Karmbhoomi
Author:
PremchandPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Contemporary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 320
₹
400
Available
प्रेमचंद आधुनिक हिंदी साहित्य के कालजयी कथाकार हैं। कथा-कुल की सभी विधाओं—कहानी, उपन्यास, लघुकथा आदि सभी में उन्होंने लिखा और अपनी लगभग पैंतीस वर्ष की साहित्य-साधना तथा लगभग चौदह उपन्यासों एवं तीन सौ कहानियों की रचना करके ‘प्रेमचंद युग’ के रूप में स्वीकृत होकर सदैव के लिए अमर हो गए।
प्रेमचंद का ‘सेवासदन’ उपन्यास इतना लोकप्रिय हुआ कि वह हिंदी का बेहतरीन उपन्यास माना गया। ‘सेवासदन’ में वेश्या-समस्या और उसके समाधान का चित्रण है, जो हिंदी मानस के लिए नई विषयवस्तु थी। ‘प्रेमाश्रम’ में जमींदार-किसान के संबंधों तथा पश्चिमी सभ्यता के पड़ते प्रभाव का उद्घाटन है। ‘रंगभूमि’ में सूरदास के माध्यम से गांधी के स्वाधीनता संग्राम का बड़ा व्यापक चित्रण है। ‘कायाकल्प’ में शारीरिक एवं मानसिक कायाकल्प की कथा है। ‘निर्मला’ में दहेज-प्रथा तथा बेमेल-विवाह के दुष्परिणामों की कथा है। ‘प्रतिज्ञा’ उपन्यास में पुनः ‘प्रेमा’ की कथा को कुछ परिवर्तन के साथ प्रस्तुत किया गया है। ‘गबन’ में युवा पीढ़ी की पतन-गाथा है और ‘कर्मभूमि’ में देश के राजनीति संघर्ष को रेखांकित किया गया है। ‘गोदान’ में कृषक और कृषि-जीवन के विध्वंस की त्रासद कहानी है।
उपन्यासकार के रूप में प्रेमचंद का महान् योगदान है। उन्होंने हिंदी उपन्यास को भारतीय मुहावरा दिया और उसे समाज और संस्कृति से जोड़ा तथा साधारण व्यक्ति को नायक बनाकर नया आदर्श प्रस्तुत किया। उन्होंने हिंदी भाषा को मानक रूप दिया और देश-विदेश में हिंदी उपन्यास को भारतीय रूप देकर सदैव के लिए अमर बना दिया।
—डॉ. कमल किशोर गोयनका
ISBN: 9789350488324
Pages: 336
Avg Reading Time: 11 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Begudi - Kannada - Award Winning
- Author Name:
Kiran Nagarkar +1
- Rating:
- Book Type:

- Description: Kannada Translation of Award winning book Cuckold by Kiran Nagarkar
O je Kahiyo Gaam Chhalai
- Author Name:
Shubhendu Shekhar
- Book Type:

- Description: धर्म आ दर्शनक स्तर पर बहुलता भारतीय सभ्यता आ संस्कृतिक प्रमुख विशेषता रहल अछि। भारतीय समाज मे परस्पर विरोधी विचारधारा आपस मे टकराइत-मिलैत, सहअस्तित्वक संग समानान्तर गति सँ आगाँ बढ़ैत रहल। मुदा सत्ता-पोषित आ प्रायोजित धर्मक टारगेट पर सदिखन लोकधर्म आ सहिष्णु-समावेशी विचारधारा रहल। शुभेन्दु शेखरक विमर्शपरक उपन्यास 'ओ जे कहियो गाम छलै’ एहि साम्प्रदायिक घृणा मे अमानुष आ नृशंस होइत मिथिलाक गाम केँ बचेबाक आकांक्षा थिक। शुभेन्दु शेखरक दृष्टि वैज्ञानिक आ मानवीय छनि। ओ साम्प्रदायिकता केँ शहरी मध्यवर्गक बीमारी बुझैत छथि जे आब गामो मे नीक जकाँ पसरि चुकल अछि। सब प्रकारक दाओ-पेंच, घृणा, हिंसाक बीच रामगुलाम सन पात्र ओहि समन्वय परंपराक अंतिम कड़ी अछि जे सैकड़ो वर्ष मे निर्मित भेल छल। शुभेन्दु 'धर्म, आस्था, रूढि़ आ अंधविश्वासक बीचक मेंही रेहा’ केँ बचा लेब’ चाहैत छथि। समाज मे धार्मिक वैमनस्य पसारि क’ जंगल बनाब’वला राजनीतिक खिलाड़ीक लेल लेखकक ई चेतावनी—'जंगल के एक टा खूबी होइत छै जे एहि मे केम्हरो सँ घूसल जा सकैत छै,’ भविष्यक प्रति आशा जगबैत अछि। सम्पूर्ण उपन्यास मानवीय विवेकक धुरी पर केन्द्रित अछि। लोकोक्ति आ मुहावरा सँ गूँथल, किस्सागोईपूर्ण एहि उपन्यासक इंद्रधनुषी भाषाक छटा पाठक केँ बान्हैत अछि, संगहि मनुक्ख बनल रहबाक लेल उद्वेलित सेहो करैत अछि। —श्रीधरम
Santya Kulee
- Author Name:
Adv. Santosh Malvikar
- Book Type:

