Shobha Yatra
Author:
Bhisham SahniPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Short-story-collections0 Reviews
Price: ₹ 100
₹
125
Available
सीधी सरल शब्दावली और सहज बिम्बों में सामाजिक यथार्थ की जटिल विडम्बनाओं को अभिव्यक्त करनेवाली भीष्म साहनी की कहानियाँ आज क्लासिक रचनाओं की श्रेणी में आती हैं।
1981 में पहली बार प्रकाशित उनका यह कहानी-संग्रह अपनी मूल्यपरक अर्थवत्ता और वैचारिक निष्ठा के चलते विशेष तौर पर सराहा गया था।
‘शोभायात्रा’ की इन कहानियों में 'फ़ैसला' के जज शुक्ला जी हों या 'रामचन्दानी' के रिटायर्ड अफ़सर रामचन्दानी—सही आदमी इस व्यवस्था में बराबर अव्यावहारिक और उपहास का विषय है। 'निमित्त' में यदि भाग्य और भगवान को ही कारण माननेवाले 'निमित्त मात्रों' की क्रूरता और चालाकी का कलात्मक खुलासा हुआ है तो 'शोभायात्रा' सत्ता के 'अहिंसा परमो धर्म' रूपी ढोंग को उघाड़ती है। दूसरी ओर 'खिलौने' जैसी कहानी है, जिसमें बच्चे और खिलौने के माध्यम से आधुनिक जीवन की भयावह कैरियरिस्ट संवेदनहीनता का मार्मिक चित्रण हुआ है।
वस्तुगत यथार्थ और उसका दृष्टि-सम्पन्न चित्रण, यही इस संग्रह की कहानियों की विशेषता है जिसके कारण इन्हें दशकों से एक ही लगाव के साथ पढ़ा जाता रहा है।
ISBN: 9788126729258
Pages: 120
Avg Reading Time: 4 hrs
Age: 18+
Country of Origin: India
Recommended For You
Qissa-Qissa Lucknowaa
- Author Name:
Zilani Bano
- Book Type:

- Description: ्सागोई उर्दू ज़बान का कदीमी फ़न है, जिसे वक़्त के साथ भुला दिया गया था, लेकिन इधर कुछ लोगों की कोशिशों के चलते यह कला वापस मुख्यधारा में आ रही है। हिमांशु बाजपेयी इन्हीं जियालों में एक हैं। इस किताब में उनके लखनऊ से मुतल्लिक क़िस्से हैं जिन्हें उन्होंने लोगों से, बड़े-बूढ़ों से, किताबों से, और कुछ ख़ुद के अपने तजुर्बों से हासिल करके क़लमबंद किया है। कुछ क़िस्से हो सकता है, पहले आपने सुने हों, लेकिन यहाँ हिमांशु ने उन्हें जिस तरह पेश किया है, वह उन्हें उनके क़िस्से बना देता है। एक बात और, लखनऊ के बारे में क़िस्सों की बात आती है तो ध्यान सीधे नवाबों के क़िस्सों की तरफ़ चला जाता है, लेकिन ये क़िस्से आमजन के हैं। लखनऊ की गलियों-मुहल्लों में रहने-सहनेवाले आम लोगों के क़िस्से। इनमें उनके दु:ख-दर्द भी हैं, उनकी शरारतें भी हैं, उनकी हिकमतें और हिमाकतें भी हैं, गरज़ कि वह सब है जो हर आम शख़्स इतिहास द्वारा गढ़े किसी भी नवाब या बादशाह से बड़ी और ज़्यादा काबिले-यक़ीन शय बनता है। बकौल हिमांशु वाजपेयी ‘‘ये क़िस्से लखनऊ की मशहूर तहज़ीब के ‘जनपक्ष’ को उभारते हैं...ज़्यादातर क़िस्से सच्चे हैं। कुछ एक सच्चे नहीं भी हैं...।’’ लेकिन इंसान के रुतबे को बतौर इंसान देखने की उनकी मंशा एकदम सच्ची है। लखनऊ के नवाबों के क़िस्से तमाम प्रचलित हैं, लेकिन अवाम के क़िस्से किताबों में बहुत कम मिलते हैं, जो उपलब्ध हैं, वह भी बिखरे हुए। यह किताब पहली बार उन तमाम बिखरे क़िस्सों को एक जगह बेहद ख़ूबसूरत भाषा में सामने ला रही है, जैसे एक सधा हुआ दास्तानगो सामने बैठा दास्तान सुना रहा हो
Chardiwari
- Author Name:
Deepa Mehta
- Book Type:

- Description: नारी का जीवन एक अनंत यात्रा है। नारी की इसी अनकही जीवन यात्रा को शब्दों में समेटने का प्रयास है, प्रस्तुत लघु कथा संग्रह - चारदीवारी । नारी के बचपन, किशोरावस्था, युवावस्था, वृद्धावस्था के मूक क्षणों की आवाज है प्रस्तुत लघु कथाएं। नारी जीवन के कुछ अनदेखे - अनछुए पहलुओं का प्रतिनिधित्व करता प्रस्तुत लघु कथा संग्रह नारी के दुख, बैचेनी, परेशानियां, रोष, शिकायतों का पुलिंदा मात्र नहीं है। मां, पत्नी, बेटी आदि अनेकों भूमिकाओं को निभाती दृश्य - अदृश्य चारदीवारी में कैद भिन्न-भिन्न पहचान, शैक्षिक स्थिति, आयु वर्ग की नारी के रोजमर्रा के जीवन से संबंधित है यह लघु कथाएं। नारी की पहचान, समानता, ख्वाहिशों, सपनों, संबंधों, घरेलू हिंसा, छेड़छाड़, लैंगिक उत्पीड़न, प्रजनन, स्वास्थ्य, मातृत्व, बॉडी इमेज आदि महत्वपूर्ण मुद्दों से संबंधित यह विचारोत्तेजक लघु कथाएं प्रस्तुत है, पाठकों के अवलोकन और विचारमंथन के लिए। इस आशा के साथ कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में यह प्रयास जनमानस की मानसिकता को बदल नारी जीवन में परिवर्तन की एक नई बयार ला पाने में सफल होगा…।
Shreshtha Bal Kahaniyan
- Author Name:
Balshauri Reddi
- Book Type:

-
Description:
विश्व की आबादी में बच्चों की संख्या एक तिहाई के आसपास है। जलवायु, वेशभूषा, रीति-रिवाज, रहन-सहन, खान-पान की दृष्टि से भले ही उनमें भिन्नता दर्शित होती हो, किन्तु उनके विचार और सोच एक समान हैं। बच्चे स्वभावत: परस्पर धर्म, जाति, वर्ण, वर्ग, सम्प्रदाय को लेकर भेदभाव नहीं रखते। उनका दिल स्वच्छ, काग़ज़ की भाँति निर्मल होता है। उनमें हम जैसे संस्कार डालते हैं, उन्हीं के अनुरूप उनका चरित्र बनता है। उनके शारीरिक विकास के लिए जैसे बलवर्धक आहार की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार उनके बौद्धिक विकास के लिए उत्तम साहित्य की नितान्त आवश्यकता है।
बच्चों में कहानी सुनने की प्रवृत्ति जन्मजात है। आयु की वृद्धि के साथ उनमें कहानी पढ़ने की रुचि और प्रवृत्ति भी बढ़ती जाती है। अत: उनकी रुचि के पोषण एवं परिष्कार के लिए स्वस्थ साहित्य एक सबल माध्यम बन सकता है।
भारतीय भाषाओं में सर्वप्रथम संस्कृत में बाल-साहित्य का प्रादुर्भाव हुआ। पंचतंत्र, हितोपदेश इत्यादि विश्व के अमर साहित्य में अपना अनुपम स्थान रखते हैं। कालान्तर में देश की अन्य भाषाओं में बाल-साहित्य का सृजन हुआ। आज भारत की प्राय: समस्त भाषाओं में उत्तम बाल-साहित्य का सृजन एवं प्रकाशन हो रहा है।
प्रस्तुत पुस्तक में 12 भारतीय भाषाओं की 131 बाल-कहानियों का चयन किया गया है। सम्भवत: भारतीय भाषाओं में इस प्रकार का प्रयास प्रथम है। बच्चों के मनोरंजन एवं ज्ञानवर्धन में ये कहानियाँ सफल होंगी तो हम अपने इस प्रयास को सार्थक मानेंगे।
Kanojadi
- Author Name:
Susmita Pathak
- Book Type:

- Description: Collection of Maithili Short Stories
Alfa Laila
- Author Name:
Abrar Mohsin
- Book Type:

- Description: Awating description for this book
Chaku, Aine Aur Bhool - Bhulaiya
- Author Name:
Jorge Luis Borges
- Book Type:

-
Description:
बोर्खेज़ ने एक भी उपन्यास नहीं लिखा। नाटक भी नहीं, कोई ‘बड़ी’ कविता नहीं, कोई आत्मकथात्मक या आलोचना-पुस्तक नहीं, कोई दार्शनिक प्रबन्ध भी नहीं। उन्होंने
बड़े गर्व के साथ आधुनिक साहित्य की समस्त विषय-वस्तुओं की उपेक्षा की। यौन सम्बन्ध के बारे में कुछ नहीं लिखा, सामाजिक अतिरेक के विषय में भी नहीं, राजनीतिक विचारधाराओं या यथार्थ जीवन के टेक्सचर पर भी कुछ नहीं। उन्होंने प्रकृति में भी कोई रुचि नहीं ली, उनकी सेटिंग्स इतनी उजाड़ और बेहलचल है जितनी डि शिरिका की चित्रकला। बोर्खेज़ किसी ऐसी साहित्यिक परम्परा के रचनाकार हैं जो आज तक अज्ञात है, जो उस परम्परा से बिलकुल भिन्न है जिससे हम परिचित हैं और जिसमें अपना बौद्धिक जीवन जी रहे हैं। ...लेकिन बोर्खेज़ को ऐसा ‘आदिम’ नहीं कह सकते जो अनभिज्ञता की वजह से मौलिकता की ओर आकृष्ट हुआ हो। वे अपनी पीढ़ी के किसी भी व्यक्ति की तरह अनेक साहित्यिक परम्पराओं के ज्ञाता थे। जॉयस, सूरत, काफ़्का, वर्जीनिया वुल्फ़ (जिसका उन्होंने अनुवाद किया) से वे बख़ूबी परिचित थे, फिर भी उनके अपने समूचे जीवनकाल में यूरोप और अमेरिका में जो कुछ लिखा गया। उसके अधिकांश की उन्होंने अपेक्षा की। वे ज़्यादातर उन्हीं लेखकों से प्रभावित रहे जिनकी पुस्तकें उनके पिता की निजी, समृद्ध लाइब्रेरी में सजी हुई थीं : ब्राउने. डी. क्विंसी कॉलरिज, स्पेंसर, शॉ, वेल, किपलिंग, स्टीवेंसन, और वे विद्वान् जिन्होंने एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका के लिए लेख लिखे। ये सभी उनकी दुर्नामी (नटोरियस) विद्वत्ता का स्रोत हैं।
जेम्स नेल्सन की नज़रों में बोइंग के समूचे काम में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कृति एक ‘एलोक्वेंट’ है, शब्द-चातुर्य, जो अनोखा है और अकादमीय मतों के खंडन में किए गए अपने सारे प्रयास की पुष्टि करता है फिर भी, फिर भी...।
कालिक क्रम को नकारना, स्व को नकारना, खगोलीय ब्रह्मांड को नकारना—बेशक हताशा है, मन को गुपचुप ढांढ़स देना है। हमारी नियति (अगर उसे स्वीडनबर्ग के नर्क के और तिब्बती पुराण के नर्क के कंट्रास्ट में देखें तो) भ्रामक बनी होकर भयावह नहीं है। वह इसलिए भयावह है, क्योंकि वह अनुत्क्रमणीय और लौहकवचबद्ध है। समय कोई नदी है जो मुझे साथ बहाती है, लेकिन मैं ही नदी हूँ। शेर मेरा विनाश करता है, लेकिन मैं ही शेर हूँ। अग्नि मुझे भस्म करती है, लेकिन मैं ही अग्नि हूँ। संसार, दुर्भाग्यवश, वास्तविक है; मैं, दुर्भाग्यवश, बोर्खेज़ हूँ।
Uf! Ye Student Life
- Author Name:
Harminder Singh
- Book Type:

- Description: "जब दसवीं पास की, उस वक्त मेरे पास अनगिनत किस्से और कहानियों का खजाना था। करीब दो साल बाद उन्हें सहेजना शुरू किया। गरमी की एक दोपहर को पहली कहानी लिखी। फिर रोज लिखने का सिलसिला शुरू हो गया। एक महीने बाद करीब 17 कहानियाँ थीं। उसके बाद जिंदगी बहुत तेज भागी। मैंने उन पन्नों को भुला दिया, जो कभी लिखे गए थे। जब उनका ध्यान आया तो आज-कल चलता रहा। फिर आया 2020, जिसमें कोरोना की एंट्री हुई। यह वक्त मुश्किल था, जब लॉकडाउन ने जिंदगी को थाम दिया। वक्त मानो ठहर गया। मैंने दशकों पुराने पन्नों को निकाला। उन्हें पढ़ा, फिर पढ़ा, दोबारा लिखा, पढ़वाया, किस्सों को नया फ्लेवर दिया। इस तरह ‘उफ! ये स्टूडेंट लाइफ’ ने एक किताब की शक्ल ली। छात्र जीवन की अनेक रोचक-रोमांचक किस्सों व घटनाओं का ऐसा संकलन, जो पाठकों को आकर्षित करेगा, प्रेरित करेगा और वे उनसे अपनी निकटता अनुभव करेंगे। "
Kitna Bada Jhooth
- Author Name:
Usha Priyamvada
- Book Type:

-
Description:
पाँचवें दशक में हिन्दी के जिन कथाकारों ने पाठकों और समीक्षकों का ध्यान सबसे ज़्यादा आकर्षित किया उनमें उषा प्रियम्वदा का नाम अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। पिछले कई दशकों से ये निरन्तर सृजनरत हैं और इस अवधि में इन्होंने जो कुछ लिखा है वह परिमाण में कम होते हुए भी विशिष्ट है, जिसका प्रमाण है ‘कितना बड़ा झूठ’ की ये कहानियाँ।
प्रस्तुत संग्रह की अधिकांश कहानियाँ अमेरिकी अथवा यूरोपीय परिवेश में लिखी गई हैं। और जिन कहानियों का परिवेश भारतीय है उनमें भी प्रमुख पात्र, जो प्रायः नारी है, का सम्बन्ध किसी-न-किसी रूप में यूरोप अथवा अमेरिका से रहता है। इस एक तथ्य के कारण ही इन कहानियों को, बहुचर्चित मुहावरे की भाषा में, भोगे हुए यथार्थ की संज्ञा भी दी जा सकती है और इसी तथ्य के कारण इन कहानियों में आधुनिकता का स्वर भी अधिक प्रबल है।
डॉ. इन्द्रनाथ मदान के शब्दों में : ‘उषा प्रियम्वदा की कहानी-कला से रूढ़ियों, मृत परम्पराओं, जड़ मान्यताओं पर मीठी-मीठी चोटों की ध्वनि निकलती है, घिरे हुए जीवन की उबासी एवं उदासी उभरती है, आत्मीयता और करुणा के स्वर फूटते हैं। सूक्ष्म व्यंग्य कहानीकार के बौद्धिक विकास और कलात्मक संयम का परिचय देता है, जो तटस्थ दृष्टि और गहन चिन्तन का परिणाम है।’
अपने पहले संग्रह ‘ज़िन्दगी और गुलाब’ के फूल से लेकर अब तक विषय-वस्तु और शिल्प की दृष्टि से लेखिका ने विकास की जो मंज़िलें तय की हैं, उनका जीवन्त परिचय पाठकों को ‘कितना बड़ा झूठ’ की कहानियों से मिलेगा।
Gausevak
- Author Name:
Abdul Bismillah
- Book Type:

