Sampurna Kahaniyan : Phanishwarnath Renu

Sampurna Kahaniyan : Phanishwarnath Renu

Language:

Hindi

Pages:

584

Country of Origin:

India

Age Range:

18-100

Average Reading Time

1168 mins

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Book Description

फणीश्वरनाथ रेणु—वह लेखक जिसने हिन्दी कथाधारा का रुख बदला, उसे ग्रामीण भारत के बिम्बों और ध्वनियों से समृद्ध किया और हिन्दी गद्य की भाषा को कविता से भी ज़्यादा प्रवहमान बनाया।</p> <p>उन्हीं रेणु की सम्पूर्ण कहानी सम्पदा को इस पुस्तक में प्रस्तुत किया जा रहा है।</p> <p>प्रेम, संवेदना, हिंसा, राजनीति, अज्ञानता और भावुकता के विभिन्न रूप और रंगों की ये कहानियाँ भारत के ग्रामीण अंचल की चेतना का प्रतिनिधित्व करती हैं और स्वातंत्र्योत्तर भारत का सांस्कृतिक आईना हैं। इन कहानियों में लेखक ने लोकभाषा, जनसाधारण के रोज़मर्रा जीवन और परिवेश को जितने मांसल ढंग से व्यक्त किया है, उसने हिन्दी की ताक़त और क्षमता को भी बढ़ाया है।</p> <p>रेणु की 27 अगस्त, 1944 में प्रकाशित पहली कहानी ‘बट बाबा’ से लेकर नवम्बर, 1972 में प्रकाशित अन्तिम कहानी ‘भित्तिचित्र की मयूरी’ सहित विभिन्न संग्रहों में प्रकाशित उनकी कहानियों को यहाँ साथ लाया गया है, ताकि पाठक अपने इस प्रिय लेखक को एक लय में पढ़ सकें।

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