- Description: मातृभूमीविषयीचं प्रेम, गैरवर्तन करणाऱ्यांविषयी चीड, सामाजिक न्यायासाठी अन्यायाविरुद्ध लढण्याची हिंमत, विचारांची स्पष्टता आणि ध्येयासाठी कष्ट आणि संघर्ष करण्याची तयारी असेल, तर अगदी सर्वसामान्य ग्रामीण कुटुंबातून आलेला तरुणही नवख्या शहरी जीवनात स्वत:चं वेगळं स्थान निर्माण करू शकतो. इतकंच नाही, तर हीणकस वृत्तीच्या तथाकथीत उच्चभ्रू मान्यवरांच्या नाकावर टिच्चून तो आपल्या आयुष्यात अत्यंत उंच भरारी घेऊ शकतो. याचाच प्रत्यय देणारी ही आत्मकथा आहे. ती सुरू होते विमानतळावरील हमालीच्या कामापासून. हमाल हा समाजातला सर्वात दुर्लक्षित घटक. पण तो जर चौकस आणि डोळसपणे भोवतालच्या घटनांकडे पाहू लागला आणि जागरूक नागरिक म्हणून रिॲक्ट होऊ लागला तर अनेकांसाठी पळता भुई थोडी होते. गोवा विमानतळावर ‘संत्या कुली'ने हा चमत्कार घडवला होता. त्याची ही त्यानेच सांगितलेली गोष्ट आहे. पत्रकारितेचं शिक्षण घेण्यासाठी लागणारे पैसे जमा करता यावेत आणि मुख्य म्हणजे सेलिब्रिटींना प्रत्यक्ष बघता यावं म्हणून संतोष मळवीकर यांनी हमालीच्या कामापासून आपल्या जीवनप्रवासाची सुरूवात केली होती. तो प्रवास आता भवतालच्या गैरकारभाराविरुद्ध आवाज उठवणारा सामाजिक कार्यकर्ता ते प्रथितयश वकील इथपर्यंत पोचला आहे. मुख्य म्हणजे हा साराच प्रवास अत्यंत रोमहर्षक आणि संघर्षशील घटनांनी भरलेला आहे. त्यातील ऐन उमेदीच्या काळात ‘कुली' म्हणून जगताना पुकारलेला व्यवस्थेविरुद्धचा संघर्ष या पुस्तकात आला आहे. साधा कुली म्हणून जगतानाही एखादा व्यक्ती किती नेक काम करू शकतो याची ही संघर्षकथा अनेकांसाठी प्रेरक ठरेल आणि त्याचा पुढचा प्रवास जाणून घेण्याची उत्सूकताही वाढवेल. Santya Kulee | Adv. Santosh Malvikar संत्या कुली | ॲड. संतोष मळवीकर
Krishnakali
- Author Name:
Shivani
- Rating:
- Book Type:

- Description: पाठक किसी पात्र से एकत्व स्थापित कर लेता है; जब उसका अपमान उसकी वेदना बन जाता है, तब ही लेखनी की सार्थकता को हम मान्यता दे पाते हैं। जब ‘कृष्णकली’ लिख रही थी तब लेखनी को विशेष परिश्रम नहीं करना पड़ा, सब कुछ स्वयं ही सहज बनता चला गया था। जहाँ क़लम हाथ में लेती, उस विस्तृत मोहक व्यक्तित्व को, स्मृति बड़े अधिकारपूर्ण लाड़-दुलार से खींच, सम्मुख लाकर खड़ा कर देती, जिसके विचित्र जीवन के रॉ-मैटीरियल से मैंने वह भव्य प्रतिमा गढ़ी थी। ओरछा की मुनीरजान के ही ठसकेदार व्यक्तित्व को सामान्य उलट-पुलटकर मैंने पन्ना की काया गढ़ी थी। जब लिख रही थी तो बार-बार उनके मांसल मधुर कंठ की गूँज कानों में गूँज उठती। वही विस्तृत मधुर गूँज, उनके नवीन व्यक्तित्व के साथ, ‘कृष्णकली’ में उतर आई। —शिवा
Two Letters - Du Patra - Award Winning Maithili novel
- Author Name:
Upendra Nath Jha 'Vyas'
- Rating:
- Book Type:

- Description: "Two Letters" is an award-winning Maithili novel, "Du Patra," translated into English. The novel is structured around two letters, each written by a different woman to a different man. The story revolves around four characters, including the two men who receive the letters. The women, who come from different cultural backgrounds and value systems, attempt to reconcile the differences between Western and Indian cultures while grappling with their own personal tragedies. Additionally, the novel delves deeply into the inner selves and psyches of the female characters.
Mahua Ka Ped
- Author Name:
P. Baidyanath
- Book Type:

- Description: ‘महुआ का पेड़’ गाँव और शहर के विरोधाभास और उनके बीच आवाजाही करते सीधे-सादे पात्रों की ऐसी कहानियों का संग्रह है जो हमारे समय के यथार्थ को एकदम सरल और सहज भाषा में रेखांकित करती हैं। सरल हृदय लोगों की उदारता और स्वार्थ में अन्धे हुए लोगों की विद्रूपता के कई लोमहर्षक चित्र ये कहानियाँ हमारे सामने उपस्थित करती हैं। मनुष्यता को लेकर एक अन्तहीन उम्मीद इन कहानियों का वह आधार है जो कहीं कमजोर नहीं पड़ता। राबिया का सरल समर्पण हो या सुकुल बाबू और सुलक्षणा का मानवता के प्रति उदात्त व्यवहार; लेखक की निगाह अपने सूक्ष्म पर्यवेक्षण से जीवन में उन तन्तुओं की तलाश कर ही लेती है, जिनसे मनुष्य समाज प्रेरणा ग्रहण कर सकता है, और हताशा के अँधेरों में भी अपनी राह पा सकता है। ‘झूठी शान’ कहानी के नितेश और चन्दा अपने समाज की रूढ़ियों को ही किस तरह एक आधुनिक मोड़ देते हैं, यह देखने लायक है, इसी तरह जुम्मन द्वारा अपनी बकरी और उसके बच्चों को बचाने का संघर्ष मानव-मन की जटिल प्रकृति के उजले पक्ष को दिखाता है। इन कहानियों की एक उल्लेखनीय विशेषता इनकी सरल संरचना है जो इन्हें हर पाठक के लिए पठनीय बनाती है। कथाकार ने कहीं भी उपदेश देने का प्रयास नहीं किया, बल्कि जीवन के यथार्थ को एक सुन्दर कथा के रूप में ढालते हुए वे पाठक को सोचने के लिए प्रेरित करते हैं, ताकि वह अपने परिवेश के स्याह-सफ़ेद को स्वयं देख सके।
Ghafil
- Author Name:
Sunil Chaturvedi
- Book Type:

- Description: Hindi Novel
Mati ke Log Sone ki Naiya
- Author Name:
Mayanand Mishra
- Book Type:

- Description: कास और झौआ कोसी के सर्व-सुलभ वरदान हैं, पानी और मछली की तरह। जब घर में अन्न नहीं और जेब में नगदी नहीं, तब भी हीतलाल और रमेसर जैसे लोग कुछ बोझे कास काट-बेचकर मड़ुआ-मक्के और नमक का जुगाड़ कर लेते हैं। ये माटी के लोग हैं जिनके लिये नावें सोने से भी बढ़कर हैं। सस्ते श्रम की तरह इनके जीवन में सहज प्रेम कोसी के कास-झौए की तरह ही सुलभ और जीवन का सहारा है। नाच-गाने में ये अपनी तकलीफ भूल-बिसर कर निरस से जीवन में रस घोलते हुए कठिन संघर्ष में लगे रहते हैं। कोसी के कठिन जीवन-संघर्ष के बीच अनूपी और हीतलाल जैसे चरित्रों का प्रेम इस उपन्यास की अद्भुत विशेषता है। अनूपी जैसी एक स्त्री जो पति हीतलाल का घर छोड़ नथुनी पान वाले के यहाँ रहने चली गई है, उस स्त्री के प्रेम की गहराई और उसके साथ हीतलाल का सम्मानपूर्ण जुड़ाव स्त्री-विमर्श के नये दौर में भी दुर्लभ है। इन सरल हृदयी लोगों के बीच दो सौ मन धान के 'अगों' रूप में दान-दक्षिणा पर नज़र गड़ाए नेता और अफसर का गज़ब सांकेतिक बिम्ब है। रस-सिद्ध प्रवाहमयी भाषा के धनी प्रसिद्ध उपन्यासकार मायानंद मिश्र का चमत्कार इस उपन्यास में अपने चरम पर है। यही कारण है कि प्रथम प्रकाशन के 56 वर्ष बाद भी इस उपन्यास के प्रति पाठकीय आकर्षण बरकरार है।
Dharkan
- Author Name:
Singurdur Palsson
- Book Type:

- Description: बीसवीं सदी के आठवें दशक में आइसलैंड के कवियों का एक ऐसा समर्थ और महत्त्वपूर्ण दल उभरकर सामने आया जिसने वहाँ के कविता संसार में भाषा, बिम्ब एवं शिल्प के स्तर पर बहुत कुछ बदला। सिगुरदुर पॉलसन इसी दल के कवियों में से एक थे। इस दल के कवि अपने आप को ‘पोयट्स लॉरिएट विदाउट लॉरेल’ अर्थात् ‘जयपत्र विहीन राजकवि’ कहते थे। अपने पहले काव्य-संग्रह 'पोयम्स प्ले एट सी-सा' से ही सिगुरदुर पॉलसन ने एक ऐसे सम्भावनाशील युवा कवि के रूप में ख्याति अर्जित की, जिसके पास शब्दों की असाधारण सम्पदा थी और उसके साथ ही थी उनसे खेलने की अप्रितम प्रतिभा। जीवन अपने सम्पूर्ण प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ उसके पास था जिसे वह ‘अभी’ में जीता था—अतीत और भविष्य से परे। पॉलसन की कविताओं में ताज़गी है, रचनात्मक ऊर्जा है, जीवन के प्रति अगाध अनुराग है। लेकिन इसके साथ ही है समाज में व्याप्त बुर्जुआ ठहराव के प्रति एक बेचैनी। वे उन लोगों से क़तई सहमत नहीं, जो पाप और दु:ख को, जीवन के सुखों को, जीवन के अस्तित्व का सार मानते हैं और जीवन में सुखों को नकारते हैं। सिगुरदुर पॉलसन की शिक्षा-दीक्षा पेरिस में हुई और कुछ-कुछ अन्तराल पर वे पन्द्रह वर्ष वहाँ रहे और नाटकों का अध्यापन करते रहे। पेरिस के साथ उनके युवा जीवन की विभिन्न स्मृतियाँ बहुत गहराई से जुड़ी हैं। यही वजह है कि उनकी कविताओं में पेरिस में बिताया गया समय बार-बार आकर जीवन्त हो जाता है।
Lakh Ki Naak
- Author Name:
Sarveshwardayal Saxena
- Book Type:

- Description: लाख की नाक’ सर्वेश्वरदयाल सक्सेना द्वारा लिखा गया बाल नाटक है। इस नाटक के विषय में सर्वेश्वर कहते हैं, यदि आप बच्चों के साथ खेल नहीं सकते तो बच्चों के लिए लिख भी नहीं सकते, चाहे नर्सरी कविता हो चाहे नाटक। बच्चों के अनुभव संसार से जुड़कर ही किसी भी आयु वर्ग का अनुभव बच्चों का अपना अनुभव बन पाता है जिसमें तर्क से अधिक बाल अभिरुचि का महत्त्व है। ‘लाख की नाक’ एक ऐसा ही नाटक है। यह नाटक बाल-गीतों के प्रवाह में अपने संवादों को पूर्ण बनाता है।
Neermati
- Author Name:
Vidya Vindu Singh
- Book Type:

- Description: नीरमती उपन्यास एक ऐसी भारतीय नारी की कहानी है, जो विषम परिस्थितियों से जूझती हुई हताश होकर एक बार मृत्यु का वरण करने की कोशिश करती है; किंतु फिर अपने जीवन को तपने के लिए तैयार कर लेती है । लोकनिदा के भय पर उसकी ममता विजय पा जाती है और वह संघर्ष के मार्ग पर निकल पड़ती है । इसी समाज में यदि दुराचारी और वंचक हैं, जो केवल दु :ख और अपमान देते हैं, और अपने निजी स्वार्थ के लिए किसी की मजबूरी का लाभ उठाते हैं, तो कुछ ऐसे भी लोग हैं जो आश्रय देकर छाँह भी बन जाते हैं । नीरमती अपने परिश्रम और सौजन्य से इस तरह की छाँह पाती है और उस छाँह के हाथों में अपना भविष्य सौंप देती है । नीरमती नदी की वह प्रवाहमयता है, जिसमें जीवन है, जो सबको जीवन देने में अपने जीवन की सार्थकता पाती है । नीरमती लांछित, मर्माहत स्त्री का वह सत्य है, जो अपमानित होती है, पर ममता की शक्ति से जीवन का क्षय नहीं होने देती । वह आग में तपती, निखरती, कुंदन बनकर मूल्यवान हो जाती है । बालिकाओं की शिक्षा और सुरक्षा व्यवस्था पर आज प्रश्न-चिह्न लग रहे हैं; दंड संहिता का खोखलापन बेनकाब हो रहा है । समाज और राजनीति के दोमुंहे साँप के चेहरे देखे जा रहे हैं, पर आज केवल देखने की नहीं, उन्हें बदलने की जरूरत है । ' नीरमती ' के पात्रों की यह कोशिश किसी के मन में कुछ सुगबुगाहट जगा सके तो नीरमती का जन्म सफल हो जाएगा । अत्यंत भावपूर्ण, मार्मिक एवं संवेदनाओं को झकझोरता एक सामाजिक उपन्यास ।
Zameen
- Author Name:
Mamang Dai
- Book Type:

- Description: “परमानन्द की यह अनुभूति कहाँ से जनमती है? यह उत्पन्न होती है प्रेम से, ज़मीन से जुड़ा प्रेम, उस प्रकाश से जुड़ा प्रेम जो पहाड़ियों के नक़ूश पैने करता है, उन्हें देवताओं के लिए सँवारता है। यह अनुभूति उत्पन्न होती है उस परितृप्त जीवन से जो नदियों और पेड़ों के परिपार्श्व में पनपता है, यह लड़ने, हारने और हार कर एक बार फिर से जूझने के लिए उठ खड़े होने से उत्पन्न होती है, और यह एक दिन, हम पर हमेशा के लिए यह ज़ाहिर होने से उत्पन्न होती है कि ज़िन्दगी और ज़मीन एक-दूसरे से कैसे नाभि-नालबद्ध हैं।” इतिहास, मिथक और समकालीन राजनीति को समेटते हुए ‘ज़मीन’ एक निहायत सुन्दर, किन्तु अशान्त प्रदेश और इसके रहवासियों की गाथा है। इसकी मार्फ़त कवि-उपन्यासकार ममंग दई हमें एक अविस्मरणीय यात्रा पर ले चलती हैं—काल के बन्धनों से परे कोजुम-कोजा की पवित्र भूमि से आधुनिक राज्य के रूप में अरुणाचल प्रदेश के गठन तक की यात्रा। मेइंग, जो अपने राज्य से दूर रहती है, अपने लोगों के इतिहास को दर्ज करने के लिए लौटती है—उन लोगों का इतिहास जिन्हें वह जानती है और जिन्होंने उसकी ‘ज़मीन’ को वास्तविक आकार दिया है। उनसे बातें करने, पुराने दस्तावेज़ों को उलटने-पुलटने के क्रम में असंख्य कथाएँ-उपकथाएँ सामने आती हैं, मानो तारों से खचित किसी झील का प्राचीन पानी उफनकर बाहर आने लगा हो। एक-एक कर सारे पात्र अपनी सम्पूर्णता व एक-अपर से सम्बद्धता के साथ सामने आने लगते हैं—वह संघर्ष और जिज्ञासा जो ‘नेफा’ (नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी) की स्थापना की नींव में थी, लिपुन जैसे साहसी पुरुष और महिलाएँ जिन्होंने ऊँचे और अलंघ्य पर्वत दर्रों और घने जंगलों को पार कर दूरस्थ जनजातियों के बीच पुलों का निर्माण किया, ‘बारिशवाला’ जो प्रकृति के अबूझ इशारों को पढ़-समझ सकने में सक्षम है क्योंकि वह उससे गहरे जुड़ा हुआ है, उम्सी जो अपने आत्म की खोज में दूर-दुर्गम की यात्रा पर निकल जाती है, और लुतोर, जो अपनी जनता की नब्ज़ को परखने का हुनर रखता है, भले ही सार्वजनिक जीवन से उसका मोहभंग हो चुका है। इन सबके अलावा वहाँ भूमि और वन माफिया भी हैं, हिंसक उपद्रवियों से साँठ-गाँठ रखने वाले भ्रष्ट राजनेता हैं, ऐसे दोस्त हैं जो अपनी महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए जानी दुश्मन में बदल सकते हैं। गीतात्मक, जीवन्त और महाकाव्यात्मक विस्तार लिये हुए ‘ज़मीन’ ऐसे लोगों और स्थान का आख्यान है, जो सर्वश्रेष्ठ उपन्यासों की तरह, अपनी चौहद्दी को लाँघता हुआ समस्त मानवता की गाथा बन जाता है।
Ek Doctor Ki Kahani
- Author Name:
Mamta Kaliya
- Book Type:

- Description: ‘एक डॉक्टर की कहानी’ दरअसल जया की कहानी है और उसके देखे-महसूस किये जीवन की। जैसे जीवन का एक आम-सा चलचित्र एक फ़्रेम में विशिष्ट हो उठा हो। एक मध्यवर्गीय परिवार की लड़की जया अपनी पढ़ाई, विद्यार्थी जीवन और युवा सपनों की यात्रा करते हुए एक दिन गिनेस से मिलती है, और माँ-पिता की असहमति के बावजूद उससे शादी कर लेती है। गिनेस का सम्बन्ध भारतीय मूल के एक मॉरीशसवासी परिवार से है। दिल्ली में वह अपने अध्ययन के लिए एक अस्पताल में कार्यरत है। अत्यन्त संप्रेषणीय और रोचक ढंग से लिखी हुई इस कथा में हमें मुख्य रूप से अस्पताल के भीतर की ज़िन्दगी के दर्शन होते हैं जिन्हें ममता जी ने बहुत सूक्ष्म ऑब्ज़र्वेशन के साथ उकेरा है। डॉक्टरों का निर्मम और स्वार्थी रवैया, पैसे का लोभ, मरीजों की बेबसी, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का जीवन आदि का एक कैलाइडोस्कोपिक विवरण हमें इस उपन्यास में मिलता है। गिनेस इस सबमें शामिल नहीं है, वह एक कर्तव्यनिष्ठ और संवेदनशील डॉक्टर है लेकिन अपने काम के प्रति उसका यह निष्ठा-भाव जया को कई बार अकेला-सा कर जाता है। सबकुछ अच्छा होने के बावजूद जया को लगता है कि उसके पास वही नहीं रह गया जिसकी ज़रूरत उसे सबसे ज़्यादा है। दिल्ली और मॉरीशस का भूगोल इस उपन्यास को एक अलग आस्वाद प्रदान करता है।
Aaivanho
- Author Name:
Sir Valter Scot
- Book Type:

- Description: जब एशबी के मैदान में आइवनहो बेहोश होकर गिर पड़ा था और सारी दुनिया उसका परित्याग कर चुकी थी तब रेबेका ने ही अपने पिता को राज़ी किया कि आइवनहो को अपने निवास-स्थान पर ले जाए। रेबेका ने ख़ुद अपने हाथ से उसके घावों पर पट्टियाँ बाँधीं। घर पहुँचने के बाद भी आइवनहो काफ़ी ख़ून निकल जाने के कारण देर तक बेहोश रहा। रेबेका ने कहा कि घाव गहरे नहीं हैं और अगर बुख़ार नहीं आया तो यार्क की यात्रा नुक़सानदेह नहीं होगी। आइज़क ज़्यादा-से-ज़्यादा वहीं अच्छा होने के लिए छोड़ जाना चाहता था, लेकिन रेबेका ने उसको अपने साथ ले जाने के लिए दो तर्क दिए। एक तो वह अपने बहुमूल्य मरहम की शीशी को किसी दूसरे चिकित्सक को नहीं दे सकती। दूसरे, घायल नाइट आइवनहो का विल्फ्रेड सिंह-हृदय रिचर्ड का घनिष्ठ मित्र है और चूँकि आइज़क ने उसके भाई जॉन को विद्रोहपूर्ण कार्यों के लिए काफ़ी पैसा दिया है, इसलिए उसको रिचर्ड के लौटने पर ऐसे शक्तिशाली संरक्षकों की ज़रूरत पड़ेगी। काले नाइट ने कहा, "एक कुलीन महिला का सम्मान ख़तरे में है।" भले रिसालेदार ने कहा, "बेचारे वफ़ादार मसखरे वाम्बा का बाल भी बाँका हुआ तो मैं ईंट-से-ईंट बजा दूँगा !" काले नाइट ने लाक्सले से कहा, "यह अच्छा हो कि सेड्रिक इस हमले का नेतृत्व करे।" लेकिन सेड्रिक ने युद्ध-कौशल में अनभिज्ञता प्रकट करते हुए कहा कि वह अगली पंक्ति में ज़रूर रहेगा, पर नेतृत्व करना उसके वश का नहीं है। लाक्सले ने तीरन्दाज़ों का दिग्दर्शन करने का काम अपने ऊपर लिया। फिर काले नाइट को इस सेना का सूत्र सँभालना पड़ा और पहला हमला शुरू हो गया। सर वाल्टर स्कार्ट का प्रसिद्ध ऐतिहासिक उपन्यास है ‘आइवानहो’।
Diya (Illustrated)
- Author Name:
Yogita Warde
- Book Type:

- Description: दीया अब आपके सामने दूसरे संस्करण में उपलब्ध है। पहले संस्करण में दीया को लिटफेस्ट 2020 ऑथर ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड और टैगोर कमेम्रटिव ऑनरेरी अवॉर्ड 2021 मिल चुका है। दीया की कहानी एक सच्ची घटना से प्रेरित है। यह कहानी समाज के उन सभी रीति-रिवाजों का खुलासा करती है, जिनका हम बिना किसी आपत्ति के आँखें बंदकर पालन करते आ रहे हैं। इस कहानी में दीया ने अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा। वह सब कुछ सहती रही और खुद से नफरत करती रही। वह क्यों चुप थी? क्या समाज के कारण या परिवार के कारण? क्या वह अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों को रोक पाती है? क्या होता है आगे? क्या वह अपने पति और समाज के खिलाफ आवाज उठा पाती है? क्या हुआ होगा दीया की ज़िंदगी में? उसके जीवन में कितने मोड़ आए? सभी सवालों के जवाबों के लिए जुड़िये इस सफर में दीया के साथ।
Jane Eyer
- Author Name:
Sharlotte Bronte
- Book Type:

- Description: प्राचीन साहित्य में नायिका का चित्रण प्रेम की प्रतिमा के रूप में, पति की छाया के रूप में, आज्ञाकारिणी दासी के रूप में ही हुआ है। अपवाद के रूप में नारी कभी-कभी कुटिल और दुष्टा के रूप में भी चित्रित हुई है, परन्तु बुद्धिमान, विवेकशील और पति को सही सलाह देनेवाली दृढ़ नारी का रूप साहित्य में कम ही देखने को मिलता ‘महाभारत’ की गांधारी को देखें...गांधारी जैसी विवेकशील नारी ने यदि पतिव्रत धर्म की ग़लत व्याख्या के कारण आँखों पर पट्टी न बाँधी होती, तो महाभारत की कथा आज दूसरी होती, नीति-निपुण मंदोदरी यदि उतनी विनम्र और सहनशील नहीं होती, और उसने वीर पुत्र और विवेकशील सम्बन्धियों को समझा-बुझाकर अपना पक्ष मज़बूत कर लिया होता, तो पराक्रमी रावण अपनी लालसा के कारण यूँ पूरे परिवार को नष्ट नहीं कर पाता। प्रस्तुत उपन्यास में नायिका जेन आयर के व्यक्तित्व के कई पहलू हमें देखने को मिलते हैं—प्रथम तो वीरांगना किशोरी; फिर एक विवेकशील संयमी नवयौवना, निष्ठावान और दृढ़ चरित्र की युवती और अन्त में शरीर की अपेक्षा आत्मा को महत्त्व देनेवाली एक परिपक्व स्त्री का रूप। जेन आयर में अपनी क्षमता पर विश्वास, अपने स्वतंत्र व्यक्तित्व की अनुभूति और उसके महत्त्व की समझ स्पष्ट दिखलाई पड़ती है। प्यार के ऊष्ण, पिघला देनेवाले प्रस्ताव के समक्ष भी वह विवेक का दामन नहीं छोड़ती और अपने व्यक्तित्व का गौरव बनाए रखने में सदा सजग रहती है। स्त्री-पुरुष समानता की प्रबल पक्षधर तथा नारी की आर्थिक स्वाधीनता की सशक्त समर्थक शार्लोट ब्रॉन्टे की बहुचर्चित-बहुप्रशंसित नायिका-प्रधान कृति है—जेन आयर।
The Inexhaustible
- Author Name:
Bindu Bhatt +1
- Rating:
- Book Type:

- Description: English Translation by Vinod Meghani from the Gujarati Original of Sahitya Akademi award winning novel Akhepatar by Bindu Bhatt. Sahitya Akademi award 2018
Ret Samadhi
- Author Name:
Geetanjali Shree
- Rating:
- Book Type:

- Description: अस्सी की होने चली दादी ने विधवा होकर परिवार से पीठ कर खटिया पकड़ ली। परिवार उसे वापस अपने बीच खींचने में लगा। प्रेम, वैर, आपसी नोकझोंक में खदबदाता संयुक्त परिवार। दादी बज़िद कि अब नहीं उठूँगी। फिर इन्हीं शब्दों की ध्वनि बदलकर हो जाती है अब तो नई ही उठूँगी। दादी उठती है। बिलकुल नई। नया बचपन, नई जवानी, सामाजिक वर्जनाओं-निषेधों से मुक्त, नए रिश्तों और नए तेवरों में पूर्ण स्वच्छन्द। कथा लेखन की एक नई छटा है इस उपन्यास में। इसकी कथा, इसका कालक्रम, इसकी संवेदना, इसका कहन, सब अपने निराले अन्दाज़ में चलते हैं। हमारी चिर-परिचित हदों-सरहदों को नकारते लाँघते। जाना-पहचाना भी बिलकुल अनोखा और नया है यहाँ। इसका संसार परिचित भी है और जादुई भी, दोनों के अन्तर को मिटाता। काल भी यहाँ अपनी निरन्तरता में आता है। हर होना विगत के होनों को समेटे रहता है, और हर क्षण सुषुप्त सदियाँ। मसलन, वाघा बार्डर पर हर शाम होनेवाले आक्रामक हिन्दुस्तानी और पाकिस्तानी राष्ट्रवादी प्रदर्शन में ध्वनित होते हैं ‘क़त्लेआम के माज़ी से लौटे स्वर’, और संयुक्त परिवार के रोज़मर्रा में सिमटे रहते हैं काल के लम्बे साए। और सरहदें भी हैं जिन्हें लाँघकर यह कृति अनूठी बन जाती है, जैसे स्त्री और पुरुष, युवक और बूढ़ा, तन व मन, प्यार और द्वेष, सोना और जागना, संयुक्त और एकल परिवार, हिन्दुस्तान और पाकिस्तान, मानव और अन्य जीव-जन्तु (अकारण नहीं कि यह कहानी कई बार तितली या कौवे या तीतर या सड़क या पुश्तैनी दरवाज़े की आवाज़ में बयान होती है) या गद्य और काव्य : ‘धम्म से आँसू गिरते हैं जैसे पत्थर। बरसात की बूँद।’
Hullugarike
- Author Name:
Rajan Gawas +1
- Rating:
- Book Type:

- Description: Kannada Translation by Chandrakant Pokale of Rajan Gawas's award-winning Marathi Novel Tanakat
Bavi
- Author Name:
Ashokpuri Goswami +1
- Book Type:

- Description: ಗುಜರಾತಿ ಕಾದಂಬರಿ ಕುವೊದ ಪ್ರಶಸ್ತಿ ವಿಜೇತ ಅನುವಾದ
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Hurry! Limited-Time Coupon Code
Logout to Rachnaye
Offers
Best Deal
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.
Enter OTP
OTP sent on
OTP expires in 02:00 Resend OTP
Awesome.
You are ready to proceed
Hello,
Complete Your Profile on The App For a Seamless Journey.