-
Description:
नक्सल प्रभावित एक आदिवासी इलाक़े में विकास का मिथ, नक्सलियों और पुलिस-प्रशासन के बीच पिसते आदिवासी, लगातार मौत को अपने सामने देखते नाउम्मीद जीवन का अवसरवाद जो गौरक्षा की राजनीति करनेवाली एक पार्टी के लिए बहुत उर्वर ज़मीन तैयार करता है, और इन सबके बीच गाय की तस्करी करनेवाले एक गौसेवक आदिवासी नेता के टिकट पाने का जुगाड़...आदिवासी जीवन के संकटों का बयान करनेवाली मुद्रा से अनछुई यह कहानी संकटों के गतिविज्ञान में आपको गहरे ले जाती है, और मज़ा यह कि जाते हुए आपको लेखक के शोध/तजुर्बे से आतंकित/प्रभावित होने की याद भी नहीं रहती! आपको याद बस इतना रहता है कि आप ‘धामा चेरो’ नामक एक गौसेवक आदिवासी नेता की कहानी सुन रहे हैं जिसने कई और गोरखधंधों के साथ-साथ गौतस्करी से अच्छी कमाई की है और जो पिछली बार विफल रहने के बाद इस बार टिकट पाने के लिए कृतसंकल्प है। अनिल यादव की बारीक निगाह और कथाभाषा उनकी ख़ास पहचान है। वे चीज़ों को जिस तरह देखते हैं, उसमें निगाहें हर अवगुंठन को पार कर जाती हैं और 'दृश्य' के भीतर का 'अदृश्य' दिखने लगता है। इसी देखने से इस कहानीकार की ख़ास अपनी कथाभाषा जन्मी है। हिन्दी के युवा/लगभग-युवा कथाकारों में सम्भवतः अनिल यादव ही हैं जिन्हें, अब, कथाभाषा से पहचाना जा सकता है। यह उन्होंने क्रमशः अर्जित की है और 'गौसेवक' में यह अपनी पकी हुई पहचान के साथ है।
—संजीव कुमार
Gandhiji Kahaniyo Me
- Author Name:
A.P. Parameswaran Pillai
- Book Type:

- Description: इस पुस्तक में राष्ट्रपिता गांधी जी के जीवन की प्रमुख घटनाओं को छोटी-छोटी कहानियों के रूप में प्रस्तुत किया गया है। उनका जीवन हमें हमेशा प्रेरणा और चेतना प्रदान करनेवाला रहा है। आशा है, नई पीढ़ी के बच्चे व किशोर इससे अधिक से अधिक लाभान्वित होंगे।
Janakpriya Evam Anya Kahaniya
- Author Name:
Manoj Kumar Sharma
- Book Type:

- Description: कवि-हृदय मनोज कुमार शर्मा का कहानी-संग्रह ‘जनकप्रिया एवं अन्य कहानियाँ’ जीवन के विविध अनुभवों को प्रांजल भाषा में अभिव्यक्त करता है। लेखक के पास संवेदनाओं की सशक्त पूँजी है। यह संवेदना आधुनिक महानगरीय मन और परम्परागत लोकचित्त की साझा निर्मिति है। यही कारण है कि मनोज कुमार शर्मा की कई कहानियाँ लोक-स्वभाव का अनुगमन करते हुए लोकलय में लिखी गई हैं। इसे परम्परा को संरक्षित करने की ‘कथात्मक कोशिश’ भी कह सकते हैं। मनोज कुमार शर्मा समकालीन ज़िन्दगी की विसंगतियों को बहुत सलीके से छू लेते हैं। उन्हें इस बड़बोले समय में शब्द संयम के प्रति सचेत कहानीकार कहा जा सकता है। उन्होंने कुछ नए मुहावरों को रूपायित भी किया है, जैसे ‘मैं वैसे क्रोध तो राजस्थान की वर्षा की तरह कम ही करता हूँ परन्तु उस दिन तो बस चेरापूँजी...।’ ऐसे प्रयोगों से पठनीयता में वृद्धि होने के साथ शैली में एक सुखद चमक भी आ जाती है। समग्रतः प्रस्तुत कहानी-संग्रह भावों और विचारों में उल्लेखनीय और महत्त्वपूर्ण है।
Do Chhoro Ke Beech
- Author Name:
Monika Gajendragadkar
- Book Type:

- Description: मोनिका तभी कलम चलाती हैं, जब कोई घटना या पात्र उन्हें बेचैनी की सीमा तक परेशान कर देता है। उनके लिए कहानी महज शब्दों की नुमाइश या आतिशबाजी नहीं, बल्कि सामाजिक सरोकारों का यथार्थ साक्षात्कार होती है। स्त्री-पुरुष के आपसी अंतर्संबंधों की बारीकियाँ एवं विक्षिप्तता, उनका निपट अकेलापन, उससे पनपनेवाली मानसिक विकृतियाँ, उन्हें इस स्थिति तक पहुँचाने वाला सामाजिक तथा व्यवस्था का ढाँचा, धार्मिक असहिष्णुता, कट्टरवादी भूमिका, मूलतत्त्ववाद तथा उनके आनुषंगिक खतरनाक विघटनकारी तत्त्व, धर्म और श्रद्धा का स्वरूप, प्रत्यक्ष जिंदगी जीने के लिए उनकी प्रासंगिकता एवं उपादेयता, कला और कलाकार की प्रतिबद्धता आदि अन्यान्य जीवन मूल्यों की कशमकश का सूक्ष्म, बेबाक, वस्तुनिष्ठ तथा निष्पक्ष चित्रण उनकी कहानियों में पाया जाता है। मोनिका की कहानियाँ पाठकों के दिमाग को झकझोरती हैं और उन्हें अंतर्मुख भी बना देती हैं। उनकी कहानियाँ समाधान पेश करने के बजाय प्रश्न उपस्थित करती हैं तथा इनसान की मजबूरी, असहायता एवं निर्णयहीनता की वजह से तबाही के कगार की सीमा तक पहुँचे हालातों से पाठकों को रूबरू कराती हैं। किसी भी समस्या की ओर तटस्थता से देखते हुए उसके विभिन्न पहलुओं को परत-दर-परत उजागर करती हैं। मोनिका की कहानियाँ इसी मायने में किसी भी अन्य भाषा की समसामयिक कहानियों से अलग हटकर अपनी विशिष्ट पहचान बनाती हैं।
KANTRAKI BAGAN AUR ANY KAHANIYAN
- Author Name:
Pushpita Awasthi
- Book Type:

- Description: Short stories in hindi
Pratinidhi Kahaniyan : Asghar Wajahat
- Author Name:
Asghar Wajahat
- Book Type:

- Description: असग़र वजाहत बेचैन लेखक हैं। लगातार प्रयोग करना और नएपन की तलाश करना उन्हें प्रिय है। कहानी में उन्होंने जोख़िम की हद तक प्रयोग किए हैं। लघुकथाओं के विन्यास से लगाकर संवाद और एकालाप जैसी प्रचलित-अप्रचलित नई-नई प्रविधियों में लिखना उन्हें आवश्यक लगता है। भाषा पर उनका जबरदस्त अधिकार, बारीक़ व्यंग्य और भीतरी करुणा का सहकार इन कहानियों को आकार देता है। साम्प्रदायिकता जैसी समस्या हो या मध्य वर्ग का पाखंड, एक ऐसे लेखक के लिए जो विचारधारा को साहित्य के लिए ज़रूरी समझता है, मनुष्यता के पक्ष में आशा का दामन कभी नहीं छोड़ सकता। प्रगतिशील जनवादी लेखन की समझ रही है कि मध्यवर्ग का काईंयापन और पाखण्ड मनुष्य समाज के विकास में बड़ा अवरोध है। असग़र वजाहत के यहाँ इस पाखण्ड के उद्घाटन के अनेक चित्र हैं जो बदलते समय के साथ प्रभावी होते गए हैं। आपातकाल के दौर में प्रतीकों में लिखी गई उनकी लघुकथाओं सरीख़ी कहानियाँ हों या हालिया दौर में असहिष्णुता से बजबजाते कारनामे सुनाती नई प्रविधि की कथाएँ, वे मनुष्यता के पक्ष में अपना स्वर कभी धीमा नहीं होने देते।
Hindi Kathegala Sangraha
- Author Name:
Bhisham Sahni
- Rating:
- Book Type:

- Description: discriptation awaited
Ulti Ganga
- Author Name:
Parveen Jha
- Rating:
- Book Type:

