Paapoo
Author:
Rita IndianaPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Contemporary-fiction0 Reviews
Price: ₹ 200
₹
250
Available
आठ साल की एक लड़की सांतो दोमिंगो में अपने पिता–पापू–का इन्तज़ार करती है। यह इन्तज़ार उसे एक लम्बी और दर्दनाक मौत जैसा लगता है लेकिन वह राह देखती है कि पापू अमेरिका से आएँगे और अपनी दौलत और शोहरत की शानदार उपलब्धियों—चमचमाती नई कारों, पोलो शर्टों, सोने की चेन और सुन्दर जूतों से उसे अभिभूत कर देंगे।
जब पापू आते हैं तो वह उसे फ़िल्म ‘फ़्राइडे द थर्टींथ’ के जेसन जैसे मालूम पड़ते हैं—स्मार्ट, चतुर और निर्मम। वे एक डोमिनिकन माफ़िया बॉस हैं, एक ड्रग डीलर, एक ऐसा शख़्स जो अविश्वसनीय रूप से ख़तरनाक है, लेकिन इससे उसकी बेटी ख़ुद को बेहद ताक़तवर और जीवन्त महसूस करती है। लड़की के जीवन में पापू आते हैं, ग़ायब हो जाते हैं और फिर एक बार और प्रकट होते हैं पैसे, गाड़ियों और मार-तमाम तोहफ़ों से लदे हुए, प्रेमिकाओं से घिरे हुए।
सांतो दोमिंगो और अपने पिता के साथ की गई अमेरिका की जगर-मगर यात्राओं के बीच विभाजित, एक लड़की की बचपन की यादों को समेटे यह उपन्यास एक बेटी के प्यार के अलावा अपराध और मर्दानगी के आकर्षण और बड़ों की दुनिया की हिंसा का कभी न भूलने वाला चित्र पेश करता है। एक बच्ची की कल्पना के साथ व्यंग्य और विज्ञान-कथा के साथ ख़ौफ़ का कुशल मिश्रण, कैरेबियाई संस्कृति की पृष्ठभूमि में बुनी गई इस कहानी को अत्यन्त प्रभावी बना देता है।
ISBN: 9789360868666
Pages: 160
Avg Reading Time: 5 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Aher
- Author Name:
Sanjeev
- Book Type:

- Description: वरिष्ठ कथाकार संजीव का यह उपन्यास सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश की एक ऐसी गुत्थी हमारे सामने खोलता है, जो जितनी हैरतअंगेज़ है उतनी ही भयावह भी। मनुष्य ने लाखों साल पहले पेट की भूख शान्त करने के लिए शिकार अर्थात् अहेर करना शुरू किया था। लेकिन सभ्यता-संस्कृति के विकास के साथ-साथ उसने न सिर्फ़ तरह-तरह के साधन और कौशल अर्जित किए, बल्कि तमाम तरह की भूख भी इकट्ठा की—कुछ इस क़दर कि उनकी पूर्ति के लिए आज मनुष्य-समाज स्वयं अहेर और अहेरी—शिकार और शिकारी—में बँट चुका है। यह उपन्यास दिखलाता है कि अहेरी बने लोग अपने हिंस्र चेहरे पर संस्कृति, परम्परा, आस्था, विरासत और मर्यादा के मुखौटे चढ़ाए फिर रहे हैं। उनकी असल चिन्ता अपने वर्चस्व को बनाए रखने और अपने हितों को सुरक्षित रखने की है। इस गहन बनैले वक़्त में क्या कोई बदलाव सम्भव है? इसका जवाब उपन्यास के उन किरदारों से मिलता है जो अहेर के थोथे अभियान से अपने गाँव को मुक्त कराने की पहल करते हैं और जल्द ही अकेले पड़ जाते हैं। उन्हें जान देनी पड़ती है। लेकिन उनकी असफलता उनके परिवर्तनकामी स्वप्न का अन्त नहीं है। एक बेहतर मानवीय समाज के निर्माण को अपने लेखन का उद्देश्य माननेवाले संजीव, इस उपन्यास में उस त्रासदी को भी बख़ूबी रेखांकित करते हैं, जिसमें अहेरी बने घूम रहे लोग ख़ुद भी अहेर बन रहे हैं—अपनी ही व्यर्थ हो चुकी मान्यताओं का, वक़्त से बाहर की जा चुकी परम्पराओं का। विरल ग्रामीण परिवेश में विन्यस्त एक असाधारण कथा को समेटे इस उपन्यास की अत्यधिक पठनीयता को रेखांकित करने के लिए किसी ‘जादुई’ अलंकार की आवश्यकता नहीं है।
Revolution And Counter-Revolution In Ancient India
- Author Name:
DR. B.R. Ambedkar
- Book Type:

