
Bahattar Meel
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
192
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
384 mins
Book Description
72 मील उपन्यास में लेखक के बचपन की, सातारा से कोल्हापुर तक की तीन दिनों की यात्रा का वर्णन है। यह लेखक के बालमन पर अंकित होनेवाले जीवन के हृदयविदारक अनुभवों की दास्तान है जो इसे इस यात्रा के दौरान हुए। इन तीन में लेखक के मन पर अमिट चिह्न पड़ते हैं, उनका यह जीवंत चित्रण हमें स्तब्ध कर देता है। तीन दिनों के प्रवास में राधाक्का के साथ जो कुछ घटता है उसमें इस क्षणभंगुर जीवन की सच्चाई सामने आ जाती है। अपनी इस यात्रा में राधाक्का अपने छह बच्चों में से तीन की अकाल मृत्यु के दारुण दुख को चुपचाप सहन करती है। उसकी आशा की किरण राणू जब साँप के डस लेने से प्राण त्याग देता है तब तो राधाक्का का दुख पराकाष्ठा पर जा पहुँचता है। अपने भूखे-प्यासे बच्चों की खातिर मुट्ठी-भर सेव के लिए उसे अपनी अस्मत त्यागनी पड़ती है, उसका क्या वर्णन किया जाए? यह उपन्यास पाठकों को अन्दर तक झकझोर देता है। जो घटनाएँ घटित होती हैं, उनसे हम भी सन्न रह जाते हैं। राधाक्का के जीवन-संघर्ष और उसकी मार्मिक दास्तान को पाठक लम्बे समय तक नहीं भूल पाएँगे।