Sadharan Log, Asadharan Shikshak :Bharat Ke Asal Nayak
Author:
S. GiridharPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Society-social-sciences0 Reviews
Price: ₹ 239.2
₹
299
Available
सरकारी स्कूल असल मायने में ‘पब्लिक स्कूल’ हैं। ये हर व्यक्ति के और हर जगह काम आते हैं—इसमें सबसे पिछड़े इलाक़ों के सबसे ज़्यादा वंचित लोग भी शामिल हैं। पिछले लगभग दो दशकों से एस. गिरिधर अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन के साथ अपने काम के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में भ्रमण करते हुए सार्वजनिक शिक्षा व्यवस्था को क़रीब से देखते रहे हैं। इन वर्षों में वे ऐसे सैकड़ों सरकारी स्कूल शिक्षकों से मिले हैं जो अपनी देखरेख में आने वाले बच्चों की ज़िन्दगियों को बेहतर बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध रहे हैं। ये वे शिक्षक हैं जो हर सीमा को लाँघने का साहस रखते हैं क्योंकि इनका मानना है कि हर बच्चा सीख सकता है।
ISBN: 9789389598919
Pages: 274
Avg Reading Time: 9 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
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Description:
भारत के प्रमुख समाज एवं नृ-विज्ञानवेत्ता एम.एन. श्रीनिवास की यह महत्त्वपूर्ण कृति विश्व-कवि रवीन्द्रनाथ ठाकुर-स्मृति-भाषणमाला के सारभूत तत्त्वों पर आधारित है। आधुनिक भारतीयता के सन्दर्भ में रवीन्द्रनाथ ठाकुर की विचारक के रूप में एक अलग महत्ता है। अपनी अमरीकी और यूरोपीय यात्राओं के दौरान विश्वकवि ने जो विचार प्रकट किए हैं, वे इस बात का प्रमाण हैं कि भारतीय सामाजिक परिवर्तनों में पाश्चात्य प्रभावों के प्रति उनकी गहरी रुचि थी।
स्वाधीनता-प्राप्ति के बाद भारतीय समाज में पश्चिमीकरण की प्रक्रिया और भी तेज़ हुई है, जिसके व्यापक प्रभावों को सांस्कृतिक जीवन पर स्पष्ट देखा जा सकता है। लेखक ने इन प्रभावों को संस्कृतीकरण और पश्चिमीकरण के सन्दर्भ में व्याख्यायित किया है तथा एक अखिल भारतीय परिप्रेक्ष्य में देखने की आवश्यकता बताई है। उसके अनुसार पश्चिमीकरण भारतीय समाज के किसी विशेष अंश तक सीमित नहीं है और उसका महत्त्व—उससे प्रभावित होनेवालों की संख्या और प्रभावित होने के प्रकार, दोनों ही दृष्टियों से—लगातार बढ़ रहा है। वस्तुत: आधुनिक भारतीय समाज के अन्तर्विकास और उसके अन्तर्विरोधों को समझने के लिए यह एक मूल्यवान पुस्तक है।
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