- Description: "In Revolution and Counter-Revolution in Ancient India, Dr. B.R. Ambedkar presents a sweeping and insightful historical analysis of social and religious dynamics in ancient Indian society. This work examines the ideological and power struggles that shaped India's history, focusing on the conflicts between Buddhism and Brahmanism. The book highlights how this conflict influenced India's cultural and religious landscape, ultimately leading to the decline of Buddhism in the land of its birth. Ambedkar explores how Buddhism brought revolutionary social changes that challenged the caste hierarchy and promoted values of equality, compassion and rationalism, in contrast to the caste-based system upheld by Brahmanism."
Tees Ki Line
- Author Name:
Anulata Raj Nair
- Book Type:

- Description: “तीस की लाइन” भोपाल के एक पुराने इलाके की एक गली है, जहाँ घर एक-दूसरे से सटे हुए हैं और उनमें रहने वालों की ज़िंदगी भी एक-दूसरे से जुड़ी हुई है - एक-दूसरे से जुड़े हुए अनकहे संबंधों में। 1980 के दशक में सेट, यह उपन्यास कई नायिकाओं, प्रेमियों और स्थायी दुश्मनी की दिलचस्प कहानियाँ बताता है। प्यार की भूलभुलैया से गुज़रते हुए, यह आपको भोपाल के दिल में ले जाता है - इतना आकर्षक कि आपको बाहर निकलने का मन ही नहीं करेगा। सरल लेकिन आकर्षक शैली में लिखा गया, यह मनोरंजक उपन्यास एक ही बैठक में पढ़ा जा सकता है। अंतर्निहित विषयों को इतनी सहजता से बुना गया है कि उनकी गहराई आपको तभी प्रभावित करती है जब आप सोचने के लिए रुकते हैं। आश्चर्यजनक रूप से वास्तविक पात्र स्वाभाविक, रोज़मर्रा की भाषा में बोलते हैं, फिर भी उनके दिल एक अनूठी लय में धड़कते हैं।
Phoolsunghi
- Author Name:
Gautam Choubey
- Book Type:

- Description: ‘Babu Sahib! You must have heard of a phoolsunghi—the flower-pecker—yes? It can never be held captive in a cage. It sucks nectar from a flower and then flies on to the next.’ When Dhelabai, the most popular tawaif of Muzaffarpur, slights Babu Haliwant Sahay, a powerful zamindar from Chappra, he resolves to build a cage that would trap her forever. Thus, the elusive phoolsunghi is trapped within the four walls of the Red Mansion. Forgetting the past, Dhelabai begins a new life of luxury, comfort, and respect. One day, she hears the soulful voice of Mahendra Misir and loses her heart to him. Mahendra too, feels for her deeply, but the lovers must bear the brunt of circumstances and their own actions which repeatedly pull them apart. The first ever translation of a Bhojpuri novel into English, Phoolsunghi transports readers to a forgotten world filled with mujras and mehfils, court cases and counterfeit currency, and the crashing waves of the River Saryu.
Roti Ke Char Harf
- Author Name:
Alok Ranjan
- Book Type:

- Description: यात्राएँ आलोक रंजन के स्वभाव में पैबस्त हैं। कहानियाँ लिखते हुए भी वे यात्राएँ करते रहते हैं—कभी बाहर की, कभी अन्तर्मन की। सबसे खूबसूरत बात यह है कि इन यात्राओं में वे आपके सहयात्री बन जाते हैं—हाथ पकड़कर चरित्रों, घटनाओं, दृश्यों की यात्राएँ करवाने वाले। जैसा कि एक कहानी में कहते हैं—‘ताकि एक आँख बाहर रहे और दूसरी अन्दर देखती रहे।’ आलोक डिटेलिंग के कथाकार हैं—चरित्रों के अन्तः एवं बाह्य रूप, दृश्यावलियाँ, बदलते घटनाक्रम—यह सब इतने स्वाभाविक और बारीक विवरणों के साथ कि उन पर विश्वास करने की इच्छा जन्म लेने लगती है। अगर आलोक आपको चुपके से दक्षिण भारत की यात्रा पर ले जाते हैं तो यह एक कल्चरल शॉक की तरह नहीं आता बल्कि चरित्र, वातावरण सबके साथ एकाकार होकर आपके अन्दर उतरता है। उनके चरित्र हममें से ही एक मालूम होते हैं—उनकी पीड़ाएँ, उनकी खूबियाँ, उनके शोषण, उनकी कामनाएँ—सब हमारी ही प्रतिछवियाँ हैं। आलोक की कहानियों में प्रेम की अनुपस्थित उपस्थिति रहती है। कुछ कहानियों में प्रेम है भी और नहीं भी है—मुखर रहते हुए भी मौन है—‘इस दुनिया के किनारे’, ‘जलते सबके मकान’, ‘स्वाँग के बाहर’ आदि कहानियाँ इस आलोक में पढ़ी जा सकती हैं। आलोक भाषाई तरलता का एक ऐसा स्वाभाविक वितान रचते हैं जिसमें हिन्दी, उर्दू, मैथिली, दक्षिण भारतीय भाषाएँ सब घुल-मिलकर एक रूप हो जाती हैं और धीमे-धीमे बहती नदी का रूप धरती रहती हैं। कहानियों की अन्य खूबियों के साथ जो गहरे आकर्षित करती है, वह है आलोक की नुक्ता-ए-नज़र—आलोक की पॉलिटिक्स बिलकुल साफ है, जो उनके पात्रों के चयन से ज़ाहिर हो जाती है—तकरीबन सभी चरित्र निम्नवर्गीय या निम्नमध्यवर्गीय हैं। जी में चीजों को बदलने की बहुत उत्कट इच्छा न भी हो तो समय के साथ, परिस्थितियों के साथ लड़-भिड़कर लहूलुहान हो जाने की सदिच्छा जरूर है।पंकज मित्र
Our City That Year
- Author Name:
Geetanjali Shree +1
- Book Type:

- Description: A city teeters on the edge of chaos. A society lies fractured along fault lines of faith and ideology. A playground becomes a battleground. A looming silence grips the public. Against this backdrop, Shruti, a writer paralyzed by the weight of events, tries to find her words, while Sharad and Hanif, academics whose voices are drowned out by extremism, find themselves caught between clichés and government slogans. And there’s Daddu, Sharad’s father, a beacon of hope in the growing darkness. As they each grapple with thoughts of speaking the unspeakable, an unnamed narrator takes on the urgent task of bearing witness. First published in Hindi in 1998, Our City That Year is a novel that defies easy categorization—it’s a time capsule, a warning siren and a desperate plea. Geetanjali Shree’s shimmering prose, in Daisy Rockwell’s nuanced and consummate translation, takes us into a fever dream of fragmented thoughts and half-finished sentences, mirroring the disjointed reality of a city under siege. Readers will find themselves haunted long after the final page, grappling with questions that echo far beyond India’s borders.
Baandi
- Author Name:
Bhairavprasad Gupt
- Book Type:

- Description: प्रस्तुत उपन्यास ह्रासशील सामन्तवाद को उसके सम्पूर्ण घिनौने पहलुओं के साथ, बड़ी बारीकी से हमारे समक्ष पेश करता है। इस ह्रासशील सामन्तवाद को उसकी सारी सड़ांध के साथ हम बड़े सरकार के चरित्र, उनके क्रियाकलापों, जो उनके अन्तःपुर से लेकर बाहर के परिवेश तक फैले हुए हैं, सामन्ती साम्राजी साँठ-गाँठ और उसके शिकार साधारण जनों की ज़िन्दगी तथा नरक की इस ज़िन्दगी से मुक्त होने की उनकी कोशिशों तथा मुक्त न हो पाने की स्थिति में उनकी छटपटाहट, प्रतिहिंसा आदि में देखते हैं। भैरव जी ने इस सारे परिदृश्य को यथार्थ के सही आलोक में बारीकी के साथ देखा और चित्रित किया है।
Weeds
- Author Name:
Deepak Borgave +1
- Book Type:

