Ek Stri Ka Vidageet
Author:
Mrinal PandePublisher:
Rajkamal Prakashan SamuhLanguage:
HindiCategory:
Short-story-collections0 Reviews
Price: ₹ 100
₹
125
Unavailable
हमारे समय में, जब अख़बारी ख़बर को ‘स्टोरी’, और रोमांच और सनसनी-भरी वारदातों को 'सत्यकथा' या ‘नाटक‘ कहकर परिभाषित किया जाने लगा है, तो एक ईमानदार कहानीकार के लिए ज़रूरी हो जाता है, कि वह नए सिरे से वह लिखे, जो सत्यकथा नहीं, स्टोरी नहीं, राष्ट्र के नाम सन्देश या रिपोर्ताज भी नहीं, सिर्फ़ एक विशुद्धि गठी हुई कहानी हो, और कहानी के सिवा कुछ न हो।
इस संकलन की कहानियाँ हमारे समय, और ख़ुद कलाकार की, रचनात्मक शक्ति को आख़िरी बूँद तक निथारकर, उससे वह अन्तिम आकार छान पाने की कोशिश करती हैं, जो प्रचार-माध्यमों की पकड़ के परे, कहानी-कला का विशुद्ध स्वरूप है। इनमें एकल क़िस्सागोई भी है, और सामूहिक हुंकारा भी। सुनी-सुनाई भी है, और देखि-दिखाई भी, जन्म भी है, और मृत्यु भी, चलायमान समय भी है, और सर्वव्यापी काल भी।
और अगर कोई सुधीजन कुनमुना-हिनहिनाकर पूछे, कि इनमें आदि-मध्य-अन्त (और समाज के लिए सन्देश या सूक्तिवचन समान कुछ बातें) क्यों नहीं हैं?
तो यह कहानियाँ बड़ी विनम्रता से पूछना चाहेंगी, जीवन में ही वह सब है क्या?
ISBN: 9788171198078
Pages: 111
Avg Reading Time: 4 hrs
Age : 18+
Country of Origin: India
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अमरकान्त के पात्र क्षुद्रता, स्वार्थ और मजबूरियों से भरी दुनिया से आते हैं। वे अपनी स्वाभाविक जिजीविषा, बुनियादी अच्छाई और किसी न किसी तरह टिके रहने के लिए किए जानेवाले दाँव-पेचों से गुज़रते हुए अपनी निगाह में कामयाब होने के लिए जूझते हैं। और ये पात्र उसी तिनके के सहारे पार उतरने की कोशिश करने लगते हैं। वे हर जगह हर परिस्थिति में ख़ुद को एक कसौटी पर कसते हैं और फिर अपने ख़िलाफ़ माहौल पाते ही दूसरी कसौटी पर स्वयं को आजमाने लगते हैं।
‘एक धनी व्यक्ति का बयान’ अमरकान्त की दस नई कहानियों का पठनीय संकलन है।
अमरकान्त के विख्यात शिल्प से रची गई इन कहानियों में व्यंग्य की अन्तर्धारा है जो कैरियर बनाने के लिए की जानेवाली मिजाजपुर्सी से लेकर क्रान्तिकारी उजबकपन की आलोचना करती चलती है। इस तरह ‘एक धनी व्यक्ति का बयान’ मध्यवर्गीय बिचौलिए और आकांक्षाओं का बयान बन जाता है।
Tufan
- Author Name:
Sarita Kumari
- Book Type:

- Description: सभ्यता की यात्रा पहियों से अधिक कहानियों के दम पर हुई है। यही बात मनुष्य के जीवन पर भी लागू है। जीवन कहानियों के सुनने, सुनाने और रचने की अटूट यात्रा है। खाली से खाली प्रतीत होता दिन भी एक कहानी होता है। हम कहानियों के बगैर जी नहीं सकते और जब मरते हैं तो एक नयी कहानी का श्रीगणेश कर जाते हैं। सरिता कुमारी की कहानियों से गुज़रते हुए इस निरंतरता और घटनाओं के पूर्वापर सम्बन्ध पर बारहां ध्यान जाता है। इन कहानियों में वही जीवन है जो हम अपने जीवन में देखते हैं। रचनाकार का कौशल घटनाओं और प्रसंगों के चयन में दिखता है। यहाँ वे हर कहानी में एक $खास बात कहती नज़र आती हैं, ऐसी बात जो या तो कुछ बताए या चेताए। यह एक नेक काम है जो किसी दर्शन या सैद्धान्तिकी या विमर्श के पचड़े में पड़े बगैर हो सकता है। सरिता कुमारी का यह संग्रह ऐसी ही नेकियों का गुलदस्ता है। उदाहरण के तौर पर मैं तीन कहानियों का जि़क्र करना चाहूँगा। पहली कहानी है—साइलेंट किलर। यह कहानी बड़ी सादगी से प्रसवोत्तर अवसाद की घातकता और उसके समाधान का मार्ग बताती है। चूँकि मैं एक मनोचिकित्सक भी हूँ इसलिए मुझे यह कहानी बड़ी उपयोगी लगी। दूसरी कहानी है—तूफान। यह तूफान के बहाने आकस्मिक क्षति और उससे होने वाले चिंता रोग की दास्तान है। मनोचिकित्सकीय भाषा में कहूँ तो यह पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसॉर्डर की कथा है जिसमें कथाकार ने तूफान की आशंका और उसके घटित होने के बाद की यातना को बखूबी चित्रित किया है, मगर एक संयोग-निर्मित समाधान की छतरी के नीचे। तीसरी कहानी है—पहचान। यह एक रोचक कहानी है जो बुजुर्गों के लिए काउन्सलिंग की तरह है। कुल मिलाकर 'तूफान एक परिवार के भीतर पढ़े जाने योग्य कहानी-संग्रह है। —विनय कुमार
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