Mansarovar Vol. 5 : Ramleela Aur Anya Kahaniyan
Author:
PremchandPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Short-story-collections1 Reviews
Price: ₹ 120
₹
150
Available
प्रेमचन्द का सम्पूर्ण साहित्य भारत के स्वाधीनता संग्राम की महागाथा है। ...स्वराज्य के लक्ष्य पर सतत दृष्टि होने के कारण प्रेमचन्द ने उन समस्याओं पर भी लिखा जो स्वराज्य-प्राप्ति के रास्ते में बाधा पैदा करती थीं। साम्प्रदायिकता की समस्या इनमें सबसे प्रमुख रही है। ...प्रेमचन्द उस मायने में विशिष्ट हैं कि उन्होंने हिन्दू और मुस्लिम दोनों प्रकार के सम्प्रदायवाद पर निर्भीकता के साथ प्रहार किया और इसके साथ ही जन साधारण में उस भाव को जगाने का प्रयास किया जिसे आजकल विभिन्न धर्मों के बीच 'सौमनस्य' अथवा 'एकात्म' की संज्ञा दी जाती है। ...इसी प्रकार प्रेमचन्द ने अपनी कृतियों में हिन्दू समाज में बद्धमूल जाति-पाँति के भेद पर चोट करते हुए विशेष रूप से अछूतों पर होने वाले अत्याचार की मार्मिक कहानियाँ भी लिखी हैं। ...नारी की वेदना भी समाज की उन्हीं दुर्बलताओं में से एक है जिस पर प्रेमचन्द की करुणामयी दृष्टि बहुत गहराई तक गई थी।
—नामवर सिंह
ISBN: 9789393603241
Pages: 216
Avg Reading Time: 7 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
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