- Description: प्रवीण झा विविध रुचि के लेखक हैं, जिनकी हर पुस्तक अलग ही फ़्लेवर है। उनकी चर्चित पुस्तक ‘कुली लाईंस’ (वाणी प्रकाशन) गिरमिटिया इतिहास पर गंभीर शोध है, वहीं ‘वाह उस्ताद’ (राजपाल प्रकाशन) हिंदुस्तानी संगीत घरानों का क़िस्सों के माध्यम से इतिहास है जिसे 2021 में ‘बुक ऑफ़ द ईयर’ (कलिंग लिटरेचर फ़ेस्टिवल) से सम्मानित किया गया है। मैंड्रेक प्रकाशन से नॉर्वे की संस्कृति पर आधारित एक रोचक पुस्तक है- ‘ख़ुशहाली का पंचनामा।’ उन्होंने आइस्लैंड और नीदरलैंड पर भी अलहदे अन्दाज़ में यात्रा संस्मरण लिखे। उनके अन्य इतिहास विषयक पुस्तक हैं – ‘जे पी: नायक से लोकनायक तक,’ ‘केनेडी: बदलती दुनिया का चश्मदीद,’ ‘रेनैसॉँ: भारतीय नवजागरण की दास्तान,’ ‘दास्तान ए पाकिस्तान।’ उन्होंने प्रवास और बेगम अख़्तर पर अंग्रेज़ी और हिंदी में सम्पादित पुस्तकों में भी लिखा है। उनके बहुमुखी लेख हिंदुस्तान, प्रभात ख़बर, प्रजातंत्र, कादम्बिनी, अहा ज़िंदगी, सदानीरा आदि पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं। अपनी गंभीर पुस्तकों से भिन्न प्रवीण की रुचि व्यंग्य विधा में है। उनके व्यंग्य ‘जानकीपुल’ पर नियमित प्रकाशित होते रहे, जो समाज और राजनीति पर अक्सर असहज प्रश्नों पर होते हैं। ‘उल्टी गंगा’ उनके समस्त व्यंग्य-कथाओं का अनूठा संकलन है। प्रवीण का जन्म बिहार में हुआ और वह भारत के भिन्न-भिन्न शहरों से गुज़रते अमरीका और यूरोप महादेश में रहे। वह सम्प्रति नॉर्वे में विशेषज्ञ चिकित्सक हैं।
Lomari Ki Japmala
- Author Name:
Unita Sachchidanand
- Book Type:

-
Description:
प्रस्तुत लोककथा संग्रह में जहाँ जानवरों की कहानियाँ हैं, वहीं अध्यात्म और नैतिक मूल्यों से जुड़ी जापान की बहुचर्चित कथाएँ भी।
लेखिका ने स्वयं तोक्यो से दूर जापानी ग्रामीण क्षेत्रों में कहानियों की तलाश के दौरान परम्परागत जापानी कथा–वाचकों की दो कहानियाँ ‘एक एहसान बढ़ा पाँच मान’ और ‘बुज्जा का अंडा’ का अभिलेखन किया है।
‘लुढ़कता खड़ाऊँ’ में हँसी और मज़ाक़ का पुट है, तो ‘लोमड़ी की जपमाला’ में लोमड़ी और मनुष्य के बीच की हास्यास्पद लड़ाई।
सरल बाल–सुलभ भाषा में जापानी कथाओं का यह दूसरा भाग मनोरंजन के साथ बच्चों में नैतिक मूल्यों को स्थापित करने में सहायक होगा, ऐसी उम्मीद है।
Indian Stories Vol 1
- Author Name:
K. Sreenivassarao
- Rating:
- Book Type:

- Description: Volume 1 of Indian Stories is a curated selection of short stories translated into English from various Indian languages. This volume goes beyond being a simple collection; it captures the evolving social conditions and value systems over the past sixty years. The diverse stories showcase the richness of Indian culture and tradition, while also featuring universal elements that resonate with contemporary audiences and other cultures. The narratives within this anthology reflect the essence of India over time, weaving in mystical elements as they bridge the past and present. The dynamism, wisdom, and human qualities present in these tales ensure their relevance for generations. This is the first volume in a series, with each installment designed to highlight different aspects of Indian culture.
Chaar Yaar Aath Kahaniyaan
- Author Name:
Doodhnath Singh
- Book Type:

-
Description:
चार यारों की आठ कहानियों की यह प्रस्तुति हमारे चार बड़े लेखकों की समवयस्क-समकालीन रचना-यात्रा को एक भेंट तो है ही, उससे ज़्यादा यह हिन्दी कहानी के उस दौर का पुनर्पाठ है जब लेखक-मानस किन्हीं सिद्ध, स्वीकृत और स्थापित रूढ़ियों का अनुसरण नहीं कर रहा था, बल्कि एक युवा होते विशाल स्वतंत्र देश की तमाम असहायताओं-अपूर्णताओं के बीच खड़ा अपनी रचनात्मक ‘क्वेस्ट' में अपने आन्तरिक और बाह्य विस्तार को भाषा में पकड़ने का जी-तोड़ प्रयत्न कर रहा था। सम्पादक-आलोचक-पाठक-पोषित फार्मूलों
की सुविधा का ईजाद शायद इस दौर के काफ़ी बाद की घटना है।
ये कहानियाँ और इन कहानियों के रचनाकार भाषा की सीमाओं और अनुभव की असीमता, रूढ़ियों की आसानियत और अभिव्यक्ति के दुर्वह संकल्प के बीच तने तारों पर सधे खड़े ‘आइकंस’ हैं, भविष्य ने जिनसे उतना नहीं सीखा, जितना सीखना चाहिए था। अन्तर्बाह्य अन्वेषण की जिस मूल वृत्ति के चलते ये कहानियाँ आविष्कार की तरह घटित होती थीं, वही सबसे मूल्यवान चीज़ आगे की रचनात्मकता में गहनतर होती नहीं दिखती।
नई पीढ़ियों के लिए लगभग दस्तावेज़ी यह प्रस्तुति लेखकीय मित्रताओं के लिहाज़ से भी उन्हें एक ज़्यादा उजले परिसर में आने की दावत है जहाँ स्पर्द्धाओं के ‘टैक्स’ खुली साँस लेने के लिए पर्याप्त अन्तराल देते हुए स्थित होते हैं।
Pratidin
- Author Name:
Mamta Kaliya
- Book Type:

-
Description:
हिन्दी की सुपरिचित लेखिका ममता कालिया की कहानियों के इस संग्रह में शिक्षित मध्यवर्गीय नारी की आशाओं, आकांक्षाओं, संघर्षों और स्वप्नों का यथार्थपरक अंकन हुआ है। ममता कालिया हिन्दी के उन कथाकारों में उल्लेखनीय हैं, जिन्होंने मध्यवर्गीय भाव-बोध को अपनी कहानियों का विषय बनाते हुए भी उसकी सीमाओं का अतिक्रमण किया है। मध्यवर्गीय भाव-बोध के प्रति तीखी व्यंग्य-दृष्टि का सहज और तार्किक विकास उनकी जीवन-दृष्टि की गतिशीलता का प्रमाण है। नारी के प्रति परम्परागत भारतीय दृष्टिकोण को नकारते हुए वे किन्हीं पतनशील जीवन-मूल्यों को स्वीकार नहीं करतीं, बल्कि समाज के स्वस्थ जीवन-मूल्यों को आत्मसात् करती हुई, उन्हें नई सामाजिक अर्थवत्ता प्रदान करती हैं।
घर की चारदीवारी में क़ैद नारी की मुक्ति-आकांक्षा और उसका संघर्ष ममता कालिया को अधिकांश कहानियों का प्रस्थान बिन्दु है, जिसके आसपास वे समूचे कथानक को बुनती हैं। इन कहानियों के पात्रों से लेखिका का सम्बन्ध इतना सीधा और आत्मीय है कि वे हमारी आँखों के सामने गतिशील होने लगते हैं। कहना न होगा कि इस संग्रह की कहानियाँ भारतीय नारी के संघर्ष और उसकी छटपटाहट को मार्मिक प्रसंगों के माध्यम से उद्घाटित करती हैं।
Customer Reviews
0 out of 5
Book
Be the first to write a review...