Sangharsh Ki Virasat Aung San Suu Kyi
Author:
Shashidhar KhanPublisher:
Prabhat PrakashanLanguage:
HindiCategory:
Biographies-and-autobiographies0 Reviews
Price: ₹ 240
₹
300
Unavailable
"म्याँमार में लोकतंत्र बहाली के लिए अथक संघर्ष करनेवाली आंग सान सू की म्याँमार में ही नहीं बल्कि विश्व भर में लोकप्रिय व चर्चित हैं। वर्ष 1991 में जेल में रहते हुए ‘नोबेल शांति पुरस्कार’ समेत विश्व के लगभग सभी प्रमुख पुरस्कार प्राप्त कर चुकी सू की ने बचपन से लेकर 66 वर्ष की उम्र प्रतिकूल परिस्थितियों में संघर्ष करते हुए गुजारी है। आज उन्होंने म्याँमार को इस स्थिति में ला दिया है कि सैनिक शासक लोकतंत्र बहाली के उपाय धीरे-धीरे अपनाने को विवश है।
म्याँमार के राष्ट्रपिता आंग सान का नाम लोग आज सू की के माध्यम से जानते हैं; लेकिन सू की ने सही मायने में राष्ट्रपुत्री बनकर गौरव प्राप्त किया है।
सू की के पिता देश को आजाद कराने और आजादी मिलने के बाद हुए आंतरिक संघर्ष से जूझे, जिनमें उन्हें अपनी जान तक गँवानी पड़ी। लेकिन सू की ने घृणा का जवाब प्रेम से और गोली का जवाब बोली से देकर सैनिक शासकों को इस स्थिति में ला दिया कि वे इस अद्भुत जीवटवाली आदर्श महिला के जज्बे के आगे झुकने को विवश हो गए।
सन् 1980 के दशक से सू की ने लोकतंत्र बहाली हेतु किए जा रहे संघर्ष की कमान थाम रखी है। आज दुनिया भर के देशों के लिए वे शांतिपूर्ण संघर्ष और लोकतंत्र समर्थकों की प्रेरणास्रोत बन गई हैं।
"
ISBN: 9788177212174
Pages: 152
Avg Reading Time: 5 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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- Description: तैंतीस करोड़ देवी-देवताओं में विश्वास रखते हुए भी यदि अपने में विश्वास नहीं है तो तुम्हें नास्तिक ही माना जाएगा।–यह कहकर स्वामी विवेकानन्द ने हमारे सामने कर्म और इहलौकिक सक्रियता का आह्वान किया था। मानव-मन में जीवन के प्रति उठनेवाली उमंग की राह में सबसे बड़ी बाधा मृत्यु का भय है। यह सोचकर कि अन्ततः एक दिन हम यहाँ नहीं होंगे, कितने ही प्रयास संकुचित रह जाते हैं। स्वामी विवेकानन्द ने इसी संकोच को विशेष तौर पर सम्बोधित किया और मृत्यु से, मृत्यु के भय से प्रेम करने को कहा ताकि जीवन के रूप में जितना समय हमारे पास है, उसका उपयोग वृहद् मनुष्यता और उसके भविष्य के लिए उत्सर्ग किया जा सके। यही विवेकानन्द का सैनिक भाव है–मृत्यु को साक्षात् देखते हुए जीवन की आराधना। इसीलिए रोम्याँ रोलाँ ने उन्हें ‘वारियर प्रोफेट’ कहा था। धर्म को व्यापक मानवीय अनुभव के रूप में परिभाषित करते हुए उन्होंने अध्यात्म को कर्मपथ पर अग्रसर देखना चाहा। इस पुस्तक में विवेकानन्द के जीवन और दर्शन को कथा की सी सहजता के साथ प्रस्तुत करते हुए उनके दार्शनिक-वैचारिक विकास की प्रक्रिया और उनके विचारों, विश्वासों तथा भारतीय मनीषा में उनके योगदान को रेखांकित किया गया है। भारत और विश्व की उनकी यात्राओं के रोचक विवरण और इस दौरान राष्ट्रवाद, धर्म और मानव-कल्याण के सन्दर्भ में चल रही उनकी भीतरी खोज-यात्रा के विभिन्न पड़ाव भी इसमें सँजोए गए हैं। विभिन्न विषयों, व्यक्तियों, सामाजिक समस्याओं और प्रश्नों पर उनके विचारों की प्रस्तुति इसका विशेष आकर्षण है जिससे विवेकानन्द के भावी अध्येता एक सम्पूर्ण बोध के साथ अपनी यात्रा शुरू कर सकते हैं।
Match Point - A Shuttler's Story
- Author Name:
Sanjay Sharma
- Rating:
- Book Type:

- Description: Inside these pages lies the story of a shuttler – but not just any shuttler. A sportsman of true grit, he has faced, fought and overcome unimaginable battles. How did a boy rise to become one of the widely known, ace badminton players of India, and smash down hardships that came his way? How did he protect his well-earned reputation from the wrongdoings of the then sports federation? And how has he, years later, kept the sportsman inside him alive, as he goes on to overcome health battles to unbelievable extents? Every word written to inspire, this is the story of a shuttler who never gives up.
Ek Anari Ki Kahi Kahani
- Author Name:
R. P. Noronha
- Book Type:

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Description:
यह पुस्तक कहने को तो एक सिविल सेवक का संस्मरण है, लेकिन जब पाठक इसमें प्रवेश करता है तो उसके समक्ष 20वीं शताब्दी की मध्यावधि, जो कि एक संक्रमणकाल है, के भारत और विशेष रूप से मध्य प्रदेश (सम्मिलित छत्तीसगढ़) के राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और प्रशासनिक परिवेश का सजीव चित्र उभरता है। लेखक ने अपनी सिविल सेवा के अनुभवों की निर्भीकता और वस्तुनिष्ठता के साथ, किन्तु आत्मश्लाघा के भाव से सर्वथा रहित और विनोद बुद्धि के साथ वर्णन किया है। वर्णन कहीं ब्योरात्मक है और कहीं उत्कृष्ट साहित्यिक शैली में। यह पुस्तक किसी श्रेष्ठ साहित्यिक आख्यान में उपयोग की दृष्टि से शानदार अभिलेखागार है।
यह पुस्तक मुख्य रूप से ‘पर्दे के पीछे’ काम करती सिविल सेवा शासनतंत्र के संचालन और विकास-कार्यक्रमों में योगदान से परिचय कराती है। लेखक ने सिविल सेवा के उद्देश्यों, उसके मूल्यों और उनके सतत संगोपन और संवर्धन के तरीक़ों के बारे में प्रकाश डाला है, पर बिना किसी उपदेश या प्रवचन दिए।
नौकरशाही के प्रति देशव्यापी सकारात्मक वर्तमान माहौल में यह पुस्तक पाठकों के मन में अलग ही प्रभाव पैदा करती है।
The Self & The World: Autobiographical Readings In Hindi
- Author Name:
Rupert Snell
- Book Type:

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Description:
Autobiographical writing in Hindi is a personal and intimate genre that rewards both the Hindi reader and the learner of the language. Each author paints a unique picture of life in India – and indeed of life in general; many of the fifty-one extracts given in this book are by professional writers, but we also meet painters, poets, patriots, politicians, musicians, academics, a station-master and a prisoner on death row. There is joy here, and much laughter; but also pain, unease, and torment. Reader beware!
An introduction on language and style begins the book, frequently referencing the original texts that follow; each Hindi excerpt has a two-page introduction in English and a detailed facing-page glossary-cum-commentary for those who need it.
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