Thumari
Author:
Phanishwarnath RenuPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Short-story-collections0 Reviews
Price: ₹ 556
₹
695
Available
अमर कथाशिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु के उपन्यास अगर लोकजीवन के महाकाव्य हैं, तो उनकी कहानियाँ अविस्मरणीय कथा-गीत। ये मन के अछूते तारों को झंकृत करती हैं। इनमें एक अनोखी रसमयता और एक अनोखा सम्मोहन है।</p>
<p>‘ठुमरी’ में रेणु की नौ अतिचर्चित कहानियाँ संगृहीत हैं। इन कहानियों में जैसे कथाकार ने अपने प्राणों का रस घोल डाला है। इन्हें पढ़ते-पढ़ते कोमलतम अनुभूतियाँ अपने-आप सुगबुगा उठती हैं। चाहे वह ‘रसप्रिया’ या ‘लाल पान की बेगम’ हो, या ‘तीसरी क़सम’—इस संग्रह की लगभग हर कहानी मन पर अपनी कभी न मिटनेवाली छाप छोड़ जाने में समर्थ है।</p>
<p>‘ठुमरी’ की कहानियाँ जीवन की सहज लय को मोहक सुरों में बाँधने का कलात्मक प्रयास हैं। इनमें पीड़ा और अवसाद की अनुगूँजें हैं, आनन्द और उल्लास के मुखरित कलरव-गान हैं।</p>
<p>‘ठुमरी' की कहानियाँ एक समय-विशेष की पहचान हैं। जीवन की एक विशिष्ट लयधारा इनमें पूरी प्राणमयता से प्रवाहित है।
ISBN: 9788126705597
Pages: 167
Avg Reading Time: 6 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Lalmaniyan Tatha Anya Kahaniyan
- Author Name:
Maitreyi Pushpa
- Book Type:

-
Description:
नब्बे के दशक में जिन रचनाकारों ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई और जिन्हें पाठकों ने भी हाथों-हाथ लिया, मैत्रेयी पुष्पा का नाम उनमें प्रमुख है! आज वे हिन्दी साहित्य-परिदृश्य की एक महत्त्वपूर्ण उपस्थिति हैं। उन्होंने हिन्दी कथा-धारा को वापस गाँव की ओर मोड़ा और कई अविस्मरणीय चरित्र हमें दिए। इन चरित्रों ने शहरी-मध्यवर्ग को उस देश की याद दिलाई जो धीरे-धीरे शब्द की दुनिया से ग़ायब हो चला था। ‘इदन्नमम’ की मंदा, 'चाक' की सारंग, ‘अल्मा कबूतरी’ की अल्मा और ‘झूला नट’ की शीलो, ऐसे अनेक चरित्र हैं जिन्हें मैत्रेयी जी ने अपनी समर्थ दृश्यात्मक भाषा और गहरे जुड़ाव के साथ आकार दिया है।
यहाँ प्रस्तुत कहानियों में भाषागत बिम्बों और दृश्यों को सजीव कर देने की अपनी अद्भुत क्षमता के साथ वे जिस पाठ की रचना करती हैं, उसे पढ़ना कथा-रस के एक विलक्षण अनुभव से गुज़रना है। ‘ललमनियाँ’ की मौहरो, ‘रिजक’ कहानी की लल्लन, ‘पगला गई है भागवती!’ की भागो या ‘सिस्टर’ की डोरोथी, ये सब स्त्रियाँ अपने परिस्थितिगत गहरे करुणा भाव के साथ पाठक के मन में गहरे उतर जाती हैं, और यह चीज़ लेखिका की भाषा-सामर्थ्य और गहरे चरित्र-बोध को सिद्ध करती है।
Raat Ki Bahon Mein
- Author Name:
Mohan Rakesh
- Book Type:

-
Description:
एक ख़ास योजना के तहत हिन्दी के दस प्रमुख कथाकारों द्वारा लिखी गईं ये कहानियाँ भारतीय समाज में शहरीकरण से पैदा होनेवाले बदलावों को रेखांकित करती हैं।
दस अलग-अलग शहरों पर केन्द्रित इन कहानियों में नागरिक जीवन का एक बड़ा यथार्थ तो उभरकर आया ही है, नगरों की उन कठिनाइयों पर भी प्रकाश डाला गया है जो ख़ासकर रात में ही पैदा होती हैं। बीसवीं सदी के उत्तरार्द्ध में भारतीय समाज कौन-सा नया रूप ग्रहण कर रहा है, उसकी सांस्कृतिक चेतना किस ओर अग्रसर हो रही है, व्यक्ति का संघर्ष क्यों सामाजिक संघर्ष का रूप नहीं ले रहा है आदि जैसे हमारे समय के कुछ अहम सवालों की ओर ही इशारा नहीं करती हैं ये कहानियाँ बल्कि, अपनी तरह से इनके जवाब भी तलाशती हैं।
Varshingtan Postmarch
- Author Name:
Oka Shuzo
- Book Type:

- Description: जापान के सुप्रसिद्ध साहित्यकार ओका शूज़ो की पुस्तक ‘मेरी दीदी’ और ‘वाशिंगटन पोस्टमार्च’ का हिन्दी अनुवाद मानसिक और शारीरिक रूप से अविकसित बच्चों के सामाजिक परिवेश का एक संवेदनशील संग्रह है जिसे डॉ. उनीता सच्चिदानन्द और जापान की योशिको ओकागुची ने मिलकर सम्पन्न किया है। दो भागों में प्रकाशित इस कथा-संग्रह में ऐसे बच्चों की सहज इच्छाओं और अनुभूतियों का सघन चित्रण है। ‘वाशिंगटन पोस्टमार्च’ पर फ़िल्म भी बन चुकी है।
Saraasar
- Author Name:
Jivan Singh Thakur
- Book Type:

- Description: Book
Contemporary Kashmiri Short Stories
- Author Name:
Hriday Kaul Bharati +1
- Book Type:

- Description: The Kashmiri short story was born with the progressive movement in Kashmir and its acceptted the standards and values dictated by the movement unquesioningly. Nationalism and the desire for reaching out to people inspired most of the writers to switch over to Kashmiri, even though they had strated writing in Urdu. Dinanath Nadim's Javabi Card (Reply-Card) and Somnath Zutshi's Yell Phol Gash (when there was light) are the first two short stories written in Kashmiri
Usha Kiran Khan Ki Lokpriya Kahaniyan
- Author Name:
Ushakiran Khan
- Book Type:

- Description: प्रस्तुत संग्रह में वरिष्ठ कथाकार उषा किरण खान की छोटी-बड़ी चौबीस कहानियों में नई और लोकप्रिय कथाएँ शामिल हैं। आत्मवंचना के युग में कई अच्छे-भले शिक्षित युवक आतंकवाद की राह में फँसा दिए जाते हैं—‘अम्मा मेरे भइया को भेजो...’ ऐसी ही कहानी है। ‘किसी से न कहना’, ‘लौट आ ओ समय’ तथा ‘गए माघ उनतीस दिन बाकी’ एक कथा-सीरीज है। अपने समय से संवाद करती बाल सखियाँ उम्र के चौथेपन में मिलती हैं। एक-दूसरे को अपने दिल की कहने-सुनने पर चाहकर भी सबकुछ बाँट नहीं पातीं, कि कहीं साथी इसके दुःख से अधिक दुःखी न हो जाएँ। इनमें स्त्री विमर्श इसी प्रकार का है। लेखिका अपने गाँव, महानगरों में बसी गाँव की स्त्रियों के भूख की, सम्मान की, अस्मिता की तनी गरदनवाली स्त्री की कहानी कहती है। उनके सारे पात्र यथार्थ से उपजे हैं, कल्पना से नहीं। सामाजिक संवेदना और मर्म को छूती लोकप्रिय कहानियों का अनूठा संग्रह।
Sampoorn Kahaniyan : Gyanranjan
- Author Name:
Gyanranjan
- Book Type:

-
Description:
ऐसे लेखक विरले ही होते हैं जिनकी रचनाएँ अपनी विद्या को भी बदलती हों और उस विधा के इतिहास को भी ज्ञानरंजन के बारे में यह बात निर्विवाद कही जा सकती है कि उनकी कहानियों के बाद हिन्दी कहानी वैसी नहीं रही जैसी कि उनसे पहले थी। उनके साथ हिन्दी गद्य का एक नया, आधुनिक, सघन और समर्थ व्यक्तित्व सामने आया जो उस दौर की भाषा में व्याप्त काव्यात्मक रूमान के बजाय काव्यात्मक सचाई से निर्मित हुआ था। ज्ञानरंजन की भाषा में उस पीढ़ी की भाषा थी जो भारतीय समाज में आजादी महास्वप्नों के टूटने, परिवारों के बिखरने, मनुष्य के अकेला होते जाने और जीवन में अर्थहीनता के प्रवेश जैसे हादसों के बीच अपने विक्षोभ, अपनी हताशा और अपनी उम्मीद को पहचानने की बेचैन कोशिश कर रही थी। युवा होते समाज की इस आन्तरिक उथल-पुथल का इतना गहरा साक्षात्कार ज्ञानरंजन की कहानियों में मिलता है। कि उनके अनेक चरित्र प्रेमचन्द के कई चरित्रों की तरह हमारी स्मृति में अभिन्न रूप से शामिल हो गए। सन् साठ के बाद की हिन्दी कहानी एक महत्त्वपूर्ण प्रस्थान बिन्दु या कहानी का दूसरा इतिहास मानी गई और ज्ञानरंजन सामाजिक रूप से उसके सबसे बड़े रचनाकार कहे गए। लेकिन हर बड़े लेखक की तरह ज्ञानरंजन की कहानियाँ अपने दौर या समय को लाँघती गईं और इसीलिए आज भी पढ़ने पर उनकी प्रायः सभी कहानियाँ उतनी ही जीवन्त, प्रासंगिक और प्रामाणिक महसूस होती हैं। ‘क्षणजीवी’ जैसी कहानी लिखने और जीवन के निरर्थक क्षणों में अर्थ की खोज करनेवाले ज्ञानरंजन दरअसल हमारे समय के सबसे ‘दीर्घजीवी’ लेखकों में से हैं।
‘फेंस के इधर और उधर’, ‘पिता’, ‘शेष होते हुए’, ‘सम्बन्ध’, ‘यात्रा’, ‘घंटा’ और ‘बहिर्गमन’ आदि कहानियाँ जिस निम्न-मध्यवर्गीय यथार्थ से मुठभेड़ के कारण प्रसिद्ध हुई, वह भले ही बदल गया हो, लेकिन उस पर लिखी गई ये कहानियाँ कभी पुरानी या बासी नहीं हुईं। ज्ञानरंजन सरीखे कृती लेखक की ही यह सामर्थ्य है कि यथार्थ के पुराने पड़ जाने पर भी उसका अनुभव पुराना या समय सापेक्ष नहीं हो जाता। बल्कि इन कहानियों में अभिव्यक्त विराट हलचल के बीच आनेवाले यथार्थ की अनेक आहटें भी हम सुन सकते हैं। ‘अनुभव’ में तथाकथित उच्चवर्ग की विकृति और अश्लीलता के विवरणों में उस अपसंस्कृति का पूर्वाभास है जो आज हमारे समाज में चौतरफ बजबजा रही है। वह एक स्वस्थ समाज की मृत्यु पर हिला देनेवाला शोकगीत है।
ज्ञानरंजन की सभी कहानियों का यह संग्रह हमारे समय का एक साहित्यिक दस्तावेज़ भी है और हमारे यथार्थ का साफ आईना भी है, जिसमें दिखते जीवन के बिम्ब पाठक को हमेशा उद्वेलित करते रहेंगे।
Ujali Aag
- Author Name:
Ramdhari Singh Dinkar
- Book Type:

- Description: अनादि काल से ही बोधकथाओं की अपनी महत्ता रही है। इनका मुख्य उद्देश्य यही रहा है कि प्रेरक और गूढ़ प्रसंगों को रोचक शैली में जनमानस तक पहुँचाया जाए ताकि इनमें निहित नीतियों एवं उपदेशों से वे अपने जीवन में सृजनात्मक चेतना विकसित कर सकें। रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की इस पुस्तक ‘उजली आग’ में इस तथ्य को सहज ही जाना-समझा जा सकता है। ‘उजली आग’ बच्चों और किशोरों से लेकर प्रौढ़ पाठकों तक की जीवन-शैली को कुतूहल, मनोरंजन, शिक्षा, मार्गदर्शन आदि के ज़रिए गहरे प्रभावित करनेवाली पुस्तक है। दिनकर की इस अनुपम कृति में जो भी बोधकथाएँ शामिल हैं, जैसे—आदमी का देवत्व, बीज बनने की राह, धर्म लोगे, धर्म? गुफावासी, अफ़सर और पैग़म्बर, उजला हाथी और गेहूँ के खेत, जीवन का बोझ, नर-नारी, माया की रचना, नारी की रुचि, अर्धनारीश्वर, नदी के पार की आग, कलाकार, बनिया और किसान, संसार का इतिहास, पत्थर के दूसरी ओर, पराजय, फूल की आरी, निर्माता और विजेता, सपनों का सपना, सुकरात का मकान, साहसी माता, घोड़ा और ऊँट, ऊँचाई के गीत, शासन और राजनीति आदि, वे सब पढ़ने वाले की जीवन-दृष्टि को गहरे प्रभावित करती है। राष्ट्रकवि की इस पुस्तक से आशा है कि यह जीवन और समाज में अपनी नवीनता से नए परिवेश के निर्माण में अवश्य सहायक सिद्ध होगी।
Lomari Ki Japmala
- Author Name:
Unita Sachchidanand
- Book Type:

-
Description:
प्रस्तुत लोककथा संग्रह में जहाँ जानवरों की कहानियाँ हैं, वहीं अध्यात्म और नैतिक मूल्यों से जुड़ी जापान की बहुचर्चित कथाएँ भी।
लेखिका ने स्वयं तोक्यो से दूर जापानी ग्रामीण क्षेत्रों में कहानियों की तलाश के दौरान परम्परागत जापानी कथा–वाचकों की दो कहानियाँ ‘एक एहसान बढ़ा पाँच मान’ और ‘बुज्जा का अंडा’ का अभिलेखन किया है।
‘लुढ़कता खड़ाऊँ’ में हँसी और मज़ाक़ का पुट है, तो ‘लोमड़ी की जपमाला’ में लोमड़ी और मनुष्य के बीच की हास्यास्पद लड़ाई।
सरल बाल–सुलभ भाषा में जापानी कथाओं का यह दूसरा भाग मनोरंजन के साथ बच्चों में नैतिक मूल्यों को स्थापित करने में सहायक होगा, ऐसी उम्मीद है।
Shapgrasta
- Author Name:
Akhilesh
- Book Type:

-
Description:
हिन्दी कहानी की चर्चा पर अखिलेश की कहानियाँ याद न आएँ, असम्भव है। वह ऐसे लेखक हैं जो बौद्धिकों और सामान्य पाठकों के बीच एक साथ स्वीकृत हैं।
अखिलेश का ज़िक्र समर्थ कथाकार के रूप में किया जाता है तो इसमें सबसे अधिक योगदान ‘शापग्रस्त’ संग्रह में शामिल कहानियों का है। इस किताब की समस्त कहानियाँ अपनी संश्लिष्ट वास्तविकता, कलात्मकता और अद्वितीय गद्य के ज़रिए लगातार हिन्दी पाठक को मुग्ध, गर्वित और हैरान करती रही हैं। इसीलिए ‘शापग्रस्त’ को यदि कहानियों के संग्रह की जगह श्रेष्ठ कहानियों का संग्रह कहा जाए तो अत्युक्ति न होगी। इसमें उपस्थित ‘चिट्ठी’, ‘ऊसर’, ‘बायोडाटा’, ‘शापग्रस्त’ तथा ‘जलडमरूमध्य’ हिन्दी की बेहतरीन कहानियाँ हैं। साथ ही ‘अगली शताब्दी के प्यार का रिहर्सल’ एवं ‘पाताल’ भी अनेक चर्चित कहानियों की तुलना में बेहतर और पठनीय हैं।
‘शापग्रस्त’ की कहानियाँ इस अर्थ में विस्फोटक हैं कि सभी की सभी देश के नए सच से मुठभेड़ करती हैं। मनुष्य, समाज, परिवार, संस्कृति, राजनीति, प्रेम और आत्मा पर आघात कर रहे उपभोक्तावादी-बाज़ार व्यवस्था की सर्जनात्मक साक्ष्य हैं ये कहानियाँ। मौजूदा समय स्वातंत्र्योत्तर भारत का सबसे ज़्यादा हिंसक तथा आक्रान्ता समय है, और इसी को ‘शापग्रस्त’ की कहानियों में घेरा गया है।
अखिलेश के यहाँ ख़ास रंग के जीवन्त, हँसमुख और शरारती गद्य के ज़रिए सत्य को ढूँढ़ा, परखा, प्रकट किया गया है। और, इस अर्थ में तो अखिलेश की भाषा का मिज़ाज अभिनव है कि वह एक तरफ़ व्यंग्य-विनोद की छटा बिखेरती है तो दूसरी तरफ़ करुणा की अन्तःसलिला भी प्रवाहित करती है। शायद इसी वजह से ‘शापग्रस्त’ की कहानियाँ ग़ज़ब की वाग्विदग्ध होने के बावजूद अपने परिणाम में हमें बेचैन, उदास और आन्दोलित करती हैं।
ऐसी उम्मीद की जानी चाहिए कि अखिलेश का यह संग्रह लम्बे समय तक हलचल पैदा करता रहेगा।
Pratinidhi Kahaniyan : Amarkant
- Author Name:
Amarkant
- Book Type:

- Description: अमरकान्त की कहानियों में मध्यवर्ग, विशेषकर निम्न-मध्यवर्ग के जीवनानुभवों और जिजीविषाओं का बेहद प्रभावशाली और अन्तरंग चित्रण मिलता है। अक्सर सपाट-से नज़र आनेवाले कथ्यों में भी वे अपने जीवन्त मानवीय संस्पर्श के कारण अनोखी आभा पैदा कर देते हैं। सहज-सरल रूपबन्धवाली ये कहानियाँ ज़िन्दगी की जटिलताओं को जिस तरह समेटे रहती हैं, कभी-कभी उससे चकित रह जाना पड़ता है। लेकिन यह अमरकान्त की ख़ास शैली है। अमरकान्त के व्यक्तित्व की तरह उनकी भाषा में भी एक ख़ास क़िस्म की फक्कड़ता है। लोक-जीवन के मुहावरों और देशज शब्दों के प्रयोग से उनकी भाषा में माटी का सहज स्पर्श तथा ऐसी सोंधी गन्ध रच-बस जाती है जो पाठकों को किसी छद्म उदात्तता से परे, बहुत ही निजी लोक में ले जाती है। उनमें छिपे हुए व्यंग्य से सामान्य स्थितियाँ भी बेहद अर्थव्यंजक हो उठती हैं। अमरकान्त के विभिन्न कहानी-संग्रहों में चरित्रों का विशाल फलक ‘ज़िन्दगी और जोंक’ से लेकर ‘मित्र मिलन’ तक फैला हुआ है। उन्ही संग्रहों की लगभग सब चर्चित कहानियाँ एक जगह एकत्र होने के कारण इस संकलन की उपादेयता निश्चित रूप से काफ़ी बढ़ गई है।
Sunahari Ungaliyan
- Author Name:
Nasira Sharma
- Book Type:

-
Description:
मेहनतकश लोगों के सुख-दुख, राग-द्वेष, हँसी-ख़ुशी, जिजीविषा और उनके जीवन के तमाम अनुभवों से भरी कहानियों का संग्रह है—‘सुनहरी उँगलियाँ’। हमारे शानदार अतीत की सुन्दर व भव्य निशानियों से सजी हमारी यह दुनिया हमें प्रेरणा देती है कि जीवन सदैव बहता है, इनसान आता और चला जाता है लेकिन जीवन के इस प्रवाह के बीच मेहनतकशों के हुनर और कारीगरी की रचनात्मक उपलब्धियाँ हमेशा बची रहती है। हम पीढ़ी-दर-पीढ़ी सँजोते आ रहे हैं।
इस संग्रह की कहानियों में कई ऐसे किरदार हैं जिनके हाथों में बेहतरीन हुनर है। ‘आँचल के बीज’ और ‘सुनहरी उँगलियाँ’ शीर्षक कहानियों के साथ-साथ ‘शीराज़ लोहार’, ‘फुलवा’ जैसी कहानियों में ऐसे ही कुछ ज़िन्दादिल किरदार हैं जो हिन्दुस्तान की सामासिक संस्कृति को उजागर करते हैं। इसके अतिरिक्त संग्रह की कई कहानियों में जटिल सामाजिक संरचना पाठकों को किरदारों की ज़िन्दादिली के क़रीब ले जाती है। ऐसी कहानियों में ‘अलाव’, ‘सबूत’, ‘फ़ितरत’, ‘क्रोशिया के फंदे’, ‘ख़ौफ़’, ‘रामपुरी चाकू’ आदि उल्लेखनीय हैं। नासिरा शर्मा की कहानियों में भारतीय मानस की जटिलताओं का संवाद मानवीय रिश्तों की पारिवारिक संरचना के साथ आत्मसात हो जाता है और यहीं से गंगा-जमुनी तहजीब की पकड़ से ‘सदाबहार का फूल’, ‘स्वर्ग व नर्क का फ़ासला’, ‘ईदी’, ‘नये रंग की गन्ध’, ‘हथेली में पोखर’ जैसी कहानियाँ बन पड़ती हैं जो सामाजिक सौहार्द का निर्वाह करती हैं।
बीस साल बाद आ रहा नासिरा शर्मा का यह कहानी-संग्रह बीते समय की सामाजिक हलचलों की अक्कासी करता है और इन कहानियों का कथानक-शिल्प एवं कथा-भाषा का प्रवाह उनके पाठकों के लिए एक उपहार है।
Kachhue
- Author Name:
Intizar Hussain
- Book Type:

- Description: ुए’—यह इंतिज़ार साहब का बहुचर्चित कहानी-संग्रह है जिसमें ‘कछुए’ के अलावा दो और ऐसी कहानियाँ (पत्ते वापस) शामिल हैं जो भाषा, शिल्प और कथ्य, गरज़ कि हर पहलू से उस कहानी से अलग हैं जिसे हम प्रेमचन्द के ज़माने से आज तक पढ़ते आए हैं। वह कहानी अपने यथार्थवाद के लिए जानी गई और, समय-समय पर प्रयोग के तौर पर होनेवाले थोड़े-बहुत फेरबदल के साथ, उसका ज़ोर यथार्थ के यथासम्भव प्रामाणिक चित्रण पर ही रहा। इस संग्रह की ये चार, और इससे बाहर की इसी ढंग की कई अन्य कहानियाँ यथार्थ के दृश्य वैभव से बाहर की कहानियाँ हैं, वे समय और स्थान की निर्धारित सीमाओं को लाँघकर हमें एक ज़्यादा व्यापक अनुभव तक ले जाती हैं। इंतिज़ार हुसैन ख़ुद (अगर इनको किसी ख़ाने में रखना ही हो तो) इन कहानियों को ‘जातक कहानी’ नाम देते हैं। ‘मैं जातक कहानी लिखता हूँ। ये नई है या पुरानी, पता नहीं। इतना पता है कि सन् ’36 की हक़ीक़तनिगारी वाली कहानी से इसका कोई नाता नहीं हो सकता कि जातक कहानी हक़ीक़त के उस महदूद तसव्वुर की नफ़ी है जिस पर हक़ीक़तनिगारी की इमारत खड़ी है और उस इनसान दोस्ती की जो उस अफ़साने का ताज समझी जाती है। जातक कहानियाँ पढ़ने के बाद सन् ’36 की इनसान दोस्ती मुझे फ़िरक़ापरस्ती नज़र आती है। जातकों में आदमी कोई अलग फ़िरक़ा नहीं है। सब जीव-जन्तु एक बिरादरी हैं।’ (इसी संग्रह में शामिल ‘नए अफ़सानानिगार के नाम’ से) इनके अलावा बाक़ी की ज़्यादातर कहानियों (‘किश्ती’, ‘दीवार’, ‘रात’, ‘ख़्वाब’ और ‘तक़दीर’) में भी यह जातक-तत्त्व भरपूर ढंग से ज़ाहिर है, हालाँकि इनकी पृष्ठभूमि दूसरी है। शेष कहानियों (‘क़दामत पसंद लड़की’, 31 मार्च, ‘नींद’, ‘असीर’, ‘शोर’ आदि) में भी यथार्थवादी और आधुनिक आग्रहों के अन्तर्विरोधों को रेखांकित करते हुए उनके हास्यास्पद बौनेपन को उकेरा गया है। ‘बेसबब’, ‘सुबह के ख़ुशनसीब’, ‘फ़रामोश’ और ‘बादल’ कुछ खेलती हुई-सी कहानियाँ हैं जो अपने विषय के साथ, बिना कोई जटिल मुद्रा बनाए, एक बेहद सहज और मानवीय विस्मय के साथ पेश आती हैं। निःसन्देह, इंतिज़ार हुसैन की जानी-पहचानी चुटीली-चटकीली कहन तो हर कहानी का हिस्सा है ही।
Kachhari Ki Chakallas
- Author Name:
Durgesh Pandey
- Book Type:

- Description: दुर्गेश पांडेय, उत्तर प्रदेश के जनपद प्रतापगढ़ के निवासी हैं। इनके पिता का नाम श्री लक्ष्मी कांत पांडेय एवं माता का नाम स्वर्गीय श्रीमती ज्ञानती पांडेय है। सामान्य पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले दुर्गेश पांडेय के पितामह स्वर्गीय श्री श्याम सुंदर पांडेय (शास्त्री जी) संस्कृत के प्रकांड विद्वान रहे हैं। आपने लखनऊ विश्वविद्यालय से विधि स्नातक (LLB, Hons.) एवं दिल्ली विश्वविद्यालय से परास्नातक (LLM) की डिग्री प्राप्त की है। आपकी “गाँधी हार गये?” और “Crime Scene to Court Room ...Fundamentals of Forensic Science and Medical Jurisprudence” पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जो बेहद लोकप्रिय हैं।
Kahan Se Kahan
- Author Name:
Satish Jayaswal
- Book Type:

-
Description:
‘कहाँ से कहाँ’ में संकलित कहानियों में प्रवेश का रास्ता कविता से होकर निकलता है। यह रास्ता घर की तलाश करता है, लेकिन जाकर घर से नहीं मिलता।
पुस्तकें भी समाज को देखती हैं। आलोचक डॉ. राजेन्द्र मिश्र की यह बात सतीश जायसवाल की कहानियों के साथ लागू होकर इस तरह बन जाती है—सतीश की कहानियाँ भी समाज को देखती हैं...कथा त्रयी के एक प्रमुख स्तम्भ—कमलेश्वर का कहना है—सतीश की कहानियों में ‘नैरेशन’ आज भी बचा हुआ है...युवा कथाकार शशांक भी कुछ-कुछ यही बात कहते हैं—सतीश जायसवाल की कहानियों में ‘डिटेल्स’ ख़ूब उभरकर आते हैं? ये ‘डिटेल्स’ किसी एक विषय से बँधे हुए नहीं होते। इनमें ‘कैलिडोस्कोप’ के अँधेरे में खिलनेवाले रंग-बिरंगे फूलों का वैविध्य होता है।
Sankalp Aur Sapne
- Author Name:
Sadashiv Kautuk
- Book Type:

- Description: Book
Mara Hattada Meenu
- Author Name:
Vinayaka Aralasurali
- Rating:
- Book Type:

- Description: DESCRIPTION AWAITED
Her Own Way and Other Stories
- Author Name:
Abburi Chaya Devi +1
- Rating:
- Book Type:

- Description: "Her Own Way and Other Stories" is a short story collection by Abburi Chaya Devi and Indira Babbelapati, published by Sahitya Akademi. The book is written in English. The collection also includes stories written by Abburi Chaya Devi, Indira Babbelapati, and Sahitya Akademi.
Sandigdh
- Author Name:
Tejendra Sharma
- Rating:
- Book Type:


- Description: पंद्रह बेहतरीन कहानियों का संग्रह।
Manto Kaha Hai
- Author Name:
Nazm Subhash
- Book Type:

- Description: This Books doesn’t have a description
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Hurry! Limited-Time Coupon Code
Logout to Rachnaye
Offers
Best Deal
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua
Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididunt ut labore et dolore magna aliqua. Ut enim ad minim veniam, quis nostrud exercitation ullamco laboris nisi ut aliquip ex ea commodo consequat.
Enter OTP
OTP sent on
OTP expires in 02:00 Resend OTP
Awesome.
You are ready to proceed
Hello,
Complete Your Profile on The App For a Seamless Journey.