- Description: WEEDS - Tankat (Sahitya Akademi Award-winning Marathi Novel)
Khonta Aa Chidai
- Author Name:
Mayanand Mishra
- Book Type:

- Description: Maithili Novel
Rah Dar Badar
- Author Name:
Govind Mishra
- Book Type:

- Description: ‘राह दर बदर’ गोविन्द मिश्र का नया उपन्यास है जिसे हम उपन्यास विधा के सन्दर्भ में भी एक ‘नया उपन्यास’ कह सकते हैं। जो चीज़ इसे एक औपन्यासिक कृति बनाती है वह किसी एक पात्र की केन्द्रीय अथवा आद्योपान्त उपस्थिति नहीं बल्कि एक ‘थीम’ का क्रमशः विकास है। इस थीम का ताल्लुक़ भारतीय स्त्री से, उसके अस्मिता-बोध की पिछली आधी सदी से भी ज़्यादा लम्बी यात्रा से है। गोविन्द मिश्र स्वयं इसे ‘मध्यवर्गीय भारतीय नारी की अन्तश्चेतना का 1940 से 2020 तक का क्रमिक विकास’ कहते हैं और यह भी कि इसी के चलते यह कृति जितनी साहित्यिक है, उतनी ही समाजशास्त्रीय भी। भारतीय स्त्री ने पिछली सदी के उत्तरार्द्ध और मौजूदा सदी के अब तक के वर्षों में एक लम्बा सफ़र अपने भीतर भी किया है, और समाज के सार्वजनिक स्पेस में भी। परिवार और विवाह के स्वरूप में भी काफ़ी बदलाव आया है, लेकिन शायद उतना नहीं, जितना गुणात्मक परिवर्तन भारतीय स्त्री की प्राथमिकताओं में आया है। यह उपन्यास इस परिवर्तन की धारा को रेखांकित करते हुए भविष्य के विषय में भी कुछ प्रश्न छोड़ता है, जो स्त्री के साथ समाज के लिए भी विचारणीय हैं, और पुरुष के लिए भी। एक दिलचस्प और विचारोत्तेजक कथा-कृति!
Swadesh
- Author Name:
Mamta Chandrashekhar
- Book Type:

- Description: यह पुस्तक एक उपन्यास है, जो यथार्थ के पंख लगाकर काल्पनिकता के धरातल पर एक सशक्त भारत की आधारशिला रखता है। 16 भागों में विभाजित इस उपन्यास में एक ऐसे सेवानिवृत्त प्राध्यापक की जिद में लिपटी जीवंतता को समेटा गया है, जो बौद्धिक प्रतिभा पलायन (brain drain) के बहाव को रोकना अपना राष्ट्रधर्म मानते हैं। वैश्विक पटल पर भारतमाता के सम्मान की जीवंत गाथा को अमरत्व प्रदान करने के लिए नवयुवकों को स्वदेश में रहने के लिए एक वातावरण की संरचना करने का नवाचार करते हैं। वह शैक्षणिक संस्थाओं, नवयुवकों व भारतीय परिवारों की चिर-परिचित मान्यताओं को अपने लक्ष्य के अनुरूप ढालने की चुनौती का सामना करते हैं। जनसामान्य की मानसिकता को परिवर्तित करने के लिए संघर्ष करते हैं। उनका मानना है, भौतिक सुख-सुविधाओं की चाह में स्वदेश छोड़ परदेश की ओर आकर्षित होते नवयुवक विदेशी राज्यों का माथा ऊँचा करते हैं। वे वहाँ पर उस हुनर का इस्तेमाल करते हैं, जिसे भारतमाता ने अपने आँगन के संस्कारों से पोषित किया है, अपनी खाद-पानी से सिंचित किया है। प्राध्यापक अपना शेष जीवन स्वदेश आंदोलन को समर्पित कर देते हैं ताकि भारतमाता के माथे से पिछड़े राष्ट्र के चिह्न को मिटा सकें और बुढ़ापे से जूझते बूढ़े माँ-बाप को वृद्धाश्रम में न रहना पड़े; उन्हें परदेश में रहनेवाली अपनी संतान का मुँह देखे बिना तड़प-तड़पकर न मरना पड़े। अपनों से अपनों का अपनत्व बना रहे। इसके लिए प्रोफेसर एक मिशन छेड़ते हैं ‘स्वदेश’।
Doo Dhap Aagan
- Author Name:
Dilip Kumar Jha
- Book Type:

- Description: दिलीप कुमार झा विशुद्ध जिज्ञासु रचनाकार छथि। समकालीन समाज केँ नस-नस चिन्हैत छथि। ओ यात्रीजीक कथन पर उचिते पूर्णतया उतरै छथि। दिलीपजी मैथिलीक जमीनी अभियानी छथि। ई उपन्यास तकर बेस उदाहरण अछि। यथार्थ आ कामना केँ एक टा छोट सन उपन्यास मे सफल बना देलनि। मनलग्गू तँ एहन जे हम एक बैसकी मे समाप्त क’ गेलहुँ। सब टा खूब नीक, पात्रोचित सहज भाषा छनि। —उषा किरण खान 'दू धाप आगाँ’ उपन्यास एहि रूपें उल्लेखनीय अछि जे, आइ जे समाज मे नहि अछि आ अहाँ चाहि रहल छी, त’ अपन संघर्ष बलें जेना सुधा करैत अछि ओना क’ सकैत छी। उपन्यास एहि बातक दृष्टि दैत अछि आ तकर प्रेरणा सेहो। वर्तमान समय मे शिक्षा-प्रणाली ओ राजनीतिक क्षेत्र दुनू विकृतिक चरम पर पहुँच गेल अछि। आब प्रश्न उठैत अछि जे एकरा ठीक कयल जा सकैत अछि? हमरा जनैत समकालीन साहित्यक यैह पैघ विशेषता छै जे ओ समाज मे घटित होइत घटना ओ स्थिति केँ देख मात्र विचलित नहि होइत अछि अपितु ओ समाज केँ प्रेरित करबाक लेल एहन संरचना करैत अछि जे समाज मे नहि अछि किंतु रचनाकार अपन रचना द्वारा ओहि स्थिति सँ उबरबाक लेल एक टा सुखद स्थितिक आयोजन करैत अछि। ओहि स्थिति केँ अनबाक लेल उपन्यासकार जाहि पात्र केँ ठाढ़ करैत छथि ओ एहि उपन्यास मे मुख्यरूप सँ सुधा छथि। हमरा जनैत आइयो सामाजिक परिस्थितिक परिवर्तन लेल नारी केँ आगू आनब कठिन अछि। —डा.शिवशंकर श्रीनिवास
Mahashweta
- Author Name:
Tarashankar Bandyopadhyay
- Book Type:

- Description: सुविख्यात बांग्ला उपन्यासकार ताराशंकर बंद्योपाध्याय की यह पुस्तक कथावस्तु और रचना-शिल्प की दृष्टि से एक अनूठी और मार्मिक कथाकृति है। माता-पिताविहीन नीरजा नामक एक बालिका का जैसा चरित्र-चित्रण यहाँ हुआ है, वह सिर्फ़ तारा बाबू जैसे कथाकार ही कर सकते हैं। पशुवत् मनुष्यों के लोभ, कुत्सा और समाज की कुरूपताओं से अनथक संघर्ष करती हुई नीरजा मानो तेजोद्दीप्त भारतीय नारी का प्रतीक बनकर उभरती है, जिसमें परदुख-कातरता भी है और उसके लिए आत्मोत्सर्ग की भावना भी। एक ओर वह अनाचार से जूझने के लिए जलती हुई मशाल है, तो दूसरी ओर उसके अन्तर में प्रेम की अन्तःसलिला प्रवाहित हो रही है। नारी की आत्मनिर्भरता उसके जीवन का मूलमंत्र है, जिसे वह सम्मानपूर्वक जीने की पहली शर्त मानती है। वस्तुतः तारा बाबू ने इस उपन्यास में स्थितियों और परिवेश को नाटकीयता प्रदान करके विलक्षण प्रभाव उत्पन्न किया है।
Do Dhruvon Ke Beech Ki Aas
- Author Name:
Dr. Garima Dubey
- Book Type:

- Description: This book has no description
Shahar Mein Curfew
- Author Name:
Vibhuti Narayan Rai
- Book Type:

- Description: पिछले तीन-चार दशकों में साम्प्रदायिकता का ज़हर तेजी से फैला है। परिणाम यह हुआ कि आज देश की राजनीति साम्प्रदायिक विचारधारा के इर्द-गिर्द संगठित हो गई है। साम्प्रदायिक हिंसा का तांडव देश को बेचैन बनाए हुए है। विभूति नारायण राय का चर्चित उपन्यास ‘शहर में कर्फ़्यू’ इसी विकराल समस्या से टकराता है। ‘शहर में कर्फ़्यू’ साम्प्रदायिक दंगे की चपेट में आए एक शहर के कर्फ़्यूग्रस्त मुहल्ले और ख़ासकर उससे पीड़ित एक परिवार की तीन दिनों की व्यथा-कथा है। यह कर्फ़्यू कुछ लोगों के लिए जीवन-मरण का सवाल है तो कुछ अन्य के लिए राजनीतिक नफ़ा-नुक़सान का खेल। दो जून की रोटी के लिए रोज़ चौदह घंटे खटनेवाले बीड़ी मज़दूर परिवार की बहू सईदा की बीमार बेटी की मौत इलाज के अभाव में हो जाती है। हर तरह से लाचार इस परिवार पर क्या क़हर टूटता है और उसे कैसे-कैसे दहशत भरे अनुभवों से गुजरना पड़ता है, लेखक ने इस सब का चित्रण अत्यन्त गहरी संवेदनशीलता के साथ किया है। अभावग्रस्त माँ सईदा अपनी मृत बेटी को याद करने की कोशिश करती है तो उसे ‘जो चीज़ याद आ रही थी वह भूख, धूल और बहती नाक का ऐसा मिला-जुला समिश्रण था जिससे फ़िल्मी माँ के वात्सल्य का कोई माहौल नहीं बन पा रहा था।’ कंट्रास्ट के द्वारा लेखक ने सईदा की नारकीय व्यथा को मर्मभेदी बना दिया है। उपन्यास में कई मार्मिक स्थल हैं। इनसानों के गली-मुहल्ले में दिन-दहाड़े एक बच्ची का बलात्कार ऐसा ही स्तब्ध करने वाला प्रसंग है। ऐसा पाशविक कृत्य किसी भी समाज का सबसे बड़ा कलंक है। ऐसे प्रसंगों की रचना में लेखक ने विलक्षण संवेदनशीलता के साथ वैचारिक सन्तुलन साधने में असाधारण दक्षता का परिचय दिया है। ‘शहर में कर्फ़्यू’ के माध्यम से लेखक ने समाज और राजनीति में लगातार सक्रिय साम्प्रदायिक विचारधारा के ख़तरों के प्रति जागरूक और सावधान किया है और उसे सिरे से ख़ारिज कर अपनी पक्षधरता की मुखर घोषणा भी की है। आकस्मिक नहीं कि कई दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा इस उपन्यास की प्रतियाँ जलाई गई थीं। इससे प्रमाणित है कि उपन्यास ने सिर्फ़ वैचारिक उत्तेजना ही नहीं पैदा की है बल्कि सही जगह पर चोट भी की है। —कृष्ण कुमार सिंह
Mishri
- Author Name:
Anoop Bajpai
- Book Type:

- Description: "‘मिश्री’ के किरदार उसी प्राचीन धार्मिक नगरी वृंदावन की रज ( मिट्टी) में खेल-कूदकर बडे़ हुए हैं, जहाँ की असंख्य लीलाएँ और कहानियाँ दुनिया भर में सुनी-सुनाई जाती हैं। सँकरी गलियों से निकली कहानी के पात्र खुद को सात समंदर पार भी ले जाते हैं। कहानी में वृंदावन के सभी चटख रंग भी दिखेंगे और परंपरा, आस्था के अनोखे ढंग भी। यही कारण हैं ‘मिश्री’ के किरदार करीब से देखने में अपने और जाने-पहचाने से लगेंगे। ऐतिहासिक कहानियाँ जो हमारे चिंतन में या चेतन में कहीं दबी होती हैं, अकसर नए किरदारों, बदलते परिवेश में नए रूप में सामने आती हैं। किसी कहानी में सभी किरदारों का अपना महत्त्व है, लेकिन ‘मिश्री’ में एक आधुनिक नारी का एकतरफा समर्पण दिखेगा। उसने एक पात्र के तौर पर दमदार पहचान बनाई, लेकिन खुद के लिए तो बिलकुल नहीं। एक अदृश्य प्रेम जिसका मकसद कुछ पाना नहीं बल्कि खो देना है। कहानी के अंत में ‘मिश्री’ सभी पात्रों और लेखक को भी यह अहसास कराने में सफल है कि इस कहानी की पहचान तो उसके नाम से ही है।"
Bhootgaon
- Author Name:
Naveen Joshi
- Book Type:

- Description: हिन्दी के वरिष्ठ कवि-गद्यकार लीलाधर मंडलोई की यह आत्मकथा ‘जब से आँख खुली हैं’ केवल उनकी नहीं बल्कि सतपुड़ा के जंगलों में विस्थापित होकर पहुँचे खान-मज़दूरों, दलित-अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्गों की भी कथा है। कोरकू, गोंड़ और भारिया आदिवासियों के जीवन के स्याह चित्र भी इसमें आपको मिलेंगे। वेस्टर्न कोल्ड फ़ील्ड के छिन्दवाड़ा और दमुआ जिलों में कोयला-खानों की एक बड़ी शृंखला है। एक में कोयला ख़त्म हुआ तो दूसरी, तीसरी, चौथी और यह प्रक्रिया चलती रहती है जिसमें मज़दूरों को बार-बार उजड़ना पड़ता है। न पक्की नौकरी, न अस्पताल, न स्कूल, न मकान; बस भूख, ग़रीबी, अकाल मृत्यु, दुर्घटनाएँ और दुखों का असीम संसार। ओपनकास्ट और अंडर ग्राऊंड खदानों में बाल-मज़दूर का जीवन जीते हुए लेखक ने यह सब बचपन में ही देख-जी लिया था। आस-पास का जीवन त्रासद था लेकिन जीवन की प्रतिकूलताओं में बनी सामुदायिकता ने वहाँ संघर्ष, जिजीविषा और आनन्द की एक पारिस्थितिकी भी निर्मित की थी जिसमें गोंडवाना, बुन्देलखंड और बाहर से आए लोगों की बोली-बानी, भाषा, खानपान, रहन-सहन और संगीत की समावेशी संस्कृति दिखाई देती थी। इस आत्मकथा को पढ़ते हुए हम जान पाते हैं कि खदानों की गहराइयों ने खदानों को कैसे खोखला कर दिया, कैसे जल-स्तर हज़ारों फ़ीट नीचे चला गया, पानी का संकट गहराया और जंगल उजड़ने लगा। जंगल का जीव-जगत समाप्त होने लगा। कई प्रजातियाँ खो गईं। आदिवासियों का विस्थापन शुरु हुआ। उनकी संस्कृति लुप्त होने लगी। सके अलावा प्राइवेट कम्पनी के कार्यकाल में शोषण, अनाचार, उपेक्षा, शोषण आदि के आख्यान भी इस पुस्तक का हिस्सा हैं।
Saga of a Nerdy Girl (Illustrated)
- Author Name:
Anushree Pandey
- Rating:
- Book Type:

- Description: Saga of a Nerdy Girl has been written by the geeky 11-year-old Anushree Pandey. This compilation of funny ways through which she faces obstacles life throws at her is bound to get the giggles out of all ages. She has indeed taken “when life gives you lemons make lemonade” to another level. This book is all about how her perspective to view the world. So, be prepared for the rollercoaster of emotions, fun and laughter.
Berige Neeru - Award Winning Novel
- Author Name:
Rajam Krishnan +1
- Book Type:

- Description: discriptation awaited
Bavi
- Author Name:
Ashokpuri Goswami +1
- Book Type:

- Description: ಗುಜರಾತಿ ಕಾದಂಬರಿ ಕುವೊದ ಪ್ರಶಸ್ತಿ ವಿಜೇತ ಅನುವಾದ
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Hurry! Limited-Time Coupon Code
Logout to Rachnaye
Offers
Best Deal
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.
Enter OTP
OTP sent on
OTP expires in 02:00 Resend OTP
Awesome.
You are ready to proceed
Hello,
Complete Your Profile on The App For a Seamless Journey.