
Bharat Mein Mahila Andolan : Vimarsh Aur Chunautiyan
Publisher:
Rajkamal Prakashan Samuh
Language:
Hindi
Pages:
352
Country of Origin:
India
Age Range:
18-100
Average Reading Time
704 mins
Book Description
भारत में महिला आन्दोलनों ने लम्बी दूरी तय की है और वर्तमान में भी उनकी निरन्तरता बनी हुई है। उन्होंने न केवल महिलाओं के मुददों पर बने मौन को तोड़ा है बल्कि अलग-अलग तबकों की महिलाओं द्वारा छेड़े गए संघर्षों की विशिष्टताओं को समझने के साथ-साथ पितृसत्ता की जटिलताओं और उनके अन्तर्सम्बन्धों के बारे में हमारी समझ को भी गहरा किया है। परिवार, विवाह, समुदाय, जाति, यौनिकता और श्रम को नए सिरे से परिभाषित कर महिलाओं पर होनेवाली हिंसा और उत्पीड़न के तमाम रूपों को उजागर किया है।</p> <p>महिलाओं के अनुभवों, संघर्षों और उनके सामने खड़ी चुनौतियों को लेकर उपलब्ध अकादमिक सामग्री और नारीवादी शोध व अध्ययनों ने सामाजिक विज्ञानों में प्रचलित शब्दों, अवधारणाओं और पद्धतियों की आलोचनात्मक समीक्षा पेश की है और यह सन्तोषजनक है कि अलग-अलग अनुशासनों के पाठयक्रम में उसे स्थान मिला है। लेकिन यह भी सच है कि अब भी हिन्दी में ऐसी सामग्री का अभाव बना हुआ है।</p> <p>‘भारत में महिला आन्दोलन’ पुस्तक इसी कमी को पूरा करना चाहती है और महिलाओं के आन्दोलनों और अध्ययन के सामने खड़े तमाम मुददों और बहसों पर एक व्यापक नज़रिया पेश करती है।