये उनके अनचाहे रोमांच की बस एक शुरुआत भर है..!!
The Indians
- Author Name:
Ganesh Devy +2
- Book Type:
- Description: मनुष्यप्राण्याच्या एकूण इतिहासामध्ये होमो सेपियनची जडणघडण, भटका- अन्नसंकलन व पशुपालन करणारा समुदाय ते सार्वभौम राष्ट्रीयत्वाची मांडणी करणारा समाज असा एक विशाल आणि विस्मयकारक घटनाक्रम दडलेला आहे. या दूरस्थ गतकाळाच्या आरंभबिंदूपासूनच भारतीय उपखंड हा मानवी स्थलांतरासाठी एक महत्त्वपूर्ण हमरस्ता ठरलेला आहे. काळाच्या निरनिराळ्या टप्प्यावर विविध समुदायांनी भारताच्या सुजलाम सुफलाम भूमीला आपले घर बनवण्यास प्राधान्य दिलेले आहे. परिणामी युगानुयुगे 'बहुसांस्कृतिकता' हा इथला स्थायीभाव बनून राहिलेला आहे. तथापि, अलीकडील काही वर्षांत दक्षिण आशिया खंडाचा इतिहास मोडून-तोडून टाकण्याची वृत्ती बळावत चालल्याचे दिसून येत आहे आणि या वृत्तीतूनच मग वांशिक शुद्धतेचा मागोवा घेणाऱ्या विवेकशून्य, धोकादायक योजना मूळ धरत असल्याचेही चित्र दिसून येते आहे. 'फेक नरेटीव्हज' रचण्याच्या आजच्या कालखंडात इतिहास जाणून घेण्याचे प्रस्थापित वैज्ञानिक मापदंड आहेत, हेच आपण विसरत चाललो आहोत. त्यामुळे काळाच्या या अशा टप्प्यावर जनुकशास्त्र, पुरातत्त्वशास्त्र, हवामानशास्त्र, भाषाशास्त्र अशा विज्ञानाच्या कसोटीवर खऱ्या उतरणाऱ्या साधनांच्या सहाय्याने भारताच्या तब्बल बारा हजार वर्षांच्या गतकाळाचे अतिशय चिकित्सकपणे अवलोकन करणारा 'द इंडियन्स' हा ग्रंथ अतिशय प्रस्तुत ठरणारा आहे. 'द इंडियन्स' हा एक अत्यंत महत्त्वाकांक्षी प्रकल्प असून यामध्ये जगभरातील सुमारे शंभर एक अभ्यासकांनी आपले योगदान दिलेले आहे. इतिहास, तत्त्वज्ञान, भाषा, संस्कृती या ज्ञानशाखा आणि समाजकारण व राजकारण याप्रति सजग असणाऱ्या सर्वांना आवाहन करणारा अलीकडच्या काळातील हा एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण दस्तऐवज आहे.
Amir Khusro : Vyaktittva, Chintan Aur Sampoorna Hindavi Kalam
- Author Name:
Zakir Hussain Zakir
- Book Type:
- Description: अमीर ख़ुसरो जिन्हें दो बड़ी सभ्यताओं के सम्मिलन का प्रतिनिधि व्यक्तित्व कहा जाता है; और चौदहवीं सदी में रचा गया जिनका कलाम आज भी अपनी जगह कायम है, वे एक बड़े कवि तो थे ही, राजनीतिज्ञ, संगीतकार और भाषाविद भी थे। ‘अमीर ख़ुसरो : व्यक्तित्व, चिन्तन और सम्पूर्ण हिन्दवी कलाम’ पुस्तक उनके व्यक्तित्व और कृतित्व की लगभग सम्पूर्ण प्रस्तुति है। पुस्तक दो खंडों में विभक्त है। पहले खंड में खुसरो की भाषा और उनकी हिन्दवी रचनाओं पर शोधपरक विवेचना के साथ उनकी रचना ‘ख़ालिक़ बारी’ और उससे जुड़े विवादों पर विचार, तसव्वुफ़ की उनकी धारणा और उनके व्यक्तित्व में तसव्वुफ़ की भूमिका पर केन्द्रित शोध के अलावा जिन सुल्तानों और सूबेदारों के आश्रय में वे रहे उनकी जानकारी भी विस्तारपूर्वक दी गई है। अमीर ख़ुसरों ने अपने जीवनकाल में बारह युद्ध-अभियानों में भाग लिया था, इस खंड में उनकी चर्चा भी ऐतिहासिक संदर्भों के साथ की गई है। एक संगीत-सृजक के रूप में उन्होंने जहाँ नए रागों की रचना की, वहीं नए संगीत वाद्यों का भी आविष्कार किया। एक विस्तृत आलेख इस विषय पर भी इसी खंड में शामिल है। किताब के दूसरे हिस्से में उनके अब तक उपलब्ध हिन्दवी काव्य को प्रस्तुत किया गया है। उनकी पहेलियों, कहमुकरियों, दोहों, कविताओं, गीतों, कव्वालियों, ग़ज़लों और ‘ख़ालिक़ बारी’ को यहाँ आप एक साथ देख सकते हैं। कहने की जरूरत नहीं कि अमीर खुसरो के साथ यह पुस्तक उनके समय, तत्कालीन इतिहास और उस दौर की सांस्कृतिक विशेषताओं पर भी प्रकाश डालती है।
Hindu, Hindutva, Hindustan
- Author Name:
Sudhir Chandra
- Book Type:
-
Description:
सारे बौद्धिक प्रयत्न के बावजूद, ‘हिन्दू अवचेतन’ अपने को ही भारतीय मानता है। भारत जैसे बहुधर्मी और सांस्कृतिक वैविध्य से भरपूर देश के लिए ऐसी मान्यता अनिवार्यतः अनिष्टकारी है। पिछले कुछ समय से यह मान्यता अवचेतन से निकलकर उत्तरोत्तर आक्रामक होती जा रही है। बौद्धिक प्रयत्न के बावजूद नहीं, बल्कि खुलकर एक विचारधारा के रूप में यह हिन्दू को ही राष्ट्र मान बैठी है। ख़तरा यदि प्रधानतः विचारधारा और उससे जुड़ी किसी राजनीतिक पार्टी का होता तो उससे जूझना मुश्किल न होता। पर आज परेशानी यह है कि ‘हिन्दू अवचेतन’ कहीं न कहीं उन बातों को अपनी अँधेरी गहराइयों में मानता है, जिनको चेतना के स्तर पर वह राष्ट्र के लिए घातक और नैतिक रूप से अवांछनीय समझता है। ज़रूरी है कि उसका सामना इस दुविधा से कराया जाए।
—इसी पुस्तक से
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