
Name Plate
Author:
Kshama SharmaPublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Short-story-collections0 Reviews
Price: ₹ 159.2
₹
199
Available
क्षमा शर्मा की 28 कहानियों का यह संग्रह स्त्री की दुनिया के जितने आयामों को खोलता है, उसके जितने सम्भवतम रूपों को दिखाता है, स्त्री के बारे में जितने मिथों और धारणाओं को तोड़ता है, ऐसा कम ही कहानीकारों के कहानी-संग्रहों में देखने को मिलता है।</p>
<p>क्षमा शर्मा हिन्दी लेखकों की आम आदत के विपरीत अपेक्षया छोटी कहानियाँ लिखती हैं जो अपने आप में सुखद हैं। उनकी लगभग हर कहानी स्त्री-पात्र के आसपास घूमती ज़रूर है मगर क्षमा शर्मा उस किस्म के स्त्रीवाद का शिकार नहीं हैं जिसमें स्त्री की समस्याओं के सारे हल सरलतापूर्वक पुरुष को गाली देकर ढूँढ़ लिए जाते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि वह पुरुषों या पुरुष वर्चस्ववाद को बख़्शती हैं, उसकी मलामत वे ज़रूर करती हैं और ख़ूब करती हैं, मगर उनकी तमाम कहानियों से यह स्पष्ट है कि उनके एजेंडे में स्त्री की तकलीफ़ें, उसके संघर्ष और हिम्मत से स्थितियों का मुक़ाबला करने की उसकी ताक़त को उभारना ज़्यादा महत्त्वपूर्ण है।</p>
<p>वह इस मिथ को तोड़ती हैं कि सौतेली माँ, असली माँ से हर हालत में कम होती है या एक विधुर बूढ़े के साथ एक युवा स्त्री के सम्बन्धों में वह प्यार और चिन्ता नहीं हो सकती, जो कि समान वय के पुरुष के साथ होती है। वह देह पर स्त्री के अधिकार की वकालत करती हैं और किसी विशेष परिस्थिति में उसे बेचकर कमाने के विरुद्ध कोई नैतिकतावादी रवैया नहीं अपनातीं। उनकी कहानियों में लड़कियाँ हैं तो बूढ़ी औरतें भी हैं, दमन की शिकार वे औरतें हैं जो एक दिन चुपचाप मर जाती हैं तो वे भी हैं जो कि लगातार संघर्ष करती हैं लेकिन स्त्री की दुनिया के अनेक रूपों को हमारे सामने रखनेवाली ये कहानियाँ किसी और दुनिया की कहानियाँ नहीं लगतीं, हमारी अपनी इसी दुनिया की लगती हैं बल्कि लगती ही नहीं, हैं <br />भी।</p>
<p>इनके पात्र हमारे आसपास, हमारे अपने घरों में मिलते हैं। बस हमारी कठिनाई यह है कि हम उन्हें इस तरह देखना नहीं चाहते, देख नहीं पाते, जिस प्रकार क्षमा शर्मा हमें दिखाती हैं और एक बार जब हम उन्हें इस तरह देखना सीख जाते हैं तो फिर वे एक अलग व्यक्ति, एक अलग शख़्सियत नज़र आती हैं और हम स्त्री के बारे में सामान्य क़िस्म की उन सरल अवधारणाओं से जूझने लगते हैं जिन्हें हमने बचपन से अब तक प्रयत्नपूर्वक पाला है, संस्कारित किया है। क्षमा शर्मा की कहानियों की यह सबसे बड़ी ताक़त है, उनकी भाषा और शैली की पुख़्तगी के अलावा।</p>
<p>
ISBN: 9788126719358
Pages: 163
Avg Reading Time: 5 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
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‘सावंत आंटी की लड़कियाँ’ जीवन को गहरी उथलपुथल में डालती हैं। कठोर इलाकों में प्रवेश करती हुई वे लगभग बेक़ाबू हैं, उनका जोखिम ज़बर्दस्त है, शास्त्रीयता का मुखौटा तोड़नेवाला। यह कहानी फ़तह नहीं, त्रासदी है।
—ज्ञानरंजन
गीत चतुर्वेदी ने अपने गल्प व कविताओं में अवां-गार्द भाव दिखाया है। उनका अध्ययन बेहद विस्तृत है जो कि उनकी पीढ़ी के लिए एक दुर्लभ बात है। यह पढ़ाई उनकी रचनाओं में अनायास व सहज रूप से गुँथी दिखती है। उनकी भाषा व शैली अभिनव है। उनके पास सुलझी हुई दृष्टि है जिसमें क्लीशे नहीं और जो कि वर्तमान विचारधारात्मक खेमों के शिकंजे में भी फँसी हुई नहीं है।
—अशोक वाजपेयी
गीत चतुर्वेदी समकालीन रचनाशीलता के विरल उदाहरण हैं। कविता, कहानी व अनुवाद में उन्होंने कई यादगार काम किए हैं। ‘साहिब है रंगरेज़’ उनके कथाकार की उपलब्धि है।
—अखिलेश
