Yahi Sach Hai

Yahi Sach Hai

Authors(s):

Mannu Bhandari

Language:

Hindi

Pages:

160

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

320 mins

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Book Description

कथा-साहित्य में अक्सर ही नारी का चित्रण पुरुष की आकांक्षाओं (दमित आकांक्षाओं) से प्रेरित होकर किया गया है। लेखकों ने या तो नारी की मूर्ति को अपनी कुंठाओं के अनुसार तोड़-मरोड़ दिया है, या अपनी कल्पना में अंकित एक स्वप्नमयी नारी को चित्रित किया है।<br>लेकिन मन्नू भंडारी की कहानियाँ न सिर्फ़ इस लेखकीय चलन की काट करती हैं, बल्कि आधुनिक भारतीय नारी को एक नई छवि भी प्रदान करती हैं। मन्नू जी नारी के आँचल को दूध और आँखों को व्यर्थ के पानी से भरा दिखाने में विश्वास नहीं रखतीं। वे उसके जीवन-यथार्थ को उसी की दृष्टि से धरातल पर रचती हैं, लेकिन इस बात का भी ध्यान रखती हैं कि कहानियों का यथार्थ कहानी के कलात्मक सन्‍तुलन पर भारी न पड़े। इससे मन्नू जी का कथा-संसार बहुत अपना और आत्मीय हो उठता है।<br>यही सच है मन्नू भंडारी की अनेक महत्त्वपूर्ण कहानियों का बहुचर्चित संग्रह है। स्मरणीय है कि यही सच है शीर्षक-कहानी को रजनीगंधा नामक फ़िल्म के रूप में फ़िल्माया गया था।

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