गीत चतुर्वेदी विरल रचनाकारों में से एक हैं। ‘साहिब है रंगरेज़’ निश्चित ही एक बेहतरीन रचना है। हमारे समय की जीवित मन:स्थितियों का एक पाठ।
—जीतेन्द्र गुप्ता
Mitti Ki Sugandh
- Author Name:
Gajanan Madhav Muktibodh
- Book Type:
- Description: इस संकलन की लगभग सभी कहानियाँ प्रवासी भारतीयों के जीवन-संघर्ष, अनुभव और ऊहापोह की कहानियाँ हैं; लेकिन भारत की मिट्टी की सुगंध हर कहानी में रची-बसी है, चाहे वह लत हो, तमाशा खत्म हो या काल सुंदरी। घर का ठूँठ की चन्नी विभाजन, टूटन और बिखराव की पीड़ा के चलते तमाम सुख-सुविधाओं के बावजूद ठूँठ होकर रह जाती है। पराया देश का नायक रंग और नस्ल भेद के दमघोंटू वातावरण में जी रहा है। अभिशप्त का नायक प्रवासी जीवन से तालमेल न बिठा पाने के संकट से ग्रस्त है तो सुबह की स्याही लंदन की स्याह और संकीर्ण मानसिकता का परिचय कराती है। पुराना घर, नए वासी में पश्चिमी संस्कृति में अपनी पहचान के गुम हो जाने का दर्द है तो सर्द रात का सन्नाटा में अपनों से छले जाने की पीड़ा। आदमखोर उपभोक्ता संस्कृति की स्वार्थांधता की परतें खोलती है तो फिर कभी सही... भौतिक मूल्यों और मानव-मन की भटकन का विश्लेषण करती है। इस बार कहानी..., बुधवार की छुट्टी, बेघर, एक मुलाकात और चाँदनी भी प्रवासी मन की पीड़ाओं का सघन ब्यौरा देने वाली कहानियाँ हैं। अपने देश से बाहर रहते हुए अपने देश की मिट्टी से जुड़ने की ललक से भरे रचनाकारों की ये कहानियाँ निश्चय ही हिंदी के कथा-जगत् में अपना विशिष्ट स्थान रखती हैं।
Pachaas Kahaniyan : Vols. 1-2
- Author Name:
Mahashweta Devi
- Book Type:
-
Description:
महाश्वेता देवी की रचनाओं में ‘जनगणमन’ के स्वप्न, संकल्प व संघर्ष प्रतिबिम्बित होते हैं। उनकी कहानियाँ सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक प्रश्नों से टकराती हैं। मुक्तिबोध का स्मरण करें तो महाश्वेता देवी की रचनाएँ ‘सभ्यता-समीक्षा’ करती हैं। आदिवासी, वनवासी, किसान, मज़दूर, वंचित, उत्पीड़ित और संघर्षरत असंख्य जन उनकी कहानियों में अभिव्यक्ति पाते हैं।
महाश्वेता जी के शब्द आज की स्थितियों में एक नवीन प्रासंगिकता प्राप्त करते हैं। ‘जल-जंगल-ज़मीन’ की लड़ाई में जब स्थितियाँ अन्तरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँच रही हैं तब उनकी कहानियाँ कौंधने लगती हैं। उन्होंने अपनी रचनाओं के सन्दर्भ में कहा है—‘ज़मीन के लिए आदिवासियों के दीर्घ समय से क्षोभ तथा आक्रोश के परिणामस्वरूप नक्सल आन्दोलन का जन्म हुआ था। मैं उन लोगों की लड़ाई में काफी यक़ीन रखती हूँ।’ ‘कथा-साहित्य’ के माध्यम से सामाजिक संघर्ष के इस पक्ष को लिखनेवाले थोड़े से लेखकों में महाश्वेता जी सर्वोपरि हैं, यह कहने की आवश्यकता नहीं।
महाश्वेता जी की कहानियों के महत्त्वपूर्ण होने का एक बड़ा कारण सरोकार, संवेदना और संरचना में अद् भुत सामंजस्य है। विचार-रक्त की भाँति प्रवाहित हैं, वस्त्र की तरह पहने नहीं गए हैं। यही वजह है कि विमर्शों की स्थूल प्रक्रिया से विलग उनका लेखन स्त्रियों और दलितों की पक्षधरता का सशक्त उदाहरण है।
Choti Upanyas(Volume-1)
- Author Name:
Dr. Sanjay Rout
- Book Type:
- Description: Looking for an engaging, easy-to-read collection of short stories to get lost in? Look no further! Choti Upanyas(Volume-1) is the perfect choice. Get ready to be captivated by the relatable tales of everyday life. With its vivid description of characters and realistic plots, this book will make you feel like you’re a part of each story. It’s sure to leave you wanting more! So get ready to be transported into a world of imagination and exploration with Choti Upanyas(Volume-1).
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